जवानी में सेक्स की तड़प-1

अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार. दोस्तों हर किसी का सपना होता है कि उसकी ज़िन्दगी में कोई लड़की ऐसी आये जो उसे हर सुख दे. और लड़की भी यही चाहती है लड़का उसके जीवन को सुख से भर दे।
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ये कहानी कुछ ऐसी एक जोड़ी की है जो एक दूसरे से सुख की कामना करते हैं पर अपना सुख वो दूसरों से पाकर तृप्त होते हैं। ये कहानी है सपना और यश की। यश मैं नहीं बस काल्पनिक नाम है जो मैंने यही सोचा क्यूँ न मैं ही कुछ पल खुद को महसूस कर लूँ। तो चलते हैं अब कहानी की ओर।

सर्वप्रथम अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम।

मैं यश गर्ग, जयपुर (राजस्थान) का रहने वाला हूँ और पहले लिखी कहानियों में बहुत ज्यादा उत्साहवर्धन मिला। तो आज फिर हाजिर हूँ एक बेहतरीन कहानी लेकर जो आपके अंग अंग में खुजली पैदा कर देगी और आप का हाथ नीचे की ओर जाकर ही इस कहानी का आनन्द लेगा।

सपना और यश दोनों की मुलाकात फेसबुक पर हुई और एक दूसरे से बेहद प्यार करने लगे। रात भर बातें कर कब सुबह हो जाती पता भी नहीं चलता। सपना को सेक्स की बातें करना पसंद नहीं था या ये कहूँ उसे सेक्स का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था और इन सब बातों से घबराती भी बहुत थी।

यश जब भी उसके साथ चुदाई की बात करता तो सपना बातों को बदल देती. और इस वजह से यश को बहुत गुस्सा आता। कई बार तो वो उससे बातें भी नहीं करता.
और इस वजह से दोनों के बीच दूरी आने लगती।

पर सपना अपना प्यार छोड़ना नहीं चाहती तो वो कैसे भी कर यश को फिर मना लेती। पर उनका झगड़ा होता तो चुदाई की बातों को ही लेकर। एक बार सपना को यश से पार्क में मिलने का मौका मिला तो यश उसे आलिंगन करना चाहता था पर सपना लोक लज्जा का बहाना बना उसे दूर करती रही।

यश मन ही मन उसे गाली भी देता और मन ही मन सोचता क्या यार किस पागल जाहिल से प्यार कर लिया जो खड़े लंड पर चोट करती है।

सपना को ये सब इसलिए अच्छा नहीं लगता क्योंकि उसने कभी सेक्स के बारे में किसी से खुलकर बात नहीं की और न ही उसकी कोई ऐसी सहेली थी जो उसे चुदाई का ज्ञान दे सके। उसे तो लगता था लंड चूत में जायेगा कैसे? क्योंकि उसे इतना तो मालूम था जहाँ से मूतते हैं उसी के नीचे चूत है और लंड का प्रवेश इसी में होगा। पर भय की वजह से वो इन सबसे से दूर भागती।

यश बहुत ज्यादा रोमांटिक और सेक्सी था और इसी वजह से उसका लंड हर पल खड़ा रहता और सोचता काश सपना की चूत मिल जाये।

एक दिन उसे मौका मिला सपना को घर बुलाने का तो उसने सोचा आज सपना को वो चोद कर ही रहेगा और उसने घर पर अच्छी तरह से तैयारी कर ली। कुछ ब्ल्यू फिल्म, रोमांटिक फिल्म मोबाइल में डाउनलोड कर ली और सोचा आज बात जरूर बनेगी।

सपना के बारे में बता दूँ- सपना 5.8 हाईट की लम्बी पतली काया और छरछरे बदन की है। बॉबस की साइज़ 32 और आँखें उसकी हिरणी जैसी। वहीं यश भी सपना की हाईट जितना और हट्टा कट्टा नौजवान। जिम में जाकर अच्छी बॉडी बना रखी थी। सवा 6 इंच लंड, ढाई इंच मोटा दमदार लंड की वजह से उसके अंदर सेक्स कूट कूट कर भरा हुआ था।

यश इससे पहले भी कई लड़कियों को चुदाई में संतुष्ट कर चुका था और सपना उसके प्यार था इस वजह से वो उसके प्यार में थोड़ा ज्यादा ही पागल था।

दोपहर में सपना यश के घर पहुँची। काले रंग का टॉप और नीचे हाल्फ लेगी सफ़ेद रंग की पहन कर आई। बहुत गजब की लग रही थी सपना उस पल।

यश ने उसका स्वागत किया और उसे सीधे अपने रूम में ले गया। सपना बेड पर बैठ गई पर मन ही मन उसे चिंता सताये जा रही थी कि कहीं यश सेक्स के लिये उसे परेशान न करें या जिद न करे।

पर यश तो चाहता ही था कि आज सपना की चूत का फीता काटा जाये। यश उसके पास बैठ कर रोमांटिक बातें करने लगा।

“सपना तू क्यों नहीं चाहती तेरे अंग अंग पर मैं प्यार करूँ?”
“यश मुझे इन सबका डर लगता है।”
“कैसा डर सपना? एक दिन तो तुम्हारी चूत में किसी न किसी का लंड आएगा ही, तो फिर मेरे लंड से डर क्यों?”
“किसी और का क्यों? क्या तुम मुझसे शादी नहीं करोगे?”
“सपना तुम्हें सेक्स में इंटरेस्ट नहीं और मुझे सुपर सेक्सी लड़की चाहिये जो मेरा लंड चूसे, चाटे, उसका रस पीये, मैं उसकी चूत चाटू और उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करूँ।”

“ताबड़तोड़ चुदाई? ये कैसे होती है?”
“हा हा हा, तुझे ये भी नहीं पता?”
“मुझे कैसे पता होगा, मैंने कौनसा सेक्स किया है।”
“रुक तुझे दिखाता हूँ।”

ये कहकर यश ने अपना मोबाइल ऑन कर उसमें एक ब्लू फिल्म चला दी। उस मूवी में सीन चल रहा था कि एक लड़की दो लड़कों के लंड को एक साथ हिला रही थी।
“एक साथ दो?”
“हाँ, एक साथ दो भी तीन भी और चार भी लंड एक साथ लड़की ले सकती है।”
“मुझसे तो एक भी न लिया जाये। तुमने उस दिन बोला उंगली डाल। मैंने कोशिश की तो मुझे बेहद दर्द हुआ और दो दिन तक जलन भी रही। और तुम कह रहे हो चार लंड के साथ। न बाबा न, मैं तो एक भी न ले पाऊं।”

“सपना, लंड तो चूत के लिए ही बना है और उसी की साइज़ का छेद होता है। जैसा लंड वैसे ही चूत का भेष।”
“मुझे तो डर लगता है।”
“डर मत, चल तुझे लंड दिखाता हूँ अपना।”

सपना गौर से यश की ओर देखने लगी और यश ने एक झटके में अपना बरमुडा नीचे कर खड़े लंड को सलामी देने बाहर निकाल लिया। सपना पहली बार लंड को रूबरू देख रही थी। सवा छ इंच का लंड हवा में झूल रहा था और लंड देख सपना का हलक सुख गया।

यश ने बिना वक्त गँवाए सपना का हाथ पकड़ अपने लंड पर रख लिया और कहा- इसे पकड़ो।

सपना ने जैसे ही लंड हाथ में लिया, उसे अजीब सा महसूस हुआ चूत में। उसे लग रहा था जैसे मूत निकल रहा हो चूत में। पर उसे नहीं पता था उसकी चूत कामरस छोड़ रही है। पहली बार सपना को लगने लगा चूत भी प्यासी है। उसने लंड को छूकर हाथों से दबाने लगी।

इधर यश कई दिन से भूखा था और लंड जोश में आ रहा था। यश ने सपना के स्तनों को दबाने के लिए आगे हाथ बढ़ाया तो सपना ने रोकना चाहा पर असफल रही।

यश ने टॉप के ऊपर से सपना के उरोज दबाने लगा। सपना की प्यास बढ़ने लगी और वो भी मचलने लगी। संयोग अब चुदाई का बन रहा था।

यश ने देर न की और सपना को नीचे झुका लंड को मुँह में लेने को बोलने लगा। सपना पहले तो मना करती रही पर यश ने जबरदस्ती लंड मुँह में दे दिया।
पर लंड साफ़ न होने की वजह से सपना ने मुँह हटा लिया और यश को बोल पड़ी- मेरा जी घबरा रहा है. बहुत बदबू भी आ रही है।

यश को याद आया कि आज तो लंड साफ़ करना ही भूल गया और अब ये कभी लंड मुँह में नहीं लेगी। पर उसे इस वक्त चूत ही नजर आ रही थी और उसने सपना को सीधा लेटा दिया और उसकी लेगी खींच ली। काली पेंटी में सपना का यौवन दमक रहा था।

पर यश को यौवन से ज्यादा इस वक्त चुदाई की पड़ी थी और उसने बिना पल गँवाए पेंटी भी निकाल दी।

सपना ने बाल नहीं काट रखे थे इस वजह से चूत काली गुफा बनी हुई थी। या यूँ कहूँ कि सपना ने बाल कभी कांटे ही नहीं जिस वजह से उसकी चूत गुफ़ा में ढकी हुई थी।
यश सोचा इसे कुछ बोलने से अच्छा लंड चूत में डाल लूँ और अपना काम पूरा कर लूँ वरना लंड का दिमाग कब सरक जायेगा पता नहीं।

सपना के लिए ये पहली चुदाई थी इसलिए वो बस लंड को महसूस कर रही थी। यश ने बिना रोमांस किये और फॉर प्ले किये सपना की चूत में लंड डालने का प्रयत्न करने लगा और वो बार बार असफल हो रहा था और इसी असफलता में उसके लंड ने धारा प्रवाह कर दिया और उसके सपनों पर पानी फेर दिया।

लंड का जोश खत्म कर अपने पुराने रूप में जाने लगा पर इधर सपना की चूत में आग लग चुकी थी। एक समय यश का लंड फनफना रहा था तब सपना की चूत नहीं मिली और अब सपना की चूत फनफना रही थी तो लंड शांत हो चुका था।

“क्या हुआ यश? करों न प्लीज। मेरी चूत में आग लग रही है। अब मुझे सच में चुदना है। मुझे डर तो लग रहा है पर अब मेरा भी मन कर रहा है लंड अंदर लेने का। प्लीज यश चोद दो मुझे।”

“अरे आज नहीं, फिर कभी। अभी तुझे इतना ही सीखाना था मुझे। ज्यादा नहीं करना है वरना तुझे दर्द हो गया तो!” यश अपनी कमी छुपा रहा था। सोच रहा था फर्स्ट इम्प्रेशन इज लास्ट इम्प्रेशन।

“हो जाने दो दर्द यश, इतना मत सोचो आज। रोज तुम ही मुझे चोदने के लिए कितना कुछ कहते थे कि तुम चूत नहीं देना चाहती हो, बहाने बनाती हो। आज मैं चुदने को तैयार हूँ तो तुम नाटक कर रहे हो। सोच लो फिर मैं कभी तुम्हें चूत नहीं दूँगी।”

“अरे जान नाराज मत हो। मुझे लग रहा है मम्मी का आने का वक्त हो गया है। कहीं मैं अंदर डालूं और मम्मी आ जाये तो तुम और ज्यादा प्यासी रह जाओगी। मैं तुझे पक्का कल घर बुलाता हूँ तू आ जाना, पर आज तुझे अभी जाना होगा।” यश नहीं चाहता था इसे पता चले कि मेरा लंड सो गया है।

“यश, तूने तो मेरे अंदर प्यास जगा कर ये अच्छा नहीं किया। मेरी प्यास बढ़ गई है। मुझे अभी लंड चाहिये बस।”
“सपना, अभी नहीं। यार समझो, ये लंड तुझे ही मिलेगा पर कल ही।” यश ने सपना को लंड दिखाए बिना अपना बरमुडा पहन लिया।

पर सपना की चूत तो पहले से ही आग बन चुकी थी और उसे अब लंड की ललक हो चली। सपना ने बोला- यश प्लीज करो, मैं चुदना चाहती हूँ अब। मैं बिना चुदे अब घर नही नजा सकती। मुझे आज पता नहीं क्या हो गया है। बावली सी हो गई हूँ लंड लेने को। प्लीज चोद दो यार मत तरसाओ यार।

पर यश कहाँ से चोदे अभी के अभी … उसका लंड तो चूत की कल्पना में इतना जोश लगा चुका था कि सब कुछ निकल चुका था। यश ने सपना को जाने को कहा क्योंकि वो नहीं चाहता था पहली चुदाई में ही वो हार जाये।

यश का तो मन बहुत था पर उसके मन पर लंड ने चोट कर दी थी। यश गोली खाकर सेक्स करता नहीं था वरना तो तुरंत खड़ा हो जाये पर एक बार पानी निकल जाने के बाद थोड़ा समय लगता है. पर वो सपना के सामने खुद को कमजोर नहीं साबित करना चाहता था इसलिए उसे कुछ नहीं बताया। सपना को ज्ञान तो नहीं था पर उसकी चूत की आग के आगे उसे सिकुड़ा हुआ लंड मजाक ही बना देता।

सपना भी बेमन से वापस चल पड़ी।

पहली बार सपना का मन चुदने का होने लगा। सपना अंदर ही अंदर तड़पने लगी और इस वक्त उसकी चूत लंड की मांग लिए बैठी थी। सपना के निकलते ही यश का लंड वापस तनाव ले चुका था और अब वो चाहता था सपना वापस आ जाये। पर सपना को तो उसने भेज दिया और अब उसका मन भी चुदाई का होने लगा।

सपना की आग बुझी नहीं थी पर यश की एक बार आग बुझ कर फिर से जग गई। सपना घर चली गयी और यश घर के बाहर आकर खड़ा हो गया और बाहर आती जाती लड़कियों को निहारने लगा। वो नहीं चाहता था हस्तमैथुन कर खुद को शांत करे। बस बाहर किसी चिड़ियाँ की तलाश करने लगा।

इधर सपना रास्ते में बस लंड की कल्पना में खोई हुई थी। उसके दिमाग में बस चुदाई बस गई थी।

आगे इस कहानी में क्या मोड़ आता है आप पढ़ते रहिये!
और हाँ, जवान लड़की की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, मेल जरूर करें।
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