पड़ोसन को गर्लफ्रेंड बनाकर चोदा

नमस्ते साथियों, यह मेरी पहली कहानी है, इसलिए कोई गलती दिखे तो मैं पहले ही आप सभी भाभी, चाची, दीदी, साली लोगों से माफ़ी माँगता हूँ.

मेरा नाम शुभम है, मैं गिरिडीह का रहने वाला हूँ. मैं दिखने में स्मार्ट हूँ, मेरा कलर जरा सांवला है. मेरे लंड की साइज़ 6 इंच लंबी है और दो इंच मोटे पाइप जैसा है. अपने मोटे लंड से मैं किसी भी लेडी को पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता हूँ. वैसे मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभी टाइप की औरतों को चोदने में ज्यादा मजा आता है.

यह कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की है, मेरी भाभी का नाम कोमल है. वो एक बहुत ही कामुक और सेक्सी माल किस्म की भाभी हैं. उनका फिगर 36-30-32 का है, जो कि बहुत ही बवाल मचा देने वाला है. जो भी उनको एक बार देख ले, तो मेरा दावा है कि वो बिना अपना लंड हिलाए नहीं रह सकता है. कोई बुड्डा भी अगर उनकी तनी हुई चुचियों और उठी हुई गांड को देख लेगा, तो उसका मुर्दा लंड भी खड़ा हो जाएगा. ऐसी मस्त माल हैं मेरी भाभी जान.

यह कहानी तब की है, जब मैं स्कूल में था. मैं अपने घर में अकेले रह कर पढ़ाई करता था. मेरे पापा एक पॉलिटीशियन हैं ओर मेरी माँ एक साधारण हाउसवाइफ हैं. मेरे दो भाई हैं, मैं उनमें से सबसे छोटा हूँ. मेरी कोई बहन नहीं है. मैं घर में अकेले रह रह के बोर हो जाता था.

उन्हीं दिनों मेरे घर के बगल में एक जो एक घर है, उसमें एक जोड़ा रहने आया. वे दोनों पति पत्नी थे. उन भाभी का नाम कोमल था. वे दोनों ऐसे थे कि बस पूछो मत. वो कहते हैं ना कि ‘लंगूर के हाथ में अंगूर..’ वैसा ही उन लोगों में था. भाभी का हज़्बेंड बिल्कुल भी आकर्षक नहीं था, जबकी कोमल भाभी एक बहुत ही कड़क माल थीं … एकदम हॉट एंड सेक्सी.

वहां पर रहते रहते हम लोगों में अब बहुत बातें होने लगी थीं. सब ठीक चल रहा था.

एक दिन जब मैं सोकर उठा तो मैंने देखा कि भाभी अपनी छत पर ब्रश कर रही थीं. उन्होंने एक सेक्सी मैक्सी पहन रखी थी. वो इस मैक्सी में बहुत ही गजब की माल लग रही थीं. उन्होंने मुझे देख कर स्माइल किया. मैंने भी जबाव में स्माइल कर दिया. मैं सोच रहा था कि अभी उनके पास चला जाऊं और उनकी मैक्सी उठा कर उनकी गांड में अपना लंड डाल दूं.
कुछ देर बाद भाभी नीचे चली गईं. मैंने भाभी के नाम पर मुठ मारी और नीचे चला गया.

एक दिन हम दोनों अकेले बात कर रहे थे.
मैं- भैया कहां हैं भाभी?
भाभी- वो तो घर पे नहीं हैं, ऑफिस गए हैं. क्यों कुछ काम था क्या?
मैं- नहीं बस ऐसे ही मैंने देखा कि आप अकेले घर के बाहर ख़ड़ी हो, इसलिए मैंने आपसे पूछा.
भाभी- तो क्या मैं बाहर अकेले नहीं रह सकती क्या?
मैं- क्यों नहीं … ज़रूर, लेकिन ऐसे आप बाहर रहोगी तो आपको किसी की नज़र लग जाएगी.
भाभी- ऊऊहू … ऐसा क्यों होगा जरा बताओ तो मुझे भी?
मैं- अरे भाभी आप इतनी सुंदर और हॉट हो ना तो … सॉरी बुरा मत मानना, हॉट बोला इसलिए.
भाभी- नहीं गुस्सा क्यों होऊंगी … आप तो मेरे देवर हो ना!
मैं- हां वो तो है … मैं आपका देवर हूँ और वो भी बड़ा केयर करने वाला आपका देवर.
भाभी- मस्का मारते हो … हट बदमाश..

फिर कुछ देर यूं ही भाभी संग चुहल करता रहा. तभी भाभी को कुछ काम आ गया और वो चली गईं.

कुछ देर बाद रात हो गई, मैंने खाना खा लिया और पढ़ने बैठ गया.

तभी अचानक मेरे फोन पे एक कॉल आया … और वो कॉल किसी और का नहीं बल्कि कोमल भाभी का था.
हम दोनों बात करने लगे.
मैं- क्या बात है … आज रात में याद किया?
भाभी- क्यों … क्या मैं आपको याद नहीं कर सकती?
मैं- कर सकती हो भाभी जी, लेकिन अचानक याद किया, तो कुछ खास बात होगा तभी ना!
भाभी- नहीं वैसे कुछ नहीं है, बस आपकी याद आ रही थी, तो मैंने सोच कॉल कर लेती हूँ.
मैं- गजब … क्या बात है और भैया कहां हैं?
भाभी- वो आज घर पे नहीं हैं.
मैं थोड़ा मजाक वाला मूड बना कर बोला- तो मैं आ जाऊं क्या?
भाभी ने भी इठलाते हुए कहा- आ जा..

हम दोनों मजाक और नॉटी बातें करते रहे. इसी तरह दो घंटे कब बीत गए … पता ही नहीं चला.

फिर भाभी ने मेरे से पूछा- मैंने सुना है कि आपकी बहुत सारी जीएफ हैं.
मैं- नहीं तो … मेरी बस एक जीएफ थी, जिससे भी ब्रेकअप हो गया.
वो बोलीं- क्यों?
मैं- बस ऐसे ही.
भाभी- तो आप लोगों की बात कहां तक पहुंची थी?
मैं- क्या मतलब … मैं समझा नहीं भाभी?
मैंने अंजान बनते हुए भाभी से पूछा.

भाभी- मतलब कुछ किया विया भी नहीं उसके साथ?
मैं हंस कर बोला- हां बस किस वगैरह किया था.
भाभी- अच्छा और अभी क्या कर रहे हो?
मैं- आपसे बात कर रहा हूँ … और आपसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
भाभी- क्यों ऐसा क्या बात है मुझमें?
मैं- आप बहुत अच्छी हो.
भाभी- अच्छा और बिना जीएफ के अच्छा लग रहा है.
मैं- नहीं … लेकिन कर भी क्या सकता हूँ.
भाभी- बोलो … अगर मैं आपकी कुछ हेल्प कर सकती हूँ, तो जरूर करूँगी.
मैं- आप मेरी जीएफ बन जाइए … क्योंकि आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
भाभी- क्या यह ठीक होगा?
ये बात सुनके मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया कि ये खुद मुझे चाहती हैं, तो मैंने जिद सी करते हुए बोला- भाभी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. प्लीज़ मेरी जीएफ जाइए ना!
भाभी- ओके ओके.

ये बात सुनकर तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरी लॉटरी लग गई हो. मैंने भाभी को थैंक्स बोला.
भाभी- अब तो आप खुश हो ना.
मैं- हां बहुत … आप कितनी अच्छी हो, मेरा तो किस्मत खुल गई आप जैसी जीएफ पा कर.
भाभी- ओके कल मैं आपके भैया के साथ अपनी माँ के घर जा रही हूँ, मैं वहां से आके आपसे बात करूँगी.
मैं- अच्छा किस के बाद क्या होता है … ये तो बता दीजिये ना.
भाभी- मैं वो सब वापस आ कर आपको प्रॅक्टिकल करवा के बताऊंगी कि किस के आगे क्या होता है.
इस लम्बी बात के बाद हमारे फोन बंद हो गए.

फिर सुबह हुई तो अब मैं उनके वापस आने का इंतज़ार कर रहा था.

कुछ दिन बाद भाभी वापस आईं और उसी दिन उनसे फोन पर बात हुई तो मैंने उनसे किस माँगा.
भाभी बोलीं- जब मुझको टाइम मिलेगा, तब मैं लाइव किस दूँगी.
मैंने भी ‘ठीक है..’ बोल दिया.
फिर रात हो गई … लेकिन उस दिन मुझको किस नहीं मिला.

भाभी से मेरी रोज फोन पर बात होने लगी. धीरे धीरे हम लोग नोन वेज जोक्स भी शेयर करने लगे. फिर हम दोनों फोन सेक्स भी करने लगे.
भाभी इठला कर फोन पर बोलतीं- मुझे चोद दो ना राजा.
मैं- अपनी चूत खोलो न भाभी, तभी तो चोदूँगा.
फिर भाभी अपनी चूत में उंगली करने लगतीं … और कुछ देर में झड़ जातीं.

इस तरह मात्र दस दिन में ही हम दोनों एक दूसरे के सेक्स करने को आतुर हो उठे.

अगले शनिवार के दिन भाभी का बहुत ज्यादा चुदने का मन हो रहा था … तो उन्होंने रात में जब सब सो रहे थे, तो भाभी ने अपना दरवाजा खोल कर मुझे अपने पास बुलाया. मैं तो उनके पास जाने को एकदम से तैयार था. मैं झट से पहुंच गया. भाभी मेरे लिप्स पर किस करने लगीं.

चूंकि रात थी … और ज्यादा हल्ला आदि करने से कोई भी जाग सकता था, इसलिए हम दोनों बस किस तक ही सीमित रहे. इस तरह हम लोगों का पहला मिलन सम्पन्न हुआ.

और इसे तरह अब रोज रोज हम लोग फोन सेक्स करते … अब हम दोनों से कंट्रोल नहीं हो रहा था.

फिर अचानक तीसरे दिन हम लोगों की मुराद पूरी हो गई. भाभी का कॉल आया और वो मुझसे बोलीं कि भैया एक दिन के लिए ऑफिस के काम से कहीं बाहर जा रहे हैं. वे आज रात में घर नहीं आएंगे. में आपको कॉल करूँगी, तो आप आ जाना, फिर रात में हम लोग सुहागरात मनाएंगे. पूरी रात चुदाई करेंगे … मैं जी भर के आपसे चुदूंगी.

कुछ देर बाद रात हो गई और भाभी का कॉल आया, वो बोलीं कि आ जाओ.
यह बात सुनके मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैं तुरन्त तैयार हो कर भाभी के घर चला गया. मैंने डोर बेल बजा दी.

अन्दर से एक परी सी हॉट ओर सेक्सी भाभी ने गेट खोला. आज वो गजब की कयामत ढा रही थीं. उन्होंने हल्के हरे रंग की साड़ी और काले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था. उनका ब्लाउज एक आम मात्र का ढक्कन था. ब्लाउज के नाम पर ब्रा टाइप के कपड़े से भाभी की आधी से अधिक पीठ दिख थी. मम्मे भी बाहर को निकल भागने को आतुर दिख रहे थे.

मैं भाभी के घर में अन्दर आ गया.
भाभी ने पूछा- क्या पियोगे टी, कॉफी या फिर कोल्ड ड्रिंक?
मैंने कहा कि आप तो चाय ही पिला दो भाभी मगर अपने दूध की चाय बनाना.
वो दुखी होकर बोलीं- अपना दूध कैसे निकालूंगी मैं?
मैं बोला- मैं निकाल दूँगा ना.

फिर भाभी हंसते हुए अपनी गांड मटकाते हुए किचन में चली गईं.
“उफफ्फ़ …” भाभी क्या माल लग रही थीं.

मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ तो मैं भी भाभी के पीछे किचन में चला गया. मैं भाभी की कमर को पकड़ लिया.
भाभी- अ..ह … उ … म …
वो मेरे स्पर्श मात्र से मचल गईं. कुछ देर मैं यूं ही भाभी को छेड़ता रहा और भाभी चाय बनाने में लगी रहीं.

फिर हम लोगों ने चाय पी ली.

उसके बाद मैंने भाभी को पकड़ कर किस करने लगा. मैं उनके होंठों पर मेरे होंठों को रख कर उन्हें चूमने लगा. भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं. हम लोगों का किसिंग का खेला 10 मिनट तक चला. इस बीच मैंने भाभी के दूध भी पकड़ लिए और दबाने लगा, जिससे भाभी और भी ज्यादा गर्म हो गईं.

फिर मैं ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. भाभी की मादक सिसकारियां निकलने लगीं. मैंने उत्तेजना में उनका ब्लाउज फाड़ दिया और ब्रा के ऊपर से उनके रसीले मम्मों को चूसने लगा. वाह भाभी के मम्मों का क्या मस्त स्वाद था … मज़ा आ गया. उनके मम्मों का आकार इतना मस्त था और स्पर्श का अहसास बिल्कुल मखमल के जैसे मुलायम था. भाभी के चुचे दबाने में मज़ा आ गया.

भाभी बोल रही थीं- आराम से राजा … आज मैं पूरी रात तुम्हारी हूँ … जो जी चाहे कर लो … मुझे रात भर खूब चोदो … गांड मारो, मेरी चुत को खा जाओ. … आज से मैं बस आपकी रांड हूँ.
मैंने भी झट से भाभी की साड़ी खोल दी.
क्या मदमस्त बॉडी थी.

मैंने भाभी को फिर से किस करना स्टार्ट कर दिया. इसी के साथ मैंने एक उंगली को उनकी चुत में घुसा दिया. वो गजब आवाज करने लगीं- छोड़ दो मुझेईई … आह डाल दो मेरी बुर में अपना लंड मोटा लंड.
भाभी मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाने लगीं और अपने मुँह में लेकर लंड चूसने लगीं. भाभी मेरा लंड लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं. वो मेरे लंड को समझो खा जाना चाहती थीं.

अब तक हम दोनों नंगे हो गए थे. इसके बाद हम लोग 69 की पोज़िशन में आ गए. मैंने भाभी की चुत चाटना स्टार्ट कर दी. मेरी जीभ का स्पर्श अपनी चूत पर पा कर भाभी की मादक सीत्कारें निकलने लगीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…

भाभी के मुँह से मादक और चुदासी आवाजें सुनकर मुझे बहुत जोश चढ़ रहा था. मैं भाभी की चुत को और भी ज़ोर जोर से अपनी जुबान से चाटने लगा. भाभी भी अपने दोनों हाथों से मेरा सिर अपने चुत में घुसाने लगीं. ऐसे मैंने करीब दस मिनट तक किया. अगले ही पल भाभी ने अपना पूरा शरीर अकड़ा दिया, वो झड़ गई थीं.

कुछ देर निढाल रहने के बाद भाभी बोलीं- अब और कितना तड़पाओगे … डाल दो अपना लंड मेरी चुत में राजा!
मैंने अपना लंड चुत पर सैट किया और धक्का लगा दिया. लंड घुसा तो भाभी जी चीख पड़ीं. शायद भाभी के पति का लंड मोटा नहीं रहा होगा.

मैंने एक और धमाकेदार धक्का लगा कर अपना पूरा लंड भाभी की चूत अन्दर डाल दिया. कुछ पल के दर्द के बाद भाभी भी अब अपनी गांड उठा उठा कर लंड के मज़े लेने लगीं. मैं धकापेल भाभी को चोदता रहा. दस मिनट बाद भाभी जी झड़ गईं. मैं लगा रहा और अगले दस मिनट बाद ही मेरे लंड को उल्टी आ गई और मैंने भाभी जी की चूत में माल निकाल दिया.

कुछ देर बाद फिर से तूफ़ान उठा और फिर चुदाई का खेल शुरू हो गया.

इस तरह पूरी रात में हम लोगों ने बहुत बार सेक्स किया, बहुत मज़ा आया.

दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी थी, इसलिए मैं आप सबके कमेंट्स का वेट करूँगा. प्लीज़ कमेंट्स जरूर कीजिएगा.
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