दूर की रिश्तेदार की चूत हिंदी चुदाई कहानी

देशी चुदाई कहानी की मेरी फेवरेट सेक्स स्टोरी साईट अन्तर्वासना में आपका स्वागत है. मेरी उम्र 20 साल है और मैं औसत शरीर का मालिक हूँ, मेरी हाईट 5’8’’ है। मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच है और मोटाई 2.5’’ है। कुल मिलाकर मैं एक महिला को खुश करने में सक्षम हूँ।

ये बात आज से 2 साल पहले की है जब हमारे घर में एक बड़ी पूजा थी तो हमने बहुत से रिश्तेदार बुलाए थे। रीना (बदला हुआ नाम) उन्हीं में से एक थी, वो यहाँ मेरी बुआ के साथ आई थी। रीना मेरी बुआ की ननद की बेटी थी।

वो पहले भी हमारे घर आती थी लेकिन आज से पहले तो मैंने उसे बुरी नजर से नहीं देखा था, पर बाद में जैसे-जैसे हमारी बात शुरू हुई.. वो मुझे अच्छी लगने लगी।

अब मैं आपको रीना के बारे में बता दूँ, वो एक 18 साल की नवयौवना है। उसका शरीर भरा-पूरा है और उसका फिगर 30-24-32 का है। कुल मिला कर वो एक कमाल की लड़की थी।

उसे मेरे घर आया देखकर हमारी कॉलोनी के सारे लड़के उससे दोस्ती करने को आतुर हो गए थे। पर मेरी किस्मत उन लोगों से अच्छी थी क्योंकि वो मेरी दोस्त बन गई।

वो हमारे घर 4 दिन के लिए रुकी थी क्योंकि मेरी बुआ को कुछ काम था। पूजा का काम पूरा हो चुका था। जैसा कि मैंने बताया कि वो 4 दिन और रुकने वाली थी तो सभी के जाने को बाद वो मेरे से काफी घुल-मिल गई। हम दोनों काफी समय साथ बिताने लगे थे, हम दोनों काफी करीब आ गए।

एक दिन उसने मुझे पूछा- विपुल, क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने झूठ कह दिया- हाँ है।
उस पर वो थोड़ी उदास सी हुई, मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने उसे सच बताया कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. तब वो थोड़ा सा मुस्कुरा दी।

उसने मुझे कुछ नहीं कहा और मेरे गाल पर किस करके भाग गई। ये मेरे लिए पहली बार था.. तो मुझे अच्छा लगा। फिर मेरी उससे पूरे दिन बात नहीं हो पाई क्योंकि घर में सभी लोग थे तो मैंने भी ज्यादा बात करने की कोशिश नहीं की।

रात में हम सभी लोग एक खेल रहे थे, थोड़ी देर तो बड़े भी खेले पर बाद में हम छोटे लोग ही रह गए।

रीना और मैं अलग-अलग टीम में थे, मेरी टीम में मैं और मेरी बुआ की लड़की थी। उसकी टीम में मेरी बुआ का लड़का भी था।

जैसे-जैसे गेम आगे बढ़ा.. वैसे-वैसे बाकी के लोग हटते गए। अंत में मैं और वो ही रह गए। हम दोनों में काफी देर तक जुगलबंदी चली.. पर अंत में वो जीत गई। जैसा कि हर खेल में होता है, हारने वाली टीम को जीतने वाला टीम का कहा मानना पड़ता है.. तो तय हुआ कि हमारी टीम को उन लोगों को पार्टी देनी पड़ेगी। हम लोग ने अगले दिन पार्टी की।

जब हम घर आए तो पता लगा कि पापा-मम्मी और बुआ किसी काम से बाहर गए हैं और रात में ही लौटेंगे। मैं बहुत खुश था क्योंकि अब मैं और रीना ज्यादा समय साथ बिता पाएंगे।

मैं और रीना बैठे आपस में बातें कर रहे थे तो अचानक ही रीना ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और मुझसे पूछा कि वो मुझे कैसी लगती है?
यूं अचानक हुई इस बात से मैं सकपका गया पर मैंने खुद को सम्भालते हुए कहा- अच्छी लगती हो।

वो खुशी के मारे मेरे से आलिंगनबद्ध हो गई। उसके ऐसा करने से उसका सीना मेरे सीने से चिपक गया, मुझे एक अजीब सा अहसास हुआ। मेरे होंठ उसके होंठों से मिल गए और हम दोनों करीब 10-12 मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे।

इस बीच मेरे और रीना के हाथ एक-दूसरे के बदन पर चलने लगे और ऐसा करते-करते कब हम दोनों ऊपर से नंगे हो गए.. पता ही नहीं चला।

फिर मैं उससे थोड़ा अलग हुआ और उसके जिस्म को निहारने लगा। वो शरम के मारे अपने हाथ से अपने सीने को छुपाने लगी, मैंने बड़े प्यार से उसके हाथ हटाए और उसके एक भूरे चूचुक को अपने मुँह में ले लिया, वो कसमसाने लगी और सिसकारियां लेने लगी।

मैंने उसके चूचुक को हल्का सा काट खाया तो वो चिहुंक पड़ी और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ फिराने लगी। मुझे अच्छा महसूस हुआ और मैंने उठ कर मेरी पैंट निकाल दी.. साथ ही अपना अंडरवियर भी उतार फेंका। खुद को नंगा करने के बाद मैंने उसे भी नंगा कर दिया। उसकी चुत पर हल्के सुनहरे बाल थे, मैं तो उसकी चुत देखकर ही पागल हो गया। अगले ही पल मैं अपना मुँह उसकी चुत पर लगा कर चुत चुसने लगा और उसमें उंगली करने लगा।

मेरे ऐसा करने से वो दर्द से कराहने लगी और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी। मैं उसके ऊपर आ गया, हम दोनों पर ही वासना सवार हो चुकी थी।

मैंने मेरा लंड उसकी चुत पर लगाया और हल्का सा दबाव बनाया। उसकी चुत पहले से ही गीली हो चुकी थी, तो मेरे लंड का आगे का भाग उसकी चुत में फंस गया जिससे उसे हल्का दर्द हुआ।

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और एक जोर का झटका मारा.. जिससे मेरा लंड उसकी चुत में आधा घुस गया। वो मारे दर्द के मुझे अपने ऊपर से धक्के देने लगी और मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी।

मैं उसके दर्द को अनदेखा करते हुए उसे कसके पकड़ा रहा और उसके होंठों को दबा कर एक और जोर का झटका मारा। उसे बहुत तेज दर्द हुआ और इस बार तो मुझे भी हुआ क्योंकि ये मेरा भी पहली बार ही था।

वो दर्द के मारे चिल्लाने की कोशिश करने लगी और घुटे हुए स्वर में मुझसे कहने लगी- ऊन..ऊं उम्म्ह… अहह… हय… याह… बाहर निकालो इसे.. बहुत तेज दर्द हो रहा है, मेरी जान निकल जाएगी।
मैंने उसे समझाया कि पहली बार दर्द थोड़ा ज्यादा होता है.. पर बाद में मजा आता है।

मैं उसके ऊपर कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा, थोड़ी देर में वो सामान्य हुई और अपनी कमर उचकाने लगी। मैं उसका इशारा समझ गया और उसकी चुत से लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में सारा अन्दर उतार दिया।

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उसे इस बार भी दर्द हुआ.. पर वो इस दर्द का मजा लेने लगी और मुझे तेज करने को उकसाते हुए कहने लगी- और जोर से करो.. और तेज.. और तेज।

ऐसा कहते हुए वो तेज-तेज सिसकारियां लेने लगी। मैंने भी अपनी गति बढ़ा दी और उसे जोरों से चोदने लगा।

थोड़े समय बाद वो जोर की सिसकारी लेते हुए झड़ने लगी, पर मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं उसे बिना रुके चोदता रहा।

कुछ पलों बाद मेरा भी होने वाला था, इस बीच वो 2 बार झड़ चुकी थी। मैं भी तेज धक्कों के साथ उसकी चुत में ही झड़ गया और उस पर थक कर पड़ गया।

वो मेरे सिर पर हाथ फेर रही थी। उसके चेहरे पर खुशी के भाव थे।

फिर हम दोनों अलग हुए तो देखा कि चादर हम दोनों के खून और वीर्य से खराब हो गई थी। हम दोनों ने कपड़े पहने और चादर बदल कर दूसरी बिछा दी। फिर हम दोनों ने चुंबन किया, दर्द के कारण उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।

फिर मैंने उसे बाजार से पेनकिलर और एक आई-पिल लाकर दी। उसके बाद वो दो दिन और रुकी। इस दौरान हम दोनों मौका मिलते ही चुदाई का मजा लेते रहे। उसके जाने के बाद मैं बिल्कुल अकेला सा महसूस करने लगा। हम उसके बाद कभी नहीं मिले, पर आज भी मुझे रीना के साथ बिताए वो हसीन पल याद हैं.. शायद मैं उसे कभी भुला भी नहीं पाऊंगा।

तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची देशी चुदाई की कहानी.. आप लोग को कैसी लगी, जरूर मेल करें।
धन्यवाद।
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