कॉलेज गर्ल की चूत चोदने का सौभाग्य-2

नमस्ते दोस्तों, कॉलेज गर्ल की चुदाई मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग
कॉलेज गर्ल की चूत चोदने का सौभाग्य-1
में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे एक जवान लड़की सिनेमा हॉल में मिली और अब वो मेरे होटेलरूम में मेरे साथ मेरे बेड पर थी पर चुदाई के लिए मना कर रही थी.
अब आगे:

नींद सपना को भी नहीं आ रही थी; थोड़ी देर बाद उसने मेरी तरफ करवट ली और बोली- लगता है आपको नींद नहीं आ रही है … तभी तो मोबाइल में लगे पड़े है कितनी देर से!
“यार, तुम जैसी हसीन खूबसूरत लड़की अगर बराबर में लेटी हो तो जल्दी नींद कैसे आएगी?” मैंने मजाक करते हुए कहा।
“तो क्या चाहते हैं आप?”
“कुछ नहीं … बस मुझे तो लिपट के सोने की आदत है.”
“रहने दो … अगर मैं ना होती तो किससे लिपट के सोते … बहाने बना रहे है लिपटने के!”
“अगर तुम ना होती तो तकिये का सहारा लेते … पर अब तो तुम हो … और नींद तुम्हें भी नहीं आ रही … तो तुम ही लिपट जाओ शायद नींद आ जाए.”

“अच्छा जी … समझ रही हूँ मैं … लड़की देख कर नीयत ख़राब हो रही है जनाब की.”
“यार अब कोई विश्वामित्र तो हूँ नहीं … कह सकती हो … पर जबरदस्ती करने की आदत नहीं है … अगर तुम्हारा मन हो तो लिपट जाओ ना … वैसे भी बॉयफ्रेंड के साथ होती तो क्या लिपट के ना सोती?”
“वो कमीना सोने कहाँ देता लिपटने के बाद …” कहकर वो हँस दी।

ग्रीन सिग्नल जैसी थी उसकी हँसी पर मैं फिर भी सोच रहा था कि वो खुद ही आकर लिपट जाए इसीलिए संयम से काम ले रहा था। जबकी असलियत ये थी कि लंड औकात में आ चुका था। मैं थोड़ा सा उसकी तरफ सरक गया तो उसने भी मेरी तरफ करवट ले ली। मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में पकड़ा तो एक बार तो उसने हाथ छुड़वा लिया पर जब दुबारा पकड़ा तो मुस्कुरा दी और अपनी आँखें झुका ली।

यही वो क्षण था जब मैंने उसको हल्का सा अपनी तरफ खीं चा तो खुद ही मेरी और सरकती चली गई और उसके और मेरे बीच का फासला लगभग ख़त्म हो गया।
“ठण्ड लग रही है तो लिपट जाओ ना … शर्मा क्यों रही हो?”
मेरा इतना कहना था कि वो एकदम से मुझसे लिपट गई। मामला सेट हो चुका था। मैंने भी उसको बांहों में भर लिया और उसके चेहरे को ऊपर उठाकर अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए।

वो अब भी थोड़ा शर्मा रही थी। मैंने एक हाथ बढ़ा कर उसकी चुचियों का जायजा लिया और धीरे धीरे दबाने लगा। पहले पहल तो वो थोड़ा कसमसाई पर फिर एकदम से उठी और मुझसे लिपट कर मेरे होंठों को चूसने लगी। सच पूछो तो आनंद आ गया। बहुत कम होता है कि लड़की अनजान आदमी से लिपट कर ऐसे चुम्बन दे।

रात बहुत हो चुकी थी, अब मैं देर करने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था सो बिना देर किये उसको टॉप में हाथ घुसा दिए और उसको ऊपर उठाते हुए अगले ही पल उसके बदन से अलग कर दिया। ब्रा में कसी चुचियाँ गजब की लग रही थी। टॉप उतारते ही वो शर्मा कर पीछे को हटी पर मैंने फिर से उसको पकड़ कर अपने से लिपटा लिया और उसके जवान जिस्म की गर्मी से अपनी ठण्ड उतारने लगा।

बांहों में लिए लिए ही मैंने बिना देर किये उसकी ब्रा भी खोल कर उसके बदन से अलग कर दी और झुक कर उसकी तन कर खड़ी चूची को अपने मुंह में भर लिया। सपना के मुँह से अब सिसकारियां फूटने लगी थी और वो मेरे बालों में हाथ फेरते हुए मस्त होकर अपनी चुचियाँ चुसवाने लगी थी कभी दायीं चूची तो कभी बायीं चूची। वो थोड़ी थोड़ी देर बाद बदल बदल कर अपनी चुचियाँ चुसवा रही थी। अपने से बहुत छोटी जवान लड़की की चूची पीने में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।

चूची चूसते चूसते ही मैंने उसकी जीन्स का बदन खोला और उसकी गांड से नीचे सरकाना शुरू किया। कुछ ही पल में मेरे हाथ सपना की नंगी गांड पर उसके चूतड़ों पर घूम रहे थे। उसने नीले रंग की पेंटी पहनी हुई थी। मैंने उसकी पेंटी में हाथ घुसाया और उसकी गांड के छेद को उंगली से सहलाना शुरू किया तो सपना उतेजना के मारे मुझसे कसकर लिपट गई और जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी- आह्ह्ह्ह … उम्म्मम्म …ओह्ह्ह … आह्ह्ह …
बस यही आवाजें थी कमरे में।

मैंने सपना को खड़ा किया और उसकी जीन्स उतरने लगा पर जीन्स इतनी टाइट थी कि उतारने में बहुत दिक्कत हो रही थी। फिर सपना ने ही खुद अपनी जीन्स उतार कर एक तरफ रख दी। अब सपना सिर्फ पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी। केले के तने सी चिकनी टाँगें देख मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और उसको अपनी तरफ खींच कर उसकी टांगों को चाटना शुरू किया और अपने होंठों को ऊपर की तरफ ले जाते हुए पेंटी के ऊपर से ही उसकी चुत को अपने मुँह में भर लिया।

सपना की चुत पानी पानी हो रही थी जिससे उसकी पेंटी भीग चुकी थी। अब मैं जल्दी से जल्दी सपना की चुत देखना चाहता था। बहुत समय बाद इतनी जवान चुत देखने का मौक़ा आया था। मैंने अगले ही पल उसकी पेंटी में उंगली फंसाई और उसकी पेंटी को नीचे खींच दिया।
क्या गजब की गुलाबी चुत थी लौंडिया की … क्लीन शेव चुत … बालों का नामोनिशान नहीं। किसी कमसिन चुत सी टाइट चुत, बस एक चीरा सा ही नजर आ रहा था या फिर मस्ती के मारे तना हुआ चुत का दाना।

रसमलाई जैसी चुत देख कण्ट्रोल करना मुश्किल था; मैंने अगले ही पल अपनी जीभ सपना की चुत पर रख दी और उसकी चुत से निकले अमृत को चाटने लगा। मेरी जीभ के स्पर्श से सपना के बदन में भी मस्ती की लहर उठी और वो खड़ी कांपने लगी। वो मेरे सिर को थामे टाँगें चौड़ी करके अपनी चुत चटवाने लगी। जल्दी ही उसकी चुत से कामरस बहने लगा और वो मेरे सिर को अपनी चुत पर दबाने लगी और हल्के हल्के अपनी गांड हिला कर मेरी जीभ पर अपनी चुत को रगड़ने लगी।

“आह्ह्ह … आप बहुत खराब है … ओह्ह्ह नो … उम्म्म्म … बहुत मजा आ रहा है … करते रहो … चाट लो मेरी … खा जाओ … आग लगा दी आपने तो इसमें …”
वो बड़बड़ाती रही और मैं चुत का रसिया उस जवान चुत के रस का रसपान करता रहा। सच में बहुत दिनों बाद इतना स्वादिष्ट चुत रस पीने को मिला था। मैं भी उंगली से उसकी चुत को चौड़ी कर जीभ को अन्दर तक घुसा कर चाट रहा था।

सपना मस्ती के मारे बहक चुकी थी; उसे होश ही नहीं था. तभी तो वो मेरे सिर को अपनी चुत पर दबा कर घस्से मार रही थी. और फिर कुछ ही देर में सपना की चुत से कामरस का झरना फूट पड़ा और मुंह पर ही झड़ गई।

झड़ने के बाद सपना धड़ाम से बेड पर गिर गई- सच कहूँ … आप बहुत मस्त हो यार … इतना मजा तो कभी चुदाई में भी नहीं आया जितना आपने जीभ से दे दिया … कमाल के हो आप!
“अभी तो शुरुआत है मेरी जान … आगे आगे देखो कितना मजा आता है आज की रात!”
“ह्म्म्म … जब ट्रेलर इतना मस्त था तो फिल्म तो बढ़िया होगी ही …” कहकर सपना हँस दी।

“लंड चूसोगी?”
“कभी चूसा नहीं है आजतक …”
“अगर मन है तो एक बार चूस कर देखो … मजा आएगा.”
“आपने इतना मजा दिया तो मेरा भी फर्ज है आपको मजा दूँ … लाइये देखूं तो सही आपका कैसा है … अभी तक छुपा कर रखा हुआ है.”

मैंने बिना देर किये अपने सारे कपड़े उतार कर एक तरफ उछाल दिए। मेरा तनतनाया हुआ लंड अब सपना की आँखों के सामने था। देख कर सपना का चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभर आये।
“क्या हुआ जी?”
“इतना बड़ा और मोटा है आपका … मैं नहीं ले पाऊँगी इतना मोटा … ये तो फाड़ देगा मेरी.”
“घबराओ मत … कुछ नहीं होगा … तुम पहले चूस कर मजा लो.. फिर देखना कैसे आराम से तुम्हारी चुत की गहराई नाप कर तुम्हें चुदाई के मजे देता है ये.”

सपना डर रही थी तो मैंने उसके हाथ को पकड़ कर लंड पर रखा। मेरे मोटे लंड पर सपना के कोमल कोमल हाथ के स्पर्श से ही लंड ठुनकने लगा था। सपना ने लंड को अपनी मुट्ठी में दबाया और धीरे धीरे सहलाने लगी। मैंने चखने के लिए कहा था उसने डरते डरते अपनी जीभ निकाल कर सुपारा चाटना शुरू कर दिया। फिर लंड को होंठों पर रगड़ते हुए मुँह में लेने की कोशिश करने लगी। लंड का साइज़ उसके होंठों के लिहाज से मोटा था। थोड़ी देर चाटने के बाद सपना ने सुपारा मुँह में लेकर चुसना शुरू कर दिया।

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने सपना को 69 की अवस्था में लिया और लंड चुसवाते हुए उसकी चुत की एक बार फिर से चटाई शुरू कर दी। इसका फायदा ये हुआ कि सपना गरमा गई और मस्त होकर जितना ज्यादा लंड मुँह में ले सकती थी उतना लेकर लंड चूसने लगी। सपना की चुत पानी पानी हो गई थी।

अब मेरा लंड भी मचल उठा था सपना की जवान चुत का मजा लेने के लिए। मैंने सपना को बेड पर लेटाया और उसके चुचे चूसते हुए अपना लंड सपना की चुत के मुहाने पर टिका दिया। जैसे ही लंड सपना की चुत से टकराया तो सपना ने अपनी गांड उठा कर लंड का स्वागत किया जो ये समझने के लिए काफी था कि लौंडिया लंड लेने के लिए तैयार है।

मैंने लंड को चुत पर दबाया तो टाइट चुत में सुपारा घुसने लगा। चुत टाइट थी और लंड मोटा। मेहनत ज्यादा होने वाली थी। मैंने सपना को थोड़ा कस कर पकड़ा और उचक कर एक धक्का लगा कर सुपारे सहित लगभग तीन इंच लंड सपना की चुत में उतार दिया।
चुत फ़ैल गई और सपना दर्द से कहरा उठी- प्लीज … थोड़ा धीरे करो … बहुत मोटा है आपका … मेरी फट जायेगी … दर्द हो रहा है बहुत!

मैंने कुछ नहीं कहा बस झुक कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और लंड को थोड़ा बाहर निकाला और दो जबरदस्त धक्को में पूरा लंड सपना की चुत की गहराई में उतार दिया। सपना दर्द से छटपटा उठी पर मेरी मजबूत पकड़ से निकलना उसके बस में नहीं थी। सपना पहले से चुदी हुई थी तो वो जानती थी कि दर्द के बाद का मजा क्या होता है।

मैंने उसके होंठ को छोड़ अब उसके चुचों को अपने मुँह में भर कर चुसना शुरू किया तो उसको भी कुछ अच्छा लगने लगा- आप बहुत बेदर्द हो … इतना मोटा घुसा दिया मेरी छोटी सी चुत में … कितना दर्द देते हो!
सपना ने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए कहा।
मैं भी एक मिनट तक रुका और फिर से लंड आगे पीछे करने लगा तो कुछ देर दर्द भरी आहें भरने के बाद सपना भी अपनी गांड उठा कर लंड का स्वागत करने लगी। चुत भरपूर पानी छोड़ रही थी जिससे जल्दी ही लंड ने चुत को अपनी मोटाई के हिसाब से खोल दिया और अब लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा था।

“चोदो … और जोर से चोदो … बहुत मस्त लंड है आपका … मेरे बॉयफ्रेंड के लंड से भी मस्त … आह्ह्ह्ह … कितना मजा दे रहा है आपका मोटा लंड मेरी चुत में … फाड़ दो आज … चोदो मेरे चोदु … जोर जोर से चोदो.” सपना मस्ती में बड़बड़ा रही थी और मैं उसकी मस्त जवान चुत की गर्मी का आनंद लेते हुए लंड को सटासट उसकी चुत में अन्दर बाहर कर रहा था। चुत टाईट भी थी और गर्म भी … सच में चोदने में भरपूर मजा आ रहा था। आज तो ऐसा लग रहा था जैसे लाटरी लग गई हो मेरे लंड की।

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनाकर पीछे से लंड की उसकी चुत में घुसा दिया और फिर एक लम्बी चुदाई के बाद मेरा लंड अपना लावा उगलने को तैयार होने लगा था। सपना भी एक बार झड़ चुकी थी और दुबारा झड़ने को तैयार थी। मैंने सपना को दुबारा से बेड पर सीधा लेटाया और लंड दुबारा चुत में फिट कर दिया।
“प्लीज … लिक्विड अन्दर मत छोड़ना …”
“चिंता ना करो तुम अपनी चुत में गर्मागर्म वीर्य का मजा लो … गर्भ निरोधक गोली दिलवा दूँगा … मजा लेने ही लगी हो तो पूरा लो.”
“प्लीज … कोई गड़बड़ ना हो जाए?”
“कुछ नहीं होगा … तुम बेफिक्र रहो.”
इतना कहते ही मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।

मेरे साथ ही सपना ने भी गांड उठा उठा कर मेरे हर धक्के का जोरदार जवाब देना शुरू कर दिया- चोदो … फक मी … हार्ड … जोर से चोदो … मेरा होने वाला है … जोर से चोद मेरे राजा … जोर से … और जोर से … हम्म्म्म … जोर से … फाड़ दे … आह्ह्ह … चोद मेरी जान … मजा आ गया!
और सपना झड़ने लगी।

सपना के झड़ते ही मैं भी अपने आप को रोक नहीं पाया और मेरे लंड से गर्म गर्म वीर्य की पिचकारियाँ सपना की चुत में छूटने लगी। सपना ने शायद पहली बार वीर्य को अपनी चुत के अन्दर लिया था तभी तो गर्म वीर्य के अपनी चुत में गिरते ही वो मस्त हो उठी और उसने अपनी टाँगें मेरी गांड पर कस दी और बांहों से मुझे अपने ऊपर भींच लिया जैसे मुझसे अलग ही ना होना चाहती हो। लंड ने भी जवान चुत को गर्म गर्म वीर्य से लबालब भर दिया।

सपना काफी देर तक मुझे अपने ऊपर लिए लेटी रही और अपनी साँसों को नियंत्रित करने की कोशिश करने लगी।
“एक बात कहूँ … आज पहली बार चुदाई का असली मजा आया है … मेरा बॉयफ्रेंड तो इतनी देर में दो बार झड़ जाता है … आपने तो मेरी चुत से दो बार पानी निकाल कर पूरी तरह से ठंडी कर दी.”
“मैंने तो पहले ही कहा था कि मेरा लंड पूरी तसल्ली करवाने में माहिर है.”

कुछ देर सपना मुझसे ऐसे ही लिपटी रही और फिर उठकर वाशरूम में जाकर अपनी चुत साफ़ करके वापिस आई। वाशरूम से आती नंगी सपना को देख मेरा लंड फिर से तनाव में आने लगा था। सपना ने भी आते ही लंड को मुट्ठी में भर कर सहलाना शुरू कर दिया। सपना के हाथ में जाते ही लंड फिर से अपनी औकात में आ गया और सर उठा कर सपना की चुत को अगले पलंग-युद्ध के लिए ललकारने लगा।

सपना ने लंड को थोड़ा चूमा चाटा और फिर थोड़ा थूक लगा कर गीला किया और फिर बिना देर किये मेरे ऊपर आकर लंड को अपनी चुत पर टिका दिया। चुत अभी तक गीली थी। जैसे ही सपना ने अपनी चुत को लंड पर दबाया लंड बिना किसी रुकावट के सपना की चुत में घुसता चला गया।
सपना को थोड़ा दर्द भी महसूस हुआ पर मस्ती के आगे दर्द की किसको परवाह थी। आधा लंड चुत में लेने के बाद वो थोड़ा ऊपर की और हुई और फिर एकदम से लंड पर बैठ गई जिससे लंड पूरा का पूरा सपना की चुत की गहराई में समा गया।

पूरा लंड चुत में लेने के बाद सपना ने झुक कर अपनी चूची मेरे मुँह से लगा दी। मैंने मुँह खोल कर उसकी चूची को चुसना शुरू कर दिया और दूसरी चूची को अपने हाथ में लेकर मसलने लगा। एक मिनट चूची चुसवाने के बाद सपना ने अपनी गांड ऊपर नीचे करनी शुरू कर दी और चुदाई का मजा लेने लगी।

दोनों ही एक बार चुदाई का मजा ले चुके थे। इसीलिए दूसरा चुदाई का दौर काफी लम्बा चला और इस दौरान कभी सपना मेरे ऊपर तो कभी मैं सपना के ऊपर आसन बदल बदल कर दोनों ने भरपूर चुदाई का मजा लिया। सपना की चुत को दूसरी बार अपने गर्म वीर्य से भरने के बाद ही कमरे में शांति हुई।

चुदाई के इस लम्बे दौर ने दोनों को ही थका दिया था। दोनों ही कुछ ही देर बाद नींद के आगोश में खो गए। नींद सुबह पाँच बजे के आलार्म के साथ खुली। सपना अब भी नंगधडंग मेरे बराबर में पड़ी सपनों की दुनिया में खोई हुई थी। सपना को देख रात का आनंद याद आ गया। सच में बहुत दिनों बाद इतना आनंद आया था चुदाई का।

सपना के नंगे बदन को देख लंड ने फिर से चुदाई की इच्छा जताई तो मेरे हाथ बिना किसी झिझक के सपना के नंगे बदन पर घूमने लगे। मेरे हाथ कभी सपना की चुचियों पर तो कभी सपना की जाँघों पर आवारगी कर रहे थे। कुछ ही पल में सपना ने भी आखें खोल ली और मुझसे लिपट गई। पता नहीं आज के बाद कभी मिलना भी था या नहीं तो मुलाक़ात को यादगार बनाने के लिए अगले ही पल लंड सपना की चुत की गहराई में था।

एक मस्त चुदाई के बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और फिर कुछ देर आराम करने के बाद बाथरूम में नहाने के लिए घुस गए। सपना का शायद मन नहीं भरा था तीन बार चुदने के बाद भी। तभी तो वो बाथरूम में भी चिपक गई और लंड से खेलने लगी। फिर मैं ठहरा चुत का रसिया … बस वही बाथरूम में घोड़ी बना कर पेल दिया लंड चुत में। मस्त लौंडिया थी सपना। मेरे दिल्ली के टूर को यादगार बना दिया।

चुदाई का मजा ले दोनों नहा धो कर तैयार हुए। होटल से निकलने से पहले दोनों ने नाश्ता किया। फिर रास्ते में मेडिकल स्टोर से उसको गर्भ निरोधक गोली दिलवाई और फिर उसके दस बजे के करीब पीजी के सामने छोड़ दिया। वो पीजी के अन्दर चली गई तो याद आया कि चुदाई के चक्कर में उसका मोबाइल नंबर तो लेना ही भूल गया।
चलो कोई बात नहीं … जैसे किस्मत ने इस बार मिलाया था हो सकता है दुबारा कभी फिर किस्मत मेहरबान हो और यंग गर्ल सपना से मुलाक़ात हो।
धन्यवाद.

लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.