हॉट भाभी और चालू देवर की सेक्स कहानी-2

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

हॉट भाभी और चालू देवर की सेक्स कहानी-1

हॉट भाभी और चालू देवर की सेक्स कहानी-3


नमस्ते दोस्तो, ‘फिर क्या है.. हो गया पक्का, ना तो हम किसी को बताने वाले, और न ही तू, फिर किसी को क्या सपना आएगा कि हम दोनों ने मिलकर इसकी ली है.. या तू खुद ही इच्छुक नहीं है रुसी चूत का?’
‘क्या बात करते हो भाई साहब.. मुझे तो अभी तक यकीं नहीं हो रहा अपनी किस्मत पर!’
‘तो अब यकीं कर ले, और फटाफट अपने 10 इन्ची लौड़े को अपनी भाभीजी के मुंह में पेल दे.. देख बेचारी रुआंसी हो चली है!’

और मैंने अपनी पत्नी से मुखातिब होते हुए रुसी भाषा में कहा- हाँ नताशा, सब ठीक है.. छुरे को पकड़ो और उसे अच्छी तरह से धार लगाना चालू कर दो.. कहने का मतलब है कि तुम्हें उसके साथ जो करना है, करो..

मेरी मस्त आवाज सुनकर नताशा ने मुस्कुरा कर अपने चूतड़ लहराए और किसी मॉडल की चाल से चलते हुए राजू के पास आई, जो अब तक काफी कुछ संभल चुका था, और अपने भाई समान दोस्त के पारिवारिक बिस्तर पर चुदाई करने को उतावला था!

मेरी पत्नी राजू के नजदीक पहुंची और उसके पैरों पर ढकी चादर को हटा दिया, जिसने उसके अब तक फनफनाते हुए धुआं देते लंड को छुपा रखा था।

मेरी धर्मपत्नी ने उत्साह के साथ राजू के मूसल लंड को छुआ और प्यार से सहलाते हुए अपनी मुट्ठी में भर कर उसकी हल्की मसाज करने लगी।
राजू की सिसकारी निकल गई और उसका विशाल लंड झटके लेने लगा।
नताशा ने झुक कर लंड के सुपारे को चूम लिया… राजू मस्त हो गया!!!

और जब नताली ने मुंह खोल कर लपलपाते हुए हैवी लंड को अपने मुंह में डाल गुलाबी जीभ उसके ऊपर फिराई तो लड़के को तो मानो दिल का दौरा पड़ गया हो.. उसने तेज आवाज में सिसकारी भरी!

नताशा के होंठ मानो चुम्बक की ओर आकर्षित होते हुए, राजू के लंड को पुचकारने लगे और वो लालची कुतिया की तरह लंड पर मुंह मारने लगी!
नताशा के मुंह की गर्मी पाकर राजू का लंड विकराल रूप धारण कर चुका था और अब वो मुश्किल से मेरी जानेमन के मुंह में घुस पा रहा था।
लेकिन मेरी पत्नी पूरी लगन के साथ मेरे यार को सुख देने का प्रयास कर रही थी जो वैसे ही इत्तफाकन मिले मौके से पागल हुआ जा रहा था, उसे अभी तक यकीं नहीं हो रहा था कि इतनी सुन्दर लड़की उसका लंड चूस रही थी!!

अब तक राजू का माँसल लंड नताशा के थूक से लिस कर खूब विकराल रूप ले चुका था और बहुत फंस फंस कर नताशा के मुंह में घुस पा रहा था, लेकिन मेरी पतिव्रता पत्नी पूरी कर्तव्य-परायणता के साथ उसे अपने मुंह में जगह दे रही थी।

हालाँकि राजू का लंड अब मेरी वाइफ के गले में घुस कर ठोकरें मार रहा था लेकिन फिर भी वो बमुश्किल आधा ही अन्दर घुस पा रहा था।

इतने सुन्दर और मनोहारी दृश्य को देखकर मैं खुद भी उत्तेजनावश पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को सहलाने लगा।
यह देखकर नताशा ने मुस्कुराते हुए ऊँगली के इशारे से मुझे नजदीक बुला लिया और मैं भी युगल से जुड़ गया।

इस समय तक राजू की पैंट पैरों से निकल चुकी थी और वो टांगें चौड़ी कर, बिस्तर से कमर लगा कर लेटा हुआ था।
इस प्रकार उसे पोर्न फिल्म्स की स्टार हीरोइन नताशा पूरी नजर आ रही थी.. वाकई क्या सीन था.. मोटा, सांप जैसा राजू का लंड नताशा की जीभ द्वारा उसके मुंह की भट्टी में चाकू की धार की तरह पनाया जा रहा था जिससे कि वो आसानी के साथ नताशा की खूब गहरे चुदाई कर सके!!!

मैंने भी अपनी जीन्स उतर दी और पलंग पर चढ़ गया।
नताशा ने सीधे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर राजू के लंड से सेकेंड भर भी हटे बिना सहलाना शुरू कर दिया।
फिर मैं राजू की बगल में लेट गया और हमारी प्रेमिका ने हम दोनों के लंडों को बारी-2 से चूसना जारी रखा।

नताशा बड़े प्रेम के साथ राजू संग हमारे लोहालाट लंडों को आपस में जोड़ कर इकठ्ठा कर चूसने लगी.. इस प्रकार दोनों लोहालाट लौड़ों को इकट्ठे ही हमारी बीवी की जीभ का स्पर्श तो प्राप्त होने लगा लेकिन तिरछे होने की वजह से दोनों लौड़ों का नताशा के मुंह के अन्दर घुस पाना मुश्किल हो रहा था तो हमने उसकी मदद करते हुए उठ कर विपरीत दिशाओं में सिर रख लेट गए, और अपने अण्डों को एक दूसरे से जोड़ते हुए, अपने लंडों को एक दूसरे के सामानांतर कर दिया।

नताशा मुस्कुराई और उसने अपनी स्कर्ट उतार दी, मैंने उसकी चड्डी को भी उतार फेंका।
मेरी धर्मपत्नी ने बाएँ हाथ से अपनी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और राजू को आंख मार दी।
लड़का उत्तेजना के अतिरेक में अपनी आदरणीया भाभीजी के भग्न होठों को कुरेदने लगा! अब नताशा के लिए भी खुद को संभालना मुश्किल हो चला था और वो राजू और मेरे जुड़े लंडों को चाटने लगी।

अब क्योंकि इस प्रकार मेरी रुसी पत्नी की चूत राजू के मुंह के सामने आ गई थी, उसने पहले उसे चूमा और कुछ देर में ही उसने उसे अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया।
शुरू-2 में तो वो सिर्फ अपनी जीभ की नोक को नताशा की चूत से छुआ रहा था लेकिन फिर उसने नताशा की चूत से आने वाली सेंट की खुशबू से सुध-बुध खोकर मेरी बीवी की क्लीन शेव्ड, गुलाबी-इत्र से महकती हुई चूत को पूरी तरह से चाटना शुरू कर दिया।

नताशा को इतना मजा आने लगा कि वो मस्ती में कराहती हुई और जोरों से हमारे लंड चूसने लगी।
अब क्योंकि उसका चेहरा तो मेरे सामने ही था इसलिए मुझे सबकुछ ठीक अपनी हथेली पर रखा नजर आ रहा था। वो उत्तेजनावश कामांध हुई राजू का लंड चूसने में लगी थी और राजू का लंड उसके गोर-गुलाबी चेहरे की पृष्ठभूमि में किसी गर्दभ-लंड सा नजर आ रहा था।

कभी-2 जब मेरी वाइफ अपना चेहरा ऊपर उठाती थी तो मुझे उसकी चूत चाटते राजू के भी दर्शन हो जाते थे!
समय-2 पर नताशा हम दोनों के इकट्ठे लंड रूपी कंस्ट्रक्शन को पूरा अन्दर लेने का भी प्रयत्न कर रही थी, लेकिन दो भाइयों के लंड बार्बी गुड़िया के छोटे से मुंह में नहीं समा रहे थे!

आखिर थक कर नताशा ने इशारे से बताया कि अब उसे चूत में राजू का लंड डलवाना है और राजू बिस्तर से उतर कर लंड पकड़ कर नीचे खड़ा हो गया और हम दोनों ने मिलकर हमारी पत्नी को कमर के बल लेटा दिया।
अब राजू उसकी दिलकश चूत को सहलाने लगा और मैं उसकी शानदार चूचियाँ!

नताशा से सहन नहीं हुआ और वह राजू का तना हुआ लंड पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ने लगी!
राजू आनन्द के अतिरेक से फटा जा रहा था और उसने लंड को रुसी गोरी की गुलाबी चूत के मुंह पर रख कर निशाना बांध लिया।
मुझे अकल्पनीय दृश्य देखते हुए इस समय अलौकिक आनन्द की अनुभूति हो रही थी!

‘जरा धीरे-2 अन्दर घुसाना.. तेरा लंड बड़ा मोटा है, अपनी भाभी जी को ज्यादा दर्द मत होने देना!’ मैंने मुस्कुरा कर छोटे भाई से कहा।

राजू ने मंद मुस्कराहट के साथ अपने गर्दभ लंड के सुपारे को नताशा की चूत के मुंह से भिड़ा कर अन्दर डालना शुरू किया।
नताशा खुद भी प्रतीक्षा के अतिरेक में पागल हुई जा रही थी और मोटे सुपारे को अपनी भट्टी जैसी चूत के अन्दर पाकर नताशा ने राजू को कसकर पकड़ लिया, और उसके होंठ चूसने लगी।

राजू अपनी किस्मत पर यकीन न करते हुए अपने उस भाई जैसे दोस्त की बीवी के साथ गीला चुम्बन करने लगा जो इस समय अपने यार से चूत चुदाती हुई बीवी के मुंह को चोदने में लगा था, और समय-2 पर उसके चूतड़ सहलाता हुआ उसके भग्न दाने को सहला देता था, जिसके समीप से होकर राजू का भरी-भरकम लंड उसकी पत्नी की चूत का बाजा बजा रहा था।

राजू अचानक उतावला हो उठा और उसने झटके के साथ नताशा की चूत से अपना सुपाड़ा बाहर निकाल कर पूरा का पूरा अन्दर घुसेड़ दिया!
‘आआआ.. मर गई! आई.. तूने मेरी चूत फाड़ दी! ओए.. आआ.. हाँ ऐसे ठीक है.. थोडा धीरे मारो! ऊऊऊओ.. हाँ.. ऐसे!’ चूत पर हुए अचानक हमले से मेरी पत्नी रोआंसी सी हो आई, लेकिन राजू ने खुद को सँभालते हुए धीरे धक्कों के साथ चुदाई जारी रखते हुए स्थिति को संभाल लिया।

अब वो बिना जल्दी किए धीरे-2 अपने दोस्त की बीवी की नर्म-गुलाबी चूत को चोदने लगा और मेरी भार्या अकल्पनीय सुख के सागर में गोते लगाने लगी, उसके मुख से तेज सिसकारियाँ निकलने लगी और उसकी मुख-मुद्रा बता रही थी कि उसके सुख की कोई सीमा नहीं थी!
‘ओ ओ ओ.. आआआ.. आआआ.. आ आ आ आआ.. सीई..आआआ.. स्स्स्सीई..’ नताशा के मुख से वास्तविक ख़ुशी भरी सिसकारियाँ निकलने लगी।

बैंगन जैसा मोटा, पत्थर जैसा कठोर राजू का लंड मेरी पत्नी की अँधेरी सुरंग रूपी गर्म चूत की अथाह गहराइयों को नापने लगा जो खुद भी अपनी जीभ से उसे गर्मजोशी से जवाब दे रही थी।
प्रेमी जोड़ा वासना के अतिरेक में एक दूसरे को बुरी तरह चाटता जा रहा था। इस दौरान चुदाई की गति हर धक्के के साथ बढ़ती जा रही थी, और गोरी लड़की के गले से निकलने वाली आवाज हर धक्के के साथ तेज होती जा रही थी।

‘ओए.. आआ.. हाँ! ऐसे.. और.. ऊऊऊऊ.. ओओ.. ओओ.. आआ.. और जोर से.. चलो चोदो जोर से! और थोडा जोर से.. ओओ.. ओओ.. हाँ ऐसे! हाय कितना मजा आया इस बार!! हाय ऐसे ही चोदो ना फिर से.. अपनी पूरी जीभ डाल दो मेरे मुंह में!’ मेरी पत्नी ने बिना किसी शर्मो-हया के राजू की जीभ को चूसना शुरू कर दिया।

राजू मुझे आश्चर्यचकित करते हुए पूरी तरह से स्थिति को काबू में कर, बहुत मंझे हुए खिलाड़ी की तरह अपने भाई की रशीयन गोरी बीवी की नर्म-गुलाबी चूत को चोदे जा रहा था। उसका तीर जैसा लम्बा, किसी कलाई जैसा मोटा लंड मस्ती के साथ नताशा की अभी तक चिपचिपी हो चुकी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था।

स्वयं नताशा आनन्द के अतिरेक में जंगली बिल्ली जैसी आवाजें निकल रही थी और राजू के साथ चुम्बन में व्यस्त थी- आआ.. जरा और जोर से चोदो मुझे.. हाय कितना मजा आ रहा है! थोड़ा रगड़ कर चोदो जरा.. फाड़ दो मेरी चूत को!!! ..ओए मस्ती.. मस्ती.. हाय कितना मोटा, कितना लम्बा लंड है तुम्हारा! बिलकुल गधे के लंड जैसा!! हाय कितना चिपचिपा हो गया है अन्दर तो.. लेकिन कितना मस्त.. पच-पच। पच-पच, पच-पच.. हाय कितनी प्यारी आवाज है ये.. है ना!’ वासना के अतिरेक में मेरी वाइफ डूब उतरा रही थी, और मुझसे बिना शर्माए इसकी अभिव्यक्ति भी कर रही थी।

कुछ मिनटों बाद प्रेमी जोड़ा अलग हुआ और मादा मेरे लंड की तरफ आकर्षित हुई, उसने अपनी नर्म-गुलाबी जीभ से मेरे लंड को चुभलाना शुरू कर दिया, जबकि इस समय राजू अपने मूसल लंड को अपनी भाभी जी की गोरी गांड के छेद से भिड़ाने में लगा हुआ था।

‘आआआह… आआ.. ओए! हाय कितना दर्द हो गया! निकाल ले.. उई माँ! तूने तो मेरी गांड भी फाड़ डाली!!’ नताशा दर्द से चिल्लाने लगी- ऊऊऊ.. निकाल ले बाहर! मैं किस से कह रही हूँ!

लेकिन इस बार राजू ने लंड पूरा बाहर न निकाल कर सुपाड़ा अन्दर रखा और उसे अन्दर बाहर करता रहा।
थोड़ी देर में नताशा नार्मल हो गई और धक्कों में राजू का साथ देते हुए कहने लगी- आ.. हे भगवान कितना दर्द हुआ था.. तुमने तो मनो जैसे जलती हुई रॉड ही मेरी गांड में घुसेड़ दी थी! तुम्हारा भयानक लंड मेरे गले तक उतर गया हो जैसे!! भयंकर.. भयानक.. कितना डरावना लंड है तुम्हारा! मुझे तो ऐसा लगा मानो मेरी गांड ही चीर दी हो!!!

और मेरी पत्नी ने कमरे में रखी हुई न नारियल के तेल के डिब्बे से थोडा तेल निकाल कर राजू के लंड को तर कर दिया और बचा हुआ तेल उसने अपनी गांड पर मल दिया।
इस बार जब राजू के गांड पर हल्का सा दबाव लगाते ही उसका मूसल लंड फिसलता हुआ नताशा कि गांड में सरक गया और आसानी के साथ अन्दर बाहर होने लगा।

अब नताशा के चेहरे कि मुस्कराहट भी लौट चुकी थी, वो बोली- तुमने तो मेरी जान ही ले ली थी.. लेकिन अब सब ठीक है.. मजा आ रहा है.. हाँ ऐसे ही चोदो मेरी गांड! हाय.. आऊ.. हाँ ऐसे! थोडा धीमे प्लीज.. हाँ ऐसे! हाँ हाँ.. चलो चोदते रहो अपनी भाभी की गांड!! कितना मस्ती आती है जब तुम धीमे-2 मेरी गांड में घुसाते हो और तेजी से बाहर निकालते हो.. हाय मेरे पति देवता, तुम भी चोदो मुझे.. मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी चूत चोदो और राजू मेरी गांड मारे!

पत्नी की इच्छा सुन कर मैं एक आज्ञाकारी पति की तरह उसके नीचे लेट गया और उसकी राजू के लंड ने भोसड़ा बना दी प्यारी चूत को चोदने लगा।
फर्श पर खड़ा हुआ राजू मेरी प्यारी सी गुड़िया की गुलाबी गांड का कचूमर निकालने लगा।

‘आआह.. गज़ब.. मजा मजा मजा..!’ मेरी द्विपतिव्रता पत्नी आनन्द के अतिरेक में सुध-बुध खोकर चिल्ला रही थी, जबकि मैं स्वयं भी ऐसा शानदार नजारा देख कर उत्तेजना से फटा जा रहा था।
मेरा सपना जो पूरा हो रहा था.. 2इन1.. मैं हमेशा से नताशा के साथ डबल पेनेट्रेशन करना चाहता था, और आज मेरी इच्छा पूरी ही रही थी।

पहले तो राजू धीरे-2 धक्के लगाता हुआ मेरी बीवी की गांड को रवां करता रहा और थोड़ी देर बाद उसने अपने धक्कों में तेजी लाते हुए, धुआंधार रफ़्तार से मेरी जानेमन की गांड कुटाई चालू कर दी।
इस समय मेरे लंड को नताशा की चूत के अन्दर भी राजू के तूफानी लंड का साफ़ एहसास हो रहा था और उसके लंड के भरपूर धक्कों की चोट मेरे लंड को भी खूब महसूस हो रही थी!!

फिर राजू लगातार अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ता जा रहा था और नताशा की चूत में स्थित मेरे लंड को उसकी गांड में होने वाली कुटाई साफ़ महसूस हो रही थी.. वास्तव में तो राजू का लंड नताशा की गांड मर रहा था, लेकिन आकार में विकराल होने के कारण चूत में स्थित मेरे छोटे लंड को भी उसके भयानक घिस्से महसूस हो रहे थे।

नताशा तो मस्ती में सातवें असमान पर थी.. मुझे तो यकीं ही नहीं हो रहा था.. राजू का गधे जैसा लंड बिना किसी परेशानी के मेरी प्यारी पत्नी की कमसिन गांड में अन्दर-बाहर हो रहा था!!!

‘आआआआ.. ओईईईईई.. और और और और तेज..आ ऊऊ.. जोर से धक्के मारो.. आआआआ.. आईई.. ऐसे.. ऊऊऊऊऊ.. आआआ! रगड़ के मारो राजू.. आआईईई.. आह कैसी मस्ती आ गई.. जैसे मर्जी चोदो मुझे राजू, और तुम भी मेरे पति देवता..’ नताशा आंख मार कर मुस्कुराते हुए बोली- ..आज से तुम दोनों मेरे पति हो!!! दोनों इकट्ठे घुसेड़ो.. मेरी चूत और गांड एक झटके में ही भरा करो अपने धक्कों से!! हाआआआन.. ये तो असली जन्नत है!! सुपर.. गजब! जरा रुकना मेरे प्यारे पतियों.. काफी देर से मैंने आपके लंडों का स्वाद नहीं चखा.. इस बार मैं दोनों को इकट्ठे ही अपने मुंह में लेना चाहती हूँ!!

हम दोनों भाइयों ने अपने औजार नताशा की भट्टियों से बाहर निकाले और हमारी रानी ने बिना देर किये उन्हें अपने दोनों हाथों की मुट्ठी में पकड़ कर सहलाते हुए अपनी जीभ से उनकी मसाज करने लगी।
राजू संग हमारे लंड पूरे तनाव के साथ खड़े हुए थे, बल्कि उत्तेजना के अतिरेक में झटके मार रहे थे।
राजू का विकराल और मेरा औसत लंड थोड़े से तिरछे होने की वजह से और सुन्दर प्रतीत हो रहे थे..

हमारी पत्नी ने पहले बारी-2 से दोनों लंडों को चूसना आरंभ किया, और फिर इकट्ठे ही मुंह में डालने की कोशिश करने लगी और वो इसमें कामयाब भी होने लगी थी।

‘वाह जानेमन! तुम तो गजब ढा रही हो.. दोनों ले लिए अपने छोटे से मुंह में?’ मैंने अपनी पत्नी की प्रशंसा की तो वो शर्मा कर अपनी आँखें छुपाने लगी..

‘मुझे लगता है कि हमारी प्यारी गुड़िया हमारे लौडों को एक साथ अपने सबसे छोटे छेद में भी ले सकती है!!!’
मेरे इतना कहते ही एक पल को तो सन्नाटा छा गया, लेकिन अगले ही पल मेरी जान से प्यारी पत्नी ने इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए मुस्कराहट के साथ अपना सर हिला कर सहमति जताई।

अब सबसे पहले मैंने नताशा के नीचे से निकल कर राजू के लिए ज्यादा स्पेस बनाया, जिससे की वो ज्यादा आजाद होकर अपने लंड को मेरी बीवी के चूतड़ों में पेल सके।

मेरा सोचना बिल्कुल सही था और मेरे हटते ही राजू ने शहंशाही अंदाज में अपने रुस्तम लंड को मेरी बीवी के चूतड़ों में पेल दिया। किसी बच्ची जैसी महीन आवाज में सिसकारियाँ भरते हुए नताशा ने अपने चूतड़ स्थिर रखते हुए मूसल लंड के पूरा अन्दर घुस जाने का इंतजार किया और फिर जब राजू ने हल्के-2 धक्कों से धीरे-2 चोदना शुरू कर दिया तो मैंने भी अपनी वाइफ के चूतड़ों के पीछे जाकर अपने लंड से उसकी राजू के लंड से भरी गांड को कुरेदना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर की मशक्कत के बाद आखिर मैंने भी अपने झटके मारते हुए लंड को राजू के लंड के समान्तर नताशा की गांड में घुसेड़ दिया!! यह वाकयी गजब का अनुभव था.. मैं नताशा की चुदती हुई गांड के अन्दर पहुँच चुका था जहाँ पहले से ही राजू के लंड ने ग़दर मचाते हुए तबाही ला रखी थी..
और अब दो लंडों के मिल जाने से दुगनी रफ़्तार से चुदाई अवश्यम्भावी थी और हम दोनों भाइयों ने रशीयन लड़की की गांड के परखच्चे उड़ाते हुए चुदाई शुरू कर दी।
हम इस समय पूरे आवेश में आकर चोद रहे थे और नताशा की चीखें पूरे घर में गूंजने लगी थी। अब मालूम नहीं दर्द से या मस्ती से!!
हालाँकि मैं फिर भी थोड़ा हवास में था और डर रहा था कि कहीं पड़ोसियों को नताशा की चीखें न सुन जाएँ!

बुरी तरह से गांड मारने के बाद हमने पोजीशन बदल दी और अब राजू ने कमर के बल लेटते हुए भाभी की चूत को अपने लंड पर पहना दिया और अपनी हथेलियों को उसके नितम्बों के नीचे रख कर उसे ऊपर-नीचे झुलाने लगा!
तूफान मेल की रफ़्तार धक्के खाने पर मेरी पत्नी की चूत से पानी के छीटें छूट रहे थे और मैं अपने लंड को हाथ में पकड़े हुए नताशा की चूत के सामने जगह बनाने लगा।

कुछ यत्न के बाद मैं भी अपने लंड को अपनी बीवी की चूत में फिट करने में कामयाब हो गया!
और फिर जो चुदाई हमने शुरू की.. नताशा ने अपना बायाँ पैर खम्भे की तरह आसमान में उठा दिया, और हम दोनों भाई 200 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से अपने लंडों को चूत में पलते गए!!!

आखिर नताशा फट पड़ी और बुदबुदाने लग पड़ी- मैं झड़ रही हूँ लड़कों.. ऊऊऊ.. मैं झड़ रही हूँ मेरे पतियों!! तुम लोग भी झड़ जाओ मेरी चूत में!!! हाँ मेरे प्यारे पतियो, मैं चाहती हूँ कि तुम दोनों इकट्ठे ही मेरी चूत में झड़ो!! मैं खुद को दुनिया की सबसे खुश बीवी मानूंगी कि मेरे दो दो पति इकट्ठे ही मेरी चूत में झड़ गए!! हाँ, ऐसे, ऐसे, ऐसे, ऐसे, ऐसे..
नताशा ने मरी हुई सी आवाज में अपनी हार्दिक इच्छा का खुलासा कर दिया और राजू संग हम दोनों ने हमारी प्रेमिका को कस कर जकड़ लिया और ताबड़तोड़ धक्के लगाने चालू कर दिए।

हम दोनों ने गुलाबी-बल रहित चूत को अपने भयंकर धक्कों से सुर्ख लाल कर दिया था!
मुझे अपनी बीवी के गर्भ में उच्च तापमान का अनुभव होने लगा था जिसका मतलब था कि वो बस झड़ने ही वाली थी।
और अचानक राजू चीखने लगा और भयानक शॉट्स लगाता हुआ नताशा की चूत में अन्दर गहरे उतरते हुए उससे चिपक गया।

अपने लंड पर राजू का गर्म वीर्य महसूस होते ही उत्तेजना के चरम पर पहुँचते हुए मैंने भी फव्वारा छोड़ दिया और खूब माल निकालते हुए नताशा की दो लंडों से भरी हुई चूत से चिपक गया!!
हम करीब 5 मिनट तक लंडों को नताशा की चूत में डाले हुए बूंद-2 झड़ते रहे.. मेरे ख्याल से किसी भी हालत में आधा कप तो हम दोनों ने निकाला ही होगा नताशा की चूत में!!

यह तो गजब हो गया!! हम दोनों दोस्तों ने न सिर्फ मेरी बीवी की चूत मारी, गांड भी छेदी, फिर दो-2 लंडों को पहले गांड में घुसेड़ा, फिर भी मन नहीं भरा तो चूत में भी दो-2 लौड़ों को ठूंस कर चुदाई की!!!

उफ़.. इतनी शानदार रात थी वो!
उस रात हम एक मिनट भी नहीं सोए.. पहले राउंड के बाद हम लोग 3 बजे तक राउंड डी टेबल बैठ कर डिनर, फिर कॉकटेल लेते रहे, और फिर वहीँ चुदाई चालू हो गई!!
लेकिन इस विषय में फिर कभी..

दोस्तो, आपको हमारी सच्ची घटना पसंद आई या नहीं, कृपया हमें लिखें [email protected] पर्…
हम पत्येक पत्र का उत्तर देने का प्रयत्न करेंगे।
धन्यवाद..