हिंदी सेक्सी कहानी ममेरी बहन की नदी के किनारे चुदाई की

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रवि है और मेरी उम्र 28 साल है. मैं उ.प्र. के बरेली शहर का रहने वाला हूं.

मैं XXXVasna का एक नियमित पाठक हूँ. यह मेरी साइट पर पहली सच्ची सेक्स कहानी है, जो मेरे साथ हुई.

इस सेक्स कहानी में आपको जानकारी मिलेगी कि कैसे मैंने अपनी ममेरी बहन की चूत चुदाई की.

ये रसीली कहानी पढ़कर मजा लीजिए. ये पोर्न कजिन सेक्स स्टोरी आज से 4 साल पहले की है.

इस कहानी की शुरूआत मेरे मामा के घर से हुई थी. मेरे मामा गांव में रहते थे. मेरे मामा गांव में खेती करते हैं और वो खरबूज और तरबूज की खेती भी करते थे.
गांव में घर के पास ही एक नदी थी, जो घर से 5 मिनट की दूरी पर थी.

उस समय मैं अपने मामा के घर गया हुआ था.

हम लोग नदी में जाकर बहुत मस्ती करते थे, नदी में नहाते थे और नहाते समय साथ में नहाने वाली किसी भी लड़की के चूत में उंगली कर देते थे.

चूंकि हम लोग पानी के अन्दर जाकर नीचे नीचे तैरते थे और जिधर भी लड़की दिखती थी, उधर ही जाकर मजे लेने लगते थे.

एक दिन मैं, मेरी ममेरी बहन और उसकी छोटी बहन … हम तीनों ही नदी में नहाने गए थे.
नहाते वक़्त मैं अपने मामा की लड़की के पास ही नहा रहा था और जानबूझ कर उसके पास ही तैर रहा था.

मैं नहाते समय जानबूझ कर उसकी कमर और दूध पर हाथ लगा रहा था. वो भी ये सब करवा कर मजे ले रही थी.

फिर मैंने पानी के अन्दर से ही उसकी गांड में उंगली कर दी और हंसने लगा.
वो भी हंस दी.

अब वो भी मेरे बिल्कुल करीब आकर नहाने लगी थी, शायद वो और मजे लेना चाह रही थी.

उसने मेरे पास आकर पानी के अन्दर ही से मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर दबा दिया.
मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसने आंख दबा दी.

अब मैं भी उसके पास जाकर उसको पकड़ने लगा और उसे अपनी गोद में उठाने के बहाने से अपना लंड उसकी गांड में अन्दर करने लगा.

जब वो हंस कर मचली तो मैंने उसके दूध दबा दिए.

वो मस्त होने लगी. उसकी नजरों में वासना दिखने लगी थी.
मुझे भी ये सब करने में मजा आ रहा था.

हम दोनों कुछ देर यूं ही एक दूसरे के लंड चूत से खेलते रहे और मस्ती करते रहे.
एक तरह से मेरी बहन मुझसे सैट हो गई थी.

उसी के साथ उसकी छोटी बहन भी मस्ती कर रही थी.

मैंने उसे भी पकड़ने के बहाने पकड़ना चाहा तो वो भी हंस कर मुझसे मस्ती करने लगी.
मगर मैं उसकी चूत या चूची नहीं दबा पाया था.

फिर नहाने के बाद नदी किनारे ही मामा ने तरबूज की खेती की थी, हम वहां गए.

वहां पर ही मामा ने रात में रुकने के लिए या आराम करने के लिए एक झोपड़ी बना रखी थी.
हम तीनों ही उस झोपड़ी में जाकर खेलने लगे.

मुझे शुरू से ही सेक्स का चस्का लगा हुआ था और मैं आज अपनी बहन की चूत चोदना चाह रहा था.

चूंकि वो मुझसे सैट हो गई थी तो मैंने खेलते खेलते ही अपना खड़ा लंड पैंट से निकाल लिया और उन दोनों को दिखाने लगा.
वो दोनों ही मेरा खड़ा लंड देख कर हंसने लगीं.

मैंने सोचा कि लगता है आज चूत मिल जाएगी, पर यहां तो और उल्टा हो गया.

पहले छोटी बहन ने नाराजगी जाहिर की.
फिर उन दोनों ने ही यह कह कर मेरी गांड फाड़ दी- तुम गंदी हरकत कर रहे हो, अब हम मम्मी से कहेंगे.

ये सुनकर मेरे तो तोते उड़ गए.
कहां तो मैं इन दोनों की चूत चोदने की सोच रहा था और अब मेरे ही लौड़े लगने वाले हैं.

फिर मैंने कहा- तुम्हें नहीं देनी है तो मत दो, पर घर पर किसी से मत कहना.

मेरी इस बात पर वो दोनों मेरे लंड को देखती हुई बोलीं- पहले अपने लंड को अन्दर करो, फिर हम किसी से नहीं कहेंगी. आज के बाद दोबारा ऐसा नहीं करना.

मैं मन मारते हुए हां कहने लगा … पर वो दोनों अब भी हंस रही थीं.

फिर मामा की छोटी लड़की झोपड़ी से निकल गई और केवल हम दोनों ही अन्दर रह गए.

उसके जाते ही बड़ी लड़की मुस्कुराने लगी.
अब मेरे दिमाग कि बत्ती जली कि मैंने नहाते समय तो बड़ी वाली की गांड में उंगली की थी.

ये साली छोटी वाली के सामने मेरी गांड फाड़ रही थी.

ये सब मेरे दिमाग में आया तो मैंने फिर से हिम्मत करके बड़ी लड़की से चूत देने के लिए कहा.

वो इतरा कर बोली- अभी नहीं, फिर कभी दूंगी.

उसी बात सुनकर मैं समझ गया कि बंदी चुदने के लिए राजी है.

मैंने बाहर जाकर देखा, तो छोटी बहन घर जा चुकी थी. मैंने मन बना लिया कि जब इसका मन है ही, तो आज ही इसकी चूत चोद ली जाए.

मैं जल्दी से अन्दर गया और उससे कहा- देख, अब तो कोई भी नहीं है. तू अभी ही दे दे, बाद का पता नहीं.

पहले तो वो मना करती रही कि नहीं, अभी कोई आ जाएगा, बाद में कर लेना.

उसकी इन सब बातों से मैं भी समझ चुका था कि ये अभी चुदने को तैयार है बस नानुकर कर रही है.
इसी बात का फायदा उठाकर मैंने उसे पीछे से बांहों में भर लिया और उसके दूध दबाने लगा.

थोड़ी देर दूध दबाने के बाद मैंने उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रखा और चूत सहलाने लगा.

उसे भी चूत और दूध दबवाकर मजा आने लगा.
उसने अपनी तरफ से कुछ भी करने की कोशिश नहीं की और न ही मुझे चूत दूध सहलाने से मना किया.

मैं पीछे से उसकी गर्दन पर किस करने लगा.
साथ ही उसके दूध और जोर से दबाने लगा; उसकी सलवार के अन्दर हाथ डालकर चूत में उंगली भी करने लगा.

इस सबसे ही वो इतनी गर्म होने लगी कि वो चारपाई पर लेट गई.
वो लेटी, तो मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दूध दबाते हुए किस करने लगा.

मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
अब तक मेरा लंड पूरा लोहे की रॉड बन चुका था.

मैंने अपनी पैंट उतार कर अपने लंड को उसके हाथ में दे दिया.

वो मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी और मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने अपना लंड उसके मुँह की तरफ कर दिया.
पहले तो वो मना कर रही थी मगर मैंने अपने हाथ से पकड़कर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और अन्दर बाहर करने लगा.

धीरे धीरे मैं उसके मुँह में लंड को अन्दर बाहर करता.

कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा लंड चूसने लगी.

मैंने अपना लंड का रस उसके अन्दर ही छोड़ दिया.
उसने भी माल चाट लिया.
वो मेरे मुरझाए हुए लंड को चूसती रही.

मुझे अपनी बहन से अपना लंड चुसवाकर जन्नत का मजा आने लगा.

मेरा लंड उसके मुँह में था तो फिर से कड़क होने लगा था.

फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकालकर, उसकी सलवार निकाल दी और उसके कमीज को ऊपर करके उसके मस्त दूध चूसने लगा.

इससे वो और भी गर्म होती जा रही थी और मेरे सर को अपने हाथों से अपने सीने में दबा रही थी.

मैं उसके दूध चूसने के बाद उसके पेट पर किस करते हुए उसकी चूत की तरफ जाने लगा.
मैंने अपने होंठ उसकी गीली चूत पर रख दिए और उसकी चूत को पूरा भर कर चूसने लगा.

मैं अपनी बहन की चूत के दोनों होंठों को अपने दांतों से दबा कर पूरा काट भी ले रहा था.
इससे उसे बहुत मजा आ रहा था. वो भी मेरा सर अपनी चूत में दबाए जा रही थी और अपनी चूत चटवाकर मजा ले रही थी.

उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और अब मैंने देर न करते हुए अपना लंड उसकी गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.

वो कहने लगी- अब देर न कर … जल्दी से चोद दे … जल्दी से अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दे.

मैंने भी देर न करते हुए अपना पूरा 6 इंच का मोटा लंड उसकी चूत की फांकों के बीच में रख कर हल्का सा अन्दर दाब दिया.
लंड का सुपारा चूत की फांकों को चीरता हुआ अन्दर चला गया.

मेरे मोटे लंड के कारण उसे थोड़ा दर्द होने लगा पर उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि अब मेरा लंड का सुपारा उसकी चूत के अन्दर बाहर होने लगा था.

मैं धीरे धीरे करके अपना लंड अन्दर करता जा रहा था.

थोड़ी देर के दर्द बाद मेरा पूरा मोटा लंड उसकी गीली चूत में अन्दर घुस गया.
अब वो कहने लगी- अन्दर बाहर करो.

मैं भी पूरे जोश में उसकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

अब मैंने उससे पूछा- तू पहले भी लंड ले चुकी है क्या?
वो बोली- तू आम खाने से मतलब रख … पेड़ न गिन.

मैं समझ गया कि साली पहले से ही खेली खाई है.

फिर भी मैंने पूछा- अब तक कितनी बार ले चुकी है.
वो बोली- मेरी चुत को कोई तीसरी बार चोद रहा है.

अब हम दोनों को ही चुदाई में मजा आने लगा.
मैं अपना पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए अपनी बहन को धकापेल चोदने लगा.

थोड़ी देर की चूत चुदाई के बाद ही मैंने उसे अपने ऊपर बैठकर चुदने को कहा.
उसने हामी भर दी.

मैं नीचे लेट गया और उसे अपने लंड के ऊपर बैठाकर चोदने लगा.
वो भी पूरे मजे में लंड को अपनी चूत में अन्दर लेती हुई अन्दर बाहर करने लगी.

थोड़ी देर ऐसे ही चुदने के बाद ही वो झड़ गई और नीचे आकर लेट गई.

पर मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और उसके पीछे से जाकर उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा.

वो फिर से चार्ज हो गई थी और गांड हिलाती हुई चूत चुदाई का मजा ले रही थी.

थोड़ी देर की चूत चुदाई के बाद उसे कुछ ज्यादा ही मजा आने लगा और वो मजा लेकर और आवाजें निकलती हुई चूत चुदाई करवाने लगी.

मैंने उससे फिर से अपने ऊपर आने को कहा और अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर नीचे लेट गया.
मैं उसकी चूत में नीचे से धक्के लगाने लगा.

अब मुझे भी चुदाई करते हुए काफी देर हो चुकी थी और मुझे ऐसे में मजा भी बहुत आ रहा था तो मेरा लंड अपनी पिचकारी छोड़ने की तैयारी में था.

मैंने कहा- बस मेरा होने वाला है.
वो भी कहने लगी- मैं भी झड़ने वाली हूँ … जल्दी से कर लो, नहीं तो कोई आ जाएगा.

मैं अपने लंड को उसकी चूत में तेजी से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चुदाई करने लगा.
तभी वो अपना बदन ऐंठाती हुई झड़ गई.

उसी चूत की गर्मी से मेरा लंड भी पिघलने वाला हो गया था.
मैंने उसे जल्दी से सीधी लेटने को कहा.

वो टांगें खोल कर लेट गई. मैं उसके ऊपर आकर उसकी चूत में लंड डालकर धकापेल चूत चुदाई करने लगा.
झड़ते समय मैंने अपना लंड चूत से बाहर खींच कर अपना सारा माल उसके पेट पर गिरा दिया.

लंड का पानी निकला तो मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और उससे चुसवाने लगा.
उसने लंड साफ कर दिया और हम दोनों भी वहां से घर आ गए.

इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता, हम दोनों चुदाई कर लेते.
उसके बाद छोटी बहन की चूत किस तरह से चोद पाया, वो सेक्स कहानी में अगली बार लिखूँगा.

तो दोस्तो, ये थी मेरी पोर्न कजिन सेक्स स्टोरी. पढ़कर जरूर बताएं कि आपको कैसी लगी.