मेरी पहली यादगार चुदाई

हाई फ्रेंड्स, मैं दिल्ली से अर्पिता हूँ. यह कहानी आज से 2 साल पहले की है जब मैं बारहवीं क्लास में थी. उस वक्त तक मुझे सेक्स का पूरा ज्ञान था लेकिन मैंने कभी सेक्स किया नहीं था. हालाँकि मैं पॉर्न वीडियो देखकर खुद को शांत ज़रुर कर लेती थी. उस वक्त तक मेरी कई सहेलियों के बॉयफ्रेंड थे और वो बहुत मज़े लेती थीं.
यह कहानी मेरे साथ पढ़ने वाले लड़के की है जिसका नाम राहुल था.

राहुल दिखने में काफी अच्छा था और इसी वजह से मैं भी उसकी तरफ आकर्षित होती रहती थी और वह भी मुझपर लाइन मारता था. लेकिन कभी भी उसने मुझे प्रपोज़ नहीं किया था. हम आपस में काफी बातें करते थे. एक दिन हमारी ट्यूशन क्लास के बाद उसने मुझे गली में रोक लिया और कहा कि वह मुझे बहुत पसंद करता है और मेरे साथ फ्रेंडशिप करना चाहता है तो मैंने भी उसे हाँ कर दी.
इसके बाद तो हमारी रोज़ घंटों फ़ोन पर बातें होने लगी और मुझे भी उससे बातें करना बहुत अच्छा लगता था.

फिर एक दिन उसने मुझे पार्क में मिलने के लिए बुलाया.
अगले दिन सुबह वो मुझे लेने आ गया और हम पार्क में चले गये. यह एक कपल पार्क था तो कोई दिक्कत नहीं थी फिर भी हम दोनों सबसे छिपकर एक कोने में बैठ गए. कुछ देर बाद राहुल ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ पर किस किया लेकिन मैंने कोई उत्तर नहीं दिया.

तो वह मेरे गालों और गर्दन पर किस करने लग गया. मैंने उसे टोका और कहा- यहाँ कोई देख लेगा.
इससे उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो और ज़ोर से किस करने लग गया. फिर उसने मेरे होंठों पर भी किस करना शुरू कर दिया.

अब मैं भी गर्म होने लग गयी थी तो मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया. कुछ देर किस करने के बाद उसने मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया लेकिन अबकी बार मैंने उसे नहीं रोका क्योंकि मुझे भी मज़ा आने लगा था.

तभी उसने मेरी टी-शर्ट में हाथ डाल दिया. अब मैंने उसे हल्का सा धक्का दे दिया और कहा- यहां पर मत करो यार!
तो उसने मेरी बात मान ली और मुझसे अलग हो गया.
फिर उसने मुझे घर पर छोड़ दिया.

घर पर आकर सबसे पहले मैंने बाथरूम में जाकर अपनी चूत को शांत किया और फिर राहुल के बारे में सोचने लगी.

तभी कुछ देर बाद राहुल का फ़ोन आ गया और उसने कहा- 2 दिन बाद स्कूल में ऐनुअल फंक्शन है.
उस दिन वह मुझसे अपने दोस्त के फ्लैट में मिलना चाहता था तो मैने भी हाँ कह दी.

फंक्शन के दिन सुबह 10 बजे वह मुझे लेने आ गया और 15 मिनट में हम फ्लैट पर पहुंच गए. दरवाज़ा बंद करते ही राहुल मुझसे लिपट गया और मेरी गर्दन पर ज़ोर-ज़ोर से किस करने लग गया. फिर वो मेरे होंठों पर भी किस करने लग गया.

अब मैं भी गर्म होने लग गई थी और उसका साथ देने लगी. फिर उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे बूब्स दबाने लग गया. फिर उसने धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे बूब्स चूसने लग गया और एक हाथ से मेरी चूत सहलाने लग गया जिससे मेरा खुद पर कोई कंट्रोल नहीं रहा और मैं अपने आपे से बाहर हो रही थी.

मैं भी राहुल को मस्ती में होकर चूमती जा रही थी. मुझे पहली बार बिना किसी डर के किसी लड़के के बदन को छूने का मौका मिला था. इसलिए मैं भी बहुत ही ज्यादा गर्म हो गई थी. मैंने राहुल की गर्दन पर किस किया मुझे और ज्यादा अच्छा लगा. फिर मैंने उसके होठों को दोबारा से चूसना शुरू कर दिया.

राहुल का लंड मेरी जांघों पर नीचे अलग से मुझे टच होता हुआ महसूस होने लगा था. वह अपने खड़े हुए लंड को बार-बार मेरी जांघों में घुसाने की कोशिश करता हुआ मालूम हो रहा था. मैं जान गई थी कि लड़कों का लंड खड़ा होने के बाद उनको कंट्रोल करने में कितनी परेशानी होने लगती है. इसलिए राहुल ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को नीचे ले जाकर अपनी पैंट के अंदर खड़े हुए लंड पर रखवा लिया. मैं उसकी पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को सहलाने लगी थी.

उसके बाद मुझे और ज़्यादा मज़ा आने लगा था. मैं और ज़ोर से राहुल के होंठों को चूसने लगी थी. धीरे-धीरे मैं भी कुछ ज्यादा ही गर्म होती जा रही थी. मेरी सारी शर्म रफा-दफा हो गई थी और मैं राहुल को बस प्यार से किस करते हुए उसके लंड को सहलाती जा रही थी.
पहली बार मुझे किसी मर्द के साथ ऐसा अहसास हो रहा था.

उसके बाद तो जैसे हम दोनों ही पागल होने लगे थे. मैंने राहुल को उसकी छाती पर किस करना शुरु कर दिया. उसके बाद मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और उसकी छाती पर किस करने लगी. वह मेरे चूचों को दबाने में लगा हुआ था. उसके बाद मैंने राहुल की शर्ट को उतार दिया और उसकी बनियान भी निकाल दी. वह ऊपर से पूरा नंगा हो चुका था. मैं भी उसको नंगा देखकर और ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थी.

फिर मैंने राहुल की पैंट को भी खोलना शुरू कर दिया. मेरी शर्म पता नहीं कहां चली गई थी. मैं बिना किसी हिचकिचाहट के उसको नंगा करने में लगी हुई थी. वह भी आराम से मेरी हरकतों का मज़ा लेने में लगा हुआ था. मैंने उसकी पैंट को खोलकर उसे नीचे खींच दिया और उसकी फ्रेंची में तना हुआ उसका बड़ा सा लंड मेरी आंखों के सामने आ गया.
मैंने उसके लंड को हाथ से छूकर देखा तो मेरे बदन में बिजली सी दौड़ गई और राहुल ने मुझे फिर से अपनी बांहों में भर लिया.

उसके बाद उसने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए अपने अंडरवियर को निकाल दिया और फिर उसने मेरा एक हाथ अपने लंड पर रखवा लिया और मैं भी उसका लंड आगे-पीछे करने लगी और वो मेरी चूत में उंगली करने लगा. अब हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

कुछ देर के बाद उसके लंड और मेरी चूत दोनों ने पानी छोड़ दिया. अब हम दोनों एक-दूसरे से लिपट गए और किस करने लगे.

फिर उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा तो मैंने साफ़ मना कर दिया क्यूंकि मुझे ये सब बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है.

तो उसने मुझ पर ज्यादा दवाब नहीं डाला. फिर उसने पास में ही पड़ी हुई क्रीम की बोतल उठाई और काफी सारी क्रीम अपने लंड और मेरी चूत पर लगा दी और अपने लंड को मेरी चूत पर सेट कर लिया. फिर उसने मेरे होंठों पर किस करते हुए एक ज़ोरदार धक्का लगाया जिससे उसका आधा लंड मेरी चूत में समा गया जिसके कारण मुझे बहुत दर्द हुआ और उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं दर्द के मारे छटपटाने लगी.

कुछ देर उसी स्थिति में रुकने के बाद जब मैं कुछ सामान्य हुई तो उसने फिर एक ज़ोरदार झटका मारा और उसका पूरा लंड मेरी चूत में जा चुका था. अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मैं उसे अपने उपर से हटाने के लिए धक्के देनी लगी लेकिन वो हट नहीं रहा था.

उसने धक्के लगाना शुरू कर दिया लेकिन मुझे अभी भी दर्द हो रहा था. कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लग गया और मैं भी उसका साथ देने लगी. राहुल मेरे बूब्स दबाते हुए धक्के लगाये जा रहा था.
अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर बाद मेरा शरीर अकड़ने लग गया और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. लेकिन राहुल अब भी मुझे चोदे जा रहा था.

कुछ देर बाद वो बोला- मेरा निकलने वाला है.
तो मैंने कहा- बाहर ही निकाल दो!
तो उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और अपना पानी मेरे पेट पर निकाल दिया. अब वो मेरे ऊपर निढाल होकर पड़ गया और मुझे किस करने लग गया.

उसके बाद कुछ देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से चिपके पड़े रहे. वह मुझे किस करता रहा और मैं उसके होंठों को चूसती रही.

कुछ देर बाद मुझे नीचे मेरी जांघों पर उसका लंड फिर से तनाव में आता हुआ महसूस होने लगा और धीरे-धीरे उसका लंड फिर से तन गया. राहुल उठा और उसने उसी वक्त अपना लंड अपने हाथ में लेकर मेरे मुंह की तरफ बढ़ा दिया. अबकी बार मैंने राहुल के लंड को अपने मुंह में लेने में बिल्कुल भी देर नहीं की. मैं मज़ा लेकर उसके लंड को चूसने लगी और वह मेरे मुंह को चोदने लगा.
मैंने उसके चूतड़ों को पीछे से पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और वह मेरे मुंह में लंड देकर उसको अंदर और बाहर करता रहा. उसके लंड से एक नमकीन सा स्वाद मेरे मुंह में आने लगा. फिर राहुल ने मेरी चूत में दोबारा से उंगली डाल दी और मेरी चूत में उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा. मैं पागल होने लगी और जल्दी ही चुदने के लिए फिर से तैयार हो गई.

उसके बाद राहुल ने मुझे पलटा दिया और मेरी गांड को दबाने और सहलाने लगा. वह समझ गया था कि अब मैं पूरी तरह से खुल चुकी हूँ. फिर राहुल ने मेरी गांड के छेद पर अपने लंड को रख दिया और एक ज़ोर का धक्का दे दिया.

वह मेरी गांड को चोदने लगा. मुझे पहले तो काफी दर्द हुआ लेकिन बाद में उसके लंड से चुदकर मेरी गांड खुल गई और मैं उसकी चुदाई का आनंद लेने लगी. कुछ देर बाद चुदाई करते हुए राहुल मेरी गांड में झड़ गया. मैं भी उस दिन पागलों की तरह उससे चुदने के लिए अपने आप ही तैयार हो रही थी. उस दिन हमने तीन बार और चुदाई की और फिर राहुल ने मुझे घर छोड़ दिया.
इसके बाद मैं कई बार चुद चुकी हूँ लेकिन पहली बार का मज़ा कुछ अलग ही था क्योंकि वह राहुल के साथ मेरा पहला अहसास था.

उस दिन पता नहीं मुझे क्या हो गया था. उसके बाद राहुल ने कई बार मेरी चूत और गांड की चुदाई की लेकिन जो मज़ा मुझे पहले दिन आया था वह मज़ा आज तक दोबारा नहीं मिला.
उसके बाद मैंने एक-दो लड़कों के साथ और चुदाई करवा कर देखी. लेकिन उनका लंड इतना बड़ा नहीं निकला जितना कि राहुल का था. इसलिए मैं फिर से राहुल के लंड से चुदना शुरू हो गई.

अब तो राहुल के लंड से चुदकर मेरी चूत बिल्कुल चौड़ी हो चुकी है. राहुल भी अब मुझे ज्यादा मज़ा लेकर नहीं चोदता है लेकिन मेरी चूत की खुजली मुझे आराम से बैठने नहीं देती. इसलिए मैं खुद ही राहुल को अपनी चुदाई करने के लिए बुला लेती हूँ। वह आता है और मेरी चुदाई करके चला जाता है.

अगर आप में से कोई पाठक मेरे साथ बातें करना चाहता है तो मुझे इस मेल आईडी पर मेल कर सकता है.
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