जीजू और दीदी की अदला बदली कर चुदाई-18

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

जीजू और दीदी की अदला बदली कर चुदाई-17

जीजू और दीदी की अदला बदली कर चुदाई-19

अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि मैं अपनी बहन चित्र को चोद रहा था, तभी मेरे डैड का फोन आया और उन्होंने दीदी से मेरी शादी की बात की.

आलिया से मेरी शादी होना तय हो गई थी. इसके बाद मैंने अपनी दीदी की पूरी चुदाई की और हम दोनों झड़ गए.

अब आगे..

मैंने दीदी के ऊपर से हटकर कंडोम निकालकर डस्टबिन में फेंक दिया और दीदी के पास लेट गया. हम दोनों एक दूसरे से चिपककर सो गए. जब मैं दीदी को चिपककर लेटा था, तब मुझे अलीना की हॉट फिगर नजर आ रही थी. अलीना को एक बार तो चोदना है. इनमें दो दिन में अलीना को किसी भी तरह से पटाना है ताकि मैं अपने लंड को उसकी चुत में डाल सकूं.

करीब छह बजे दीदी ने तैयार होकर मुझे उठाया. उन्होंने अभी शॉर्ट और टी-शर्ट पहनी हुई थी.

मैं- क्या हुआ?
चित्रा- अविनाश का कॉल था, वो सभी सेंड बैंक ट्रिप पर जा रहे हैं, तो जल्दी से तैयार हो जाओ.

मैं खड़ा होकर बाथरूम में जाने लगा और उसी समय दीदी की गांड पर एक चपत लगा दी. दीदी हंस कर मुझे मना करने लगीं. करीब बीस मिनट बाद मैं भी तैयार हो गया. मैंने इस समय शर्ट और नीचे से शॉर्ट पहनी थी. फिर हम दोनों बाहर आ गए और हम दोनों चलकर बीच पर आ गए. उधर वो तीनों जोड़े सेंड बैंक का आनन्द ले रहे थे. लेडीज अलग थीं और जैन्टस अलग बैठे थे. मैं जीजा जी के पास जाकर बैठ गया. मैंने शादी वाली बात जीजा जी को बता दी, तो जीजा जी भी इसके लिए राजी थे.

मेरी ये बात सबने सुन ली थी.

नीरज- बधाई.
मैं- थैंक्स.

आकाश ने मजाक करते हुए कहा- राज सुहागरात के रात हम तीनों को जरूर बुलाना, हम साथ मिलकर आलिया को पेलेंगे.
मैं- शटअप.
अविनाश ने मजाक करते हुए कहा- अभी तो उसे मैं पेल रहा हूँ.
मैं- क्या जीजा जी आप भी ना.
अविनाश- हम मजाक कर रहे हैं यार.. उस दिन तुम ही मेरी बहन आलिया को पेल लेना.

ऐसे हम चारों मजाक मस्ती करते हुए हंस रहे थे, तो उधर वो चारों भी हंस रही थीं. हम बहुत देर से बात कर रहे थे, तभी लेडीज खड़ी होकर चली गईं. उनके पीछे हम चारों भी जाने लगे. तभी एक दोस्त का फोन आ गया है, इसलिए मैं वहीं पर रुक गया.

करीब पांच मिनट दोस्त से बात करने बाद कॉल कट गया. फोन रखते ही अलीना और जेसन दोनों मेरे पास आ गए.

अलीना- क्या हम इधर बैठ सकते हैं?
मैं- जरूर.

वो दोनों एक साथ बैठ गए और हम तीनों इधर-उधर की बातें करने लगे. शायद अलीना भी मुझे लाइक करती थी. तभी जेसन को किसी का कॉल आ गया और वो किसी काम से चला गया.

हम दोनों वहां बैठकर बात कर रहे थे. मुझे अलीना को देखकर अभी ऐसा मन कर रहा था कि अभी अलीना को चोद डालूं.

अलीना- वैसे यह सभी तुम्हारे दोस्त हैं?
मैं- हां.
अलीना- राज मैंने तो अपने पति से तुम्हारा परिचय करवा डाला, तुम कब अपनी वाइफ से परिचय करवा रहे हो.
मैं- जल्द ही.

मैं अलीना की बात से में विचार में पड़ गया क्योंकि अलीना मुझे दीदी के साथ देखा है. अलीना जिसको मेरी बीवी समझ रही है, वो मेरी बहन है. मेरी होने वाली बीवी अभी किसी और की गर्लफ्रेंड है. अब यह सच तो मैं अलीना को नहीं बता सकता था, इसलिए अलीना की नजर में अभी दीदी को ही अपनी बीवी बनाना ठीक रहेगा. बाद में सही मौका देखकर सच बता दूंगा.

हम दोनों बात करने में मशगूल थे. तभी मेरे फोन पर चित्रा दीदी का फोन आया. वो खाना खाने के लिए मुझे बुला रही थीं.

हम दोनों खड़े होकर साथ में रिसॉर्ट में चले गए. वो अपने कमरे में चली गई और मैं उन लोगों के पास आ गया. इस दौरान हम दोनों ने अपने फोन नंबर शेयर कर लिए थे. मैं चित्रा दीदी के पास बैठ गया और हम सभी मिलकर खाना आर्डर करने लगे.

अविनाश- यहां पर सभी को मजा तो आ रहा है न!
नीरज- हां बहुत ज्यादा.
आकाश- किसमें मजा आने की पूछ रहे हो अविनाश? इधर घूमने में या अपनी नई गर्लफ्रेंड को पेलने में?
नताशा- क्या आकाश.. तुम किधर भी शुरू हो जाते हो.
अविनाश- सबसे ज्यादा मजा तो राज कर रहा है. शादी भी फिक्स हो गई और नई गर्लफ्रेंड के साथ पूरा दिन मजा कर रहा है.
मैं- जिसके साथ शादी फिक्स हुई है, उसके साथ तो आप मजा कर रहे हैं.
आलिया- अविनाश शायद जलन हो रही है.
जिया- अच्छा भाई से सीधा अविनाश.
आलिया- अभी तो भाई मेरे ब्वॉयफ्रेंड हैं.. इसलिए मैं उनको उनके नाम से बुला रही हूँ.
आकाश- जिया तुम भी मुझे आकाश कहकर बुलाना.
नताशा- ओके नीरज.. अब तो तुम भी मुझे आज नताशा कहकर बुला सकती हो.
अविनाश- चित्रा तुम क्यों चुप हो.
चित्रा- अब तुम लोग बोल रहे हो, तो मैं क्या बोलूं?

तभी हमारा खाना आ गया और हम खाना खाते हुए बात करने लगे. आधे घंटे बाद हमारा खाना हो गया था. अब बारी थी कमरे में जाकर घमासान चुदाई की.. जिसके लिए हम बिल्कुल तैयार थे. लेकिन उससे पहले हम सभी रिसॉर्ट के बाहर खुले आसामान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में साथ बैठकर ड्रिंक्स कर रहे थे. अभी आठ लोग को डिस्टर्ब करने के लिए कोई नहीं था. इस समय शायद अलीना और जेसन दोनों कमरे में चुदाई का आनन्द ले रहे थे.. मतलब जेसन शायद अभी अलीना को पेल रहा होगा. वैसे यह सिर्फ मेरे मन का ख्याल था.. क्योंकि मैं अलीना को चोदना चाहता था.. इसलिए मुझे उसकी याद आ रही थी. अलीना के बारे में सोचकर मेरे अन्दर खलबली मच गई.

अविनाश- चलो एक खेल खेलते हैं.
आकाश- कैसा खेल?
अविनाश- आज हम अपनी पार्टनर के बारे में बताएंगे, वो भी सिर्फ चुदाई के समय के बारे में.
नताशा- यह कोई खेल थोड़ा है.
नीरज- मुझे तो कुछ समझ नहीं आया.
अविनाश- मतलब तुम्हें नताशा के बारे में बताना है.
मैं- सबसे पहले कौन बोलेगा.
अविनाश- मैं ही शुरूआत करता हूं.
मैं- ओके डन.
अविनाश- आज मेरी प्यारी बहन आलिया मेरी गर्लफ्रेंड है. आलिया की कातिलाना स्माइल दिमाग में खुशी पैदा कर देती है. आलिया जब चलती है, तब उसकी गांड को देखकर दिल की धड़कन बढ़ जाती है.

ये सुनकर आलिया थोड़ा शर्मा गई और हम सब धीमे से मुस्कराने लगे. जीजाजी अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहने लगे.

अविनाश- आलिया के होंठों को किस करने पर ऐसा लगता है कि मानो मैं किसी अप्सरा को किस कर रहा हूं. आलिया जब अपने कपड़े उतारती है, तब मेरा लंड एकदम से तन जाता है. आलिया के मम्मों को दबाने में बहुत मजा आता है.. और उससे भी ज्यादा मजा उसको चोदने में आता है. आलिया जब नग्न अवस्था में बेड पर लेटी होती है.. तब ऐसा लगता है कि दिशा पाटनी चुदने के लिए लेटी हो. आलिया जब चुदते समय कामुक आवाजें करती है, तब मेरा जोश और ज्यादा बढ़ जाता है.
मैं- हम्म.. अब आलिया तुम्हारी बारी है.
आलिया- थैंक्स अविनाश. मैंने कभी स्वपन में भी नहीं सोचा था कि मैं अपने भाई के साथ सेक्स करूंगी. जब पहली बार मैंने अविनाश को नग्न अवस्था में देखा था, तब मुझे अन्दर से अजीब लग रहा था. भाई दिखने में तो बड़े शरीफ लग रहे थे, लेकिन जब वो मेरी चुदाई करते हैं.. तो ऐसा लगता है मानो पोर्नस्टार मुझे चोद रहा हो. सबसे ज्यादा भाई मेरी गांड पेलते हैं.
चित्रा- हां ये तो है.. गांड मारने में सभी मर्दों ने पीएचडी की हुई है.

चित्रा दीदी के मुँह से ये सुनकर सब हंसने लगे.

अब बारी थी नीरज की, इसलिए वो अपनी बहन नताशा के बारे में सोच रहा था.

नीरज- नताशा जब मुस्कराती है.. तब ऐसा लगता है कि मानो कैटरीना कैफ मुझे सेक्सी स्माइल दे रही हो. दीदी के चूचे देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है. जब मैं दीदी के होंठों को चूमता हूँ.. तब मैं अपना होश खो देता हूँ. दीदी की चुत को देखकर मेरा दिल जोरों से धड़कने लगता है. दीदी जब मेरा लंड चूसती हैं.. तब मुझे बहुत अच्छा लगता है और उससे भी ज्यादा मजा दीदी की चुत चुदाई करने में आता है.
आकाश- नताशा अब तुम्हारी बारी है.
नताशा- पता है मुझे.

ऐसे सभी एक दूसरे के पार्टनर के बारे में बताते हुए मजा लेते रहे. अब हम दोनों भाई-बहन की बारी थी.

मैं- मेरी दीदी जब मुस्कराती हैं, तब मुझे बहुत अच्छा लगता है. पहले तो मैंने कभी गौर से दीदी की फिगर के बारे में नहीं सोचा था.. लेकिन जब पहली बार चित्रा दीदी मेरे सामने नग्न अवस्था में थीं, तब मेरा लंड एकदम लोहे के सरिये की तरह टाइट हो चुका था. जब पहली बार मैंने चित्रा बहन के मम्मों को अपने हाथ में लेकर सहलाये, तब ऐसा लग रहा था कि पूरी रात बस दीदी के मम्मों को दबाता रहूँ. दीदी के नग्न फिगर को देखकर मेरे अन्दर की हवस पूरी तरह से बेकाबू हो जाती है. दीदी की चुत में जब पहली बार मेरा लंड गया था, तब अजीब सा आनन्द मिल रहा था.. मानो मैंने पहली बार तमन्ना भाटिया के साथ सेक्स किया हो. सबसे ज्यादा मुझे मजा आया, जब मैं पहली बार दीदी की गांड मार रहा था और दीदी दर्द के मारे चिल्ला रही थीं.

अविनाश- चित्रा अब तुम्हारी बारी.

चित्रा- राज दिखने में सुंदर और हैंडसम है और साथ में बहुत फिट भी है. जब मैंने पहली बार नग्न अवस्था में देखा तब अन्दर से मुझे अजीब फीलिंग हो रही थी. जब मैंने पहली बार राज का लंड देखा, तब मुझे थोड़ा झटका सा लगा कि राज का लंड अविनाश के लंड से भी बड़ा है. उस समय मेरे सामने आलिया पहली बार मेरे भाई राज से चुदने वाली थी.. पता नहीं राज आलिया का क्या हाल करेगा. जब राज आलिया को धनाधन चोद रहा था और वो चिल्ला रही थी, तब मुझे अन्दर से थोड़ा डर लग रहा था कि इससे चुदकर मेरा क्या हाल होगा. अब तक मैंने कभी अविनाश से भी अपनी गांड नहीं मरवाई थी और जब राज ने मेरी कुंवारी गांड में लंड घुसाया था, तब ऐसा लग रहा था कि किसी घोड़े का लंड मेरी गांड में घुस गया है. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरा भाई मेरी गांड को बेरहमी से चोद रहा था. वो वैसे तो पहले एकदम जैन्टलमेन लगता है.. लेकिन जब चुदाई करता है, तब मानो साला पूरा जानवर बन जाता है.

मैं दीदी के मुँह से अपने बारे में सुनकर मस्त हो रहा था और मुझे दीदी के रूप में अलीना दिख रही थी.

हम सभी एक दूसरे की बात सुनकर मुस्करा रहे थे और फिर पैग मारने में लग गए. अब मेरा मन चुदाई का हो रहा था, इसलिए मैं खड़ा हो गया. मैंने अपनी बहन चित्रा को सबके सामने दोनों हाथों से उठाया और सबको गुड नाइट कहकर चला गया.

दोस्तों चुदाई का मजा अभी और भी आना बाकी है. इस मस्त सेक्स कहानी को अगले भाग में आगे पूरे विस्तार से लिख कर आपके लंड चुत गरम करूंगा. तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.

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कहानी जारी है.