गांड मरवाने का पहला सुख

नमस्कार दोस्तों, आज मैं आप सबको खुद अपनी सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.

मैं दिल्ली से हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 3 इंच है. मैं 26 साल का हूँ, थोड़ा सांवला हूँ. वैसे तो मैंने बहुत लड़कियों और भाभियों की चुत मारी है, पर ये कहानी कुछ अलग हट कर है.

यह बात 2016 की है. मेरे घर वाले गांव गए थे, घर पर सिर्फ मैं था. वैसे खाना बनाने की कोई दिक्कत नहीं होती थी. क्योंकि मैं अपने ऑफिस में ही खा लेता था. शाम को घर लौटते वक़्त डिनर भी करके आता था.

घर वालों के जाने के तीसरे दिन की बात है. उस दिन संडे था. मेरे एक दोस्त का कॉल आया, उसका नाम मनीष है. उसकी हाइट भी 5 फुट 9 इंच है और वो देखने में बहुत स्मार्ट लगता है. हम दोनों की दोस्ती कॉलेज में हुई थी. वो और मैं एक ही एरिया से कॉलेज जाते थे और एक ही क्लास में पढ़ते थे, तो धीरे धीरे दोस्ती हो गई.

उस दिन मनीष का कॉल आया, मैंने उसे बताया कि घरवाले गांव गए है. बंदा ये जान कर पता नहीं कौन सी ख़ुशी से पागल हो गया.

वो बोला- फिर आज तो पार्टी करने का सीन है.
मैं समझ गया कि ये क्या कहना चाह रहा है. मैं राजी हो गया.

फिर हमने फ़ोन पर ही बियर और व्हिस्की पीने का प्लान तय कर लिया. मैंने और भी दोस्तों को बुलाने के लिए बोला, पर उसने मना कर दिया. उसने मुझे समझाया कि तेरे घर पर कोई नहीं है, ज्यादा लोगों के आने से पड़ोसी को शक हो सकता है.

उसकी बात मुझे भी अच्छी लगी और करीब एक घंटे के अन्दर वो मेरे घर पर एक बैग लेकर आ गया. उसने पीले रंग की टी-शर्ट और ब्लू जीन्स पहनी थी. वो जैसे ही घर में घुसा, पूरा घर उसके डियो से महकने लगा. उस दिन वो कुछ ज्यादा ही स्मार्ट लग रहा था.

करीब दोपहर के दो बज रहे थे, फिर हम दोनों मेरे कमरे में चले गए. उसने बैग से एकदम चिल्ड बियर की दो बोतलें निकालीं. मैंने एक प्लेट चखना के लिए रखी, तो उसने बैग से चखना निकाला. वो अपने साथ रोस्टेड चिकन भी ले कर आया था. मैंने अपने रूम में हल्के स्वर में रोमांटिक गाने चला दिए. हम दोनों बियर पीने का मजा लेने लगे.

थोड़ी ही देर में हमने बियर खत्म कर दी. वैसे बियर से नशा तो नहीं होता, पर हमारा पेट भर गया था. हम दोनों बेड पर लेट कर रेस्ट करने लगे.

मैंने कमरे की लाइट बंद कर दी और जीरो वाट का बल्ब जला दिया. कमरे में हल्की रोशनी हो गई थी.

हम दोनों वहीं लेट कर टेलीविज़न देखने लगे. थोड़ी देर टेलीविज़न देखने के बाद मनीष ने ब्लू फिल्म चला दी.

फिर हम दोनों संग लेट कर ब्लू फिल्म देखने लगे. फिल्म देखने में बड़ी मस्ती चढ़ रही थी. उसने धीरे से मेरी जांघों पर हाथ फेरना चालू कर दिया.

उस टाइम पता नहीं, मुझे क्या हो गया था … मैं उसका बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रहा था. वो जैसा कर रहा था, मैं उसको करने दे रहा था.

उसने कुछ ही देर में मुझे भी पूरा जोश में भर दिया. मेरा लंड फनफनाते हुए बाहर आने को तैयार था.

मैं अपनी आंखें बंद करके अंगड़ाइयां ले रहा था और वो मेरी जांघों पर हाथ फेर रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा कोई हम बिस्तर मुझे चुदाई की जन्नत में सैर करा रहा हो. वो कभी मेरी गर्दन पर किस करता, तो कभी मेरी छाती चूमता. मैं कुछ ही पलों में मानो खुद ही पूरा नंगा होने को बेताब हो गया था.

फिर उसने अपनी और मेरी जीन्स खोली. मैंने अपनी कमीज़ उतारी और उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी. अब हम दोनों एक दूसरे के सामने सिर्फ अंडरवियर में थे.

उसका लंड ओर मेरा लंड दोनों मानो अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को तैयार दिख रहे थे.

उसने अपने आपको मेरे बहुत करीब कर लिया. मैं लेटा था और वो उठ कर मेरी छाती पर आकर बैठ गया. वो मुझे चूमने लगा. मेरे मुँह अचानक ही पूरा पानी पानी हो गया.

फिर उसने अपना अंडरवियर उतारा और उसका 7 इंच का फड़फड़ाता हुआ लंड मेरे सामने था. उसके लंड की महक मैं महसूस कर सकता था.

दोस्तो, पहली बार मैंने उसका लंड देखा था. वैसे जितना वो स्मार्ट था, मुझे कबसे उसके लंड देखने की तमन्ना थी, पर आज मानो वो तमन्ना पूरी होने को जा रही थी.

इस टाइम उसका 7 इंच का लंड मेरे सामने था, उस लंड की गुलाबी टोपी मानो उसे और भी मस्त बना रही थी. मनीष ने नीचे शेव किया था, तो उसका लंड और भी ज्यादा स्मार्ट लग रहा था.

मनीष ने अपनी गांड आगे पीछे करनी शुरू की. … मैंने बिना कुछ कहे सुने उसका पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया. उसके मुँह से एक मदमस्त सी आह निकल गई.

दोस्तों उस दिन मैंने उसका लंड जी भर कर चूसा. फिर हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए. उसने मेरा भी लंड अपने मुँह में लिया. सच बताऊं कि चुत तो मैंने बहुत मारी, लेकिन ऐसा पहली बार किया था जब किसी लड़के के साथ गे सेक्स करना हो रहा था. मुझे जो मजा इसमें आ रहा था, शायद वो पहले कभी नहीं आया था.

एक दूसरे के लंड चूसने के बाद हम दोनों झड़ गए. हमने एक दूसरे को देखा और किस किया. हम दोनों मुस्कुराने लगे थे.

मनीष ने कहा- अतुल यार, लाइफ में हर चीज़ को एन्जॉय करना चाहिये.
मेरी राय भी यही थी.

फिर हम दोनों वाशरूम में गए और संग संग नहाये. उसने मेरी बॉडी पर साबुन लगाया और मैंने उसके शरीर को मला. बाथरूम में ही धीरे धीरे हम दोनों का लंड फिर से खड़ा होने लगा.

अब इस बार हम दोनों का इरादा अपनी अपनी गांड मरवाने का था. मनीष ने धीरे से अपनी एक उंगली मेरी गांड के अन्दर घुसाई, मैं एकदम उछल सा गया. मुझे अपनी गांड में हल्का सा दर्द होने लगा.

उसने वाशरूम में रखे तेल से मेरी गांड को चिकना किया. उसने मेरी गांड के छेद के बाहर चारों तरफ बड़े प्यार से तेल लगाया और हल्के हाथ से उसने मेरी गांड के छेद में अन्दर भी लगाना चालू किया.

उसने ये सब करीब दस मिनट तक किया. इससे अब मेरी गांड का छेद थोड़ा ढीला हो गया था. फिर उसने अपनी एक उंगली मेरी गांड में घुसाई, तो उसकी उंगली अन्दर तक चली गई. मुझे सुरसुरी सी होने लगी. वो बड़े मस्ती से उंगली को मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगा.

मैं इस समय बाथरूम में वाशबेसिन के सहारे टिका हुआ घोड़ी सा बना था. मेरे पैर फैले हुए थे. बगल में ही ही कमोड लगा था. मनीष ने मुझसे एक पैर कमोड पर रखने को कहा. मैंने उसकी आज्ञा को शिरोधार्य किया. मुझे गांड में मजा आने लगा था.

फिर उसने अपनी दूसरी उंगली भी मेरी गांड में घुसा दी. इस बार मुझे एक पल के लिए दर्द सा हुआ, पर तेल की चिकनाई के कारण मुझे ये दर्द नहीं मजा सा लग रहा था. उसकी दोनों उंगलियां मेरी गांड में मस्ती कर रही थीं. मेरी आँखें मीठे मजे के कारण बंद हो गई थीं. मेरे मुँह से बस ‘आंह आह..’ निकल रहा था.

कुछ देर बाद उसने उंगलियां चलाना बंद कर दीं. मैंने पलट कर उसके लंड को देखा. उसका लंड अब तक पूरा खड़ा हो चुका था.

उसने उंगलियां खींच लीं और मेरी फैली हुई गांड में तेल डाल दिया. तेल के कारण मेरी गांड में फुच फुच सा होने लगा था.

दूसरी तरफ मेरे दोस्त ने अपने लौड़े पर थोड़ा तेल लगाया. इसके बाद उसने अपने लंड का टोपा मेरी गांड की छेद पर रखा और धीरे धीरे अन्दर डालने लगा.

दोस्तों उसने ये सब इतने प्यार से किया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसका सात इंच का लंड मेरी गांड के अन्दर पूरा घुस गया. जब उसका लंड मेरी गांड में पूरा घुस गया, तो उसने तेल की शीशी का मुँह मेरी गांड पर लगा कर टपकाना शुरू कर दिया. इससे मेरी गांड का रहा सहा सूखापन भी जाता रहा और चिकानाई के चलते मुझे मजा आने लगा.

अब उसने लंड को मेरी गांड में आगे पीछे करना चालू किया. मैं आप लोगों को बता नहीं सकता कि मुझे गांड मराने में कितना मजा आ रहा था. जो लोग लिखते हैं कि गांड मराने में दर्द होता है, मुझे वे सब इस समय झूठे लग रहे थे.

उसने दस मिनट तक मेरी गांड बजाई. फिर वो मेरी गांड में ही झड़ गया. उसने मेरी गांड मारते समय मेरे लंड की मुठ भी मारी थी, इसलिए मेरे लंड का पानी भी निकल गया था.

अब हम दोनों बाथरूम में ही थे. एक बार गांड मराई का मजा ले चुके थे.

मैंने सिगरेट और शराब की इच्छा जाहिर की, तो वो कमर में चला गया और मैं गांड साफ़ करने लगा.

वो कमरे में से दो गिलासों में तगड़े पैग बना लाया. हम दोनों ने व्हिस्की का मजा लिया और सिगरेट से मुँह का स्वाद ठीक किया.

दस मिनट तक दारू का मजा लेने के बाद हम दोनों शॉवर के नीचे खड़े होकर नहाने लगे. हमारे जिस्म फिर से गर्म हो उठे थे और एक बार फिर से गांड चुदाई का मूड बन गया था. अबकी बार मेरा लंड था और उसकी गांड थी.

उसकी तरह मैंने भी उसकी गांड में तेल लगाया और उसकी गांड मारी.

दोस्तों पहली बार मुझे गांड मारने का सुख मिला. सच बता रहा हूँ मुझे ये सुख चुत मारने से कहीं ज्यादा मस्त लगा था. गांड मरवाते समय लंड की मुठ मारना सबसे ज्यादा मजा देता है. इससे गांड में लंड से दर्द भी नहीं होता है. कभी आजमाइएगा.

खैर हम दोनों ने बारी बारी से एक बार फिर से एक दूसरे की गांड मारी और अपना लंड एक दूसरे की गांड में ही झाड़ दिया.

गांड चुदाई के बाद हम दोनों ने फिर से नहाया और वाशरूम से बाहर निकल कर एक दूसरे को साफ़ किया.

नहाने के बाद हमने एक साथ व्हिस्की के दो दो पैग और खींचे और सिगरेट का मजा लिया. कुछ देर के लिए हम दोनों सो गए.

शाम को करीब सात बजे वो मेरे घर से चला गया.

मनीष ने मुझे बताया था कि हमें लाइफ में हर चीज़ को एन्जॉय करना चाहिये. उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता हम आज भी एक दूसरे को पूरा पूरा सहयोग देते हैं.

दोस्तो, ये थी मेरी और मनीष की गांड चुदाई की कहानी. आप लोगों को कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करें.
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