दो सगी बहनों के साथ थ्रीसम चुदाई-2

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

दो सगी बहनों के साथ थ्रीसम चुदाई-1

दो सगी बहनों के साथ थ्रीसम चुदाई-3

नमस्ते दोस्तों, आशा करता हूँ मेरी कहानी आपको भरपूर मजा दे रही होगी. अब आगे पढ़ते हें …

तब तक वंदना भी चेंज कर के बाथरूम से आ गयी. उसने बहुत हो छोटी स्कर्ट पहनी थी जो उसकी चूत से थोड़ी नीचे थी और एक टीशर्ट पहनी थी जो सिर्फ उसके मोम्मो को कवर कर रही थी. यानि उसका सारा पेट नंगा था और उसकी गहरी नाभि कहर ढा रही थी.

मैंने वंदना को कहा- वोडका गिलास ओर कोल्ड ड्रिंक ले आओ!
वन्दना झुक कर टेबल से सामान उठाने लगी तो पीछे से उसकी सारी गांड साफ साफ दिखने लगी. उसने काले रंग की थोंग (एक तरह की पेंटी) डाली थी जो नीरू भी देख रही थी.
वो मुझे देख कर इशारे से पूछा- कैसे करोगे?
तो मैंने भी ‘मैं सब संभाल लूंगा.’ का इशारा कर दिया।

वन्दना ने सारा सामान लाकर बेड पर रख दिया और खुद भी मेरे और नीरू के सामने चौकड़ी मार कर बैठ गयी. ऐसे बैठने से उसकी थोंग साफ साफ दिख रही थी. मैंने तीनों के पेग बनाये और उनमें लिम्का डाला जो हमने रास्ते लिया था.
जब हमने एक एक घूंट भरा तो वो गर्म हो गया था. पर इतना भी नहीं कि पिया ना जाये.

मेरी और नीरू की नजरें वंदना की चूत पर ही थी. मेरा लन्ड तन कर लोहा हो गया था. मैं एक बार वन्दना को अकेले में चोदना चाहता था तो मेरे दिमाग में एक आईडिया आया. मैंने नीरू के फ़ोन पर मैसेज किया कि वो थोड़ी देर के लिए मार्किट जाकर आये.
फिर हमने अपनी अपनी ड्रिंक खत्म की तो नीरू वन्दना से बोली- वन्दना, फ्रिज में जूस का डब्बा होगा, वो निकाल ले … वो ही वोडका में डाल लेंगे. मैं बस सुसु कर के आयी।

यह कह कर नीरू वाशरूम गयी और दरवाजा बंद कर लिया।

उधर वन्दना फ्रिज से जूस निकालने के लिए झुकी तो मैंने उसकी गांड में लन्ड दबा दिया।
वन्दना- जीजू क्या कर रहे हो? दीदी आ जायेगी, हम रात को दीदी के सोने के बाद चुदाई करेंगे।

इतने में फ्लश चलने की आवाज आई तो मैं बेड पर वैसे ही बैठ गया और नीरू अंदर आ गयी।

वन्दना- दीदी, जूस तो आधा ही डिब्बा है।
नीरू- कोई बात नहीं अभी तुम दोनों एन्जॉय करो मैं मार्किट से जूस ले कर आती हूँ, कुछ और लाना हो तो बता दो।
मैं- जानम सिगरेट और कुछ नमकीन भी ले आना।
नीरू कपड़े चेंज करके चली गयी।

मैं- देखा भगवान ने हमें मौका दे ही दिया।
वन्दना- हां, अब तो आप अपने मन की करोगे।
मैं- नहीं बेबी, जैसा तुम कहोगी वैसा करेंगे।
वन्दना- रुको पहले मैं ड्रिंक बना लूं।

उसने दो ड्रिंक बनाये और मेरे पास आकर मेरा लोअर उतार दिया और मुझे सोफे पर बिठा दिया.

ड्रिंक लेकर वन्दना मेरे पास आई और मेरी जांघों पर बैठ गयी. ड्रिंक की एक चुस्की लेने के बाद वन्दना ने अपनी ड्रिंक मुझे पकड़ाई और अपनी टीशर्ट उतार दी. उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी. मैं उसके 32 साइज के चुचे देख कर पागल हो गया और उन्हें चूसने लगा.

वन्दना के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी, वो ‘आहह आहह और चूसो जीजू आह …’ बोलने लगी.
मैं अब शराब भूल चुका था तो वन्दना बोली- जीजू ऊऊ रुको!
मैं रुक गया.

वन्दना ने मेरा पेग उठाया और उसमें अपने दोनों चुचे डुबो दिए और उन्हें मेरे मुंह में देने लगी.
मैं फिर से उसके शराब लगे चुचों को चूसने लगा.

सच बताऊं दोस्तो … उसके चुचे बिल्कुल रुई की तरह नर्म और सफेद थे और उनका निप्पल हल्का ब्राउन रंग का था. चुचों की हरी हरी नसें साफ दिख रही थी.

अब मैंने उसके चुचे छोड़ दिए और उसे स्मूच करने लगा. हम दोनों की जीभ आपस में मिलने लगी और हम एक दूसरे का थूक शेयर कर रहे थे. मैंने उसका सारा चेहरा थूक से गीला कर दिया.

कुछ देर बाद हम अलग हुए. वन्दना जोर जोर से सांस ले रही थी जिससे उसके चुचे ऊपर नीचे हो रहे थे. यहां मेरे लन्ड की हालत बुरी हो रही थी, उसमें दर्द होना शुरू हो गया था. फिर वन्दना ने मेरा वी शेप का अंडरवियर उतार कर मेरा लन्ड अपने पेग में डुबो दिया. लन्ड को अच्छी तरह गीला करके वो सोफे पर घोड़ी बन कर लन्ड चूसने लगी.

मैं अपना हाथ घुमा कर उसकी कच्छी के साइड से उसकी चूत में उंगली करने लगा. वन्दना मेरा पूरा लन्ड गले के अंदर तक ले कर चूस रही थी. बीच बीच में वो मेरे लन्ड के टोपे को अपनी जीभ से चाट रही थी. वो बिल्कुल किसी पोर्न स्टार की तरह लन्ड को चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद मैंने उसे खड़ी होने को कहा तो वो बोली- रोक क्यों दिया जीजू? बहुत मजा आ रहा था तुम्हरा केला चूसने में!
मैं बोला- डार्लिंग, मुझे भी तो तुम्हारी चूत के पानी को चखना है.

फिर मैंने उसे घुमा दिया. अब उसकी गांड मेरी तरफ थी. मैंने उसकी जांघों पर हाथ फेरते हुए उसकी स्कर्ट उतार दी और उसके चूतड़ों को चूसने और चाटने लगा.
वो बोली- जीजू यु आर टू गुड इन सेक्स. (जीजू आप सेक्स करने में बहुत माहिर हो.)

फिर मैंने उसे गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसकी कच्छी उतार दी. उसकी चिकनी चूत में उसका पानी ओस की बूंद की तरह चमक रहा था. मैंने एक बार अपना पूरा हाथ उसकी चूत पर फेरा, फिर मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा दी और आगे पीछे करने लगा.

वन्दना भी अपनी गांड ऊपर कर कर के धक्के मारने लगी. मैंने उंगलियाँ बाहर निकाली, मेरा पूरा हाथ उसके चूत के पानी से गीला हो गया था. मैंने दोनों उंगलियाँ उसके मुंह में दे दी. उसने भी उन पे लगा अपनी चूत का सारा पानी चूस लिया.

अब मैंने उसकी दोनों टांगों को चौड़ा किया और उसकी चूत चाटने लगा. वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैं अपनी जीभ को नुकीली करके उसकी चूत के दाने को छेड़ने लगा. वो अपने दोनों चुचों को दबाते हुए सिसकारियां भरने लगी. मेरे इस तरह चूत चाटने से वन्दना इतनी चुदासी हो गयी कि उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और आहह आहह करने लगी.

तभी मुझे मेरे होंठों पर कुछ प्रेशर सा महसूस हुआ. मुझे लगा शायद वन्दना का मूत निकल गया. लेकिन वो उसका मूत नहीं बल्कि उसकी चूत का पानी था जो उसकी जांघों से होता हुआ उसकी गांड की तरफ बह रहा था.
मैंने वो सारा पानी चाट लिया.

उसे मैंने बेड पर चित लिटा दिया. उसकी टांगें उठा कर अपने कंधों पर रख ली. मैंने अपने लन्ड का टोपा उसकी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में पूरा लन्ड उसकी चूत में उतार दिया.
वन्दना की आंखों से पानी निकल आया. उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरी पीठ पर अपने नाखून गाड़ दिए.

मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. वन्दना भी मस्ती से अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लन्ड को अपनी चूत में ले रही थी और बोले जा रही थी- ओह जीजू … फ़क मी हार्ड! और जोर से चोदो! यस यस यस … आहह आहह!

थोड़ी देर बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकाला तो वो भी उठ कर बैठ गयी.
मैंने फिर से अपना लन्ड उसके मुंह में दे दिया. वो मेरे पूरे लन्ड को मुंह में लेती और झटके के साथ बाहर निकालती तो पक्क की आवाज आती. कभी वो मेरे टोपे को जीभ से चाटती और कभी मुठ मारने लगती.

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत चाटी और अपना लन्ड पेल दिया. फिर मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए. इस दौरान वो 2-3 बार झड़ चुकी थी तो वो थक गई थी.
मैंने उसे थोड़ी लेटा दिया. उसकी सांस फूली हुई थी जिससे उसके चुचे ऊपर नीचे हो रहे थे.

थोड़ी देर बाद मैं चित लेट गया और उसे अपने लन्ड पे बिठा लिया. वो मेरे लन्ड पर छलांगें लगाने लगी. उसके चुचे हवा में ऊपर नीचे हो रहे थे.
मैं उसके निप्पल चुटकी में लेकर मसलने लगा.

थोड़ी देर बाद वो बोली- ओह जीजू … आई एम कमिंग!
मैंने उसे उसकी चूत में से बिना लन्ड निकाले पलट दिया और दस पन्द्रह धक्के मारने के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए.

मैं उसके ऊपर से उठ कर उसकी बगल में लेट गया. वो मेरी छाती पर सर रख कर लेट गयी.

मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए पूछा- तो साली साहिबा कैसी लगी जीजू के लंड की सैर?
वन्दना- पूछो मत जीजू … बहुत मजा आया, मुझे आज तक साहिल ने भी इस तरह नहीं चोदा।

मैं- मेरा लन्ड तुम्हें कैसा लगा?
मैंने उसका हाथ अपने लन्ड पर रखते हुए पूछा।
वन्दना- बहुत ही प्यारा और तगड़ा लन्ड है आप का! साहिल का लन्ड तो आपके लन्ड के आगे कुछ भी नहीं। अच्छा ये बताओ कि आप को मेरी चूत कैसी लगी?
उसने अपनी टांगों को चौड़ी करते हुए मुझसे पूछा।

मैंने देखा कि उसकी चूत से हम दोनों का पानी मिक्स हो कर उसकी गांड के नीचे की तरफ जा रहा था.

उसकी चूत में दो उंगलियाँ डाल कर मैंने सारा पानी निकाला और उसके चुचों पर मल दिया और बोला- सच पूछो तो तुम दोनों बहनों की चूत बहुत मस्त है. तुम दोनों ही अपनी चूत की बहुत सफाई रखती हो जो मुझे बहुत पसंद है।
यह सुन कर वो मुझे चूमने लगी उसकी जीभ मेरी जीभ से खेलने लगी।

वन्दना- जीजू आप तो चूत को चाटते भी बहुत अच्छा हो, मन करता है कि आपसे सारा दिन बस चूत ही चटवाती रहूं।
मैं- क्या तुम दोबारा मुझसे सेक्स करना चाहोगी?
वन्दना- जीजू, वो औरत पागल ही होगी जो एक बार आपका लन्ड ले कर दोबारा न ले. आप रात को दीदी के सोने के बाद मेरे रूम में आ जाना, फिर हम दोबारा से सेक्स करेंगे।

मैं- वन्दना, अगर हम तीनों आज एक साथ मिल कर सेक्स करे तो तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं?
वन्दना- आप पागल तो नहीं हो जीजू, माना हम दोनों बहनें आपस में ओपन है, पर इतनी भी नहीं के दोनों एक साथ चुदें। और फिर दीदी भी क्या सोचेगी।
मैं- तुम अपनी दीदी की चिंता मत करो, मैं सारा प्रोग्राम सेट कर लूंगा। बस तुम बताओ कि क्या तुम तैयार हो क्योंकि मैंने भी आज तक थ्रीसम नहीं किया है.
मैंने उसे झूठ बोला।

वन्दना- अगर ये बात है तो मैं भी तैयार हूं, मैंने भी बहुत सी थ्रीसम मूवी देखी है पर कभी मौका नहीं मिला ऐसे करने का! अब दीदी को मनाना आप का काम है।
मैं- ये हुई ना बात मेरी जान!
यह कह कर हम फिर से स्मूच करने लगे.

इतने में डोर बैल बजी. वन्दना जल्दी से अपने कपड़े ले कर वाशरूम में घुस गई. जल्दबाजी में उसकी कच्छी नीचे ही गिरी रह गयी. मैंने भी बिना अंडरवियर के लोअर पहना और दरवाजा खोल दिया।

हम तीनों का थ्रीसम सेक्स कैसे शुरू हुआ और कैसा रहा, यह आप को कहानी के अगले भाग में बताऊंगा. तब तक आप इस कहानी को दूसरों के साथ शेयर करें और मुझे ईमेल से जरूर बताइए कि यह कहानी आप को कैसी लगी।
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