कैसे बना मैं जिगोलो-2

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम राज है. मैं कोटा राजस्थान का रहने वाला हूँ. जो कहानी मैं लिख रहा हूँ वो मेरी रियल लाइफ की कहानी है. यह मेरी अन्तर्वासना पर दूसरी कहानी है, तो इस में अगर कोई गलती दिखे, तो माफ कर दें.

मैं आपको अपने बारे में बताता हूँ, मेरी हाईट 5.5 फिट है, शरीर भी ठीक-ठाक है. मेरे लंड की साईज 6 से 7 इंच है, मैंने कभी नापा नहीं है.

जैसा कि आपने मेरी पहली स्टोरी
कैसे बना मैं जिगोलो-1
में पढ़ा था कि कैसे मैं सारिका को मिला और हम दोनों में सेक्स शुरू हुआ.

अब आगे:

सारिका और मैं अगले 6 माह तक मिलते रहे. सारिका मुझसे अपनी जरूरत पूरी करती और मुझे मेरी फीस दे दिया करती. इसी बीच उसने मुझे अपनी कुछ सहेलियों से भी मिलवाया और उनकी सेक्स की जरूरतें पूरी करवाईं.

इसी क्रम में एक नाम यशिमा का है. यशिमा के साथ मेरे किस तरह के सम्बन्ध आगे बढ़े … उसी की कहानी का मजा लीजिएगा.

एक दिन शुक्रवार को दोपहर को 3 बजे सारिका का मेरे पास फोन आया. मैंने फोन उठाया और ‘हैलो कौन?’ बोला.

उधर से आवाज आई- हैलो, मैं सारिका बोल रही हूँ. तुम्हें अभी जयपुर आना है और दो दिन वहीं रहना है. शाम 5 बजे की ट्रेन है. मैंने तुम्हें टिकट मेल कर दिया है, तुम ट्रेन में बैठ जाओ, तो फोन कर देना … ओके.
उसने बिना मेरा उत्तर सुने फोन काट दिया.

मैंने बॉस से शनिवार की छुट्टी ली और बहाना बना कर घर आ गया. मैं दोस्त की शादी में जाने का बोल कर जयपुर के लिए रवाना हो गया.

मैं ट्रेन में बैठा और मैंने सारिका को फोन किया- मैं ट्रेन में बैठ गया हूँ.
सारिका ने बोला- ठीक है स्टेशन पर मिलते हैं.

मैं लगभग 11 बजे जयपुर स्टेशन पर उतरा. जैसे ही स्टेशन से बाहर आया, तो फोन आया- पहुंच गए राजा?
मैंने कहा- हां पर तुम कहां हो डियर?
तो उसने एक कार का नम्बर दिया और कहा कि बाहर आओ और इस नम्बर की कार में आओ.

वो लाल रंग की स्विफ्ट कार थी. मैं जैसे ही कार के पास पहुंचा, सारिका ने गेट खोल दिया. मैं अन्दर बैठ गया.

सारिका ने वेलकम बोला और मैं हंस दिया. पर मेरी जैसे ही ड्राईवर सीट पर गई … तो मैंने देखा कि वहां एक खूबसूरत हसीना थी.

उसे देखकर मैंने सारिका की तरफ देखा, तो उसने कहा कि ये मेरी कजन सिस्टर है. इसका नाम यशिमा है.

मैं बोला- यशिमा … वाओ नाइस नेम … हाय यशिमा.
वो बोली- हैलो …

बस कार चल दी. कोई 20 से 30 मिनट की ड्राइव के बाद हम एक मल्टीस्टोरी में आ गए. उस बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर यशिमा का फ्लैट था. हम सभी वहां पहुंचे, तो यशिमा ने मुझे सोफे पर बैठाया और पानी लेने अन्दर चली गई.

सारिका फोन पर खाना आर्डर कर रही थी.

यशिमा ने पानी देने के बाद कहा- मैं नहा कर आती हूँ.

वो गांड ठुमकाते हुए चली गई. बस इसी बीच सारिका ने मुझे यशिमा के बारे में बताया कि उसने लव मैरिज की थी, पर उनकी शादी के 4 साल बाद ही दोनों में तलाक हो गया. इसके बाद वो अकेली रहने लगी, पर वो पढ़ी लिखी थी, तो अभी एक मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब करती है. वो इस तरह से सेल्फ डिपेन्ड है.

मैंने कहा- ये दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेती?
तो सारिका ने कहा- यशिमा को शादी के तो बहुत से ऑफर हैं, पर वो अभी शादी करना नहीं चाहती है, आज इसे अकेले रहते 5 साल हो गए हैं. ये मेरी बेस्ट फ्रेंड भी है, इसलिए हम दोनों आपस में कुछ नहीं छिपाती हैं. इसी के चलते मैंने इसे तुम्हारे बारे में बताया, तो इसके भी मन में फीलिंग उठने लगी. क्योंकि इसे भी चुदे 5 साल हो गए हैं. इसने अपने मन की बात कही, तो तुम्हें फोन करके इसके लिए यहां बुलाया है. बस तुम इसे खुश कर दो.
मैंने कहा- मैं कोशिश करूंगा.

इतने में यशिमा बाथरूम से बाहर आई. तो मैं उसे देखता रह गया. मैं उसे आंखें गड़ाए देख रहा था.

वाह क्या मस्त फिगर था. दोस्तों बिल्कुल मस्त साईज 38-30-36 का रहा होगा. एकदम फिट, हॉट, सेक्सी.

तभी यशिमा बोली- क्या हुआ जनाब … कहां खो गए हैलो … आप भी नहा लो, फिर खाना खाते हैं.
उसकी आवाज सुनकर मैं होश में आया और मैंने कहा- हां हां, मैं नहा लेता हूँ.

मैं नहाने चला गया और नहा कर 10 मिनट बाद बाहर आया, तो दोनों खाने की टेबल पर मेरा इंतजार कर रही थीं.

फिर हमने साथ में खाना खाया. खाने के बाद मैं टीवी देखने लगा.

सारिका ने यशिमा से कान में धीरे से कहा- जा यशिमा सुहागरात की तैयारी कर … अपने रूम में जा … मैं थोड़ी देर में इसे भेजती हूँ.
यह मैंने सुन लिया था.

यशिमा उठी और कमरे में चली गई. सारिका टेबल से बर्तन आदि लेकर रसोई में चली गई. मैं भी सारिका के पीछे रसोई में चला गया.

मैंने सारिका से पूछा- ये सुहागरात की तैयारी का क्या मतलब?
तो उसने कहा- अरे बुद्धू, जो 5 साल से ना चुदी हो, तो उसकी चुत तो कुंवारी जैसी ही होगी ना … तुम्हें मजा आएगा … और हां उसे आज मस्त कर दो … खुश कर दो यार.
मैंने कहा- ठीक है जान.

मैं सारिका को किस करके बाहर आकर टी.वी. देखने लगा. थोड़ी देर बाद सारिका रसोई से निकलकर रूम में यशिमा के पास गई.

दस मिनट बाद मेरे पास आकर बोली- जाओ राजा तुम्हारा माल तैयार है. आज उसे चोद कर ऐसा मस्त कर दो कि वो अपनी पहली सुहागरात भूल जाए और आज की रात को ही याद रखे … जाओ … जाओ ना.

मैं उठा और यशिमा के रूम की तरफ बढ़ा. उस वक्त लगभग साढ़े बारह बज रहे होंगे.
रूम में गया तो वहां की लाईट जल रही थी और मस्त हल्की हल्की महक आ रही थी, जो मेरा उत्साह बढ़ा रही थी. मैं बेड पर पहुंचा, तो वहां पर यशिमा बिल्कुल नई दुल्हन की तरह सज संवर कर बैठी थी.

मैंने उसका घूंघट ऊपर किया. उस वक्त मेरे पास उसे मुँह दिखाई देने को कुछ नहीं था. फिर याद आया कि मेरी जेब में एक डेरी मिल्क की सिल्क चॉकलेट है. मैंने वो चॉकलेट यशिमा को मुँह दिखाई में दे दी और उसका घूंघट ऊपर किया. मैं उसे किस करने लगा.

‘उम्माह … उम्म …’

वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर हम दोनों अलग हो गए. हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारे. वो मेरे सामने पेन्टी और ब्रा में रह गई थी.

उसे देख कर मेरा लंड आपा खो बैठा था. क्या बताऊं दोस्तों कमरे की उस हल्की रोशनी में उसका दूध जैसा सफेद बदन, लाल कलर की ब्रा और पेन्टी में क्या गज़ब ढा रहा था. मेरी चड्डी तो तम्बू हो चुकी थी, जिस पर यशिमा की नजर थी.

मैंने यशिमा की ब्रा निकाली और उसके मम्मों को दबाने और चूसने लगा. मैं एक मम्मे को दबाता, तो दूसरे को चूसता.

कुछ देर तक मम्मों को दबाने और चूसने में ही यशिमा बहुत अधिक गर्म हो चुकी थी. इतने में उसका हाथ मेरी चड्डी में पहुंच गया था और वो मेरे लंड को दबा रही थी.

वो जोर जोर से आहें भर रही थी- आ आ आ हहहह राज … बना लो मुझे अपनी बीवी और रोज मुझे चोदो … मैं बरसों से इस प्यास में तड़प रही हूँ … मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो … आ जाओे जान उम्म्म.

इतना कहते हुए वो बिस्तर से उठी और मेरी चड्डी को मुझसे अलग करके मेरे लंड को मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.

उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्या मस्त लंड चुसाई कर रही थी … मुझे तो उसने मस्त कर दिया था.

फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर लेटा दिया. खुद उसकी टांगों के बीच आकर मैं उसकी चुत का रसपान करने लगा.
क्या मस्त रसीली चूत थी … एकदम क्लीन शेव गोरी और ऐसी कसी हुई, जैसे कोई 19-20 साल की अनचुदी लड़की की चूत हो. मैं तो उसकी चुत को बस चूसे ही जा रहा था.

उसकी गर्म आहें निकलने लगीं- उमम्म ओहा उह … आह उमम्म..

थोड़ी देर में ही वो झड़ गई. उसकी चुत से पानी निकलने लगा, जिसे मैं चाट चाट कर साफ ही कर रहा था कि वो बोली- राज अब रहा नहीं जाता … कुछ करो जल्दी प्लीज … तुम अपना मस्त लंड मेरी चुत में डाल दो जल्दी से … अब मुझसे और इन्तजार नहीं होता प्लीज.

मैं समझ गया कि अब लोहा गर्म है. मैंने उसकी टांगें चौड़ी कीं और उसकी चुत पर लंड सैट कर दिया. फिर मैंने एक झटका मारा तो मेरा लंड फिसल गया. मैंने फिर से लंड को उसकी चुत पर सैट किया … और जोर से झटका मारा.

अबकी बार मेरे लंड का टोपा उसकी चुत में घुस गया और इसके साथ ही यशिमा की चीख निकल गई. वो रोने लगी और लंड बाहर निकालने को कहने लगी. पर मैं लंड निकालना नहीं चाहता था.

मैं थोड़ी देर रूका रहा और कुछ पल बाद मैंने फिर से एक और झटका दे मारा. यशिमा की फिर से चीख निकल गई. लेकिन अब मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस चुका था. मैं रूक गया.

इतने में रूम की लाईट जली, गेट पर देखा … तो सारिका हमें देख रही थी और उसका हाथ उसकी चुत पर था.

वो बोली- अरे राजा … धीरे चोदो यशिमा की चुत अभी नाजुक है, इसे तेरे लौड़े की आदत नहीं है, पहले इसे जगह बना लेने दे.
यशिमा ने उसे देखा, तो शर्म से अपना मुँह हाथों से छुपा लिया था.

सारिका यशिमा के पास आई और उसके मम्मों को दबा कर बोली- रानी, कैसा लगा मेरे राजा का लंड?
यशिमा सारिका की तरफ आंख मार कर बोली- साला बड़ा बेदर्दी है … रहम ही नहीं करता.

उसकी इस बात से हम तीनों हंस दिए. सारिका ने मुझे किस किया और बोली- मैं चली सोने … पर तू आज इसकी चीखें निकलवा … और इसकी आग ठण्डी कर दे.

ये सुनते ही मैंने यशिमा की चुत से लंड को सुपारे तक बाहर निकाला और फिर से अन्दर डाल दिया.

इस तरह एकदम से हुए झटके से यशिमा की फिर से चीख निकल गई. सारिका बोली- बस इसी तरह चोद इसे!

यह कहकर वो चली गई और इधर हम अपनी चुदाई में मस्त हो गए. मैं यशिमा को चोदता रहा. इस बीच वो 2 बार झड़ गई. मैंने थोड़ी और देर उसे चोदा.

मैंने यशिमा से कहा- मैं अब आने वाला हूँ … रस कहां निकालूं?
यशिमा बोली- आज तो अन्दर ही डाल दो … बहुत साल हो गए लंड की गर्मी लिए … अन्दर ही निकालो जान …

बस कुछ मिनट में ही मैं उसकी चुत में झड़ गया. मैंने अपने लंड के पानी से उसकी चुत भर दी और हांफते हुए उसके ऊपर ही ढेर हो गया. हमने कुछ देर रेस्ट किया और फिर से यशिमा का हाथ मेरे लंड से खेलने लगा.

कुछ देर में यशिमा ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और वो मस्ती से मेरा लंड चूस रही थी. कुछ ही देर में यशिमा और मैं 69 की पोजीशन में आ गए. लंड चुत की चुसाई का मंजर चलने लगा और कुछ ही पलों बाद यशिमा फिर से गर्म हो गई.

इस बार वो उठ कर मेरे लंड पर बैठते हुए मुझे चोदने के मूड में आ गई थी. उसने मेरे लंड पर बैठते हुए उसको अपनी चुत में ले लिया और उचकने लगी.

लंड के अन्दर जाते ही वो हल्की हल्की आवाजों में चीखने चिल्लाने लगी- आ आआ आ आहहह … राज भर दो मुझे … मिटा दो मेरी प्यास … बरसों तड़पी है ये मेरी चुत … शांत कर दो इसे!

वो उचकती रही और मेरे लंड को अपनी चुत में लेती रही. कोई पांच मिनट में ही वो थक चुकी थी और मेरे ऊपर निढाल हो गई.

मैं उठा और उसे कुतिया स्टाईल चोदने लगा. पीछे से लंड को उसकी चुत में डालकर अन्दर बाहर करने लगा. इससे उसकी आहें और बढ़ती जा रही थीं.

इस बार लगभग 20 मिनट हमारी चुदाई चली और हम दोनों ही साथ में झड़ गए. अब हम दोनों बेहद थक चुके थे, तो हम दोनों ही बिस्तर पर लेट गए.

यशिमा मेरे सीने पर सर रख कर बोली- राज मैं तुम्हारी अहसानमन्द हूँ यार … तुमने मुझे संतुष्ट कर दिया.

यह कहते हुए उसकी आंखों में आंसू निकल आए थे. मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसे दिलासा दिया.

मैंने घड़ी की तरफ देखा, तो उसमें 4.35 हो रहे थे. हम बात करते हुए सो गए.

मेरी सुबह 6 बजे आंख खुली, तो यशिमा बिस्तर पर सोई हुई थी. मैं उठा और बाथरूम की तरफ जाने लगा.

तभी मैंने देखा कि सामने सोफे पर सारिका सोई हुई थी. मैं बाथरूम से बाहर आया और मैंने सारिका को किस किया. मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.

सारिका के साथ भी मेरे लंड को खेलना था. क्या हुआ, जब सारिका ने मुझे देखा … ये चुदाई की कहानी मैं जल्दी ही भेजूँगा.

आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं. इससे आगे की सेक्स स्टोरी मैं आपको जल्द ही बताता हूँ. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.

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राज लव
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