मेरी जान शायरा-13

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

 मेरी जान शायरा-12 

मेरी जान शायरा-14

मैं महेश आपको बता रहा था दोस्तो कि शायरा मेरे प्रेम में रंग लगी थी. मैं उसको स्कूटी पर बिठा कर उसके बैंक छोड़ने गया फिर अपने कॉलेज आ गया.

अब आगे:

उस दिन भी शायरा को लेने जब मैं उसके बैंक गया, तो उसकी सहेलियों ने मुझे उसका पति समझकर काफी हंसी मजाक किया. जिस पर शायरा ने उन्हें कुछ नहीं कहा.

शायद शायरा को भी अब अपनी बैंक की उन सहेलियों के सामने मुझे अपना पति समझने में कोई आपत्ति नहीं थी.
इसलिए तो उसने उन्हें ना तो रोकने की कोशिश की … और ना ही उन्हें हमारे बारे में कुछ बताया. वो बस उनकी बातों पर हंसती रही.

अब वहां पर तो जो हुआ सो हुआ, उसके बाद मैं शायरा के साथ एक अंडरगार्मेन्टस की दुकान पर आ गया और वहां पर तो बस हद ही हो गयी.

दरअसल मेरे पास बस तीन ही अंडरवियर थे, जिसमें से एक तो उस दिन ममता जी ने अपनी चुत को पौंछ कर खराब कर दिया था … और बाकी बचे दो, वो बारिश के मौसम में सूखते नहीं थे.

मुझे एक दो अंडरवियर खरीदने थे, इसलिए वापस घर जाते समय मैंने उस दिन स्कूटी को पास की ही एक कपड़ा मार्केट की तरफ घुमा दिया.

शायरा- ओय अब कहां जा रहा है?
मैं- तुम्हें भगाकर ले जा रहा हूँ.

शायरा ने तुरन्त मेरी कमर पर अब चिकोटी काट दी- बकवास बन्द कर … और सही बता कहां ले जा रहा है?
मैं- अरे कहीं नहीं जा रहा, मुझे बस एक दो अंडरवियर खरीदने हैं, इसलिए पास ही जो कपड़ा मार्केट है … वहां जा रहा हूँ.

वो- तुम्हें अभी ही समय मिला था ये सब खरीदने का?
मैं- बस दो मिनट की तो बात है … अभी हो जाएगा.

तब तक वो मार्केट भी आ गया था इसलिए मैंने पहली ही दुकान‌ पर स्कूटी को रोक दिया और जल्दी से स्कूटी को खड़ा करके दुकान में घुस गया.

शायरा को कुछ लेना तो था नहीं, इसलिए वो वैसे तो दुकान के बाहर वहीं स्कूटी के पास ही खड़ी हो गयी थी. मगर बाहर बहुत गर्मी थी … इसलिए कुछ देर बाद वो भी दुकान में ही आ गयी.

मुझे बस दो अंडरवियर खरीदने थे … जो कि मैंने अपनी साईज के हिसाब से तुरन्त पसन्द कर लिए. मगर जब मैं अपना बिल देने लगा, तो एक सेल्सगर्ल मेरे पास आ गयी.

सेल्सगर्ल- सर, मैम आपकी गर्लफ्रेंड हैं?

शायरा अब तुरन्त मेरी तरफ देखने लगी कि मैं क्या जवाब देता हूँ. पर मैं कहां पीछे रहने वाला था.

मैं- अ..हां … क्यों?

शायरा मेरी तरफ अब गु्स्से से देखने लगी. मगर तब तक उस सेल्स गर्ल ने शायरा के लिए एक और बम‌ फोड़ दिया.

सेल्सगर्ल- तो सर, मैम के लिए भी कुछ देख लीजिए ना. हमारे पास लेडीस कलेक्शन भी बहुत अच्छा है और काफी वैराईटी में भी है.

दरअसल वो दुकान केवल बस अंडरगार्मेन्टस की ही थी, जिसमें जेन्टस के साथ साथ लेडीस अंडरगार्मेन्टस भी मिलते थे.

उन दुकान वालों ने शायरा को मेरे साथ आते हुए देखा तो था ही … इसलिए वो मुझे व शायरा को गर्लफ्रेंड ब्वायफ्रेंड समझ रहे थे.

अब दुकान वालों का तो काम ही ये होता है कि कैसे भी अपनी सेल बढ़ानी है और उसके लिए ही वो सेल्सवर्कर रखते हैं.

मेरे दिमाग की बत्ती भी तुरन्त ही जल उठी. क्योंकि शायरा का अंडरगार्मेन्टस पसन्द करना और वो भी मेरे सामने? अब मैं कहां पीछे रहने वाला था इसलिए लग गया.

मैं- ये मुझसे गुस्सा हैं, आप बोल कर देख लो, अगर उसे कुछ लेना हो तो बिल पे तो मुझे ही करना है.

शायरा मेरी तरफ गुस्से से तो देख ही रही थी इसलिए मैंने ये गुस्से वाली बात जानबूझकर कही … ताकि वो शायरा को कुछ खरीदने के लिए और भी ज्यादा फोर्स करे.

सेल्सगर्ल- ठीक है सर … हम अभी आपकी सुलह करवा देते हैं. हमारे यहां का लेडीज कलेक्शन और वैरायटी देखेंगी तो मैम का गुस्सा अपने आप ही छू हो जाएगा.

सेल्सगर्ल ने इतराते हुए कहा और शायरा की तरफ देखने लगी. मगर शायरा अब पहले ही बोल पड़ी- नहीं … मुझे कुछ नहीं लेना है.
सेल्सगर्ल- मैम एक बार देख तो लीजिए.

शायरा- मैंने बताया ना … मुझे कुछ नहीं लेना.
सेल्सगर्ल- मैम एक बार देख तो लीजिए, हमारे यहां का कलेक्शन और वैरायटी बहुत ही अच्छा है, मार्केट में और कहीं नहीं मिलेगा.

मैं- देख लो एक बार … कुछ पसंद आता है तो देखने‌ में क्या जाता है?
उस सेल्सगर्ल के साथ साथ अब तो मैं भी बोल पड़ा, जिससे शायरा मेरी तरफ और भी गुस्से से देखने लगी.

पर इतने में एक दूसरी सेल्सगर्ल जो कि काउंटर पर खड़ी थी, वो बोल पड़ी- मैम साईज क्या है?

शायरा तो अब शर्म से पानी पानी ही हो गयी थी … मगर फिर भी मुझे मजा आ रहा था.

शायरा- मैंने बताया ना, मुझे कुछ नहीं लेना.

सेल्सगर्ल- मैम एक बार देख तो लीजिए हमारे यहां का कलेक्शन और वैरायटी बहुत ही अच्छा है. मार्केट में और कहीं नहीं मिलेगा और हम‌ 20% डिस्काउंट भी दे रहे हैं.
शायरा- नहीं मुझे कुछ नहीं लेना.
मैं- मैं दिला रहा हूँ ना, तो मेरी तरफ से ही कुछ ले लो.

सेल्सगर्ल- हां मैम, सर जब इतने प्यार से गिफ्ट कर रहे हैं … तो ले लीजिए ना!

शायरा अब गुस्से से दांत पीसने लगी- क्या ड्रामा है ये सब?
उसने मेरे पास आकर मेरे कान में धीरे से कहा, जिसे उन दोनों सेल्सगर्ल ने सुना तो नहीं … मगर शायरा को मुझसे बातें करते हुए जरूर देखा.

इतने में अब दूसरी सेल्सगर्ल भी बोल पड़ी.

सेल्सगर्ल- मैम प्लीज आप एक‌ बार साईज तो बताओ … लेना है या नहीं, ये लेना बाद में तय कर लेना.
पहली सेल्सगर्ल- हां मैम एक बार देख तो लो … प्लीज.

अब शायरा को कुछ लेना तो नहीं था मगर वो दोनों सेल्सगर्ल उसके पीछे ही पड़ गयी थीं.

शायरा- वो 36D.
उसने अब हकलाते हुए बड़ी ही मुश्किल से कहा और मैं शायरा की हलात देखकर मुस्कुराता रहा.

शायरा का फिगर तो अच्छा था ही … ऊपर से सेल्सगर्ल का तो काम ही ये होता है कि कैसे भी ग्राहक को खुश करना है.
उसको थोड़े ना पता था कि मैं शायरा का ब्वायफ्रेंड नहीं हूँ. वो तो यही सोच रही थी कि मैं शायरा का ब्वॉयफ्रेंड हूँ इसलिए उसे वैसे ही ट्रीट कर रही थी.

सेल्सगर्ल- वैसे मैम, आपका‌ फिगर तो एकदम जबरदस्त है.

उस पहली वाली सेल्सगर्ल ने हंसकर मेरी तरफ देखते हुए कहा, मगर शायरा शर्म से दोहरी हो गयी.

उन दोनों सेल्सगर्ल ने हमें अब एक से एक डिजाईन व कलर के पैंटी-ब्रा दिखाने शुरू कर दिए.
मगर शायरा शर्म के मारे उनकी तरफ देख भी नहीं पा रही थी.

मैंने भी अब और मजे लेने‌ की सोची.

वहीं पर एक पुतले को एक बेहद फैंसी टाईप की ब्रा-पैंटी का सैट पहना कर रखा हुआ था, जो कि बिल्कुल ही पारदर्शी और जालीदार था. मैंने उसकी तरफ इशारा किया.

मैं- इस डिजाईन में दिखाना तो?
सेल्सगर्ल- जी सर, ये लेटेस्ट डिजाईन है और इसका कपड़ा भी एकदम कम्फर्टेबल है.

मैं- पर इसमें कलर ब्लैक देना … ब्लैक मेरा फेवरेट है.

सेल्सगर्ल ने पहले एक बार तो शायरा की तरफ देखा … फिर हंसते हुए मेरी तरफ देखने लगी.

सेल्सगर्ल- यस सर, वैसे तो मैम‌ का रंग फेयर है इसलिए इन पर कुछ भी सूट करेगा … मगर ब्लैक और भी ज्यादा बैटर रहेगा.
मैं- हां … तभी तो मैंने ब्लैक चूज किया है.

शायरा को अब गुस्सा आ गया- तुम पागल …
इससे पहले शायरा कुछ कहती, मैं बीच में ही बोल पड़ा- इसमें गुस्सा होने वाली क्या बात है. ये पसन्द नहीं है … तो कोई और ले लो.
सेल्सगर्ल- हां मैम, हमारे पास एक से बढ़कर एक डिजाईन और वैराईटी है. आप बताओ तो किस टाईप में दिखाना है.

मैं- हां हां बताओ तो सही.

शायरा बस दांत पीसकर रह गयी.
उसको शर्म तो आ रही थी मगर वो दोनों सेल्सगर्ल उसके पीछे ही पड़ गयी थीं.
इसलिए शायरा ने जो ब्रा पैंटी के सैट निकाल कर रखे हुए थे, उनमें से उसने एक को पसंद कर लिया.

सेल्सगर्ल- सर, ये यूनिक वैराईटी में है, थोड़ा कॉस्टली होंगे.
मैं- हां हां चलेगा, कितने का है?

सेल्सगर्ल- सर, वैसे तो एक सैट की प्राईज 399/- है … पर डिस्काँउट करके आपको ये 319/- का पड़ेगा.
मैं- त्.त.तीन सौऔ … उन्ह आंखान्ह ..

एक ब्रा पैंटी की कीमत तीन सौ सुनते ही मेरी खांसी निकल पड़ी. क्योंकि उस समय मुझे सारे ही पांच सौ रूपए तो महीने भर के लिए पॉकेट मनी मिलता था.

मैं तो सोच रहा था कि शायरा के ब्रा पैंटी पर दो सौ अढ़ाई सौ रुपए खर्च करके उसके साथ काफी हंसी मजाक कर लूंगा मगर ये तो बाजी ही उल्टी पड़ गयी थी.

शायरा को अब मेरी हालत का अहसास तो हो ही गया था … ऊपर से वो मुझसे गुस्सा भी थी इसलिए उसने भी मजा लेना शुरू कर दिया.

शायरा- हां … हां … अच्छे से कलर में तीन चार सैट निकाल दो.

शायरा ने गुस्से से मेरी तरफ देखते हुए कहा, मगर मैं अब बगल झांकने लगा.

मैं सोचने लगा कि तीन सौ उन्नीस – तीन सौ उन्नीस के तीन चार सैट … आज तो गए काम से. मैंने दिल में ही सोचा मगर कुछ कह नहीं पाया.

सेल्सगर्ल ने भी शायरा ने जिस ब्रा पैंटी के लिए कहा था, उसके अलग अलग कलर के पांच छह सैट‌ निकाल‌ कर हमारे सामने रख दिए.

उनमें से शायरा ने अब दो सैट निकाल लिए. एक ब्लू और एक रैड. ब्लैक शायद इसलिए नहीं लिया क्योंकि मैंने उसे अपना फेवरेट बताया था.

सेल्सगर्ल ने भी उनको अब तुरन्त ही पैक कर दिया.

सेल्सगर्ल- चलिए सर मैं आपका बिल करवा देती हूँ.

अब बारी थी बिल‌ देने की मेरी, जो कि मेरी पहुंच से‌ काफी बाहर हो गया था. मेरे अंडरवियर और शायरा के उन दोनों सैट को मिलाकर कुल कीमत सात सौ अढ़तीस रूपए हो गयी थी. मगर मेरे पास तो बस पॉकेट मनी‌ से जोड़ तोड़ कर सारे ही छह सौ साढ़े छह रुपए के करीब पड़े थे. अब क्या करूं … और क्या ना करूं. बेईज्जती होना तय हो गयी थी, इसलिए मुझे अब इससे‌ पीछा छुड़ाना ही सही‌ लग रहा था‌.

मैं- यहां पास में कोई एटीएम‌ है क्या? मेरे पास कैश कम है … मुझे पैसे निकालने होंगे.

मुझे पता था कि पास में कोई एटीएम‌ नहीं है इसलिए मैंने ये जानबूझकर बहाना‌ बनाया, जबकी एटीएम‌ कार्ड तो दूर, मेरा तो उस समय बैंक में अकाऊंट भी नहीं था. मगर मेरी ये चाल भी अब मुझ पर ही उल्टा पड़ गयी.

सेल्सगर्ल- नहीं, सर यहां एटीएम तो नहीं मगर कोई नहीं हम कार्ड से भी पेमेंट लेते हैं.

अब तो मेरी हालत और भी खराब हो गयी. मैं कभी शायरा का … तो कभी उस सेल्सगर्ल का‌ मुँह ताकने लगा, जिसे देख अब शायरा को हंसने लगी.

उस समय मुझे घबराहट तो हो रही थी मगर कहते है ना जहां चाह … वहां राह. वैसे ही शायरा की तरफ देखा तो मेरी नजर अब शायरा के पर्स पर भी चली गयी. जिससे तुरन्त ही मुझे अब एक योजना सूझ गयी.

मुझे ये तो पता था ही कि शायरा का‌ पति पैसे वाला है, ऊपर से शायरा भी बैंक में काम‌ करती है … इसलिए उसके पास कैश, नहीं तो एटीएम कार्ड तो पक्का ही होगा.

मैं- वो देखना‌ तो शायद मेरा कार्ड तुम्हारे पर्स में तो नहीं.

मैंने अपना पर्स निकालकर झूठमूठ में एक‌ बार तो पर्स की तरफ देखा, फिर जल्दी से शायरा के पर्स को खोलकर देखने लगा.

झेंपने की बारी अब शायरा की थी- नहीं वो वो नहीं …

उसने एक दो बार तो कहा … मगर तब तक मैंने उसके पर्स की चैन‌ को खोल लिया.

शायरा के पर्स में दो अढ़ाई हजार कैश के साथ दो-दो एटी‌एम कार्ड पड़े थे. उनमें से मैंने भी झट से एक निकालकर सेल्सगर्ल को दे दिया.

मैं- ये तो रहा … लो आप कार्ड से ही पेमेंट ले लो.

मेरी ये चालाकी देख शायरा के चेहरे पर भी फिर से मुस्कान आ गयी मगर उसने अब कुछ कहा नहीं.

पेमेंट के बाद मैंने वो एटीएम कार्ड शायरा को वापस कर दिया और सारा सामान लेकर शायरा के साथ बाहर आ गया.

शायरा मुझसे चिढ़ी हुई तो थी ही … इसलिए बाहर आते ही वो मेरी तरफ दांत पीसते हुए कहने लगी- क्या ड्रामा था ये सब?
मैं- इसमें ड्रामा क्या है, तुम्हें गिफ्ट दिला रहा था बस!

वो- अच्छा … गिफ्ट में ये सब देते हैं और गिफ्ट ही दिला रहा था, तो अपने पैसे से दिलाना था ना!
मैं- अब मुझे क्या पता कि तुम ब्रा पैंटी ही इतनी मंहगी मंहगी पहनती हो? वो तो मैं सही रहा कि कपड़े लेने नहीं गया. नहीं आज तो मेरी किडनी ही बिक जानी थी.

मेरी इस बात से शायरा के चेहरे पर फिर से हल्की सी मुस्कान आ गयी.

तब तक मैंने स्कूटी को मोड़कर स्टार्ट कर लिया और शायरा मेरे पीछे आकर बैठ गयी.

मैं- वैसे एक‌ बात कहूँ, बुरा मत मानना, तुम्हारा फिगर सच में ही कयामत है.

शायरा ने खीज कर अब मेरी कमर पर पीछे एक मुक्का जड़ दिया.

वो- बहुत जोर से पिटेगा तू मुझसे अब, मैं सच बता रही हूँ … ज्यादा बकबक नहीं … अब चुपचाप घर चल.
मैं- कमाल है यार … किसी की तारीफ करने पर भी पीटने की धमकी मिलती है. वैसे किसी ने सच ही कहा है … खूबसूरती खतरनाक होती है.

ये बात सुनकर तो शायरा को भी हंसी आ गयी, जिसे मैंने मिरर में देखा. मैंने अब और फ्लर्ट करने की‌ सोची.

मैं- वैसे वो सेल्सगर्ल भी मुझे और हमें गर्लफ्रेंड ब्वाय फ्रेंड ही समझ रही थी. गलती उसकी नहीं थी, दरअसल मैं हूँ ही इतना हैंडसम. हां तुम भी ब्यूटीफुल हो लेकिन मैं ज्यादा सुन्दर हूँ. हमारी जोड़ी इतनी मस्त है‌ कि सभी हमें कपल्स ही समझते हैं.

शायरा इस बात पर फिर से हंसने लगी.

वो- हैंडसम‌ और तुम … कभी आइने में चेहरा भी देखा है अपना … बड़ा आया हैंडसम!
मैं- मुझे आईने में चेहरा देखने की क्या जरूरत, वो तो मुझे तुम्हारी आंखों में ही नजर आ जाता है.

यहां पर तो मैंने शायरा को‌ बोल्ड ही कर दिया था. क्योंकि वो ये बात सुनकर अब ब्लश कर गयी और आगे कुछ कह ही नहीं पाई.

ऐसे ही छेड़छाड़ और बातें करते करते हम घर आ गए.

घर आकर आज भी शायरा ने हम दोनों‌ के लिए चाय बनाई, जो‌ कि हम दोनों ने साथ में ही बैठकर पी.
तो अब अगली बार इस प्रेम और सेक्स कहानी में आगे लिखूंगा कि क्या हुआ.

आपके मेल के इंतजार में मैं आपका महेश.
[email protected]

कहानी जारी है.