सेक्सी इनकम टैक्स ऑफिसर की चूत चुदाई-2

प्यारे दोस्तों! अब तक आपने इस चुदाई की कहानी के पहले भाग

सेक्सी इनकम टैक्स ऑफिसर की चूत चुदाई-1

में पढ़ा कि मैडम मुझसे मालिश करवाने लगी थी और मैं उसके नंगे बदन पर अपना हाथ फेर रहा था। अब आगे..

उसने एक नज़र अपने नंगे शरीर को देखा और मुझे घूरने लगी। मैंने उसे आराम से सोने को कहा.. तो वो लेट गई।

मैंने कहा आपकी नाइटी से मालिश में डिस्टर्ब हो सकता है।

वो ‘उऊफ़..’ कहते हुए एक बार फिर उठ बैठी और अब उसने अपनी नाइटी को उतार दिया। फिर वो पूरी नंगी होकर चित्त लेट गई और अपने एक हाथ को अपनी नाक पर इस तरह से रखा कि उसकी दोनों आँखें ढक गईं।

मैं समझ नहीं पा रहा था कि मैडम के अन्दर क्या चल रहा है। थोड़ी देर के लिए मालिश रुकी और फिर मैं उसकी जाँघ को सहलाने लगा। उसने फिर गहरी सांस छोड़ी और मैं उसकी चुत में उंगली डालकर हिलाने लगा। इस बार उंगली जाते ही उसकी चुत गीली हो गई। मैं अन्दर उंगली डालकर चारों तरफ चुत में घुमाने लगा। चुत के अन्दर के अंडे से मेरी फिंगर का सिरा टकराया.. मैंने अंडे को रब किया कि अचानक उसने अपना एक हाथ आगे किया और मेरी कलाई पकड़ ली। मैं डर गया था, मगर अगले ही पल वो मेरे हाथ को अपनी चुत की तरफ धकेलने लगी।

मैं समझ गया था कि अब उसे मस्ती चढ़ रही है, इसलिए मैंने भी उंगली को अन्दर-बाहर करने की रफ़्तार तेज़ कर दी।

वो भी मेरी कलाई पकड़ कर स्पीड बढ़ाने का इशारा कर रही थी और मैं धकाधक उसकी चुत में उंगली किए जा रहा था। जबकि वो अभी तक अपने एक हाथ से आँखें छुपाए थी, मगर जैसे ही मैंने उंगली को उसकी चुत में अंडे से टकराया.. तो वो अचानक से उठ बैठ गई और मेरे सर के पीछे हाथ डालकर मुझे अपने मम्मों की तरफ खींच लिया और निप्पल को मेरे होंठों से रब करने लगी।

मैंने झट से उसे अपने होंठों में दबा लिया और चूसना शुरू किया तो वो सिसकारी भरने लगी। वो चेहरा ऊपर करके अपने होंठों को दाँतों से दबाने लगी। अब वो गरम हो चुकी थी.. उसे पूरा मज़ा मिलने लगा था।

अब मैं भी सुरूर में था.. बारी-बारी से उसकी चुचियों को चूसता रहा और वो मस्त होती चली जा रही थी।

फिर मैंने अपना चेहरा ऊपर उठाया और उसके होंठों को चूसने लगा। उसने अपनी ज़ुबान निकालकर मेरे मुँह में डाली और मैं उसे भी सक करने लगा.. मुझे बहुत आनन्द मिल रहा था।

मैं कुछ मिनट तक उसकी ज़ुबान और होंठों को चूसता रहा और हाथों से उसके निप्पल को मसलता रहा।

अब तक मेरे लंड ने भी तनकर सिगनल देना शुरू कर दिया। मैंने पैंट की ज़िप खोलकर उसे अपने हाथ में पकड़ा और हल्का-हल्का सा मुठ मारने लगा। हाथ लगते ही मेरे लंड की सनसनाहट और बढ़ गई। मैं मैडम का कंधा थम कर खड़ा हो गया और अपने लंड के टोपे को मैडम के होंठों में टिका दिया।

एक पल के लिए वो थोड़ा पीछे हटी… अपनी आँखें फाड़कर मेरे गुलाबी सुपारे को घूरने लगी और फिर आगे बढ़कर उसने एक बार टोपे पर ज़ुबान फेरी और उसे अपने मुँह के अन्दर ले लिया। मेरे लंड का सुपारा नुकीला टाइप का है। उस समय तो उसने आसानी से ले लिया.. मगर उसके बाद का हिस्सा मोटा था, इसलिए वहां पर उसके होंठों का गोल आकार बन गया था और उसने धीरे-धीरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।

मैं ‘आ आह..’ कर रहा था क्योंकि कोई ऑफिसर पहली बार मेरी लंड चूस रही थी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, मैं भी धक्के मार कर अपने लंड को उसके मुँह में कंठ तक घुसेड़ रहा था। जब पूरा लंड कंठ तक जाता तो उसकी आँखें बड़ी हो जाती और साँस भी रुक जाती।

फिर वो कुछ पीछे हट कर मेरे लंड को उगल कर मुँह के पानी को अन्दर घोंट लेती और लंबी सांस लेने लगती।

अब मैं उसके सर के बाल को पकड़ कर फिर से उसके मुँह में लंड घुसेड़ने लगा और उसे जोर से चूसने को कहा। उसने वैसा ही किया और मैं झड़ने को तैयार हो गया.. उसने झट से मेरा लंड अपने मुँह से बाहर किया और सुपारे को चुचियों के पास ले जाकर लंड की मुठ मारने लगी। मैंने ‘अया अया..’ करते हुए लंड से पिचकारी छोड़ी.. जो जाकर उसकी चुचियों पर गिरी और नीचे ढलकने लगी।

मेरा लंड शांत हो रहा था फिर भी वो तेज़ी से मुठ मारे जा रही थी।

मैंने अपने लंड को उसके चंगुल से आज़ाद किया और वो बाथरूम की तरफ जाने लगी.. आगे बढ़कर फिर पीछे मुड़ी और मुझे भी बाथरूम बुला लिया।

मैंने अब तक सिर्फ़ उसकी चुत में उंगली की थी.. उसे अपने लंड से चोदने की लालसा ने मुझे एक बार झड़ने के बाद भी उतनी ही थी।

जब उसने मुझे बाथरूम आने का इशारा किया तो मैं गदगद हो गया.. सोचा कि चलो आज बाथरूम में एक चुत के संग की नंगा नहाने का मज़ा भी ले लूँ, सो मैं उठा और बाथरूम की तरफ चल दिया।

बाथरूम के दरवाज़े को पुश करते ही मैंने देखा कि सामने शावर के नीचे मैडम नंगी खड़ी होकर अपने सर पर पानी के फव्वारे ले रही थी। मुझसे नज़र मिलाकर वो मुस्कुराई और मुझे अपने सारे कपड़े उतारने का इशारा किया। मैं अपने कपड़े उतारकर उसके सामने पूरा नंगा हो गया। उसके होंठों पर विजय प्राप्ति की अनोखी और सेक्सी मुस्कुराहट से मेरा दिल धकधक कर रहा था।

मैंने आगे बढ़कर उसे अपनी बांहों में भर लिया, वो भी पहले से चिपकने को तैयार थी। वो मुझसे लता सी लिपट गई और मेरे कंधे और गर्दन पर ज़ुबान फेरने लगी। मेरे बदन में एक सिहरन सी हो रही थी और मैंने उसे कस कर भींच लिया। उसके मम्मे मेरे शरीर से टकराकर फिसलने लगे।

उसने खींचकर मुझे शावर के नीचे कर लिया और अब हम दोनों साथ पानी में भीगने लगे। मैं उसकी पीठ को और चूतड़ों को सहलाने लगा। फिर थोड़ा झुका और उसके मम्मों को चाटने लगा। मैंने उसके एक निप्पल को अपने दाँतों से हल्के से काटा तो वो सिसकारी लेने लगी।

फिर उसने कहा- बहुत मज़ा आ रहा है अयान, मैं कब से तुमसे चुदवाने की तमन्ना लिए थी। तुम्हारा वो पर्फ्यूम लगाकर ऑफिस में आना.. तुमने मुझे दीवानी बना दिया था, मगर मुझमें हिम्मत ना थी कि मैं तुमको कैसे समझाऊं कि मेरी चुत तुम्हारे लंड की प्यासी है।
मैंने कहा- ओह मेम एक बार तो इशारा किया होता, मैं झट से राज़ी हो जाता।
तो उसने कहा- तुम बुद्धू हो अयान, मैंने कई बार अंगड़ाई लेकर अपने बूब्स दिखाकर तुम्हें इशारे किए, मगर तुमने समझने में इतनी देर लगा दी। जब तुमने झाड़फूंक की बात निकाली तो मैंने जानबूझकर तुम्हें अपने दुख दर्द सुनाई और तुम्हारी आँखों की चमक और तुम्हारे फ़ॉर्मूले ने मुझे इशारा कर दिया था कि तुम भी मुझे चोदना चाहते हो। वरना मैं बिल्कुल अंधविश्वासी नहीं हूँ अयान!

मैं ये सुनकर दंग रह गया और बोला- तो मेम आपने ये सब..!
उसने कहा- यस माय डियर.. एक ऑफिसर को पट्टी पढ़ाना इतना आसान नहीं है।

मतलब मेरा फार्मूला फेल हो चुका था लेकिन मैडम खुद ही मुझसे चुदवाने के लिए मरी जा रही थी।

वो एक बार फिर मुझ से चिपक कर मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी। फिर उसने आगे बढ़कर सोप केस से डव साबुन लिया और अपनी चूची और पेट पर रगड़ने लगी। फिर उसने अपनी चुत में भी सोप रगड़ा.. झाग से उसकी चुत छिप गई थी। उसने साबुन मेरे हाथ में दिया और अपनी पीठ में लगाने को कहा। मैंने ऐसा ही किया.. उसकी पीठ पर लगाया.. उसकी हिप और गांड की दरार में साबुन लगाया.. फिर उसने वही सब मेरे ऊपर दुहराया।

हम दोनों ने साबुन के झाग से अपने शरीर को भर लिया। उसने शावर स्टार्ट किया और हम दोनों झरने के नीचे आ गए। धीरे-धीरे पानी के फव्वारे से झाग का परदा हटने लगा.. और एक अजीब सी मनमोहक खुशबू बाथरूम में फैलने लगी थी।

फिर उसने पानी की धार को अपनी गांड.. मम्मों और आख़िर में चुत पर लिया। अब उसका धुली हुई खुशबूदार फ्रेश चुत मेरे सामने थी। मैं उसकी चुत पर हाथ फेरने लगा और घुटने के बल बैठ कर एक बार उसे घूरा और फिर ज़ुबान निकालकर चुत चाटना शुरू कर दिया।

मैडम ने ‘अयाह..’ की आवाज़ निकाली और मेरे सर को अपनी चुत की तरफ दबाने लगी। मैंने उसे पाँव फैलाने के लिए कहा तो उसने अपनी एक टाँग उठाकर मेरे कंधे पर रख दी।

अब उसकी चुत के छेद की पोज़िशन बिल्कुल क्लियर थी। उसके फूली हुई गुलाबजामुन जैसी चुत को मैंने अपने मुँह में भर लिया। फिर ज़ुबान से उसके साइड कवर को चाटने लगा।

वो कह रही थी- अयान, बहुत मज़ा आ रहा है.. अच्छे से चाटो.. आज तक किसी ने मेरी चुत नहीं चाटा.. मैं पहली बार इसका आनन्द ले रही हूँ।
मैं ज़ुबान लंबी की और उसे चुत के अन्दर ले जाकर हिलाने लगा। वो कराहने लगी और मेरे मुँह पर अपनी चुत को जोर-जोर से रगड़ने लगी ‘अया ऊन्णंह ऊओं.. यस फास्ट..’

थोड़ी देर बाद उसने मुझे वहीं बाथरूम में लेटने को कहा। मैं लेट गया तो वो मेरे ऊपर 69 की पोज़िशन में आ गई।

उसने मेरे लंड को सहलाया और फिर उसे अपने मुँह में लेकर चाटने लगी और अपनी बड़ी सी गांड को मेरे मुँह पर रखकर हिलाने लगी।

मैं दीवानों की तरह उसकी गांड और कभी चुत को चाटने लगा। वो मेरे लंड को जोर-जोर से चूस रही थी और अपनी गांड भी हिला रही थी।

मेरा लंड उसके चूसने से सनकने लगा और अब वो पूरा तन चुका था। वो फिर भी इसे आइसक्रीम की तरह चाट रही थी और मैं उसकी चुत को फालूदा समझकर खा रहा था। फिर वो अचानक पलटी और चेहरा मेरी तरफ कर लिया। उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ा और उसे अपनी चुत पर दो-तीन बार सहला कर फिर उसे अन्दर घुसेड़ते हुए मेरे लंड पर बैठ गई। मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस चुका था और वो आराम से उस पर बैठ कर लंबी सांस लेकर मेरी तरफ देखने लगी।

फिर मुस्कुरा कर झुकी और अपने चूचे मेरे होंठों पर रख कर चूसने का इशारा करने लगी।

मैं उसके मम्मों को चूसने लगा। उसके निप्पल पर जब मैंने अपनी ज़ुबान फेरी तो उसने अपनी गांड को उठाकर मेरे लंड पर पटकना शुरू कर दिया। मैंने भी उसके निप्पल को जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया। वो भी तेज़ी से अपनी गांड उछालने लगी और मेरे लंड को अपनी चुत के अन्दर-बाहर करने में मगन हो गई।

उसकी चुत के पानी से मेरा लंड नहाने लगा क्योंकि अब वो पूरा चिकना और गीला हो रहा था और सटासट चुत के अन्दर-बाहर हो रहा था।

दस मिनट के बाद वो मेरे ऊपर से उतारकर चित्त हो गई और अब मैं उसके ऊपर चढ़ने को तैयार होने लगा। मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और उसकी जांघों से पकड़कर उठा दिया।

अब उसकी चुत बिल्कुल मेरे लंड के निशाने पर आ चुकी थी। फिर मैंने अपने लंड से उसके चुत एक बार फिर सहलाया और पीछे दीवार से अपने दोनों पाँव टिका कर लंड को चुत में घुसेड़ दिया। अब मैंने चुत में धक्के देने के लिए दीवार का सहारा ले लिया और धीरे-धीरे लंड को चुत में अन्दर-बाहर करने लगा।

वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करते हुए बोल रही थी- जोर से और जोर से पेलो..

फिर क्या था.. मैंने तो पहले से दीवार से पाँव टिकाए थे सो मैंने धक्के तेज़ कर दिए। मेरी ठुकाई की रफ़्तार तेजी पकड़ने लगी थी। मैं भी उसकी चुत पर अपना लंड पटकने लगा।

‘छट.. छत छत..’ की आवाज़ तेज़ होने लगी और वो ‘अया अया..’ की आवाज़ से तड़पने लगी। अब वो भी अपने चूतड़ों उचकाने लगी।

मैं भी उसके फूली हुई मालपुआ जैसी चुत पर ताबड़तोड़ लंड की बौछार करने लगा। उसने अपने दोनों जाँघों को जोर देकर आपस में जोड़ लिया और मेरे लंड को दबाकर उसे अपनी चुत के अन्दर क़ैद करने की कोशिश करने लगी.. मगर चिकनाहट से फिसलकर वो बाहर निकल गया।

फिर मैंने उसको घोड़ी की तरह बनाकर पीछे से उसके चुत पर हमला करना शुरू किया। उसने पीठ को गहरा कर पूरी गांड और चुत मेरे लंड के सेंटर में कर दिया.. जिससे मुझे उसकी चुत में लंड घुसेड़ने में आसानी हो रही थी और मैं पूरा लंड बाहर निकालकर ‘घचाक..’ से अन्दर कर देता। वो ‘उउउन्मम्म अयाया..’ करके कराहने लगती। कई बार मैंने उसकी गांड में लंड घुसेड़ने की कोशिश की.. मगर वो इसे अपनी गांड हिला कर मना कर देती।

मैंने पूछा तो बोली- ये फिर कभी आज सिर्फ़ मेरी चुत की प्यास बुझाओ

मैं उसकी चुत की जमकर चुदाई कर रहा था लेकिन मेरा लंड था कि झड़ने का नाम ना ले रहा था और उसकी चुत मेरे लंड का पानी पीने को बेकरार हो रही थी। मैंने उसकी गांड पर धक्के तेज़ करते हुए उसकी चुत में पानी डालने को अपने लंड को राज़ी करने लगा।

तेजी से ‘चाभ चाभ..’ की आवाज़ से उसकी चुत से निकालने लगा। मैं अपना पूरा लंड उसके चुत के अन्दर तक ले जाकर इसे चुत से एकदम बाहर कर लेता और फिर तेज़ी से वापस उसे चुत के अन्दर घुसेड़ देता।

फिर मैंने उसकी कमर पकड़ कर चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.. ऐसा तेज़ी से करने के कारण मेरा लंड पानी छोड़ने को तैयार होने लगा।

मैं स्पीड बढ़ाता गया और वो गांड उचकाते हुए ‘अयाया अया.. पानी गिराओ ना.. जोर से चोद दो ना.. अया अया..’

अब मैं झड़ने लगा.. वैसे ही उसने अपनी गांड घुमा ली और पलट कर सामने आ गई। जोर से मेरे लंड को मुठ मारकर सारा पानी अपने चेहरे पर गिरा लिया और मैं शांत होने लगा।

हम दोनों एक बार फिर डव सोप से नहाए और मैंने इसी बीच मेम से पूछ लिया कि मेम आपने दो बार मेरे लंड का पानी गिराया.. पहली बार इसे अपने बूब्स पर गिरा लिया और अभी चेहरे पर… क्यों??

उसने मुस्कुराकर कहा- रात अभी बाकी है अयान, मुझे जमकर चुदवाना है तुमसे, इसलिए जानबूझकर मैंने अभी अपनी चुत को तुम्हारे लंड के पानी के लिए प्यासा छोड़ा है।

ये सुनकर मैं हैरान भी था और परेशान भी था।

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