गुलाब की तीन पंखुड़ियां-28

मुझे गौरी का वह पहला चुम्बन याद आ गया। अगर इस समय गौरी मेरे सामने होती तो मैं उसके होंठों को जबरदस्ती चूम लेता पर सानिया के साथ अभी यह सब कहाँ संभव था।

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-27

मैंने अपना एक हाथ नीचे करके उसकी सु-सु को टटोला। उसके चीरे पर अंगुली फिराई और फिर उसकी मदनमणि को चिमटी में पकड़ कर मसलने लगा।

गांड की खुजली-1

एक बार मैं और मेरा रूममेट मूवी देखने गए, रात को लेट आये तो मेस में गए. वहां मेस वाले की बेटी थी, उसने हमें बचा खुचा खाना परोसा. और फिर …

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-23

मैंने अपनी जेब से वह सोने की अंगूठी निकाली और गौरी के दायें हाथ की अनामिका में पहना दी। मैंने गौरी के हाथ को अपने हाथ में लेकर उस पर एक चुम्बन ले लिया। गौरी लाज से सिमट गई। “गौरी मेरी प्रियतमा! आज की रात हम दोनों के लिए सुनहरे सपनों की रात है। आओ […]

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-22

गौरी इस समय रोमांच के उच्चतम स्तर पर पहुँच चुकी थी और बस मेरी एक पहल पर अपना तन, अपना कौमार्य मुझे सौम्प देने के लिए आतुर थी लेकिन तभी …

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-18

एक बार वो मेरा लंड चूस चुकी थी. अगले दिन मेरा दिल कर रहा था कि अपना पूरा लंड उस नवयौवना के मुख में डाल कर चुसवाऊँ. क्या मैं ऐसा कर पाया? कहानी में पढ़ें.

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-17

गौरी ने पहले तो मेरे सुपारे पर अपनी जीभ फिराई और फिर पूरे सुपारे हो मुंह में भर लिया। और फिर दोनों होंठों को बंद करते हुए उसे लॉलीपॉप की तरह बाहर निकाला।

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-13

पता नहीं उसने अपने प्रथम शारीरिक मिलन को लेकर कितने हसीन ख्वाब देखे होंगे? क्या वो इतनी जल्दबाजी में पूरे हो पाते? सम्भोग या चुदाई तो प्रेम की अंतिम अभिव्यक्ति है.

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-12

मैंने अपना हाथ उसकी नंगी पीठ और कमर पर फिराया और फिर उरोज को अपने हाथ में पकड़कर हौले से दबाया। और फिर मैंने एक उरोज के चूचुक को मुंह में लेकर चूसा।

गुलाब की तीन पंखुड़ियां-11

गौरी ने टॉप के नीचे समीज या ब्रा नहीं पहनी थी तो मेरी निगाहें तो बस उसकी गोल नारंगियों और जीन पैंट में फंसी जाँघों और नितम्बों से हट ही नहीं रही थी।