हॉट देशी बेब के चुदाई

नमस्ते दोस्तों, मैं आपका दोस्त आदित्य हूँ. मैं घर से दूर रूम पर रहकर पढा़ई करता हूं और साथ ही साथ मैं जॉब की तैयारी भी करता हूं.

बात कुछ महीने पहले की है जब मैं रूम खोज रहा था. तब मैं एक रूम देखने गया था. वहां एक ब्यूटीफुल कॉलेज गर्ल भी रूम देखने आई थी. बल्कि वो तो शिफ्ट करने ही आई थी. लड़की सेक्सी और जवान थी इसलिए सेक्सी गर्ल को देख मैंने अपना रूम देखे बिना ही वहां रहने के लिए हां बोल दिया.

उस पटाखा सेक्सी गर्ल का साइज 34-32-34 होगा. दिखने में बहुत मस्त लग रही थी. जो उसको देख ले वही चोदने के लिए तैयार हो जाये. उसके भरे पूरे दूध देख कर कपड़ों के ऊपर से ही दबाने के लिए हाथ मचल रहे थे. उठी हुई गांड भी इतनी मस्त थी कि उसी वक्त लंड उसकी गांड पर लगाने का मन कर रहा था. मोटी मोटी जांघें थीं.

साली एकदम से परफेक्ट माल थी.

सेक्सी लड़की को ताड़ कर मजे लेने के चक्कर में मैं भी 2-3 दिन में ही वहां शिफ्ट हो गया. मेरा रूम तीसरे फ्लोर पर था. मगर रूम तक पहुंचने के लिए मुझे काफी घूम कर जाना पड़ता था.

हम दोनों ही वहां पर नये थे इसलिए दोनों ही अन्जान थे. उस फ्लोर पर जो रूम थे उनके लिए एक ही बाथरूम बनाया गया था. बर्तन और कपड़े वगैरह धोने के लिए नल मेरे रूम के सामने था. हम दोनों के रूम आजू बाजू में थे. फ्लोर पर और भी 2-3 रूम थे.

शुरू के कुछ दिनों में तो कुछ नहीं हुआ क्योंकि मैं रूम को सेट करने में लगा हुआ था. रूम में बस एक पलंग ही था. बाकी सब सामान मुझे खुद ही लेकर आना था. नाश्ता भी बाहर और डिनर भी बाहर होता था.

चौथे दिन रूम वाले अंकल दरवाजे पर आये और वहां पर रहने के नियम कायदे बताने लगे और बोले- रूम पर दारूबाजी नहीं चलेगी. रूम पर अगर गलती से भी लड़की लेकर आए तो उसी वक्त रूम खाली करा लिया जायेगा. कोई सामान टूटेगा तो जिम्मेदारी रूम वाले की होगी.

इस तरह से अंकल ने फिर बगल वाला रूम भी खड़काया और वो लड़की बाहर आई.
अंकल बोले- दिया, तुम भी किसी लड़के को रूम में नहीं बुलाओगी. सबके लिए नियम बराबर है. अगर कभी कोई इमरजेंसी हो या किसी चीज की जरूरत पड़े जो तुम खुद से मैनेज न कर पाओ तो बगल वाले रूम में आदित्य को बता देना.

ये बोल कर अंकल चले गये. दिया रूम के दरवाजे पर ही खड़ी थी.
मैंने उसे देख कर कहा- हाय, मैं आदित्य।
जवाब में वो बोली- हाय, मैं दिया।

उसके बाद वहीं खड़े खड़े हम दोनों में कुछ नॉर्मल बातें हुईं जैसे कि कहां पढ़ते हो, कहां कोचिंग लेते हो वगैरह वगैरह.
2-3 दिन ऐसे ही जान पहचान बनाने में निकल गये.

फिर धीरे धीरे मैंने उसे खाने के लिए टोकना शुरू किया.
होते होते हम दोनों साथ में कई बार खाना भी खाने लगे और थोड़ा हंसी मजाक भी होने लगा.

ऐसे ही एक दिन वो दोपहर में मेरे पास आई और बोली- मेरे फोन का रिचार्ज खत्म हो गया है. तुम करा दोगे क्या?

मैंने कहा- लाओ, मैं फोन से कर देता हूं. उसने अपना फोन दे दिया.
मैंने रिचार्ज कर दिया तो वो पैसे देने लगी.
मैं बोला- इसके अलावा सर्विस चार्ज भी लगेगा.
वो बोली- क्या मतलब?

हंसते हुए मैंने कहा- कुछ नहीं, आज का खाना तुम बनाओगी.
वो बोली- ठीक है, लेकिन सब तुम्हारे रूम पर ही बनाएंगे. सामान भी सब तुम्हारा ही होगा.
मैंने कहा- ठीक है, डन।

वो चली गयी और फिर शाम के 6 बजे मेरे पास आई. मैं उस वक्त सो रहा था. मेरा लंड तना हुआ था. चड्डी छोटी थी इसलिए डंडा पूरा तना हुआ दिख रहा था.

दिया ने मुझे आवाज करके उठाया और बोली- खाना बनाने का टाइम हो गया है, कुछ सामान सब्जी लाना होगा ना?
मैंने देखा तो वो हंस रही थी.
मैं बोला- हां, लाना है. मगर तुम इतना हंस क्यों रही हो?

वो बोली- ऐसे ही, कुछ नहीं. शायद तुम कोई बहुत अच्छा सपना देख रहे थे. मैंने तुम्हें जगा दिया.
मैंने लंड की ओर ध्यान दिया तो तंबू उठा हुआ था. मैं थोड़ा शर्मिंदा हुआ और उठ कर तौलिया लपेट लिया.

उसके बाद मैं तैयार हो गया. हम दोनों मेरी स्कूटी पर ही गये. वो सेक्सी गर्ल मेरे से चिपक कर बैठी हुई थी. उसकी चूचियां मेरी पीठ से बार बार टच हो रही थीं. उसने मेरी कमर पर मुझे अपने हाथों से पकड़ा हुआ था. चलते चलते उसके हाथ मेरी कमर से नीचे सरक कर मेरी जांघों पर जा पहुंचे थे. शायद वो मेरे लंड तक पहुंचना चाह रही थी.

फिर हम मार्केट पहुंच गये और सब्जी लेने लगे. वहां मैंने उसको पानी पूरी खिलाई और फिर वापस चलने लगे.
वो बोली- अब मैं चलाऊंगी स्कूटी.
मैं तो ये सुनकर ही खुश हो गया. उसकी गांड पर लंड लगाने का मौका जो मिल रहा था.

उसने चाबी ले ली और मैं पीछे बैठ गया. चलते ही पहले स्पीड ब्रेकर पर मैं आगे खिसक गया और मेरा लंड उस सेक्सी गर्ल की गांड पर जा लगा. लंड पहले से ही तना हुआ था और उसकी गांड पर टच होकर अब झटके भी देने लगा.

हर बार ब्रेक लगाते ही मैं उसकी गांड में लंड को अंदर घुसा देता था. वो भी आराम से मजे ले रही थी. मेरे लंड का बुरा हाल हो चुका था झटके दे देकर. मजे में रास्ते का पता ही न चला और हम रूम पर आ गये.

मैंने रूम में आकर लोअर निकाली तो लौड़े ने अंडवियर गीला कर दिया था. मैं जल्दी से बाथरूम में गया. मुठ मारने की बेचैनी टिकने नहीं दे रही थी. बाथरूम में जाकर मैंने लंड निकाला और जोर जोर से मुठ मारने लगा.

इतने में ही दिया भी आ गयी.
वो बोली- जल्दी बाहर आओ, मुझे जोर से लगी है.
मैं झल्ला गया कि साली को अभी आना था!

फिर मैं अपने रूम में आ गया. कुछ देर के बाद वो कपड़े बदल कर आई. उसने टीशर्ट पहना हुआ था और नीचे लोअर थी. उसकी लोअर में उसकी गाडं की गोलाई क्या मस्त लग रही थी यार। टीशर्ट में चूचियां भी एकदम से तनी और कसी हुई दिख रही थीं.

दिया बोली- क्या बनाना है?
मैं- मस्त दाल चावल और रोटी-सब्जी बनाते हैं.
वो बोली- ठीक है, तू कुकर में दाल चावल रख दे. तब तक मैं आटा गूंथ लेती हूं.

मैंने दाल चावल रख दिये और वो आटा गूंथने लगी. उसकी टीशर्ट के अंदर उसकी गोल गोल चूचियां हिलती हुई आगे पीछे हो रही थी. उसने नीचे से ब्रा भी नहीं डाली हुई थी. लटकती हिलती चूची देख कर मेरा तो लौड़ा पागल हो गया. मैंने जल्दी से लंड को लोअर की इलास्टिक के नीचे दबा लिया.

फिर हम दोनों साथ में रोटी बनाने लगे. वो बेलती रही और मैं सेंकता रहा. रोटियों के साथ ही उसकी चूचियों को देख कर मैं अपनी आंखें भी सेंक रहा था. मैं इतना खो गया कि दिया ने मुझे उसकी चूचियों को भूखे भेड़िये की तरह घूरते हुए देख लिया.

मैंने एकदम से नजर दूसरी तरफ कर ली.
वो बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैंने मना करते हुए कहा- तलाश जारी है.

वो बोली- नहीं झूठ बोल रहे हो. तुम्हारी तो होगी कोई न कोई.
मैं बोला- मैं तुम्हारे सामने ही हूं. कभी देखी क्या तुमने? या मुझे बात करते हुए सुना? हां मगर देखने वालों को हम दोनों गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड जरूर लग सकते हैं.

दिया बोली- अच्छा जी, चलो … बड़े आये गर्लफ्रेंड वाले।
मैंने कहा- हां जी. मेरी ऐसी किस्मत कहां?
वो बोली- इसमें किस्मत की क्या बात है. मैं भी दूसरी लड़कियों के जैसी ही हूं.

मैं बोला- मेरी नजर से देखो एक बार … दूसरों जैसी नहीं लगोगी.
वो बोली- तुम्हारी नजर में ऐसा कौन सा चश्मा लगा हुआ है?
मैंने कहा- परख का चश्मा.

दिया- अच्छा, तो ऐसा क्या परख लिया तुमने मुझमें?
मैं- तुम्हारी बातें, स्माइल, लिप्स, फिगर… सब कुछ तो अच्छा है.
बार बार मेरा ध्यान उस सेक्सी गर्ल की चूचियों में जा रहा था.

दिया- अब ज्यादा चांस मत मारो.
मैं- मेरी इतनी मजाल कहां!

अब रोटी बन गयी थी. हम खाने लगे मगर मेरे पास बर्तन कम थे.
मैं बोला- एक ही थाली में खा लेते हैं.
मुझे दिया के दूध देखने थे.

वो बोली- मैं अपने रूम से ले आती हूं.
मैंने कहा- एक में ही खा लेंगे. प्यार बढ़ता है और हमारी दोस्ती बढ़ जायेगी.

थोड़ी ना नुकर और नखरा करने के बाद वो मान गयी.

हम दोनों खाने के लिए बैठ गये. उसकी तरफ से भी मेरी हर बात की हां में हां रहती थी. वो परोसने लगी तो मैं उसकी चूचियों को घूरने लगा.

वो बोली- मैं सब समझ रही हूं.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- रूम तुम्हारा है और मैं तुम्हारी मेहमान हूं. तुम्हें परोसना चाहिए.

मैं बोला- मगर बात तो तुम्हारे ही खिलाने की हुई थी न!
तो वो बोली- तुमसे बातों में कोई नहीं जीत सकता.

वो परोस कर मेरे सामने बैठ कर खाने लगी. जैसे ही झुकी उस सेक्सी गर्ल की टीशर्ट के अंदर मुझे अंदर तक उसके बूब्स के दर्शन हो गये. हाए… क्या मस्त गोल गोल गोरी चूचियां थीं उसकी.. जिन पर मटर के दाने के जैसे मस्त निप्पल चोंच बना रहे थे.

उसने भी देख लिया था कि मैं उसकी चूचियों को घूर रहा हूं. फिर भी वो बार बार झुक रही थी. शायद उसको भी अपनी चूचियां दिखाने का बहुत शौक था.
मैं हवस भरी आवाज में कहा- आह्ह… मस्त है।
वो बोली- क्या?

मैंने कहा- खाना!
वो बोली- हाथ किसके हैं?
मैं- हां जी, हाथ तो आपके ही हैं.

इस तरह से 15 मिनट तक उसने अपनी चूची दिखा दिखा कर मुझे पागल कर दिया. लंड ने पानी छोड़ छोड़ कर लोअर पर भी छोटा सा धब्बा बना दिया था. जब तक खाना खत्म हुआ रात के 9 बज गये थे.

फिर बर्तनों की बारी आयी.
वो बोली- हम तो मेहमान हैं, तुम देख लो.
मैंने कहा- ठीक है, सुबह मैं ही साफ कर दूंगा.

उसके बाद मैं आलस में आकर बेड पर जाकर गिर गया. वो भी मेरी बगल में आकर बैठ गयी.
फिर वो बोली- ठीक है, जा रही हूं रूम में।
मैंने कहा- अरे मेहमान जी, इतनी रात को कहां जाओगे, यहीं सो जाओ।

वो बोली- अच्छा? यहां छोटा सा रूम है और सिंगल बेड है, ऐसे सुलाओगे क्या अपने मेहमान को? वैसे भी मुझे अकेले सोने की आदत है.
मैंने कहा- अरे एक दिन में कुछ नहीं होता. मेहमान को भी सामने वाले की मजबूरी समझनी चाहिए. थोड़ा एडजस्ट भी तो कर सकता है मेहमान? अगर ज्यादा ही दिक्कत है तो मेहमान पलंग पर सो ले और मैं नीचे सो जाऊंगा.

दिया बोली- नहीं मुझे तो अपने रूम में ही सोना है.
मैं बोला- अच्छा ठीक है, वैसे मैं तो अपने ही फायदे के लिए बोल रहा था.
वो बोली- तुम्हारा कैसा फायदा?
मैं- और क्या … मुझे कंपनी मिल जाती.

वो बोली- नहीं, रात काफी हो गयी है, मैं जा रही हूं.
मैं- अरे 10 मिनट रुक जा, अभी तो 9 ही बजे हैं.
वो बोली- ठीक है, थोड़ी देर रुक जाती हूं.

फिर वो मेरी कोचिंग की बुक्स उठा कर देखने लगी और देखते हुए बोली- तुम्हें कोचिंग में कोई नहीं मिली क्या?
मैं- क्या नहीं मिली?

दिया- अरे कोई लड़की नहीं मिली क्या जो तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन जाये?
मैं- जब बगल में है तो कोचिंग में क्या देखना है?
दिया- क्या?

मैं- कुछ नहीं, ऐसे ही मजाक में बोल रहा था. वैसे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या?
दिया- मुझे कौन पसंद करेगा?
मैं- बाजू वाले कमरों के बाकी लड़के तो देखते रहते हैं, कुछ तो बात होगी तुम्हारे अंदर।

दिया- अच्छा, तो तू ही बता दे क्या अच्छा लगता है तुझे मुझमें?
मैं- किसकी नजर से बताऊं? बॉयफ्रेंड की? फ्रेंड की या राह चलते रोमियो लड़कों की?
वो बोली- तीनों की नजर से ही बता दे.

मैं बोला- दोस्त वाली से सुन … देख तू लड़की तो मस्त है. देखने में भी अच्छी है, ध्यान भी रखती है, स्ट्रॉन्ग भी है.
अब राह चलते लड़कों की नजर से सुन कि वो तुझे देख कर क्या बोलते होंगे- वाह… क्या माल जा रही है यार! देख तो एक बार… क्या मस्त पीस है!

दिया- तो लड़के मुझे माल बोलते हैं?
मैं- हां, इतना ही नहीं, वो बोलते हैं ‘देख क्या मस्त हैं इसके.’
मेरी बातों से अब वो भी लाइन पर आने लगी थी.

वो बोली- जब बोल ही रहा है तो खुल कर बोल कि लड़के क्या क्या कहते हैं.
मैं- अरे गंदी बात है, तू सुन नहीं पाएगी.
वो बोली- नहीं, बताना है तो अच्छे से बता. मैं सुन लूंगी अगर तू सुनाएगा तो।

मैं- ठीक है, तो फिर सुन।
वो बोलते हैं- देख … क्या मस्त गांड है इसकी! देख तो साली सेक्सी गर्ल क्या मटका रही है, इसके दूध तो देख कैसे लटक रहे हैं. आह्ह.. इनको दबाने में तो मस्त मजा आएगा. इसको तो चूस चूस कर लाल कर दूंगा. साली को चोदने में बहुत मजा आयेगा.

वो बोली- छि: ऐसे कहते हैं लड़के?
मैंने कहा- हां, और भी बहुत कुछ कहते हैं मगर मुझे तो इतना ही पता है.
वो बोली- अच्छा, और बॉयफ्रेंड वाली नजर से भी बता दे.

मैं बोला- उसके लिए तुझे मेरा साथ देना होगा. तभी बताऊंगा.
वो बोली- वैसे नहीं बता सकता क्या?
मैंने कहा- वो बात कहने के लिए गर्लफ्रेंड भी तो होनी चाहिए. तभी तो समझ पाएगी कि बॉयफ्रेंड के मन में क्या होता है।

दिया- तो मुझे क्या करना होगा?
मैं- कुछ नहीं, बस जैसा मैं करूं देखती रह और सुनती रह.
दिया- ऐसा क्या करेगा?
मैं- कुछ नहीं यार, तू फिक्र मत कर. मैंने बोला कि बस मेरा साथ दे.

वो बोली- ठीक है. बता क्या करूं?
मैंने कहा- वहां सामने खड़ी हो जा.
वो खड़ी हो गयी और मैं उसके पास जाकर घुटनों के बल बैठ गया.

उसकी आंखों में देखते हुए बोला- दिया, तेरी खूबसूरती को बार बार देखने का मन करता है.
कहते हुए मैंने उसके हाथ पर प्यार से किस कर दिया.

वो बोली- ये क्या कर रहा है?
मैं बोला- बॉयफ्रेंड ऐसा ही करते हैं. तू चुपचाप देखती रह बस।

उसके बाद मैं उसके साथ खड़ा हो गया और बोला- ये तेरे बाल कितने सुनहरे हैं. तेरी आंखें कितनी खूबसूरत हैं.
मैंने उसके बालों को उसके चेहरे पर बिखरा दिया और उंगली से उसके होंठों को छूकर कहा- ये तो जैसे गुलाब हैं.

अब मेरा हाथ उसकी कमर से होते हुए नीचे टिक गया और मैंने उस सेक्सी गर्ल को अपनी ओर खींच कर अपने सीने से सटा लिया और उसके होंठों पर अपने होंठों को रख कर एक प्यार भरा किस दे दिया.

अचानक उसे इस हरकत की उम्मीद नहीं थी. उसके होंठ कांपने लगे और उसने आंखें बंद कर लीं. मैंने एक बार फिर से उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और उनको जोर से चूस दिया. उसने न विरोध किया और न कोई प्रतिक्रिया दी.

ये देख कर मैंने धीरे से उसको बेड पर लिटाने की सोची और उसको अपने साथ लेकर लेटने लगा. वो छुड़ाने को हुई लेकिन इतने में ही मैंने उसे पटक लिया और उसके ऊपर आकर उसके होंठों को जोर जोर से पीने लगा.

वो छुडा़ने लगी लेकिन मैं उसको बेतहाशा चूमने लगा. उसके होंठों को जोर से चूसने लगा. उसकी गर्दन पर किस पर किस करने लगा और वो गर्म होने लगी.
मेरी छाती के नीचे उसकी चूचियां दब गयी थीं.

मेरी लोअर में तना हुआ मेरा लंड उसकी लोअर के ऊपर से ही उसकी चूत में घुसने को हो रहा था. मुझे उसकी चूत के टच होने का अहसास अपने लंड पर हो रहा था जो मुझे पागल कर रहा था. मेरे अंदर हवस का शैतान जाग गया था.

अब मैं उसकी टीशर्ट को ऊपर करना चाह रहा था मगर डर भी था कि कहीं ये पकड़ से निकल न जाये. मैं उसको लिप किस करता रहा और अब उसके होंठ भी मेरे होंठों को चूसने लगे थे. उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाने लगे थे. उसकी चूत में लंड की प्यास जाग गयी थी.

अब मैं धीरे धीरे हाथ को टीशर्ट तक लेकर गया और ऊपर खींचने लगा. टीशर्ट नीचे दबी थी तो ऊपर नहीं हो रही थी. कोशिश करते हुए वो खुद थोड़ा ऊपर हो गई. मैंने टीशर्ट को जल्दी से ऊपर किया. उसके खुले दूध मेरे सीने से लग गये.

अब मुझे भरोसा हो गया कि अब ये जरूर चुदेगी. मैंने उसके होंठों से अपने होंठ हटाकर उसकी टीशर्ट को पूरा ही निकलवा दिया. मैं उसके गले पर किस करने लगा. उसके मुंह से अब कामुक आवाजें आना शुरू हो गयी थीं- आह्ह … आदित्य … नहीं … आह … उम्म … आह्ह … बस … ओह्ह. प्लीज।

उसके कंधों को किस करता हुआ अब मैं उसके दूधों को चूसने लगा और एक हाथ से एक एक चूची से खेलने लगा. वो भी मेरे सिर में हाथ रखकर मेरे सिर को दबा रही थी और अब आवाज भी करने लगी थी- पी जा आदि … आह्ह … पी जा इनको … जोर से … आह्ह।

बस मैं भी अब देर ना करते हुए उसकी चूत के दर्शन करना चाह रहा था. बस अब क्या था, मैंने उसको किस करते करते एक हाथ उसकी चूत के ऊपर जैसे ही रखा, एकदम से जैसे उसमें करंट दौड़ गया.

उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी यार … उसकी चूत को छूकर मैं पागल हो गया. मैं उसकी चूत को आवेश में आकर सहलाने लगा. सोच सोच कर खुश हो रहा था कि हफ्ते भर पहले मिला ये माल आज मेरे लंड के नीचे है.

उसके बाद मैंने उसके लोवर को निकाल दिया और उसकी चूत में उंगली रखकर चलाने लगा. वो अब तड़पने लगी थी. इसके बाद तो उसके दूध के नीचे आते आते मैंने उसकी चूत पर जीभ ही रख दी और उसको चाटने लगा. 2 मिनट में ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

अब मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंके और उसको लंड चूसने के लिये बोला.
वो सेक्सी गर्ल बोली- चूसना ही पड़ेगा क्या?
मैंने बोला- तुम्हारी मर्जी, ये भी तो तुम्हारे लिए तड़प रहा है.

वो बोली- तुम या तुम्हारा लंड?
मैं- दोनों ही तड़प रहे हैं.

उसका मुंह खुलवाकर मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया और उसके मुंह को चोदने लगा. मेरा लंड भी 2-3 मिनट में झड़ गया. उसने मेरे लंड का पूरा माल पी लिया. मैं भी हैरान था कि ये तो पूरी चुदक्कड़ लग रही है.

उसके बाद हम 69 की पोजीशन में आये और वो मेरे लंड को चूसने लगी, मैं उसकी चूत को चाटने लगा. दस मिनट के अंदर हम फिर से गर्म हो गये. मैंने उसकी टांगों को चौड़ी किया और उसकी चूत पर अपना लंड रगडऩे लगा.

वो बोली- आह्ह आदि … अब डाल दे यार … मेरी चूत को चोद दे … जब से तेरे लंड को लोअर में लटकता देखा था मेरी चूत इसके लिए प्यासी हो गयी थी. फाड़ दे मेरी चूत में अपना लंड देकर … आह चोद दे यार!
मैंने कहा- हां डार्लिंग, तेरी चूत को ऐसे फाड़ूंगा कि तू मेरे लंड की दीवानी हो जायेगी.

उसकी चूत में मैंने लंड फंसाया और हल्का सा धक्का लगाया. थोडा सा टाईट छेद था उसकी चूत का, मगर एक जोर का धक्का लगाया तो आधा लंड उसकी चीख के साथ चूत में चला गया.

अब मैं हल्का हल्का धक्का देने लगा. धीरे धीरे उसको चोदना शुरू कर दिया. उसके मुंह से दर्द और चुदास भरी सिसकारियां आने लगीं- आह्ह … आईई … याया … आदि … आह्ह आई लव यू… फक आदि … आह्हह चोदते रहो. आह्ह आई … आह्ह और तेज।

मैंने उसकी टांगों को पकड़ लिया और पूरी स्पीड में उसकी चूत को पेलने लगा. 10-12 मिनट तक उसकी चूत को फाड़ने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. वो मुझसे पहले ही झड़ चुकी थी.

शांत होने के बाद वो बोली- तूने शाम से रात कर दी आज आदि. जब शाम को मैंने तुझे उठाया था तो तेरा लंड तेरी चड्डी में तना हुआ था. मेरा तो तभी मन कर गया था. तभी मुझे पकड़ कर चोद देता।

मैंने कहा- अगर ऐसा था तो मेरे लंड को मेरे अंडरवियर से बाहर निकाल कर चूसने बैठ जाती. उसी वक्त तेरी चूत की प्यास मिटा देता मैं.
वो बोली- कोई नहीं यार, अब तो सब कुछ हो गया ना … बहुत मजा आया.
मैं बोला- हां, माल तो तू मस्त है. मजा तो बहुत आया.

उसके बाद हम दोनों नंगे ही सो गये. सुबह उठे तो उसकी दोस्त का कॉल आ रहा था. वो उसे कोचिंग के लिए बुला रही थी.
मैंने कहा- मना कर दे.
इतने में ही मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया. मेरा लौड़ा तना हुआ था.

फोन रख कर उस ब्यूटीफुल कॉलेज गर्ल ने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी. दो मिनट तक लंड चुसवा कर मैंने उसे नीचे पटक लिया उसकी टांगों को चौड़ी करके उसकी जांघों के बीच में उसकी चूत पर लंड रख कर एक जोर का धक्का दिया. पहली ही बार में पूरा लंड उसकी चूत में ठूंस दिया.

बिना रुके मैंने उसकी चूत की चुदाई शुरू कर दी. मैं गली की कुतिया की तरह उसकी चूत को पेलने लगा. उसको ब्लू फिल्मों की रंडी की तरह पेल डाला. फिर हम साथ में झड़ गये. उसके बाद फिर से नंगे सो गये.

अब तो हम मियां बीवी की तरह रहते हैं. चुदाई का खूब मजा देती है वो. मगर जब छुट्टियां आती हैं तो घर जाने के बाद उसके बगैर दिन काटने मुश्किल हो जाते हैं.

दोस्तो, ये थी मेरी सेक्सी गर्ल की हॉट चुदाई की कहानी. अन्तर्वासना पर मेरी ब्यूटीफुल कॉलेज गर्ल की हिन्दी सेक्स कहानी आपको कितनी पसंद आई मुझे जरूर बताना. मुझे आप लोगों के कमेंट्स और ईमेल का इंतजार रहेगा.
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