मेरी पहली चुदाई की दास्तान

हाई फ्रेंड्स, मैं आपकी जान तान्या हूँ. मैं पुणे में रहती हूँ. अभी मेरी उम्र 30 साल है और मैं शादीशुदा हूँ. मेरा एक 6 महीने का बेटा है. मेरे पति दुबई में जॉब करते हैं और मैं पुणे में अकेली रहती हूं.

मेरी फर्स्ट टाइम सेक्स की कहानी को आगे बताने से पहले मैं आपको अपने शरीर के बारे में बता देती हूं. मेरा साइज 42-30-38 है. मेरा रंग काफी गोरा है जिसको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है. मेरी पहली चुदाई की यह मेरी पहली कहानी है इसलिए कोई गलती हो तो माफ कीजियेगा.

बात उन दिनों की है जब मैंने कॉलेज की पढा़ई शुरू की थी. मैं प्रथम वर्ष में थी. इससे पहले मैंने कभी मर्दों की तरफ इतना आकर्षण महसूस नहीं किया था जितना उन दिनों में कर रही थी मैं. इससे पहले भी लड़के मुझ पर लाइन मारते थे लेकिन मैं उन पर इतना ध्यान नहीं देती थी.

मेरी फैमिली में मेरी माँ-पापा और मेरा भाई आदित्य भी था. यह घटना तब हुई जब मैं 21 साल की थी. मेरा एक दोस्त विनय दिखने में बहुत ही हैंडसम था. उसने अपनी बॉडी भी अच्छी बनाई हुई थी. रंग का गोरा था लेकिन मुझसे थोड़ा कम। हमारी दोस्ती काफी समय पहले से थी लेकिन उस वक्त मैंने उस पर कभी ध्यान नहीं दिया था.

जब वो कॉलेज में आ गया तो उसकी जवानी पर पहली बार मेरी नजर गई. वो हमारे पड़ोस में ही रहता था. मेरी फैमिली और उसकी फैमिली के बीच में काफी अच्छा रिलेशन था. कभी-कभी वो मेरे घर पर भी आ जाता था. मेरी मां तो उसको बहुत पहले से ही जानती थी. फिर जब हम दोनों कॉलेज में गये तो पता लगा वो भी उसी कॉलेज में पढ़ रहा है. फिर मेरी भी उससे जान-पहचान हो गई.

कई बार तो वो पढ़ने के लिए या नोट्स वगैरह लेने के लिए मेरे पास भी आ जाता था. मैं पता नहीं कब उसकी तरफ आकर्षित होने लगी. ऐसे ही एक बार जब वो मेरे घर पर आया हुआ था तो हम साथ में बैठ कर पढ़ाई की बातें कर रहे थे. बातों ही बातों में मैंने उसका मोबाइल उठा कर देख लिया.

मैंने देखा कि उसके फोन में काफी सारे पोर्न वीडियो थे. मैं उनको देख कर शॉक हो गई. मैंने पूछा- तुम ये सब भी देखते हो?
वो बोला- ये सब मेरे दोस्त वगैरह भेजते रहते हैं मुझे.
उसके बाद मैंने उसका फोन वापस दे दिया और वो अपने घर चला गया.

वैसे उसके फोन में ऐसे वीडियो देखने के बाद मेरा भी उसके साथ फर्स्ट टाइम सेक्स करने का मन करने लगा लेकिन मेरी उससे कहने की हिम्मत नहीं हुई.

कई दिन के बाद वो फिर से मेरे घर पर आया. उस दिन मां कहीं बाहर गई हुई थी. मेरा भाई अपने स्कूल में गया हुआ था और पापा काम पर गये थे.

विनय घर आया और उसने पाया कि घर पर कोई नहीं है. कुछ देर के बाद यहां-वहां की बातें करने के बाद उसने कहा- क्या तुम्हें उस दिन वाली वीडियो देखनी है?
मैंने अन्जान बनते हुए कहा- कौन सी वीडियो?
वो बोला- पोर्न वीडियो.
मैंने कहा- नहीं, तुम ही देखो. मुझे शर्म आती है.

वो बोला- एक बार देखो तो, आज नयी है, बहुत मस्त वाली.
कहते हुए उसने फोन को मेरी आंखों के सामने कर दिया. वैसे मन तो मेरा भी कर रहा था उसके साथ पोर्न वीडियो देखने का.
जब मैं उसके साथ पोर्न वीडियो देख रही थी तो मेरी नजर उसके शार्ट्स पर जा रही थी. उसकी जांघें काफी गोरी थीं. उनको देख कर मेरी चूत में गुदगुदी सी हो रही थी और पोर्न वीडियो देखते हुए पूरे बदन में झुरझुरी पैदा होने लगी थी.

फिर वो भी मेरे पास आ गया. उस दिन मैंने शर्ट और स्कर्ट डाली हुई थी. विनय मेरे साथ पोर्न देखने लगा और फिर उसका हाथ मेरे एक दूध पर आकर उसको दबाने लगा. मैंने कुछ नहीं कहा जिससे उसको भी पता चल गया कि मुझे उसके साथ ये सब करने में मजा आ रहा है.

उसके बाद तो उसने मेरी शर्ट के अंदर ही हाथ डाल दिया और जोर से मेरे दूधों को दबाने लगा. मैं अब विनय के हाथों का मजा अपने दूधों पर लेते हुए पोर्न वीडियो देखने में खो सी गई. उस वीडियो में एक 8 इंच के लंड वाला आदमी मेरी उम्र की ही जवान लड़की की चूत को बुरी तरीके से चोद रहा था.

मैं उस वीडियो को देखते हुए इतनी खो गई कि कब विनय ने मेरी शर्ट को उतार दिया मुझे पता भी नहीं चला. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने शॉर्ट्स के अंदर डाल दिया. मेरे हाथ से उसका लंड टच हुआ तो मैं सिहर सी गई. मैंने पहली बार किसी जवान लड़के के लंड को टच किया था. उसका लंड पूरा तना हुआ था और लगभग 6 इंच के साइज का था.

मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी इसलिए मैंने उसके लंड को अपने हाथ में ही पकड़े रखा. वो मेरे दोनों दूधों को दबा रहा था. फिर उसने मेरे कान में धीरे से सिसकारते हुए कहा- पकड़े ही रहोगी या हिलाओगी भी इसको?

उसके कहने पर मैं उसके लंड को हाथ से हिलाने लगी. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मैंने अच्छी तरह उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया. अब मैं भी मजा लेकर उसके लंड को हिलाने लगी. वो मेरे दूधों को जोर से दबा रहा था और मेरी गर्दन पर किस कर रहा था.

लेकिन तभी बाहर से मेरी मां की आवाज आ गई. मां की आवाज को सुन कर हम दोनों हड़बड़ा गये और उसने झट से अपने शार्ट्स को ऊपर कर लिया. मैंने भी अपनी शर्ट तेजी से पहनी और अपने रूम से बाहर आ गई. मेरे बदन में पसीना आ गया था डर के कारण. मगर मां को कुछ पता नहीं चलने दिया हमने.

उसके बाद कई दिन तक हम लोगों को अकेले रहने का मौका नहीं मिला. फिर काफी दिनों के बाद मेरी फैमिली को शादी में जाना था. मां-पापा और भाई तीनों ही जाने वाले थे. लेकिन मैंने उनको मना कर दिया कि मेरे एग्जाम आने वाले हैं और मैं घर पर रहकर ही पढ़ाई करूंगी. फिर मां बोली कि आदी को भी हम घर पर छोड़ देंगे ताकि तुम अकेली न रहो.

मैंने कहा- अगर आप आदी को ले जाना चाहो तो ले जाओ. मैं विनय को बोल दूंगी कि वो मेरे साथ आकर पढ़ाई कर लेगा.
मां बोली- ठीक है, तो फिर मैं विनय को बोल देती हूं कि हमारे जाने के बाद वो भी तेरे साथ आकर पढ़ाई कर लेगा ताकि तुम्हें अकेली न रहना पड़े. लेकिन आदी भी यहीं पर रहेगा.

मां की बात सुन कर मैं खुश हो गई. मेरी मां विनय पर बहुत भरोसा करती थी इसलिए उनको भी उसके होने से किसी तरह का डर नहीं था.
मैं भी यही चाह रही थी कि हम दोनों को एक साथ रहने का मौका मिले. मां और पापा के जाने के बाद विनय को फोन करके मैंने अपने घर पर बुला लिया.

मैंने कैजुअल ड्रेस पहनी हुई थी. ऊपर टॉप था और नीचे लोअर। उस दिन मैंने नीचे से ब्रा और पैंटी नहीं पहनी हुई थी. अक्सर मैं जब घर पर होती थी तो ऐसे ही रहती थी.

शाम को 7 बजे विनय आ गया. उसने टी-शर्ट और लोअर पहना हुआ था. उसके अंदर आने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. मेरा भाई आदी अपने कमरे में था और मैंने उसे बोल दिया था कि वो टीवी देख ले. अगर किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे बुला ले.

इतना कह कर मैं अपने कमरे में विनय के पास आ गई. मैं और विनय मेरे कमरे में थे और मैंने दरवाजा धीरे से लॉक कर दिया. हमने थोड़ी देर बातें की और कुछ देर के बाद उसने अपने फोन में टाइम पास करना शुरू कर दिया. मैंने भी उसके पास आ गई.
वो बोला- आज मैं नई पोर्न लेकर आया हूं. देखोगी क्या?
मैंने कहा- हां.
फिर मैं उसके फोन में पोर्न देखने लगी और वो मेरे बदन पर हाथ फिराते हुए बोला- उस दिन मजा आया था क्या तुमको?

मैंने हां में गर्दन हिला दी.
वो बोला- तो फिर आज भी वैसा ही करें क्या?
मैं कुछ नहीं बोली और उसने मेरे दूधों पर हाथ रख लिया.
मैं पोर्न देखने में बिजी हो गई और वो मेरे दूधों से खेलने में.

उसने पूछा- तुम नीचे से ब्रा नहीं पहनती हो क्या?
मैंने कहा- जब घर पर रहती हूं तो नहीं पहनती हूं.
इतना सुनने के बाद उसने मेरे टॉप को निकाल दिया.
मेरे दूध उसके सामने नंगे हो गये और वो दोनों हाथों से उनको दबाते हुए मजे लेने लगा.

फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गया. मुझे किस करते हुए मेरे दूधों को जोर से दबाने लगा. अब मैं भी और गर्म होने लगी. विनय ने फिर अपने कपड़े निकालने शुरू किये और वो देखते ही देखते मेरे सामने पूरा नंगा हो गया.

नंगा होने के बाद विनय ने अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया. मैं उसका लंड अपने हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. तब तक वो मेरी लोअर को निकालने लगा. उसने मेरी लोअर को खींच कर मुझे नीचे से भी नंगी कर दिया.

मैं पूरी की पूरी नंगी होकर उसके सामने थी. फिर वो अपने लंड को मेरे मुंह के ऊपर लाकर कहने लगा कि मेरे लंड को चूस लो एक बार. मेरा बहुत मन कर रहा है लंड चुसवाने का.
लेकिन मैंने उसको यह कह कर मना कर दिया कि मैं नहीं कर पाऊंगी. मुझे गंदा लग रहा है ये करना.

वो बोला- बस एक बार मुंह में ले लो, उसके बाद फिर से वापस निकाल देना.
विनय के कहने पर मैंने उसका लंड अपने मुंह में ले लिया तो मुझे बिल्कुल भी उसका स्वाद पसंद नहीं आया और मैंने उसको वापस निकाल दिया.
वो बोला- क्या हुआ?
मैं बोली- मुझे अच्छा नहीं लग रहा.

विनय ने कहा- अच्छा ठीक है, चूसो मत लेकिन इसको अपने थूक से गीला कर दो.
उसके कहने पर मैं उसके लंड को अपने मुंह में लेकर अपने थूक से गीला करने लगी तो उसने मेरे सिर को पकड़ लिया. फिर वो धीरे-धीरे अपने लंड को मेरे मुंह में चलाता रहा. फिर मैंने उसका लंड बाहर निकाल दिया.

वो बोला- अब लेट जाओ.
मेरे लेटने के बाद वो मेरे ऊपर आ गया और किस करने लगा. अब मुझे मजा आने लगा और वो मेरे दूध को दबाते हुए मुझे जोर से किस करने लगा. कुछ देर तक वो मेरे बदन को चूसता रहा और मैं भी उसको प्यार करती रही.

उसके बाद उसने मेरी चूत पर लंड को रगड़ा. मेरी चूत पर लंड को लगा कर उसने एक धक्का मारा तो लंड फिसल गया. उसने दोबारा से वही किया. अबकी बार उसका लंड मेरी चूत में घुस गया और मेरी चीख निकल गई. मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा.

मगर उसने फिर से एक धक्का मारा और पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. दर्द के मारे मेरी जान निकल गई. ऐसा लगने लगा कि मैं बेहोश हो रही हूं. वो भी शायद डर गया था. वो मेरे गाल पर थपकी देते हुए मुझे उठाने लगा.

जब मैं उठी तो मैंने देखा कि मेरी चूत से खून निकल गया था. यह देख कर मैं रोने लगी. वो मुझे चुप कराते हुए मुझे फिर से किस करने लगा. मैं उठ कर बाथरूम तक जाकर चूत को साफ करना चाहती थी लेकिन मुझसे नहीं उठा गया. विनय ने मुझे फिर से लिटा दिया और मुझे प्यार करने लगा.

कुछ देर के बाद मुझे अच्छा लगने लगा. फिर उसने दोबारा से लंड चूत में डाल दिया और मुझे फिर से दर्द हुआ लेकिन अबकी बार थोड़ा कम हुआ. कुछ देर तक वो धीरे-धीरे चूत में लंड को डाल कर हिलाता रहा और फिर मेरा दर्द कम हो गया.

फिर वो मेरी चूत में धक्के देते हुए मुझे चोदने लगा. अब मुझे मजा आने लगा. मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. उम्म्ह… अहह… हय… याह… करके मैं उसके लंड का मजा लेने लगी. वो मजे से मेरी चूत को चोदते हुए सिसकारियां ले रहा था.

कुछ देर ऐसे ही चोदते हुए उसकी रफ्तार फिर बढ़ने लगी. जिससे मुझे और मजा आने लगा.
मैं कह रही थी- आई लव यू विनय… आह्ह …
अचानक से फिर मेरे बदन में सरसराहट दौड़ गई और मेरी चूत से पानी निकल गया. ऐसा लगा जैसे अंदर से कुछ खाली हो गया. मैं पहली बार झड़ी थी. बहुत मजा आया मुझे.

उसके बाद विनय भी मेरी चूत में तेजी से झड़ने लगा और मेरे ऊपर ही लेट गया. हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़े हुए थे. तभी आदी दरवाजे पर खटखटाने लगा और बोला- दीदी, मुझे भूख लगी है.
विनय और मैं जल्दी से उठ गये और अपने कपड़े पहन लिये.
विनय ने कहा- जल्दी जाओ बाहर, नहीं तो आदी को शक हो जायेगा.
मैं उठ कर चलने लगी तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं किसी तरह उठ कर बाहर चली गई.

इस तरह से मेरी फर्स्ट टाइम सेक्स की कहानी बनी.

आदी को खाना देकर मैं वापस अपने कमरे में आई और विनय को बताया कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है. फिर विनय बाहर गया और मेरे लिये दवाई लेकर आ गया. मैंने दवाई ले ली और लेट गई. अब मां और पापा के आने का टाइम भी हो चला था. रात के 9.30 बज गये थे.

विनय और मैंने जल्दी से सब कुछ साफ कर दिया और उसके बाद मां और पापा भी आ गये. मां ने विनय को थैंक्स बोला. फिर विनय अपने घर चला गया. अगले दिन मुझे बहुत तेज बुखार हो गया. मैं कॉलेज भी नहीं गई.

शाम को विनय मेरे घर आया और पूछने लगा- कॉलेज क्यूं नहीं आई?
मैंने कहा- मेरी तबियत बहुत खराब हो गई थी. ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है.
वो बोला- कल तो खुद ही कह रही थी- और करो … और करो!
ये कहकर वो हंसने लगा.

उसके कई दिन बाद फिर से हम दोनों मिले. लेकिन उस दिन घर पर मां भी थी. हम अपने कमरे में थे और विनय फोन पर पोर्न देख रहा था. उसने अपने लंड को बाहर निकाल कर हिलाना शुरू कर दिया तो मेरा भी मन करने लगा. वो बोला- आज फिर करें क्या?
मैंने कहा- आज तो मां भी है घर में और शाम को पापा भी आ जायेंगे.

वो बोला- वो सब मैं देख लूंगा.
इतना कह कर वो बाहर मां के पास गया और बोला कि आंटी आज हम दोनों को देर तक पढ़ाई करनी है तो मैं यहीं पर रुक जाऊंगा रात में.
मां बोली- ठीक है बेटा. इसमें पूछने की क्या बात है. तुम्हारा ही घर है. तुम दोनों पढ़ाई कर लेना.

उसके बाद वो अपने घर गया और बुक्स लेकर आ गया. रात को सबके सोने के बाद मैंने दरवाजा बंद कर लिया अंदर से. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. कुछ ही देर हम दोनों नंगे हो गये और विनय मेरे मुंह में लंड देकर चुसवाने लगा. आज मैंने भी उसका लंड चूसा.

फिर वो मेरे ऊपर आ गया और मेरी चूत में लंड को डालकर मेरी चुदाई करने लगा. मुझे दर्द हुआ लेकिन उतना नहीं हुआ जितना पहली बार में हुआ था. फिर हम काफी देर तक चुदाई करते रहे और दोनों नंगे ही लेट गये.

थोड़ी देर के बाद फिर से मेरा मन विनय का लंड लेने के लिए करने लगा.
वो बोला- पहले खड़ा तो करो.
मैंने विनय के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया और उसका लंड पांच मिनट में ही दोबारा से खड़ा हो गया.
उसके बाद हमने आधे घंटे तक चुदाई की जिसमें में दो बार झड़ी. अपने दोस्त का लंड लेकर अब मुझे बहुत मजा आने लगा था.

रात को विनय ने एक बार फिर से मेरी चुदाई की और फिर हम अपने कपड़े पहन कर सो गये. अगली सुबह वो उठ कर चला गया और फिर मैं भी तैयार होकर कॉलेज चली गई. इस तरह से मैंने अपने कॉलेज के दोस्त का लंड लेकर अपनी पहली चुदाई करवाई.

दोस्तो, आपको मेरी यह फर्स्ट टाइम सेक्स की कहानी पसंद आई या नहीं … मुझे मेल करना. मैंने अपना ईमेल आईडी नीचे दिया हुआ है. थैंक्स।
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आगे की कहानी: मेरी पहली चुदाई की दास्तान