सेक्सी माल और उसकी माँ को चोदा साथ में

मैं जयपुर का रहने वाला हूं. घर में अपने माता पिता और बड़े भाई के साथ रहता हूं. वैसे तो मैंने बहुत सी चूतों का सुख भोगा है लेकिन ये घटना मेरे जीवन की सबसे अजीब घटना है.

बात 2 साल पूर्व की है जब मैं 12वीं कक्षा में था. मेरी उम्र उस समय 19 वर्ष थी. मुझे कम उम्र से ही अपने लंड को मालिश करने का शौक था.

मैंने अपने लंड को बहुत रगड़ा था जिसके कारण उसका आकार और बनावट बहुत अच्छी हो गई थी.

एक दिन मेरी क्लास के सभी दोस्त बाथरूम में कुछ कर रहे थे.
तब मैं वहां गया तो वो सभी एकदम से डर से गए.

जब मैंने पूछा कि क्या कर रहे हो तुम लोग तो उन्होंने जो जवाब दिया उसे सुनकर मुझे हंसी आ गई.
वो सभी आपस में एक दूसरे को अपना लंड दिखा रहे थे.

उनमें से मेरा एक दोस्त सनी भी था जो मेरी ही उम्र का था.
वो देखने में गोरा और पतला सा था. वो मुझे भैया कहकर बुलाता था.

सनी के कारण ही ये कहानी बनी है.
वो बोला- तुम भी अपना लंड दिखाओ न?

मैंने उनके सामने अपना लंड निकाला तो वो सब देखने लगे.
कुछ हंसने लगे और कुछ अपने लंड से मेरे लंड की तुलना करके देखने लगे.
मेरा लंड उन सब में सबसे मोटा और लम्बा था.

सनी मेरे लंड को छूकर देखना चाह रहा था.
उसने एक दो बार मेरे लंड को हाथ लगाकर देखा भी लेकिन मैंने उस वक्त इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
फिर हम सब वहां से चले आए.

मैं अक्सर सनी के यहां पढ़ने चला जाया करता था क्योंकि वो पढ़ने में काफी होशियार था.

एक बार मैं उसके घर पर पढ़ाई करने गया था तो मजाक मजाक में हम दोनों एक दूसरे के लंड को पकड़ने लगे.

ये सब मस्ती में हो रहा था तो मुझे कुछ अजीब नहीं लगा.

फिर ऐसे ही होते होते सनी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और फिर छोड़ा नहीं.
वो उसको पकड़े ही रहा.

मेरे लंड में तनाव आने लगा. मेरे लंड का आकार बढ़ा तो लंड पर उसके हाथ की पकड़ भी ज्यादा हो गई.
मैंने कहा- अब छोड़ भी दे.
उसने मेरे लंड को नहीं छोड़ा.

मैंने कहा- क्या कर रहा है यार … अब छोड़ दे, आंटी देख लेगी.
वो बोला- मम्मी घर पर नहीं है. कोई नहीं देखेगा. भैया मेरा मन आपका लंड देखने का कर रहा है.

मैंने मजाक में कहा- क्यों … मुंह में लेना है क्या तेरे को?
वो इस पर कुछ नहीं बोला.

अब तक मेरा लंड पूरा तन गया था.
मैंने सोचा कि दिखाने में क्या जाता है, वैसे भी तना हुआ है, इसको चेन खोलकर दिखा देता हूं.

मैंने चेन खोलना शुरू किया तो वो बोला- भैया पूरी पैंट ही उतार लो, वैसे भी हम अकेले ही तो हैं. पूरा दिख जाएगा पैंट उतारकर.

तो मैंने अपनी पैंट को उतार दिया.
फिर जैसे ही मैंने अपनी अंडरवियर नीचे की, मेरा मोटा लंड उसके सामने आ गया.
लंड सामने आते ही सनी ने उसे पकड़ लिया.

सनी का वो स्पर्श मेरे लंड को और भी कठोर कर रहा था.
वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रहा था.
मुझे मजा आने लगा और उस मदहोशी में मेरी आंखे बंद हो गईं.

तभी अचानक सनी ने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगा.
मेरी सांसें अचानक तेज होने लग गईं.
मैंने सनी को बोला- ये क्या कर रहा है?

फिर सनी ने लंड को मुंह से निकाला और बोला- आपने ही तो बोला था, वही कर रहा हूं.
ये बोल कर वापस उसने लंड को मुंह में ले लिया और लंड के सुपारे को चूसने लगा.

मुझे भी अच्छा लगने लगा. मैं भी उसके मुंह में अपने लंड को अन्दर बाहर धकेलते हुए चोदने लगा.
मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था.

अचानक वो उठा और पास वाले कमरे में गया.
वापस आया तो उसके हाथ में नारियल का तेल था.
मैंने पूछा- ये क्यों लाया?
इस पर वो हंसने लगा और बोला- अभी पता चल जाएगा भैया!

उसने अपना पजामा उतार दिया और मुझे बोला- मुझे अपनी गांड मरवानी है आपसे!
ये बोल कर वो मेरे लंड पर तेल लगाने लगा गया.

मैं भी बहुत उत्तेजित था.
उसने मेरे लंड को कई मिनट तक चूसा था और अब मुझे अपने लंड को शांत करना था.
उसकी गांड बहुत ज्यादा गोरी और चिकनी थी तो मैं उसको चोदने के पूरे मूड में था.

मेरे लंड पर तेल लगाकर वो बेड पर घोड़ी बन गया.
मैं अपने लंड को उसकी गांड की दरार पर रगड़ने लगा.

मैंने उसकी गांड में लंड को धकेल दिया और उसको चोदने लगा.

वो आसानी से मेरे लंड को अपनी गांड में ले गया और चुदाई में मेरा साथ देने लगा.

मुझे उसकी गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था.
उसको भी लंड से चुदने में बहुत मजा आ रहा था.

हम दोनों मदहोश हो चुके थे.

तभी अचानक उसकी मम्मी घर के अंदर आ गई और उसने हमें ये सब करते हुए देख लिया.

ये देखते ही उन्होंने सनी को चांटा लगाया और अपने साथ ले जाकर पास वाले रूम में बंद कर दिया.

जब वो वापस आई तो मैं अपनी पैंट पहन चुका था.
मैंने आंटी से दबी आवाज में सॉरी कहा और वहां से निकल गया.
आंटी ने मुझसे कुछ नहीं कहा.

उसके बाद कई दिनों तक सनी स्कूल में नहीं आया.
मुझे उसकी चिंता होने लगी कि कहीं मेरी वजह से उसकी मां ने उसको ज्यादा पीट न दिया हो तो मैं उसके घर चला गया.

जब मैं घर पहुंचा तो अंदर कोई नहीं था.
मैंने आवाज लगाई तो कोई भी जवाब नहीं आया.

फिर अचानक से आंटी बाथरूम से निकल कर आई.
मैं उनको देखकर चौंक सा गया क्योंकि आंटी नहाकर निकली थी और बस तौलिया लपेटा हुआ था.
उनकी चूचियों की भीगी दरार साफ दिख रही थी.

मैंने एक नजर उनके बूब्स की घाटी को देखा और फिर मैंने नजर घुमा ली.

आंटी बोली- बैठो बेटा!
मैंने कहा- आंटी, सनी कई दिन से स्कूल नहीं आ रहा.
वो बोली- उसकी तबियत ठीक नहीं है. और उस दिन के लिए सॉरी, मैंने गुस्से में तुम्हें भी चाय-पानी को नहीं पूछा. बैठो, मैं चाय बनाकर लाती हूं.

वो जाने लगी तो मैंने उनको रोकने की कोशिश लेकिन वो नहीं मानी.
फिर वो कपड़े पहनने के लिए जाने लगी तो उनके गीले बदन से टपके पानी पर उनका पैर फिसल गया और मैंने उनको गिरते-गिरते बचा लिया.

मगर उनको संभालने के चक्कर में मेरा एक हाथ उनकी चूची पर जा लगा और मेरे हाथ से उनकी चूची जोर से दब गई जिससे वो एकदम से चीख पड़ी- आआआ!

मैंने उनकी चूची को छोड़ा और सॉरी बोलते हुए उनको उठाया.
आंटी की चूची दबाने के अहसास से मेरा लंड खड़ा हो गया.

मेरे खड़े लंड को आंटी ने देख लिया और मेरी आंखों में देखा.
अपनी नज़र मैंने नीचे कर ली.

फिर पता नहीं क्या हुआ कि आंटी की चूचियों पर लिपटा हुआ तौलिया नीचे गिर गया और उनकी चूचियां मेरे सामने नंगी हो गईं.

मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. मैं आंटी की चूचियों को घूरने लगा.

उनके मोटे मोटे चूचों पर बड़े बड़े मटर के दाने जैसे गहरे भूरे रंग के निप्पल थे.
मैं चूचों को घूर रहा था और आंटी उनको ढक भी नहीं रही थी.

वो बस मेरी तरफ देख रही थी और मैं आंटी के गोरे नंगे जिस्म की तरफ देख रहा था.

फिर वो मेरे पास आ गई और मेरी आंखों में देखने लगी.

मुझे भी पता नहीं क्या हुआ कि मैंने आंटी का हाथ पकड़ कर अपने तने हुए लंड पर रखवा दिया और आंटी ने मेरा लंड मेरी पैंट के ऊपर से ही पकड़ भी लिया.

मैंने उनकी चूचियों पर हाथ से दबाया तो उन्होंने मेरा दूसरा हाथ भी अपनी चूची पर रखवा दिया.
हम दोनों एक दूसरे के मन की बात समझ गए.
आंटी भी उतनी ही सेक्स की प्यासी हो गई थी जितना कि मैं!

दोनों हाथों से मैं आंटी की चूचियों को दबाने लगा और वो मेरे लंड को सहलाने लगी.
अब हम दोनों के होंठ मिलते देर न लगी और मैं नंगी आंटी को वहीं खड़े खड़े मसलने लगा.

उनके मुंह से आहें निकलने लगीं.
उनका जिस्म मुझे पागल कर रहा था.

फिर मैं उनकी बगल और गर्दन चाटने लगा.

मैंने उनकी पैंटी को खींच कर उतार दिया.
मुझे उनकी चूत के दर्शन हो गए.

आंटी की चूत पूरी तरह से गीली थी, ये देखते ही मैंने अपने होंठ उनकी चूत पर रखे और तेजी से चाटने लगा.
उनकी चूत में मैं अपनी पूरी ज़ुबान डाल रहा था. उनकी चूत मादक खुशबू दे रही थी.

फिर मैं उठा और उनको बेड पर चलने को बोला.

बेड पर आते ही मैंने उनको घोड़ी बना लिया और अपना लंड उनकी चूत पर रख कर उसे रगड़ने लगा.

चूत के प्रवेश द्वार पर अपना लंड रख कर मैंने अंदर डाल दिया.
लंड आधा अंदर गया और आंटी के मुंह से चीख निकल पड़ी.

मैंने देर ना करते हुए वापस से अगला झटका लगा दिया जिससे मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और मैं उनको चोदने लगा.

उनके मुंह से मादक आवाज़ें निकल रही थी.
तभी वो बोली- बेटा तू मुझे चाहे जितना चोद … लेकिन सनी से दूर रहना. मैं तेरी रांड बनकर तुझसे ऐसे ही चुदूंगी.

उनके इन शब्दों को सुनकर मैं और भी उत्तेजित होकर धक्के लगाने लगा.
उन्हें दर्द भी हो रहा था और वो मज़े भी ले रही थी.
उनकी चूत पूरी तरह से गीली हो गई थी.

मैं तेजी से आंटी को चोदने लगा.
उसकी चूत चोदते हुए अब पच-पच की आवाज हो रही थी. आंटी की चूचियां मेरे धक्कों के साथ तेजी से हिल रही थीं और वो मजे से लंड को ले रही थी.

कुछ देर चोदने के बाद अब मेरा भी निकलने हो गया.
मैंने आंटी की चूत से लंड को निकालकर उन्हें सीधा करके उनके होंठों और पलकों के पास अपने लंड को हिलाने लगा.
आंटी चुपचाप आंखें बंद करके बैठी थी.

तभी मेरा वीर्य उछल कर निकला और उनके होंठों व पूरे मुंह पर गिर गया.
मेरे वीर्य से आंटी का पूरा मुंह गीला हो गया था और मैं वहीं निढाल होकर लेट गया.

आंटी उठी और फिर से नहाने का बोलकर अपने कपड़े लेकर मुस्कराती हुई बाथरूम में चली गई.
मुझे पता नहीं था कि सनी वहीं पर था. सनी ने सब देख लिया था.

कुछ देर बाद मैं सनी के कमरे में गया.
वो नाप्रिंस हो गया क्योंकि उसने अपनी मां को मुझसे चुदते हुए देख लिया था.

फिर मुझे उसकी चिकनी गांड की याद आ गई; मैं उसको मनाने लगा.

उसको मनाते हुए मैं उसके पजामे को निकालने लगा.
वो मुझे रोकने लगा, बोला- मम्मी आ जाएगी.
मैंने कहा- नहीं आएगी, अभी वो नहाने गई, उनको टाइम लगेगा.

ऐसा बोल कर मैंने उसे उल्टा बेड पर लेटा दिया. उसकी चिकनी गांड पर नारियल का तेल लगाया और उसके छेद पर अपना लंड सेट करके उसके ऊपर लेट गया.
उसका छेद बहुत ही टाइट था.

मैंने ज़ोर लगाया और मेरा सुपारा अंदर घुस गया. मैं उसको चोदने लगा.
उसको चोदते हुए दो-तीन मिनट ही हुए थे कि उसकी मम्मी ने आवाज लगा दी.

हम दोनों जल्दी से उठ गए क्योंकि मैं उसकी मम्मी के सामने अब सनी को नहीं चोद सकता था.
मैं उठा और जल्द से पैंट ऊपर करके बाहर निकला.

मेरा लंड अभी भी तना हुआ था और मैं चुदाई के लिए तड़प रहा था.

बाहर आया तो आंटी बाथरूम से दोबारा नहाकर निकली थी.

उसने मेरे खड़े लंड को देख लिया. वो बोली- ये अभी तक सोया नहीं है?
मैंने कहा- आंटी आपको देखने के बाद ये बैठ ही नहीं रहा है.

मेरी हवस में मैंने कुछ नहीं सोचा और उन पर टूट पड़ा.
उनके बूब्स और होंठों को बुरी तरह चूसने लगा. फिर उनको लेटाकर उनकी चूत को चाटने लगा.

आंटी ने पूछा- सनी के पास क्यों गए थे?
मैंने बोला- सॉरी बोलने!

ये सुनते ही उन्होंने अपनी टांगें खोल दीं और मुझे चोदने के लिए निमंत्रण देने लगीं.

मैंने अपना लंड उनकी चूत में सेट किया और ज़ोरदार धक्के के साथ लंड को पूरा अंदर उतार दिया.
फिर मैं धीरे धीरे धक्के लगाना चालू हुआ.
वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी.

वो मुझे बोलने लगी- मैं भी बहुत दिनों से एक बड़े लंड की सैर करने के लिए बेताब थी. आज तू मेरी प्यास बुझा दे.
ये सुनकर मैं भी ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को दबाकर उनकी चूत को चोदने लगा.

मैंने आंटी को लगभग 10 मिनट तक रगड़ कर चोदा.
तभी अचानक आंटी का बदन अकड़ गया, वो मुझसे लिपटने लगी और झटके खाते हुए शांत हो गई.

उनकी चूत का रस निकल गया. उनके गर्म गर्म रस से मैं भी ज्यादा देर टिक ना पाया और उनकी चूत में ही खाली हो गया.

स्खलन होने के बाद मैं आंटी के ऊपर ही लेट गया.

जब तक सनी बाहर आया तो हम दोनों सामान्य हो चुके थे.

फिर मैंने कई बार आंटी को घर पर जाकर चोदा.

इस तरह से मैंने अपने दोस्त और उसकी मां के बहुत मजे लिए.

उसके बाद वो शहर छोड़कर दूसरी जगह चले गए वर्ना मैं फिर से उसकी गांड चोदता और उसकी मम्मी की चुदाई भी करता.
मुझे कई बार अपने दोस्त की गांड चुदाई करने की बात याद आती है.

दोस्तो, आपको ये दोस्त की मॉम Xxx कहानी कैसी लगी मुझे बताना जरूर.