जाट नै कुंवारी जाटण छोरी की चुदाई की-2

मेरी चुदाई की कहानी का पहला भाग
जाट नै कुंवारी जाटण छोरी की चुदाई की-1
में अभी तक आपने पढ़ा कि कोचिंग में पढ़ने वाले लड़के अमित से मेरा प्यार का चक्कर चल पड़ा.
अब आगे:

अगले दिन मैं देर से उठी, कॉलेज नहीं गयी, सीधे कोचिंग पर चली गयी. वो पहले से ही आया था. हम तीनों एक साथ ही बैठने लगे. मेरी फ्रेंड से भी उसकी दोस्ती हो गयी. रात में वो मुझसे बात करके कभी मेरी किस लेता, कभी देता.

एक दिन उसने मूवी देखने का प्लान बनाया. मैंने मेरी सहेली को साथ चलने को बोला.
उसने बोला- मैं तो शादीशुदा हूँ यार … तुम जाओ मेरे लिए तो पति हैं मेरे!

अब हम दोनों मूवी देखने पहुंचे. उस दिन उसने जीन्स टी-शर्ट पहनी हुई थी और मैंने पीला सूट डाला हुआ था.

मूवी स्टार्ट हुई, लेकिन हम दोनों अपनी ही बातों में मगन थे. उसने अपने हाथ से मेरा हाथ जकड़ा हुआ था. सब मूवी में मगन थे, तो वो मेरे करीब आया. उसने मेरे गाल पर किस की. मुझे पूरे बदन में सन्नाटा सा छा गया. मेरे गाल पर किसी मर्द का ये पहला किस था.

मैंने उसे रोका तो उसने कहा- हमें कोई नहीं देख रहा, थियेटर में बहुत अंधेरा हो रहा है यार.
मेरी भी फीलिंग जाग गयी. मैं कुछ नहीं बोली. वो मेरे होंठों पर किस करने लगा … मेरे चुचे दबाने लगा.

हम दोनों का बुरा हाल हो गया था, लेकिन मजा भी आ रहा था. उसने अपना हाथ मेरे सूट में डाल दिया. फिर ब्रा में अन्दर डाल कर दूध दबाने लगा. हम दोनों पर काम वासना की हवस सवार हो चुकी थी. मैं भी नीचे से पानी पानी हो चुकी थी.

मूवी खत्म होने से थोड़ी देर पहले मैंने अपने आपको ठीक किया और हम घर निकल गए.

दोस्तो, अब रातों को पूरी रात बातें होने लगी. हमारे बीच फोन सेक्स होने लगा. वो फोन पर ही मेरे कपड़े उतरवा देता. अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. रात में मेरी चुत उसे याद करके पानी छोड़ देती. उसका तो पता नहीं क्या होता होगा.

एक दिन उसने किसी होटल के रूम में मिलने का प्लान बनाया. मैंने मना कर दिया. मुझे मालूम था कि होटल में पुलिस रेड का ख़तरा बना रहता है. मैंने सुना था कि फंसने पर पुलिस वाले भी लड़की को बहुत चोदते हैं … तो मैं इस तरह की रिस्क नहीं लेना चाहती थी. लेकिन हम दोनों में आग बराबर की लगी थी. मैं रात को काफ़ी बार उसे याद करके चुत सहलाती रहती थी. वो भी अपना काम हाथ से चला रहा था.

मैंने मिलने वाली बात अपने सहेली को बताई. उसने भी होटल में जाने के लिए मुझे रोका.
फिर उसने कहा- अगले हफ्ते मेरे पति मेरी सासू माँ को दिल्ली के हॉस्पिटल में लेकर जाना है, तुम मेरे घर पे मिल लो.
मैंने उसे थैंक्स कहा.

उसने कहा- मैं भी समझती हूँ यार … सेक्स का मन सबका होता है. मैं भी शादीशुदा हूँ.
मैंने बोला- ऐसा नहीं है. मेरे मन में कोई सेक्स वेक्स नहीं है … हम तो बस बात करेंगे.
उसने मुझसे मजाक करते हुए कहा- हां हां … मुझे पता है क्या बात करोगे?

मैंने रात में अमित से सब बात की.
उसने कहा- यार मिलने के लिए उसके घर से सेफ तो कोई जगह है ही नहीं.

वो अंसल हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट में रहती थी, उसके पति को बुधवार को जाना था. मेरी सहेली ने बताया कि उसका पति सुबह 8-8:30 के बीच निकल जाएगा और शाम को देर से ही वापस आएगा.

मंगलवार को शाम को हमारा सारा प्रोग्राम फिट हो गया. मैं भी तैयार हो कर सुबह 8:30 पर ही घर से निकल ली. मैंने आज ब्लैक सूट डाला था और हल्की सा मेकअप किया था … मतलब लिपस्टिक लगा ली, झुमके पहन लिए, खुले बाल करके रखे थे. मैं घर से कॉलेज के नाम पर निकल अपनी सहेली के घर 9 बजे पहुंच गई.

घर में वो अकेली थी. उसका फ्लैट 6 वें माले पर था. हम दोनों बैठ गए. मैंने अमित को फोन किया, तो उसने बोला- हां बस मैं 15 मिनट में पहुंच जाऊंगा.

तब तक मेरी सहेली ने कहा- तुम शाम तक घर में रहो, मैं बाहर कुछ काम से जा रही हूँ. मैं बाहर से लॉक कर दूँगी. ओके वैसे इधर कोई नहीं आता है. बड़ी सोसाइटी में कोई किसी से इतना मतलब नहीं रखता. तुम बेफिक्र एंजाय करो.
मेरी सहेली ये कह कर हंस दी.

मैंने कहा- नहीं यार हम तो सिर्फ़ बात करेंगे.
वो फिर हंस दी.

फिर वो जाने के लिए तैयार हो चुकी थी. हम सबके लिए ब्रेकफास्ट भी उसने बना दिया था.
बस अब अमित के आने का इन्तजार था.

तभी अमित का फ़ोन आया- मैं नीचे खड़ा हूँ.
मेरी सहेली ने मुझसे कहा- उसे छटवें माले पर मेरे फ्लैट में बुला लो.

वो आ गया. हम सभी ने ब्रेकफास्ट किया. इसके बाद मेरी सहेली घर छोड़कर चली गयी.

उसने जाते समय कहा- मैं बाहर से लॉक कर रही हूँ. मेरे पति आने से 2 घंटे पहले फोन करेंगे, तुम टेंशन फ्री हो कर रहो.

उसने जाते हुए मुझे अलग बुलाया और मुझसे कहा- मेरे बेडरूम में मैंने सारा सामान रखा है, जिसकी तुम्हें जरूरत पड़ सकती है. नाइटी पहन लेना … एकदम रिलेक्स हो जाना … कॉटन और कंडोम भी गद्दे के नीचे रखे हैं.

मैंने लजाते हुए उससे कहा- चल भाग पागल सी … ना हो तो!
वो मुझे आंख मारते हुए चली गयी.

उसका घर काफ़ी अच्छा था. हम सोफे पर बैठे रहे. थोड़ी देर बाद अमित मेरे पास आया और उसने मुझे हग कर लिया. मुझे बहुत शर्म आ रही थी. मुझे बांहों में लेकर अमित मुझसे बातें करने लगा. उसे पता था कि मैं पहले किसी से चुदी नहीं हूँ तो वो जल्दबाज़ी नहीं कर रहा था.

सोफे पर बैठे ही उसने मुझे लिप किस किया. मेरे पूरे शरीर पर हाथ फेरना आरम्भ किया. करीब 15 मिनट तक वो सूट के ऊपर से ही मुझे सहलाता रहा, बात करता रहा. शर्ट के ऊपर से ही मेरे चुचे दबाता बाइट्स करता रहा. उसे मेरे लंबे बाल बहुत अच्छे लगते थे. उस दिन उसे मेरा सारा हेयरस्टाइल खराब कर दिया था, लेकिन मैंने स्टाइल बनाया भी तो उसी के लिए था.

उसने अपनी टी-शर्ट निकाल दी. उसकी गोरी छाती मेरे सामने खुली थे. मैंने उसे हग कर लिया. वो मेरा कमीज उतारने लगा, तो मैंने उसे रोक कर बेडरूम की ओर इशारा किया.
वो मुझे गोद में उठाकर रूम में ले गया.

मेरी सहेली की शादी को भी अभी एक साल ही हुआ था. उसी रूम में वो भी अपने पति से चुदाई करती थी. उसका रूम बहुत अच्छा था … एकदम फैन्सी.
मैंने देखा बेड पर कंडोम का पैकेट, रूई व नाइटी पड़ी थी. हम दोनों ने एसी चलाया. कमरे की लाइट बंद करते ही काफ़ी अंधेरा हो गया. बिल्कुल भी अंधेरा नहीं हुआ था, लेकिन कुछ हद तक रूम पूरा अंधकारमय हो गया था. मैं अमित की बांहों से उतरी और अलमारी से अमित के लिए कपड़े और अपने लिए अपने सहेली का नाइट सूट लाई.

तो अमित ने कहा- रख दो, बाद में डाल लेंगे.
मैंने कपड़े वहीं रख दिए. अमित खड़े खड़े ही मुझे होंठों पर किस करने लगा … मेरे चुचे दबाने लगा.

अमित ने खड़े हुए ही मेरे सलवार का नाड़ा खोल दिया, जिससे सलवार नीचे गिर गयी. मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी और वो भी. उसने मेरा सूट उतार कर दूर फेंक दिया.

अब मैं ब्रा और पेंटी में थी. अमित ने अपनी पेंट निकाल दी. वो अंडरवियर में आ गया था. वो मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर ले गया. शायद वो सेक्स और फोरप्ले में एक्सपर्ट था. उसने मेरी ब्रा पेंटी भी निकाल दी. मेरे हर अंग पर किस करने लगा. मेरे गले, चुचे, पेट, पीठ पर किस करने के साथ ही चूसने लगा. वो जहां भी किस करता, मेरा गोरा बदन लाल हो जाता. वो बहुत जोर जोर से मेरे चुचे दबा रहा था मुझे दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था.

फिर उसने मेरे चूतड़ों को दबाना शुरू किया. मुझे बहुत अच्छा लगा. मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और सेक्स करने का पूरा मूड बन गया था.

अमित मेरी टांगों के बीच में आ गया और मेरी चुत चाटने लगा. मुझे चूत चटवाने में बहुत अच्छा लग रहा था. मैं तो पागल सी हो रही थी कि अचानक तभी मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया. उसने सारा पानी पी लिया. मैं थोड़ी शांत हो गई.

वो मेरे ऊपर आकर लेट गया. उसके मुँह पर मेरी चुत का पानी लगा था. वो ऐसे ही मुझे होंठों पर किस करने लगा.
तो मैंने कहा- छी गंदे … ये तो ना पीते कम से कम.
उसने कहा- तुम्हें नहीं पता, तुम्हारी हर चीज़ मेरे लिए कितनी कीमती है. ये तो तुम्हारा अमृत है, जिसे पी कर मैं अमर हो गया.
मैंने कहा- इतना प्यार करते हो मुझसे.

मैंने उससे गले लगते हुए आई लव यू कहा. वो अब भी अंडरवियर में था और मैं बिल्कुल नंगी थी.

हम दोनों यू ही लेटे रहे … स्मूच करते रहे. एसी से मुझे सर्दी लगने लगी थी. मैं उससे चिपक गयी. मेरी चुत ने पानी छोड़ा था, लेकिन जल्दी ही उसने मुझे फिर तैयार कर दिया.

अब उसने अपना अंडरवियर निकाल दिया. मैं उसके लंड को देखती रह गयी. एकदम कड़क लंड था उसका … खीरे सा लंबा और मोटा … नॉर्मल से बड़ा था. उसका लंड केले जैसा हल्का सा टेड़ा था. वो ऊपर की तरफ को सर उठाए हुए खड़ा था.

उसने अपना लंड मेरे मुँह में देना चाहा, लेकिन मैंने मना कर दिया तो उसने कोई जबरदस्ती भी नहीं की. कोई 10-15 मिनट बाद फिर से मेरे हर अंग को चूसने के बाद वो उठा और मेरी सहेली के बेड के दराज में क्रीम देखने लगा. क्रीम लेकर उसने अपने लंड के सुपारे पर लगा ली और कुछ मेरी चुत पर लगा दी. वो फिर से मेरे चूतड़ और चुचे चूसने और दबाने लगा.

मैंने सुना था कि सेक्स में क्या मजा होता है, लेकिन इतना मजा होता है, ये कभी नहीं सोचा था. जब कोई जवान लड़का किसी जवान लड़की को नोंचता है, तो इस दर्द का मजा अलग ही होता है.

मैंने कहा- अमित बस … अब रहा नहीं जा रहा.
तो उसने ओके कहा. उसे पता था कि मुझे दर्द होगा. उसने अपना अंडरवियर मेरे मुँह में लगा दिया और मेरे चूतड़ों के नीचे पिल्लो लगा दिया. इसके बाद उसने लंड चूत के मुँह पर सटाया और हल्के से अपना लंड मेरी चुत पर रगड़ने लगा. वो मुझे तड़फाने लगा.

मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी थी. मैंने अपनी गांड उठाते हुए उससे फिर कहा- बस … अब डाल दो.
उसने लंड फिर से मेरी चूत की फांकों में सैट किया और एक धक्का लगा दिया. इस झटके से उसके लंड का टोपा मेरी चुत में घुस गया था. सुपारा घुसते ही उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरी जान निकल गयी.

मैंने दर्द से बिलबिलाते हुए कहा- जानू बहुत दर्द हो रहा है … बाहर निकाल लो प्लीज़.
उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया और फिर से एक धक्का दे मारा. मैं अभी सम्भल पाती कि उसने फिर से एक और शॉट दे मारा. अब उसका पूरा लंड मेरी चुत में उतर गया था. मेरी आंखों से पानी बहने लगा.

वो मेरे ऊपर शान्त होकर लेट गया और मुझे हौले हौले से चोदने लगा. उसके हर धक्के से मेरी जान निकल जाती थी. आख़िर वो एक जाट था ना. वो मुझे ठोकते हुए बीच बीच में मेरे होंठ चूसता, मेरे चुचे चूसता, दबाता … जिससे मुझे थोड़ा आराम मिलने लगा.
कुछ देर तक तो मुझे ऐसा लगा कि आज तो मर ही जाऊंगी. फिर मुझे मजा आने लगा.

अब वो मुझे पूरी रफ्तार से चोदने लगा. मैं भी नीचे से अपने चूतड़ उठाते हुए उसके लंड का मजा लेने लगी. कुछ देर बाद मैं एकदम से अकड़ गई मुझे लगा कि मैं कट सी रही हूँ. तभी वो भी मेरे अन्दर ही पानी छोड़ने लगा. उसकी गर्म धार से मुझे बहुत शान्ति मिली. हालांकि मुझे बहुत दर्द हुआ था, लेकिन मुझे मजा भी आया था.

मैं उससे अलग होकर उठने को हुई, तो मुझसे उठते ही न बना. मेरी सहेली ने पहले से ही पेनकिलर्स वहां रखी हुई थीं, वो मैंने ले ली. उस दिन हम दोनों ने बस एक बार ही सेक्स किया, बाकी टाइम में किस ही करते रहे. अमित ने भी मेरे दर्द को समझा.

वहां रखी रूई से मेरा रक्त साफ़ किया और बाद में उसने मुझे मेरे गांव तक छोड़ा.

ये थी एक कुंवारी जाटण छोरी की चुदाई की पहली चुदाई की कहानी. बाकी बाद में लिखूंगी. बाय … आपको कहानी कैसे लगी. मुझे मेल करके जरूर बताना.
मुझे इन्तजार रहेगा.
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