ऑफिस वाली लड़की को फिर से चोदा-1

हेलो दोस्तों, अन्तर्वासना की सेक्सी कहानियों में आपका स्वागत है. मेरी पहली सेक्स कहानी
ऑफिस गर्ल से रोमांस फिर चूत चुदाई
में अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपने ऑफिस में मेरे साथ ही काम करने वाली खूबसूरत लड़की को पटाया, फिर उसको चुदाई के लिए तैयार किया. धीरे-धीरे हम दोनों में बातें होने लगीं और एक दिन उसको मैंने चोद ही दिया.

उसकी चूत को चोद कर मैंने उसकी सील तोड़ दी. उस दिन पहली चुदाई में ही उसकी चूत सूज गई. जब वो उठी तो उससे उठा भी नहीं गया.

चुदाई करने के बाद मैं उसे उठाकर वाशरूम में ले गया क्योंकि उससे चला नहीं जा रहा था. वाशरूम में जाकर मैंने गीजर चालू कर दिया. जब तक पानी गर्म हुआ मैंने उसकी चुदी हुई चूत को मुआयना किया. उसकी चूत काफी सूजी हुई लग रही थी. चूत एकदम से लाल हो गई थी.

फिर मैंने नल चला कर देखा तो पानी गर्म हो चुका था. उसके बाद मैंने एक बाल्टी में गर्म और ठंडा पानी मिक्स किया. पानी का तापमान ऐसा बनाया कि जब उसकी चूत पर गिराऊं तो उसको कुछ राहत मिले.

गर्म पानी से मैंने उसकी चूत को धोया. उसकी चूत को अंदर तक साफ किया. जब भी गर्म पानी के छींटे उसकी चूत पर लग रहे थे तो उसकी चूत में दर्द हो रहा था.
मगर मैंने उसको कहा- एक दो बार ही दर्द होगा; उसके बाद तुम्हें आराम मिलना शुरू हो जायेगा.
उसने मेरी बात समझी.

फिर मैंने हैंड टॉवल लिया और उसको गर्म पानी में भिगो कर उसकी चूत पर रख दिया. जैसी ही उसकी चूत पर गर्म टॉवल रखा गया तो वो एकदम से मुझसे लिपट गयी. मेरा मन तो फिर से उसको चोदने के लिए करने लगा था लेकिन अभी वो ऐसी हालत में नहीं थी कि उसकी चूत को दोबारा से चोद सकूं.

काफी देर तक मैंने रेशमा की चूत की सिकाई की. उसकी चूत को तौलिये से पौंछ कर साफ किया. फिर मैंने उसको गोदी में उठाया और वाशरूम से बाहर ले आया. फिर हम दोनों साथ में लेट गये. अभी तक हम नंगे ही थे. बेड पर लेटे हुए मैं उसके जिस्म को निहार रहा था.

वो बोली- मुझे भूख लग रही है.
उसके कहने पर ध्यान आया कि भूख तो मुझे भी लगी हुई थी. मैंने बाहर से खाना ऑर्डर कर दिया. अभी भी हम दोनों नंगे ही लेटे हुए थे.

अब मैं दोबारा से उसके बगल में आकर लेट गया. हम दोनों बातें करने लगे. मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रखा हुआ था और उससे बातें भी किये जा रहा था. साथ ही उसकी चूचियों से खेल भी रहा था मैं. बीच-बीच में उसकी चूत को सहला भी देता था.
उसका बदन इतना सेक्सी था कि उससे नज़र हट नहीं रही थी. मैं उसके हर अंग को छेड़ रहा था. कभी उसके होंठों पर अपने अंगूठे को फेर देता था तो कभी उसकी चूत पर हाथ रख देता था.

शायद अब वो भी धीरे-धीरे फिर से गर्म होने लगी थी. अब मैंने अपना लेफ्ट वाला हाथ उसके सिर के पीछे कर लिया. राइट वाले हाथ से मैं उसकी नंगी चूत को सहलाने लगा. अब मेरी उंगलियां उसकी चूत की फांकों को छेड़ रही थीं. मेरा मन उसकी चूत में उंगली डालने का कर रहा था.

चूंकि कुछ देर पहले ही मैंने उसकी चूत को चोदा था. इसलिए उसकी चूत अभी भी फूली फूली सी लग रही थी. मगर सिकाई करने के बाद उसकी चूत के दर्द में कुछ राहत मिल गयी थी.

अब मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी. वो एक बार तो थोड़ा उचक गई मगर मैंने ज्यादा अंदर तक उंगली को नहीं घुसाया. उसकी चूत की फंकों को हल्के से अपनी उंगली से कुरेदने लगा.

मैंने साथ ही उसके होंठों पर होंठ भी रख दिये. मैं उसके होंठों को पीने लगा. पहले मैंने नीचे वाले होंठ को खूब चूसा. उसके बाद ऊपर वाले होंठ को चूसना शुरू किया.

रेशमा अब दोबारा से गर्म होने लगी थी. धीरे-धीरे गर्म होने के बाद अब उसकी जांघें फैल कर मेरी उंगली को अंदर तक जाने के लिए इशारा कर रही थीं. इसलिए मैंने उसकी चूत में उंगली पूरी घुसा दी.

अब मैं तेजी के साथ उसकी चूत में उंगली कर रहा था और उसके होंठों को चूसते हुए उसकी जीभ को खींच रहा था. उसकी जीभ की लार मेरे मुंह में जा रही थी. वो अब अपनी गांड को ऊपर नीचे हिलाने लगी थी.

चूत की हस्तमैथुन में उसको भी मजा आ रहा था. फिर उसने एकदम से एक जोर की सिसकारी भरी और उसकी चूत का पानी छूट गया. वो मेरे हाथों पर ही झड़ने लगी. जब मुझे अपने हाथों पर गीला सा महसूस हुआ तो मैं तुरंत उठ गया.

मैं एकदम से उठ कर तुरंत उसकी चूत को देखने लगा. उसमें से गाढ़े रंग का सफेद सा पानी टपक रहा था. देर न करते हुए मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को लगा दिया. मैं उसकी चूत से टपक रहे पानी को चाटने लगा.

उसका रस काफी गाढ़ा और मजेदार लग रहा था. मैंने उसकी चूत का रस चाट-चाट कर साफ कर दिया. फिर मैंने उसके तुरंत बाद ही उसकी चूत में जीभ अंदर घुसा दी. उसकी चूत में जीभ को पूरी घुसा कर अंदर तक कुरेदने लगा. फिर जीभ को बाहर निकालता और दोबारा से अंदर घुसा देता.

इस तरह से मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा. पांच मिनट के बाद ही रेशमा के मुंह से दोबारा से आवाजें निकलने लगीं. उसके हाथ मेरे सिर के बालों को सहला रहे थे और उसकी गांड हिलने लगी थी.

मैं भी तेजी के साथ उसकी चूत में जीभ को अंदर बाहर कर रहा था. अब वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी थी. पांच मिनट तक मैं ऐसे ही उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदता रहा.

चूत चुसाई होने के कारण अब वो बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी. वो जोर से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी. उसके मुंह आह्ह स्सस .. करके कामुक आवाजें आ रही थीं. मगर इस बार मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाह रहा था.

फिर मैंने उसकी चूत से मुंह को हटा लिया. जब मैंने मुंह हटाया तो वो जोर से हाँफ रही थी. उसकी चूत किसी गर्म भट्टी की तरह तप रही थी. फिर मैं उसकी नाभि को चाटने लगा.

धीरे-धीरे उसके पेट पर चूमते हुए मैंने उसकी चूचियों को मुंह में भर लिया. उसकी चूचियों को पीते हुए मैं उनको अपने हाथों से दबा भी रहा था. उसके निप्पल एकदम से खड़े होकर तन गये थे.

मैंने उसके निप्पलों को दांतों से काटना शुरू कर दिया. वो बेड की चादर को जोर से पकड़ कर खींचने लगी. अब नंगी जवान लड़की को तड़पता हुआ देख कर मेरे अंदर और ज्यादा जोश आ रहा था.

रेशमा ने भी मुझे बहुत तड़पाया था. जब मैंने उसको प्रपोज किया था तो उसने मुझे मना कर दिया. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और उसको पटाने की कोशिश करता रहा. नतीजा ये रहा कि आज वो मेरे सामने नंगी होकर बेड पर मेरे नीचे पड़ी हुई थी.

मैं उसको मदहोशी की हालत में ले जाना चाह रहा था. मैंने उसकी चूचियों को जोर से अपने हाथों से दबाया और उसकी चूचियों को पीते हुए उनका रस निचोड़ने लगा. वो बुरी तरह से तड़प उठी.

इधर मेरे लंड की नसें भी फटने को हो रही थीं. मेरे लंड में रक्त का प्रवाह इतनी तेजी से हो रहा था जितना कि इससे पहले मैंने कभी महसूस नहीं किया था. एक खूबसूरत जवान लड़की जब चुदाई के लिए तड़प रही हो तो किसी का भी हाल ऐसा ही हो सकता था.

मुझे मजा आ रहा था और रेशमा मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबा रही थी. कभी मेरे बालों को सहला रही थी. फिर मैंने उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. उसकी गर्दन को चूसने लगा. वो जोर से आहें भरने लगी.

अब मैं उसके होंठों पर आ गया. उसके होंठों को चूसने काटने लगा. उसके बदन का कोई हिस्सा ऐसा नहीं था जो मैंने अपने होंठों से चूसा या काटा न हो. वो लगातार मस्ती में मदहोश होते हुए कामुक आवाजें निकाल रही थी.

फिर वो उठी और उसने मुझे नीचे लिटा दिया. अब उससे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था. वो उठ कर मेरे पेट पर बैठ गयी. वो मेरी छाती पर किस करने लगी. मेरे निप्पलों को चूसने लगी.

मेरे शरीर में अजीब सा करंट दौड़ पड़ा. इससे पहले मैंने अपनी छाती के निप्पलों में ऐसी झनझनाहट कभी महसूस नहीं की थी. वो मेरी छाती के निप्पलों को काटने लगी. मुझे भी मजा आने लगा. मेरा लंड उसकी गांड पर टकरा रहा था.

रेशमा मुझे ऐसे चूस रही थी जैसे वो मेरे बदन को जैसे खा जाना चाहती थी. फिर उसने मेरी गर्दन को चूसना शुरू कर दिया. उसके बाद वो मेरे होंठों को खाने लगी. मेरे निचले होंठ को काटने लगी. उसकी सांसें बहुत गर्म हो चुकी थीं. उसकी चूचियां मेरी छाती पर आकर टिक गयी थीं.

वो थोड़ा सा नीचे खिसक गयी जिससे कि उसकी चूत मेरे लंड से टकराने लगी. अब वो दोबारा से नीचे की तरफ बढ़ी. उसने मेरी छाती पर किस किया. मेरे पेट पर चूमते हुए मेरी नाभि में अपनी जीभ को घुसाने लगी.

मैंने कभी सोचा नहीं था कि लड़की भी किसी मर्द के जिस्म की इतनी प्यासी हो सकती है. वो काफी देर तक मेरे पेट पर चूमती रही. मुझे मजा भी आ रहा था और गुदगुदी सी भी हो रही थी. मैं भी उसकी सेक्स क्रीड़ा का आनंद ले रहा था.

वो थोड़ी सी और नीचे की तरफ आई. उसने मेरी नाभि और झांटों वाले एरिया के बीच में किस किया. अब उसकी चूचियां मेरे लंड पर थीं. मेरा लंड उसकी चूचियों के बीच में आ गया था. मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूचियों के बीच में हिलाते हुए रगड़ रहा था.

इतना मजा मुझे इससे पहले कभी नहीं आया. मुठ तो बहुत मारी थी लेकिन किसी जवान सेक्सी नंगी लड़की के जिस्म पर लंड को छुआने का आनंद अलग ही होता है. इस अहसास का अंतर मुझे आज अच्छी तरह से पता लग पा रहा था.

उसके बाद वो नीचे की तरफ आ गयी. मेरे लंड को उसने अपने हाथ में पकड़ लिया और उसको देखने लगी. मैं भी उसको देख रहा था कि उसका अगला कदम क्या होने वाला है. वो मेरे लंड को सुपाड़े को बड़े ही ध्यान से देख रही थी.

इससे पहले शायद उसने किसी मर्द का लंड इस तरह से इतने करीब से नहीं देखा था. मैंने उसकी चूचियों को छेड़ा तो वो मेरी तरफ देखने लगी. मैंने उसको लंड चूसने का इशारा किया. उसने कुछ प्रतिउत्तर न दिया.

फिर अचानक से ही उसने मेरे लंड के सुपारे पर अपने होंठों से चूम लिया. मेरी सिसकारी निकल गई. फिर उसने अपने मुंह को खोल लिया और बड़े ही प्यार से मेरे लंड पर अपने होंठों को रखते हुए मेरे लंड के सुपाड़े को मुंह में अंदर ले लिया.

मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी. मुझसे रुका न गया और मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपने लंड पर दबा दिया. मैंने पूरा लौड़ा उसके मुंह में घुसा दिया. मगर रेशमा ने एकदम से मेरी पकड़ से छूटते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल दिया और मेरी तरफ गुस्से से देखा. वो शायद जबरदस्ती पसंद नहीं कर रही थी. इसलिए मैंने भी अब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

मैंने पूछा- क्या हुआ जान?
वो बोली- जाओ, मुझे अब चूसना ही नहीं तुम्हारा लंड.
मैंने पूछा- मगर हुआ क्या?
वो बोली- जब मैं खुद सब कुछ कर रही हूं तो तुम्हें इतनी जल्दी क्या पड़ी है.

रेशमा अब नखरा करने लगी. मैं उसको समझाने की कोशिश करने लगा. चूंकि मेरा यह पहला एक्सपीरियंस था किसी लड़की को लंड चुसवाने का इसलिए मैंने जल्दबाजी कर दी.
मगर करता भी क्या … जब उसने मेरे लंड के टोपे को मुंह में लिया तो मुझसे रुका ही नहीं गया. मन कर रहा था कि बस पूरा का पूरा लंड जड़ तक उसके मुंह में घुसेड़ दूं और सारा माल उसको पिला दूं.

उत्तेजना में मैं भूल गया था कि हम दोनों की ये पहली चुदाई है. बड़ी मुश्किल से तो मैंने उसको पटाया था. इसलिए मैं अब दोबारा कोई गलती नहीं करना चाह रहा था.
मैंने उससे कहा- अगर तुम्हें बुरा लगा हो तो सॉरी. मगर जब तुमने मेरे पेनिस को सक करने के लिए अपने मुंह में लिया तो मुझसे रहा न गया.
फिर मैंने बात को टालते हुए उसका ध्यान दूसरी तरफ खींचने की कोशिश की ताकि वो दोबारा से लंड चुसाई करने के लिए तैयार हो जाये.

उससे मैंने पूछा- क्या तुमने इससे पहले भी किसी का पेनिस मुंह में लेकर सक किया है क्या?
वो बोली- नहीं, इससे पहले मैंने कभी ऐसा नहीं किया था.
मैंने कहा- तो फिर मेरे साथ ऐसा क्या हो गया?
वो बोली- तुमने मुझे बहुत एक्साइटेड कर दिया था इसलिए मैंने सोचा कि मैं भी तुम्हें थोड़ा मजा दूं.

मैंने कहा- ओके बाबू, मैंने तुम्हारे मुंह में लंड घुसेड़ दिया उसके लिए सॉरी. अब तुम जैसे आराम से करना चाहो वैसे कर दो.
वो बोली- नहीं, मुझे करना ही नहीं है अब.
मैंने रिक्वेस्ट करते हुए कहा- प्लीज बाबू … एक बार और मुंह में ले लो. बहुत मन कर रहा है.

रिक्वेस्ट करते हुए मैं बोला- प्रोमिस करता हूं कि मैं तुम्हें हाथ भी नहीं लगाऊंगा. जैसे तुम्हारा मन करे वैसे कर दो. लेकिन अब ऐसे बीच में मुझे तड़पता हुआ मत छोड़ो.
वो बोली- और जो तुम मुझे तड़पा रहे थे उसका क्या?
मैंने कहा- तो तुम्हें मजा नहीं आया क्या मेरे ऐसा करने से?
उसने कहा- मजा आया था तभी तो तुम्हें मजा दे रही थी.

हंसते हुए मैंने कहा- ओके, सॉरी. अब कितना और तड़पाओगी. प्लीज जानू… एक बार और … प्लीज … अब तो कर दो.
मैंने उसको तीन-चार सॉरी बोला और दोबारा से उसको अपना लंड मुंह में लेने की रिक्वेस्ट की.

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
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