शादी भाई की सुहागरात मेरी-2

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

शादी भाई की सुहागरात मेरी-1

शादी भाई की सुहागरात मेरी-3

अब किस हुई तो बात आगे भी बढ़नी ही थी. हम कब उस रोमांटिक पल से काम वासना की ओर चल दिये हमें पता ही नहीं चला। हम दोनों की किस और टाइट होती चली गयी और उसने मुझे धकेल के दीवार से सटा दिया और हम दोनों काफी ज़ोर से एक दूसरे को किस कर रहे थे, हम दोनों एक दूसरे के होंठों की होंठों से रगड़ रहे थे, अब वो मेरे और मैं उसके होंठों को चूस रही थी। लगभग 1-2 मिनट के किस के बाद हम हटे, हम दोनों के दिल ज़ोरों से धड़क रहे थे।

उसने पहल करते हुए मुझे अपनी बांहों में उठाया और बेडरूम में ले आया। वहाँ लाकर वो मेरे खुले बालों में हाथ फिराने लगा और अपने हाथ मेरे झुमके को छूते हुए कंधे पे लाकर मेरे कंधे से चुन्नी सरका के नीचे गिरा दी। अब उसके सामने मैं सिर्फ अपने लाइट पिंक लहंगे और चोली में खड़ी थी जो छोटे छोटे शीशों और सितारों से चमक रही थी।

मेरी सांसें तेज़ चल रही थी तो मेरी छाती ऊपर नीचे हो रही थी। अब उसका ध्यान मेरे उरोज यानि बूब्स पे गया और बड़ी गौर से मेरे क्लीवेज में से मेरे उभार देख रहा था। मैंने उसे आँखों ही आँखों में हर चीज़ की अनुमति दे दी थी। अब वो अपने हाथ मेरे कंधे से सरकाता हुआ मेरे बूब्स पे ले आया हाथों में भर के प्यार से हल्का हल्का दबाने लगा। मुझे उसकी मासूमियत पे बहुत प्यार आ रहा था।

धीरे धीरे मेरे बूब्स कठोर होने लगे थे। वो मेरी कमर पे हाथ ले गया धीरे धीरे अपना हाथ पूरी पीठ पे फिराने लगा, मुझे उसके इस प्यार भरे स्पर्श से बहुत मजा आ रहा था। फिर उसने एक एक कर के मेरी चोली के पीछे की डोरी खोलनी शुरू की और चारों डोरी खोल दी. मैंने अपने हाथ आगे कर दिये तो उसने चोली आगे से खींच के उतार दी. अब मैं सिर्फ ब्रा और लहंगे में उसके सामने खड़ी थी।

वो हैरानी मेरी ब्रा में फंसे मेरे बूब्स को देख रहा था। करन फिर मेरे पीछे गया और पीछे से मुझे बांहों में भर लिया। हम दोनों एक दूसरे को इसी तरह से सामने लगे शीशे में देख रहे थे। अब उसने मेरी ब्रा का हुक खोला और उसके स्ट्रैप्स यानि फीते मेरे कंधे से नीचे सरका दिये। मेरी ब्रा मेरे पैरों में गिर गयी और मैं ऊपर से उसके सामने पूरी नंगी हो गयी।

वो शीशे में मेरे गोरे और सख्त बूब्स को देख रहा था और मेरी नंगी पीठ उसकी तरफ थी जिस पर वो प्यार से हाथ फिरा रहा था। मुझे उसका ऐसे अपने जिस्म पे हाथ फिरना बहुत उत्तेजित कर रहा था और मुझे उस रोमांटिक पल में बहुत आनंद आ रहा था।

उसने मेरे बाएँ कंधे पे अपनी ठुड्डी रखी और मेरी कमर के चारों ओर अपने हाथ ले जा के पकड़ लिया और मेरे आधे नंगे शरीर को शीशे में देखने लगा। अब उसने अपने हाथ मेरे बूब्स पे रखे और प्यार से दबाने लगा और निप्पल को धीरे धीरे प्यार से मसलने लगा. मैं काम वासना में डूबी जा रही थी और अपने निचले होंठ को दाँतों से दबा के स्सस स्सश स्शस कर रही थी।

कुछ देर ऐसे ही मेरे नंगे चूचे दबाने के बाद उसने मेरे लहंगे पे हाथ ले जा के ऊपर से ही मेरी चूत को भींच दिया हल्के से। मैंने ज़ोर की सिसकारी भरी और कसमसा गयी। फिर मैं उसकी तरफ घूमी और उसका कोट उतार के साइड में रख दिया। इतने में उसने अपनी टाई उतार दी। मैंने उसकी चौड़ी छाती पे अपने हाथ फिराये और एक एक कर के उसकी शर्ट के बटन खोलने लगी। सारे बटन खोल के मैंने उससे सट के उसकी शर्ट उसकी बाजुओं में से निकाल के पीछे फर्श पे गिरा दी।

वो भी पूरा जोश में आ चुका था, मैंने उसकी पैंट में खड़ा लंड अपनी चूत पर सटे हुए महसूस किया। उसने मेरी कमर में हाथ डाल रखा था और कस के पकड़ा हुआ था। उसके लंड की हलचल मेरी चूत पे साफ महसूस हो रही थी।
मैंने कहा- आगे बढ़ो डियर!
तो उसने मेरे लहंगे का नाड़ा भी खोल दिया और वो वहीं गिर गया। अब मैं उसके सामने सिर्फ सफ़ेद पैंटी में खड़ी थी। मैंने भी अपन दायाँ हाथ उसकी पैंट पर लंड पे फिराया और घुटने के बल बैठ कर उसकी पैंट खोल दी।

इसके साथ ही उसने अपना बानियान भी उतार दिया। मैंने उंगलियाँ दे के उसका कच्छा भी उतार दिया। उसका तना हुआ लंड मेरे सामने था जो किसी साँप की तरह फुँकार मार के ऊपर नीचे हो रहा था। मैंने उसे अपने हाथों में भरा प्यार से सहलाया।
करन ने ज़ोर की आह भरी और बोला- आआह सुहानी … एक बार और करो प्लीज!
मैंने फिर से किया तो उसने कहा- बहुत मजा आ रहा है।
मैंने कहा- और मजा चाहिए क्या?
और उसके लंड को प्यार से किस कर लिया।

उसके आनंद की सीमा ही नहीं थी. मैंने धीरे धीरे उसका लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। करन को शायद इतना मजा कभी नहीं आया था और वो ज़ोर ज़ोर के आह भर रहा था। मैंने लगभग 2 मिनट तक उसका लंड जीभ लगा कर चूसा और रुक के खड़ी हो गयी।
मैं बोली- अब तुम्हारी बारी।
इतना सुनते ही उसने मुझे पीछे धकेल के बेड पे गिरा दिया और मेरी पैंटी उतार दी।

हालांकि मैं सेक्स कर चुकी थी पर काफी टाइम हो जाने की वजह से न मेरी चूत ज्यादा फैली थी और न ही उसकी शेप खराब हुयी थी, वो अब भी कुँवारी चूत जैसी दिख रही थी।

करन ने मेरी टांगें चौड़ी की अपना मुँह मेरी चूत में देकर चाटने लगा।
मैं जोश और वासना के समुंदर में डूब चुकी थी और स्सस शस्सस स्सशस करके कामुक सिसकारियाँ ले रही थी ज़ोर ज़ोर से। क्योंकि घर पे हम दोनों के अलावा कोई और नहीं था तो हम दोनों खुल के आवाज कर सकते थे।

ऐसे ही लगभग 2-3 मिनट चूत चाटने के बाद मेरी चूत गीली हो चुकी थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसका सिर अपने हाथों से पकड़ के निकाला और बोली- अब देर न करो और मुझे ऐसा प्यार करो कि मैं कभी न भूल पाऊँ।
वो मेरे ऊपर आ गया, मेरे होंठों को किस कर के बोला- आई लव यू डियर सुहानी!
मैंने भी कहा- आई लव यू टू।

अब उसका लंड मुझे चोदने को और मैं उससे चुदने को तयार थी। उसने अपना लंड मेरी चूत पे सेट किया और धीरे धीरे अंदर धकेलना शुरू किया.
हालांकि मेरी चूत कुँवारी तो नहीं थी पर उसका लंड काफी लंबा और मोटा था, तकरीबन 7 इंच का और 2.5 इंच मोटा होगा। मैंने कहा- काफी बड़ा है तुम्हारा लंड … मुझे डर सा लग रहा है।
उसने कहा- कोई बात नहीं, मैं प्यार से डालूँगा तुम्हें तकलीफ नहीं होने दूंगा।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, थोड़ी तकलीफ तो मैं बर्दाश्त कर लूँगी, तुम घुसाओ।

उसने लंड मेरी चूत पे रखा और ज़ोर लगाने लगा, मुझे हल्का सा दर्द हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था उसका गर्म लंड अपनी गर्म चूत में लेने में।
थोड़ी कोशिश के बाद उसने पूरा लंड एक बार में घुसा दिया और मुझे उसके धक्के से हल्का सा झटका ऊपर को लगा। मैं ‘आआह …’ करके हल्के से चिल्लाई और फिर मेरी आंखों में एक दो आँसू से आ गए तो वो बोला- सॉरी सॉरी, तुम्हें दर्द हो रहा होगा न … मैं अभी निकालता हूँ.

मैंने उसकी बाजुओ को पकड़ा और कहा- रहने दो, तुम धक्के मारना शुरू करो, मैं ठीक हूँ।
उसने मुझे होंठों पे ज़ोर से किस किया और हल्के हल्के धक्के मारना शुरू किया। मुझे मजा आने लगा और मैं स्सस्स उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्सस्सस आह आह करके आवाज करने लगी। करन भी उम्मह उम्मह अम्महह उम्म करके धक्के मार रहा था। मेरे बूब्स उसके धक्कों से ऊपर नीचे हिल रहे थे और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। कमरे में हम दोनों की ज़ोर ज़ोर की सिसकारियों की और जिस्म से जिस्म टकराने की पट्ट पट्ट की हल्की सी आवाज आ रही थी।

ऐसे ही लगभग 7-8 मिनट तक वो मुझे प्यार से चोदता रहा और मैं मजे ले ले के चुदती रही। फिर वो थक गया तो मैंने कहा- थोड़ा आराम कर लो!
और हम दोनों हाँफते हुए सांसें काबू करने लगे और आराम करने लगे.

वो वही स्टूल पे बैठ गया और मैं भी बेड से पैर लटका के बैठ गयी।
मैंने कहा- घर तो बहुत अच्छा है, अच्छा सजाया हुआ है.
वो हंसने लगा तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने बोला- यार, खुशी हो रही है तुम्हारे साथ ये पल बिता के! मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि इन कुछ घंटों में हम यहाँ तक पहुँच जाएंगे।
मैंने कहा- हम्म … अब देखो न … शादी मेरे भाई और तुम्हारी बहन की है और सुहागरात हम दोनों मना रहे हैं।

“कितना टाइम है अभी हमारे पास?” मैंने पूछा।
उसने घड़ी देखी और कहा- अभी एक डेढ़ घंटा है।
मैंने कहा- तो देर नहीं करनी चाहिए, चलो शुरू करते हैं।
उसने कहा- रुको, मेरा लंड थोड़ा ढीला पड़ गया है, फिर से खड़ा कर लूँ।

मैंने कहा- तुम बैठो बेड पे … मैं इसे खड़ा करती हूँ।
वो बैठ गया और मैं उसका लंड मुँह में ले के चूसने लगी।
करन का लंड फिर खड़ा होने लगा और एक मिनट में ही पूरा तन गया।

मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ के अपनी चूत में घुसाया और उसकी गोदी में बैठ के लंड पे कूदने लगी। मेरे मुँह से ‘आह उम्म्ह आह आह …’ की आवाज निकलने लगी ज़ोर ज़ोर से।
क्योंकि मैं थक भी रही थी तो सांस फूलने की वजह से ‘हूह हूह हुहह हूहह …’ की आवाज भी आ रही थी। मैं ऐसे जल्दी थक जाती हूँ.

पर करन को बहुत मजा आ रहा था। वो भी हम्म हम्म हम्म कर आवाज कर रहा था, मेरे बूब्स ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हिल रहे थे और वो उन्हें हाथ से दबा रहा था।
करीब ऐसे ही 4-5 मिनट तक मैं उसके लंड पे बैठ के चुदती रही और फिर थक कर उसके साइड में गिर गयी।

हम दोनों सांसें भरने लगे और मैं उसकी आँखों में देखते हुए उसके लंड को सहला रही थी, वरना वो फिर ढीला हो जाता।
मैंने कहा- मुझे नहीं पता था कि तुम में इतनी देर तक चोदने की ताकत है।
उसने कहा- अरे बाबू, आपको धीरे धीरे पता चलेगा मेरी क्षमता के बारे में। चलो अब जल्दी से घोड़ी बन जाओ! मैं भी तो घोड़ी चढ़ जाऊँ आज!

मैं मुस्कुरा के बेड पे घोड़ी बन गयी और शीशे की तरफ मुँह कर लिया।
उसने पूछा- शीशे में क्या देखोगी जो इस तरफ मुंह कर लिया?
मैंने कहा- अपने को चुदती हुई देखूँगी, तुम लंड डालो ना और चढ़ लो घोड़ी।

वो हंस के आया और एक बार में पूरा लंड घुसा के अंदर तक दबा दिया और रुक गया। मैंने आहह करी और कहा- क्या हुआ, रुक क्यूँ गए? घोड़ी को धक्के नहीं मारोगे तो आगे कैसे चलेगी।
वो हंसने लगा और पट्ट पट्ट धक्के मारने लगा।
मेरे मुँह से ‘आह आह आह हम्म म्म्ह्ह उम्म …’ की आवाजें निकालने लगी। मेरा पूरा शरीर, बूब्स, बाल, झुमके सब कुछ उसके धक्कों से हिलने लगे।

वो शीशे में देख के हैरानी से मुझे देखने लगा तो मैंने पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो?
उसने कहा- यार, तुम्हारा जिस्म कितना खूबसूरत है, आधे से ज्यादा जोश तो मुझे शीशे में तुम्हारे हिलते बाल और बूब्स देख के ही मिल रहा है।
मैंने कहा- जोश मिल रहा है ना … तो स्पीड बढ़ाओ और तेज़।

उसने और स्पीड बढ़ा दी और मैं ज़ोर ज़ोर से बिना डरे ‘आआआ आआह आह अः आहह …’ चिल्लाने लगी और वो भी हम्म हम्म हम्म … करके पट्ट पट्ट करके धक्के मार रहा था।
इसी पोजिशन में 8-10 मिनट तक चुदवाने के बाद मैं अपने चरम सुख की ओर चल दी थी, मुझे पूरे शरीर में सुरसुरी सी होने लगी और आनंद से भर गयी, पूरे शरीर में झनझननाहट सी होने लगी तो मैंने कहा- और तेज़ और तेज़ और तेज़ आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह आ आ… आ… आ… आ… आ आआ आआहहह… कर के ज़ोर से चिल्ला के वहीं फच्च फच्च फच्च के साथ झड़ गयी.

कहानी जारी रहेगी.
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