बाप मादरचूत बेटी महा मादरचूत-10

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

बाप मादरचूत बेटी महा मादरचूत-9

बाप मादरचूत बेटी महा मादरचूत-11

सेक्स फॉर कैश हिंदी स्टोरी में पढ़ें कि कैसे एक आदमी ने अपने दोस्त की बेटी को एक रंडी और उसके दल्ले की मदद से पेड सेक्स के जाल में फंसाया.

नमस्कार दोस्तो, मैं राकेश एक बार फिर से इस गंदी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर आया हूं.

बाप दिन रात बेटी की गांड को चोदने में लगा रहता था जिससे रिया तंग आ गयी और उसने अपने डैड की शर्त जल्दी से जल्दी पूरा करने की सोची ताकि डैड के लंड से उसका पीछा छूट जाये.

अब आगे की सेक्स फॉर कैश हिंदी स्टोरी:

रिया सोचने लगी कि डैड का काम जल्दी जल्दी खत्म करना होगा नहीं तो ये पता नहीं मेरे साथ और कितनी गंदी हरकतें करेंगे. मुझे दो तीन दिन में ही ये काम करवाना होगा ताकि डैड का दिया चेक भी पास हो जाये और अपनी मर्ज़ी से मैं सेक्स करूँ।

ये सोचकर रिया ने रतनलाल को कॉल किया.
रिया- रतन, तुझे मेरा एक काम करना होगा. किसी भी तरह रवि सेठ की बेटी रश्मि को कॉन्टेक्ट करो और उसको भी इस धंधे में उतारने का कोई तरीका लगाओ. अगर वो इस धंधे में आ गयी तो मैं तुझे पूरे 1 लाख रुपये दूंगी.

रतनलाल खुश हो गया क्योंकि उसको इतने सारे पैसे मिलने वाले थे. रिया ने उसको सारी बात समझा दी.
उसके बाद रिया ने रेहाना को कॉल किया और उसको भी रश्मि वाला काम सौंप दिया. वो बोली कि जाकर रश्मि से मिले और पता करे कि उसकी क्या क्या कमजोरी है? कैसे रश्मि को चुदाई के धंधे में उतारा जा सकता है?

रेहाना को भी रिया ने एक लाख रुपये ऑफर कर दिये. रेहाना भी खुश हो गयी. फिर रिया, रतन और रेहाना तीनों मिल कर रश्मि के पीछे लग गये. तीनों ने अपने अपने तरीके से रश्मि को अपने विश्वास में ले लिया.

रश्मि अपनी चूत की चुदाई अपने बॉयफ्रेंड से करवा चुकी थी. मगर अब उसका बॉयफ्रेंड किसी दूसरी लड़की के चक्कर में पड़ा हुआ था. वो दूसरी लड़की रश्मि से ज्यादा पैसे वाली थी. हमेशा नये नये कपड़े पहनती थी और अपने जिस्म को संवारने में बहुत खर्च करती थी.

चूंकि रश्मि के पास इतने पैसे होते नहीं थे इसलिए ज्यादा खर्च नहीं कर पाती थी. जिसकी वजह से उसका बॉयफ्रेंड दूसरी लड़कियों की ओर आकर्षित हो रहा था.

रतन से मिलीभगत करके रेहाना एक दिन रश्मि से जाकर मिली और उसको कहने लगी कि अगर वो उसके साथ चलेगी तो वह उसे एक रात के लिए अच्छी खासी रकम दिला सकती है. होटल में कुछ घंटे गुजारने के ही मोटे पैसे मिलेंगे.

ये सुन कर रश्मि पहले तो गुस्सा हो गयी. मगर बहुत सोचने के बाद फिर वो सेक्स फॉर कैश के लिए तैयार हो गयी क्योंकि उसको पैसों की जरूरत थी. वो अपने पिता से भी नहीं मांग सकती थी क्योंकि बॉयफ्रेंड के बारे में वो बता नहीं सकती थी.
रेहाना ने रश्मि को कहा कि अगर वो कुंवारी मतलब अब तक बिना चुदी है तो उसे डबल पैसे मिलेंगे.
यह सुन कर रश्मि ने लालच में झूठ कह दिया कि वो अक्षत यौवना है.

रेहाना ने रश्मि की एक नाइट की बुकिंग कर दी. रात में रतनलाल रश्मि को कुछ समझा कर अपनी कार से उसे होटल में ले गया. वहां जाकर उसने रूम नंबर बता दिया और सब कुछ समझाकर लौट आया.

रश्मि ने जाकर रमेश के रूम को नॉक किया. रमेश ने दरवाजा खोला. रमेश को देख कर रश्मि का मुंह खुला का खुला रह गया. ये उसकी पहली रात थी और वो भी एक बड़ी उम्र के मर्द के साथ.

रमेश ने रश्मि को ऊपर से नीचे तक देखा. चेहरे पर जालीदार कपड़ा ढका हुआ था रश्मि ने, मगर रमेश उसके जिस्म को देख रहा था. रमेह को तो यही पता था कि रश्मि कुंवारी है. उसको देख कर रमेश की लार टपकने लगी. सेक्सी जिस्म वाली जवान कुंवारी लड़की में उसको सेक्स ही सेक्स भरा नजर आ रहा था.

उसने रश्मि को रूम के अंदर कर लिया और दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया. रश्मि घबरा रही थी.
रमेश बोला- डरो नहीं, रिलेक्स हो जाओ. यह बात केवल तुम्हारे और मेरे बीच में रहेगी. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.

बेड पर बैठते हुए बॉटल से न्यू पैग बना कर उसने सोडा मिलाया और 2 सिप मार कर लड़की को इशारे से अपने पास बुलाया।
“इधर आओ.. क्या नाम है तुम्हारा?”

रमेश के इशारे पर भी रश्मि टस से मस ना हुई.
तो रमेश बोला- मैंने कहा ना रिलॅक्स हो जाओ. चलो आओ मेरे पास!

रमेश को उसका खूबसूरत चेहरा देखने की लालसा बढ़ गयी थी. इस वक़्त रश्मि ने अपने बदन पर जीन्स और टॉप डाला हुआ था. मॉर्डन गेट-अप में थी. अजीब सी आडी टेढ़ी हेयर स्टाइल, जैसे अक्सर फिल्मी एक्ट्रेस रखे रहती हैं.

पैरों में हाइ हील सैंडल. टाइट जीन्स में उसकी मांसल जाँघों और चूतड़ों का आकार बेहद भड़काऊ था. उसकी चूचियाँ हाथों के नीचे दबी होने से रमेश को नज़र नहीं आ रही थी. कुल मिला कर आज की रात रमेश के लिए बड़ी कातिल थी.

रमेश- अच्छा ठीक है पास मत आओ. अपना चेहरा तो दिखा सकती हो ना?
रमेश ने वापस एक स्ट्रॉन्ग सिप लिया और बेड के स्टैंड से टिक कर लेट गया.

उसका लंड इस बात से ही अकड़ने लगा था कि माल 20 साल का है और कुंवारी है. टावल के नीचे नंगे होने से लंड का उभार भी हल्का हल्का दिखाई देने लगा था. जब काफ़ी देर तक लड़की ने कोई रिएक्शन नहीं दिया तो रमेश गुस्से से भर गया।

गुस्से में वो बोला- क्या यहाँ नौटंकी करने आई है साली? अरे जब इतनी शर्म थी तो चुदने आना ही नहीं चाहिए था तुझे!
इतना बोल कर रमेश ने अपना मोबाइल हाथ में उठा लिया।

रश्मि- किसे फोन कर रहे हैं अंकल?
लड़की ने घबरा कर अपने दोनों हाथ चेहरे से हटा लिए. उसे डर महसूस हुआ कि कहीं रमेश ऐसी जगह कॉल ना कर दे जो इस कमरे की बात बाहर चली जाए।

रमेश- रतनलाल को फोन कर रहा हूं. तुम्हें ले जाएगा यहाँ से। ऐसे छुईमुई बन कर बैठी रहोगी तो क्या मैं तुम्हारा अचार डालूंगा यहां?
रश्मि- नहीं, रुकिये अंकल. मेरे पैसे अटक जाएँगे.
इतना कह कर वो बेड पर आ कर बैठ गयी.

रमेश ने ये बात सुनते ही मोबाइल वापस नीचे रख दिया और बड़े गौर से उसका खूबसूरत चेहरा देखने लगा.

रश्मि वाकई बहुत सुंदर थी. बनावट में एकदम से परफेक्ट. अब उसकी चूचियों को घूर रहा था रमेश. उसकी चूची काफी कसी हुई थी. उसका फिगर भी काफी हद तक रिया से मैच कर रहा था सिवाय उसके मैच्योर चेहरे को छोड़कर।

रमेश- इधर आओ मेरे पास।
रमेश ने अपनी जाँघों पर थपकी देते हुए कहा और इस बार रश्मि अपनी सैंडल उतार कर उसकी तरफ सरकने लगी. आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ती हुई वो बिल्कुल रमेश के पास घुटने मोड़ कर बैठ गयी।

रमेश- क्या नाम है तुम्हारा?
लड़की- जी रश्मि.
उसने बेहद धीमी आवाज में जवाब दिया और रमेश की आँखों में देखने लगी. मासूम चेहरा कजरारी आँखें. रमेश के तो आज मज़े हो गये थे।

वो बोला- बड़ा प्यारा नाम है. किस कॉलेज मे पढ़ती हो?
रमेश उसके माथे से उंगली फिराता हुया उसके बूब्स तक पहुंच गया था।
रश्मि- जी वो मत पूछिये.

धड़कनें बढ़ते ही उसने ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अगले ही पल रमेश ने अपने होंठों से उसकी गर्दन के सेंटर पर एक गहरा चुम्मा जड़ दिया. रश्मि का रोम रोम सिहर गया. हालांकि रमेश के मुंह से आती शराब की गंध उसको अच्छी नहीं लग रही थी.

रमेश- ठीक है, कॉलेज के बारे में नहीं पूछ रहा. मगर आँखें तो खोल लो.
रमेश का कहा मानकर रश्मि ने अपनी आँखें खोलीं लेकिन इस बार उसकी नज़रें रमेश के टॉवल में बने तंबू से चिपक कर रह गयीं. उसका मुंह ऐसे खुला रह गया जैसे लंड चूसने के लिए खोला हुआ हो.

रमेश- ज़्यादा परेशान नहीं करेगा ये तुम्हें, चाहो तो छू कर देख सकती हो.
रमेश उसके मुलायम हाथ को पकड़ कर लंड पर रखने लगा. रश्मि ने थोड़ा ज़ोर लगाया ताकि अपना हाथ छुड़ा सके लेकिन अगले ही पल उसे याद आ गया कि वो यहाँ रमेश की रात रंगीन करने आई है ना कि कोई विरोध करने।

हाथ का स्पर्श अध-खड़े लंड पर महसूस कर दोनों की हालत पतली हो गयी. जहाँ रमेश उसके कोमल हुस्न को देख कर पागल हुआ जा रहा था वहीं रश्मि लंड की लंबाई और चौड़ाई का अहसास कर पानी-पानी होने लगी थी।

रमेश- अपने कपड़े उतारो।
उसने जैसे फ़ैसला सुनाकर कहा.

रश्मि ने हां में अपनी गर्दन हिलाई और रमेश का हाथ उसके टॉप के निचले छोर को पकड़ कर ऊपर उठाने लगा. रश्मि ने खुद-ब-खुद अपने दोनों हाथ हवा में ऊपर उठा लिए और टॉप उसके बदन से अलग हो गया.

ब्रा में जकड़ी बड़ी-बड़ी कड़क चूचियों को देखकर रमेश के लंड ने ठुमकी मारी और वो अपने दोनों हाथ बूब्स के साइड में रखते हुए पूरी क्लीवेज को अपनी जीभ से चाटने लगा.
रश्मि- उफ्फ… अम्म … आह्ह अंकल।
उसने एक ज़ोरदार अंगड़ाई ली और रमेश की बांहों से चिपक गयी.

रमेश- शर्म आ रही है मेरी जान? रमेश उसके चेहरे की तरफ झुकते हुए बोला.
एक बार फिर शराब की बदबू से रश्मि की रूह काँप गयी. बिना आवाज़ के उसने हां में जवाब दिया और अपने बूब्स पर हाथ रख कर उन्हें छुपाने लगी.

रमेश- ऐसे शरमाने से क्या फ़ायदा? आज की रात मैं तुम्हें प्यार करूँगा, तुम मुझे करना … ये समझ लो कि हम दोनों एक रात के पति पत्नी हैं.
फिर रमेश ने कहा- जीन्स भी उतार दो। रहने दो, रुको मैं ही उतार देता हूं.

इससे पहले रश्मि कुछ और कह पाती तब तक रमेश अपने घुटनों पर बैठ चुका था. बिना बेल्ट की शॉर्ट ज़िप जीन्स के फ्रंट पार्ट से चूत के उभार का अनुमान लगाकर रमेश के मुंह में पानी आ गया.

बिना देर किए उसने बटन अनलॉक किया और सर ऊपर उठा कर रश्मि के रिएक्शन को नोट करने लगा।
रश्मि- अंकल मत देखिए मुझे ऐसे. मैं पिघल रही हूं.

इसके आगे रश्मि कुछ नहीं बोल पाई और जीन्स को कमर से पकड़ कर रमेश ने उसकी जाँघ तक खींच दी.

रमेश- शरमाओ मत, एंजाय करो।
उसने अपना चेहरा पैंटी की तरफ बढ़ाया और चूत से निकले द्रव्य की मादक सुगंध लेने लगा. कई बार रमेश के मुंह से साँस अंदर-बाहर होने से रश्मि को उस हिस्से पर गर्म और ठंडा मिश्रित अहसास हो रहा था।

अब रमेश से रहा नहीं गया और उसने जीन्स को पूरी तरह उसकी टाँगों से नीचे उतार दिया. रश्मि ने अपने हाथ से उसके कंधों पर वजन डाला और बारी बारी से टाँग उठा कर जीन्स अपने पैरों से अलग कर दी।

रमेश- मैं तुम्हारी चूत देखना चाहता हूँ. फिर साथ में ड्रिंक लेंगे.
इतना कहकर रमेश ने उसकी टाँगों को छुड़ाया और पैंटी की साइड छोर सरका कर चूत का मुआईना करने लगा.

चिपचिपी फूली हुई, हल्के रोयें से भरी चूत देख कर उसे अपनी बेटी रिया की याद आ गयी. तुरंत ही रमेश ने उंगली से चूत की फांकों को कुरेदना शुरू कर दिया. लंबाई उसे लगभग 3 इंच के बराबर जान पड़ी. जैसे ही रमेश ने अपनी मिडिल फिंगर अंदर डालनी चाही तो रश्मि ने टाँगों की जड़ को चिपका लिया और थोड़ा पीछे हट कर खड़ी हो गयी।

रमेश- क्या हुआ रश्मि?
रश्मि- अंकल सॉरी.

उसके चेहरे पर ग्लानि के भाव देख कर रमेश मुस्करा दिया- तुम कुँवारी नहीं हो. मेरी नज़र से कुछ नहीं बचता और शायद यही तुम्हारी परेशानी का कारण भी है. सही कहा ना मैंने?

फिर रमेश ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खींचा और अगले ही पल किसी फूल की तरह अपनी गोद में उठा लिया। उमर ज़्यादा होने पर भी रमेश की मर्दाना ताकत से इंप्रेस होकर रश्मि ने अपना झूठ स्वीकार करने का फ़ैसला कर लिया।

वो बोली- जी अंकल, आपने सही पहचाना है, मैं वर्जिन नहीं हूं. लेकिन मैंने केवल एक बार ही किया हुआ है. मैं खून देख कर घबरा गयी थी और उसके बाद कभी मेरी हिम्मत नहीं हुई.

रश्मि के मुंह से सच सुन कर रमेश हँसने लगा और बोला- तो झूठ बोलने की कोई वजह?
रमेश ने उसे गोद से नीचे उतार कर कहा।

रश्मि- पैसे ज़्यादा मिल रहे थे, इसलिए बोल दिया था.
रश्मि के मुंह से ये स्वर बहुत ही धीमी आवाज में निकले.
रमेश- तो फिर अभी कितने दिये हैं उसने? रमेश ने उसका गंभीर चेहरा देख कर पूछा.
वो बोली- पचास हज़ार.

रमेश ने अपना हाथ रश्मि के सर पर ले जाकर रश्मि के बालों की पिन निकाल दी जिससे उसके लंबे बाल खुल कर पूरी पीठ पर फैल गये।
फिर रमेश ने मादक से स्वर में पूछा- लंड चूसना आता है? ये पूछते हुए रमेश अपने टॉवल के ऊपर से ही अपने तने हुए लंड को सहला रहा था.

चुदाई से पहले लंड चुसवाने का ये उसका शौक बहुत पुराना था.
रश्मि ने शरमाते हुए कहा- आता तो नहीं है, मगर आपकी खातिर चूस दूंगी.

रश्मि की इस भोली अदा पर तो रमेश एकदम से फिदा हो गया. उसने तुरंत अपना टॉवल खोल कर फर्श पर गिरा दिया. टॉवल गिरते हुए उसका मोटा तगड़ा लौड़ा जो इतनी देर से तौलिया की दीवार के पीछे कैद था अब हवा में खुले रूप से लहराने लगा.

बार बार उछाला देकर उसका लंड ये बता रहा था कि रश्मि के कोमल जिस्म को भोगने के लिए कितनी प्यास है उसके अंदर। रमेश ने धीरे से रश्मि का कोमल मुलायम हाथ पकड़ लिया और आहिस्ता से अपने झटके दे रहे लंड पर टिका दिया.

उसने अब अपनी बनियान निकाल दी और पूरा नंगा हो गया. साथ ही उसने रश्मि की ब्रा को भी निकाल दिया. रश्मि की नंगी चूची देख कर जैसे उसको कोई पुराना गड़ा हुआ खजाना मिल गया हो, कुछ ऐसी चमक आ गयी थी उसकी आंखों में।

धीरज खोकर उसने रश्मि की चूचियों को अपने हाथों में भर लिया और उनको आराम आराम से भींचना शुरू कर दिया. चूचियों पर रमेश के हाथ कसते ही रश्मि का हाथ भी रमेश के गर्म गर्म लोहे की तरह तप रहे लौड़े पर कस गया. रमेश लड़की को गर्म करने की कला में पूरा मास्टर था जिसका असर रश्मि पर साफ दिख रहा था.

सेक्स फॉर कैश हिंदी स्टोरी अगले भाग में जारी रहेगी. कहानी को पढ़ कर मजा आ रहा हो तो अपना प्यार जरूर भेजें. कहानी पर कमेंट्स करना न भूलें और अपने मैसेज भेजने के लिए नीचे दिये ईमेल का प्रयोग करें.
[email protected]