मेरी जवान बहन बनी दोस्त की रखैल

नमस्ते दोस्तों, मेरी बहन व मेरे सबसे खास दोस्त की इस कहानी में आपका स्वागत है. यह बात आज से 7 साल पहले की है, जब मेरी स्नातक का आखिरी साल चल रहा था. हमारे घर में हम तीन भाई और एक बहुत ही खूबसूरत बहन थी. मेरी बहन का नाम मीनाक्षी है. उस समय मैं कुंवारा था और मेरे दो बड़े भाई शादीशुदा थे जो घर से सुबह जाते, शाम को आते. इसलिए उनका घर से कम ही मतलब था.

उधर मेरी बहन 12वीं पास करके कॉलेज में आई, लेकिन फेल होने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी. मेरे पापा जमीनों के बड़े दलाल थे और उस समय कमाई भी अच्छी थी, तो पैसा पापा से खूब मिल जाता था. मेरी माँ बहुत ही सीधी और भोली थीं. उनको मन्दिर और कथा में जाना अच्छा लगता था.

जैसा मैंने बताया कि कहानी आज से 7 साल पहले की है. मेरे फायनल साल की परीक्षा आने वाली थी, तो मैं रोज रात को बहुत देर तक अपने कमरे में पढ़ाई करता रहता था. मेरी बहन मेरे पास के कमरे में सोती, वो भी अपना फोन पर बातें चैटिंग करती रहती थी. मैंने पता किया कि वो अपने फोन पर गन्दे फोटो और चुदाई की फिल्म देखती थी. वो सेक्स की बहुत भूखी जैसी हो चुकी थी.
मैंने नोटिस किया किया कि आजकल वो बहुत हॉट और मस्त होती जा रही थी. इन दिनों वो मस्त जींस और छोटे छोटे हॉट लगने वाले कपड़े पहनने लगी. उसमें वो बिल्कुल मल्लिका शेरावत सी लगती. घर की लाड़ली होने के कारण उससे कोई कुछ नहीं कहता था. पापा की अलमारी की चाबी तथा सब हिसाब आदि उसके हाथ में ही रहता था, तो उसे कोई भी टोकता भी नहीं था. वो कभी मेरे दोस्तों को या कोई जवान मेहमान को देखती तो खूब खुश होती. उनसे हंस हंस के बातें करती और उनके नजदीक जाती तो खूब गांड हिला हिला कर चलती.

इससे मुझे साफ पता चलता था कि उसकी चुत में खुजली हो रही है और वो चुदवाना चाहती है.

घर की जिम्मेदारी होने के कारण वो ज्यादा घर से बाहर नहीं जा सकती थी. उसके दो तीन बॉयफ्रेंड जरूर थे, पर वह सिर्फ फोन पर ही उनसे बात करती रहती थी. वह कौन से फ्रेंड से फोन में ही चुदवाती रहती थी. उसकी हरकतों से मुझे सब पता लग रहा था कि अब असल में भी चुदवाना चाहती है.

मेरा खास दोस्त अनिल मेरे घर आने लगा. मेरी बहन उसको देख कर बहुत खुश होती और उसके सामने वो अपने बूब्स और गांड मटका मटका के चलती.
यह मुझे पता चला तो मैंने अनिल को कहा- भाई एग्जाम हैं तो रात को मेरे यहीं रुक जाया कर. अपन दोनों एक साथ ही पढ़ेंगे तो पढ़ाई ज्यादा ठीक होगी.

वह भी मेरी इस बात से बहुत खुश हुआ और उसने मेरी बात को मान लिया. क्योंकि शायद वह भी मीनाक्षी को चोदना चाहता था. अब हम दोनों रात को पढ़ाई करने लगे. मीनाक्षी पास वाले कमरे में सोती थी और हम दोनों अपने कमरे में पढ़ाई करते थे. वो रात को अनिल को देखने के लिए आती और कहती कि आपके लिए चाय बना कर लाती हूँ.

वो जब रात को अनिल से चाय के लिए पूछने आती तो खूब छोटे कपड़े पहन के आती थी. वो अनिल के सामने अपनी गांड मटका मटका के चलती. ऐसे करते हुए उनकी पता नहीं कब सैटिंग हो गई, मुझे मालूम ही नहीं चला.

एक दिन पढ़ते पढ़ते मुझे भी नींद आ गई और मैं 4:00 बजे उठा. मेरी नींद खुली तो मैंने घड़ी की तरफ देखा 4:00 बज चुके थे. मैंने सोचा यार आज तो पढ़ाई ही नहीं कर पाया. मैंने देखा पास में अनिल नहीं था. मैंने उस समय तो सोचा कि शायद बाथरूम गया होगा लेकिन कुछ देर तक जब वो नहीं आया, तो मुझे कुछ गड़बड़ लगी. मैं कमरे से बाहर निकला और मीनाक्षी के कमरे की तरफ गया, वहां मुझे हल्की गुनगुन गुनगुन की आवाज आ रही थी. मैंने वहां कान लगाया और मुझे अनिल की आवाज का अंदेशा हुआ.

मैं अभी खड़ा रहा सोच रहा था कि क्या करूं, अन्दर जाऊं या नहीं … गेट बजाऊं या नहीं … ऐसे सोचते-सोचते काफी देर हो गई. तभी मुझे ऐसा लगा कि अनिल आ रहा है, तो मैं वहां से झट से भागा और कमरे में आ गया. मैं किताब लेकर बैठ गया.

कुछ देर में अनिल आया तो मैंने पूछा कि कहां थे इतनी देर से … मैं 10-15 मिनट से जाग रहा हूं.
सच तो यह था कि मैं पिछले 50 मिनट से जाग रहा था.

अनिल झट से बोला- अरे भाई फ्रेश होने गया था … आज पता नहीं, इस वक्त कैसे प्रेशर बन गया.
मैंने कहा- अच्छा चलो कोई बात नहीं … आप पढ़ाई करो और मैं मन में सोचने लगा कि प्रेशर तेरा तो क्या … तू मेरी बहन का प्रेशर निकाल कर आया है.

फिर दिन निकलते ही वो चला गया. मैंने दिन में हिम्मत करके अपनी बहन मीनाक्षी से पूछा कि रात को 2 घंटे तक अनिल तुम्हारे कमरे में दरवाजे बंद करके क्या कर रहा था?

इस पर मीनाक्षी थोड़ी चकित हुई और बोली- नहीं तो … अनिल मेरे कमरे में क्यों आएगा … उसके आने का मतलब ही नहीं है … तुम पागल हो क्या?
मैंने कहा- नाटक मत कर मीनाक्षी, मुझे सब पता चल गया है कि तेरी और अनिल की सैटिंग है. रात को तेरे साथ वो मस्ती करता है और सेक्स भी करता है. अब तू जल्दी से सच बता दे … नहीं तो यह बात मैं सभी घर वालों को बता दूंगा.

मीनाक्षी इस पर चुपचाप मेरे पास बैठ गई और कहने लगी- हां भाई आपकी बात बिल्कुल सही है … हमारी सैटिंग हो गई है और मैं उससे प्यार करती हूँ. वो भी मुझसे बहुत प्यार करता है. तू मेरा सबसे अच्छा भाई है … प्लीज यह बात किसी को मत बोलना. हो सके तो मेरी मदद करो, मैं तेरी मदद हमेशा करूंगी. जैसा तू चाहेगा, वैसा करूंगी.
मैंने कहा- ठीक है … मैं सोच कर बताता हूं.
वो वहां से चली गई.

फिर मैंने कुछ देर सोचने के बाद उसे वापस बुलाया और कहा कि बैठ मेरे पास.
मीनाक्षी बैठ गई.
मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं … तू अनिल से सब कुछ कर, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं … पर तुझे मेरी दो शर्त माननी होगी.
उसने कहा- बोलो क्या शर्त हैं?
मैंने कहा- पहली शर्त यह है कि एक बार अनिल से मेरे सामने चुदाई करवाएगी.

इस पर पर जोर से बोलने लगी, इस पर मैंने उसे चुप कराया और कहा कि पहले तू सही से सुन … बाद में बोलना.
वो चुप हो गई.

फिर मैंने कहा- मेरी दूसरी शर्त यह है कि पैसा तेरे पास ही रहता है, जब मुझे जितना पैसा चाहिए, तुम दोगी.
वह बोली कि मैं तुम्हारी दूसरी शर्त मान लूंगी … पर पहली शर्त नहीं हो सकती. प्लीज समझ भाई … तू मेरा भाई है, मैं तेरे सामने ऐसा थोड़ी कर सकती हूं.
मैंने कहा- ठीक है तो आज से अनिल से तेरा मिलना खत्म हुआ, घर से बाहर जाना तो बिल्कुल खत्म समझ.
वो बोल पड़ी- मैं यह अनिल से बात करके बात करके बताती हूँ. ठीक है!

फिर रात को अनिल आया. उस रात 1:00 बजे मीनाक्षी चाय लेकर आई. अब मैं वहां से बाथरुम के बहाने से जाने लगा और मीनाक्षी को इशारा किया कि बात कर ले.

मैं 5 मिनट बाद वापस आया और आके बैठ गया. मैं चाय पीने लगा तो अनिल ने कहा- अगर तुझे सब पता चल गया है, तो ठीक है … अब तो तुम्हें पता ही है कि मैं तेरी बहन को तेरे सामने ही चोदूँगा.
मैंने कहा- हां ठीक है … पर यह बात कभी भी हमारे तीनों के अलावा बाहर नहीं जानी चाहिए.
उसने कहा कि ठीक है नहीं जाएगी.

मैंने अपनी बहन से कहा- मीनाक्षी, जाके देखो … सब सो रहे हैं ना … देख कर वापस आ जाओ. फिर अनिल का शानदार लंड चाहे जैसे ले लो.
तो इस पर मीनाक्षी उठी और कुछ देर बाद वापस आकर उसने कहा कि सब सो रहे हैं.

मैंने उठ कर गेट बंद कर लिया. तभी अनिल ने मेरी बहन को गोद में उठा लिया और बेड पर पटक दिया. मैंने देखा कि मेरी रंडी बहन को मेरी जरा भी शरम नहीं थी. वो तो चुदाई के नशे में आ चुकी थी. फिर अनिल उसे चूमने चाटने लगा, उसके बोबे मसलने लगा. मीनाक्षी भी उसे खाने लगी. वो कभी अनिल के होंठ खाती, कभी उसके गाल पर चूमती. मैं पास के सोफे पर बैठा यह सब देख रहा था और मुझे मजा आ रहा था. मेरा लंड भी खड़ा होने लगा. फिर अनिल ने मीनाक्षी की टी-शर्ट उतार दी. वह अब सिर्फ चोली में थी. चोली में उसके बड़े-बड़े बूब गोरे गोरे फंसे से थे. वो बड़ी ही मस्त लग रही थी.

अब अनिल मेरी बहन की चोली के ऊपर से उसके मम्मों को चाट रहा था. चूची चाटते चाटते उसने मीनाक्षी की कैपरी भी उतार दी. मीनाक्षी अब सिर्फ चोली और पैंटी में रह गई थी. उसमें वो क्या मस्त माल लग रही थी, सच में दोस्तो, इस वक्त मेरी बहन की नशीली जवानी के सामने सनी लियोनि भी फेल थी. उसका क्या मस्त दूध जैसा सफेद शरीर … क्या शानदार तने हुए बोबे और सबसे शानदार उसकी उठी हुई गांड … मैं तो उसकी गांड का ही दीवाना था. मैं हमेशा यही सोचता कि कैसे मैं इसकी गांड को अपने हाथों से भींचू और मसलूँ … कब इसके मस्त छोटे पतले पतले और गुलाबी होंठ चूस लूँ.

अब मुझे लगा कि अब जल्दी ही ये सपना सच हो जाएगा.

तभी अनिल ने मेरी बहन मीनाक्षी की चोली खोल दी और उसके बोबे उछलते हुए बाहर आ गए. क्या गेंद जैसे मम्मे लग रहे थे. अनिल मेरी बहन के मम्मों पर झपटा और बुरी तरह से मेरी बहन मीनाक्षी के मम्मों को मुँह में लेकर चाटने और खाने लगा. वो एक मम्मे को चूसता और दूसरे को अपनी मुठ्ठी में भर कर मसलता … तो कभी दूसरी चूची की चौंच को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगता.

इससे मेरी बहन मीनाक्षी बहुत गर्म होने लगी और ऐसे उसका कंठ ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करके आवाज निकालने लगा. वो बिना किसी डर के मजा लेने लगी.
अनिल भी अब तक पूरा नंगा हो गया था, वो मीनाक्षी से बोला- आ जा मेरी कुतिया … मेरी जान … चूस मेरा लंड.

मैंने सोचा मीनाक्षी शायद मेरे यहां होने से शर्म से अनिल का लंड नहीं चूसेगी. पर वो तो झट से बैठ कर अनिल का लंड पकड़कर सहलाने लगी. मैं यह देखकर दंग रह गया. मैंने सोचा कि मेरी बहन तो बहुत बड़ी चुदक्कड़ है, इसे तो थोड़ी भी शर्म नहीं है. फिर वो अनिल का लंड सहलाती रही. मेरी बहन ने मेरे दोस्त का लंड एकदम खड़ा कर दिया. अनिल का लंड वास्तव में बहुत बड़ा था करीब 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड रहा होगा.

मैंने सोचा कि मीनाक्षी इतना बड़ा लौड़ा कैसे ले लेती होगी.

अब मेरी बहन ने लंड को अपने मुँह के करीब किया और धीरे धीरे लंड का सुपारा चाटने लगी. फिर वो अनिल का पूरा लंड अपने मुँह में अन्दर तक लेने लगी. वो बीच बीच में जीभ से चाटती और उसके आंड भी चाटती, फिर पूरा लंड अन्दर ले लेती. बार बार वो लंड और आंड चाटती जा रही थी.

अब अनिल को ही बड़ा मजा आ रहा था. अनिल फुल मस्ती में हो कर मीनाक्षी को खूब गालियां दे रहा था- हाय मेरी कुतिया … मेरी रांड … खा जा रे मेरा लौड़ा … मजा आ रहा रे रंडी वेश्या!
वो ऐसा बोलता जा रहा था. मैं मन में सोचने लगा कि यार अनिल की क्या किस्मत चमकी है … क्या मस्त दूध जैसा गोरा माल चुदाई के लिए मिल गया.

अनिल अब मीनाक्षी का पूरा मुँह चोदने के बाद उससे बोला- अब कुतिया बन जा.
मेरी बहन बोली- नहीं एक बार आप ऊपर आके डालो … फिर मैं आपकी कुतिया बन जाऊंगी. ऐसे अन्दर जाएगा नहीं.

फिर अनिल मीनाक्षी की टांगें चौड़ी करके ऊपर आ गया और मीनाक्षी की थोड़ी सी गांड उठा कर अपना बड़ा लंड मेरी बहन की चुत में डालने लगा. उसका थोड़ा सा लंड मेरी बहन की चूत में अन्दर गया तो मीनाक्षी उछली और उसने अनिल को कस के पकड़ लिया.

उसने लौड़ा खूब चाटा हुआ था तो गीला था. अनिल ने मीनाक्षी को एक जोरदार झटका दिया, जिससे पूरा लंड अन्दर चला गया. मेरी बहन के मुँह से एक जोर की चीख निकल गई … तो मैंने मुँह पर उंगली रख के इशारा किया कि चुप रह … कोई जाग जाएगा.
तो मीनाक्षी ने गर्दन हिलाई.

अब अनिल उसकी चूत में जोर जोर से झटके देने लगा. मीनाक्षी ‘आआह … आऊऊह … ऊईई …’ करके खूब मजे ले रही थी. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मीनाक्षी खुद बोली- अब मुझे घोड़ी बनाकर चोदो.
मैं सोचने लगा कि देखो तो साले अनिल को क्या मस्त सुन्दर सी चूत चोदने को मिली है.

अनिल ने मीनाक्षी को कुतिया बना दिया. इस वक्त मीनाक्षी का मुँह मेरी तरफ था. फिर अनिल पीछे जाकर मेरी बहन को चोदने लगा. उसका पूरा लंड अन्दर जाने लगा और मेरी रंडी बहन मीनाक्षी अपना मुँह चुत जैसा बनाकर ‘अआह … आआह …. उई … ओह …’ धीरे धीरे मोन कर रही थी. अब तो अनिल उसकी चुत को फाड़ देने वाले झटके देने लगा और उसने मीनाक्षी की गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मारने स्टार्ट कर दिए.

मेरी बहन भी चुदाई का मजा ले रही थी. अब ये सब देखकर मुझसे रहा न गया और मैंने मीनाक्षी के मुँह के पास जाकर अपना कच्छा नीचे कर दिया. अपना लंड निकाल दिया और बोला- मीनाक्षी इसे पकड़ के चूस.
वह चुदती चुदती बोली- नहीं.
मैंने कहा- प्लीज़ एक बार तो चूस ले.
अनिल बोला- ले लो ना मेरी जान … इसे भी थोड़ा जन्नत का मजा मिल जाएगा.
मीनाक्षी बोली- ठीक है … पर सिर्फ चूसूंगी … और कुछ नहीं.
मैं बोला- हां ठीक है.

फिर मीनाक्षी ने मेरा लंड पकड़ा और सीधा अन्दर कंठ तक मुँह में लेकर वापस बाहर निकाला और बोली- भाई तेरा लंड अच्छा है … पर अनिल जैसा लम्बा चौड़ा नहीं है.

अनिल पीछे से गांड पर थप्पड़ मारते हुए मेरी बहन को जोर जोर से चोद रहा था. जिससे मीनाक्षी हिल रही थी और मेरा लंड खुद ब खुद आगे पीछे हो रहा था. वो मेरा लंड अन्दर बाहर करते हुए चाटने लगी. वो कुछ ही देर बाद बुरी तरह गांड पीछे करके अनिल का लंड ले रही थी और मेरा भी लंड पूरी मस्ती से चूसने लगी थी.

कुछ ही देर में मैं तो मेरी बहन के मुँह में ही झड़ गया. वो मेरा पूरा लंड चाट गई.

वो अब झड़ने वाली थी, तब भी उसने मेरा लंड नहीं छोड़ा. उधर अनिल ने भी स्पीड बढ़ा दी. फिर दोनों लगभग साथ ही झड़ गए और अनिल ने अपना सारा पानी मीनाक्षी के गांड और उसकी पीठ पर छोड़ दिया. वे दोनों गिर गए और कुछ देर नंगे ही पड़े रहे.

दोस्तों आगे कैसे अनिल ने मेरी बहन मीनाक्षी को कैसे चोदा … उसने क्या क्या किया … उसकी शादी के बाद भी उसको कैसे चोदता रहा और उसे अपनी रखैल जैसी बनाए रखा, वो सब अगले भाग में लिखूंगा.