भोली भाली लड़की की चूत की खिड़की 

दोस्तो, मैं फेहमिना एक बार फिर आप सबके सामने अपनी नई कहानी लेकर हाजिर हूँ।
मेरी पिछली कहानी
नए ऑफिस में चुदाई का नया मजा
पर आप सबने मेल के जरिये अपना बहुत सारा प्यार मुझे दिया इसके लिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद।

आप सभी मेरे बारे में जानते तो हैं ही। मगर अपने नये पाठकों के लिए मैं फिर से अपना परिचय दे देती हूँ।
मेरा नाम फेहमिना इक़बाल है। मैं 28 साल की एक खूबसूरत लड़की हूँ। मेरा फिगर 34 28 36 हो चुका है। बहुत से लोग मुझसे मेरी शादी के बारे में पूछते है तो मैं उन्हें बता दूं कि मैं शादीशुदा नहीं हूं और अभी शादी करने का कोई मूड भी नहीं है।

दोस्तो, आज की कहानी मेरी पहली चुदाई की है, जिसे लिखने को मुझे मेरी एक प्रशंसिका ने इंस्टाग्राम पर कहा था.
हालांकि कहानी मेरी ही है, मगर मुझे कभी ख्याल ही नहीं आया कि मुझे मेरी पहली चुदाई की कहानी लिखनी चाहिए.
मगर चलिए कहते हैं ना कि देर आये दुरुस्त आये।

तो लड़के अपना लन्ड बाहर निकाल लें और लड़कियां भी अपनी बुर / चूत में उंगली करने को तैयार हो जायें।

तो दोस्तो, यह कहानी है आज से लगभग 10 साल पुरानी, जब मैं 19 साल की थी, तब मैं 12वीं क्लास में थी। इससे पहले मेरा स्कूल दूसरा था, उसमें मेरी सभी सहेलियां बहुत शरीफ थी तो उनकी संगत ने मुझे बिगड़ने के मौका नहीं दिया. तब तक मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं पता था कि सेक्स क्या होता है, बल्कि मैंने यह शब्द भी नहीं सुना था. बस अपनी पढ़ाई में लगी रहती थी।
फिर मैंने जब स्कूल बदला तो वहाँ मेरी दोस्ती कुछ हरामी लड़कियों से हो गयी. मुझे ज़रा सा भी अंदाजा नहीं था कि वे लड़कियां इतनी हरामी हो सकती हैं. मैं उन्हें बहुत शरीफ समझती थी।

खैर शुरुआत में मुझे उनसे कोई परेशानी नहीं थी, वे मेरे साथ सामान्य बर्ताव किया करती थी।

कुछ दिन निकलने के बाद से अचानक उन लड़कियों के मज़ाक करने का तरीका बदल गया. मेरे ग्रुप में मुझे मिलाकर 6 लड़कियाँ थी, सोनल, दिव्या, आशिमा, पूजा, इकरा और मैं।
इन सब में पूजा बहुत हरामी लड़की थी. वो अक्सर लड़कों को देखकर उन्हें गंदे गंदे इशारे करती थी.
लेकिन सबसे सुंदर लड़की उनमें सोनल थी जो बाद में मेरा क्रश भी बन चुकी थी।

अब धीरे धीरे उन लड़कियों का हरामीपन बढ़ता जा रहा था. पूजा और आशिमा शुरू से ही साथ साथ पढ़ी थी तो इन दोनों की आपस में बहुत बनती थी।

एक दिन मैं क्लास के बाद बाहर निकली तो सारी लड़कियां स्कूल के बगीचे में एक पेड़ के नीचे बैठकर हंस हंस कर बात कर रही थी. तो मैंने भी उन्हें जॉइन कर लिया.
तो पूजा बोली- आज मोहित ने मुझे प्रपोज किया.
बाकी लड़कियों की तरह मैं भी चौंक गयी मगर कुछ बोली नहीं.

दोस्तो, मैं पहले आपको मोहित के बारे में बता देती हूं.
मोहित बहुत ही अमीर बाप की औलाद था, देखने में बहुत स्मार्ट था. लड़कियां उस पर हमेशा लाइन मारती रहती थीं.

तभी सोनल पूजा से बोली- तू झूठ बोल रही है.
तो पूजा बोली- आज स्कूल के बाद तुम लोग घर मत जाना, तुम्हें आज कुछ दिखाऊंगी.
यह कहकर वो चली गयी।

शाम को स्कूल के बाद वो हम सबको स्कूल के पीछे ले गयी और एक जगह छुपा दिया और खुद मोहित का इंतजार करने लगी.

5 मिनट बाद मोहित आया और मौका देखकर पूजा को किस करने लगा. वो दोनों एक दूसरे को बहुत गंदे तरीके से किस कर रहे थे. ये सब मैं पहली बार देख रही थी तो मुझे बहुत गंदा लग रहा था.

थोड़ी देर बाद ही मोहित ने पूजा की शर्ट के बटन खोल दिये और उसकी शर्ट निकाल दी. पूजा अब काली ब्रा में आ गयी.
मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि ये ऐसे किसी को अपने कपड़े उतारने कैसे दे सकती है.

फिर मोहित ने उसकी स्कर्ट उतारनी चाही तो पूजा ने मना कर दिया.
तो मोहित ने एक हाथ उसकी स्कर्ट में घुसा दिया और हाथ हिलाने लगा और मुँह से उसके चूचे चूसने लगा.

पूजा ने भी मोहित की पैंट खोली और उसमें से उसका लन्ड निकाल लिया और हिलाने लगी.

मैंने लन्ड पहली बार देखा था तो मैंने सोनल से पूछा- ये क्या है?
तो वो बोली- इसे लन्ड कहते हैं, यहाँ से लड़के सुसु करते हैं.
मैंने छी कहा और बोली- ये पूजा इसका लन्ड क्यों हिला रही है?
तो सोनल ने मुझे चुप रहने का इशारा किया तो मैं चुप हो गयी।

उधर मोहित और पूजा अपने काम में लगे हुए थे.

मोहित ने पूजा को उल्टा किया और उसमें स्कर्ट ऊपर उसकी कमर तक कर दी अब उसकी पैंटी दिख रही थी. फिर मोहित ने पूजा को पैंटी निकाल दी और अपना लन्ड उसकी बुर में घुसा दिया. पूजा की हल्की से चीख निकली उम्म्ह… अहह… हय… याह…

अब पूजा सामने दीवार से सहारे पीछे को झुकी हुई थी और मोहित पीछे से उसके बूब्स पकड़कर उसे चोदे जा रहा था.

फिर अचानक पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मेरा हाथ अपने आप मेरी स्कर्ट के ऊपर से मेरी बुर को सहलाने लगा. बाकी लड़कियों का तो और भी बुरा हाल था, सबके हाथ उनकी पैंटी में थे और अपनी अपनी बुर सहला रही थी.

थोड़ी देर में जब मोहित झड़ने को हुआ तो उसने अपना लन्ड पूजा की बुर से बाहर निकाला और उसे नीचे बिठाकर अपना लन्ड हिलाने लगा और अपने लन्ड का पानी पूजा के मुख में डाल दिया। जिसे पूजा ने पी लिया और मोहित का लन्ड चाट कर साफ कर दिया.

फिर दोनों ने अपने कपड़े पहने और एक दूसरे को हग करने के बाद दोनों चले गए.

इस बीच मैंने महसूस किया कि मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी.

फिर हम सब भी वहां से चले गए.

इकरा मेरी सबसे अच्छी सहेली थी, वो मेरे घर के पास रहती थी तो हम स्कूल भी साथ आती जाती थी.
तो उस दिन घर जाते वक्त मैंने इकरा से पूछा- वो क्या क्या कर रहे थे?
तो इकरा ने मुझे सब डिटेल में बताया तो उसकी बात सुनकर मेरी पैंटी फिर गीली हो गई। इकरा ने ही मुझे बताया कि बिना चुदाई चूत को बुर कहते हैं. जो बुर एक बार चुद जाए तो उसे चूत कहते हैं.

फिर इकरा ने मुझे अन्तर्वासना वेबसाइट के बारे में बताया तो रात को जाकर कहानी पढ़ने की सोची.

खाना खाकर रात को सब अपने अपने कमरे में सोने चले गए, मेरी दोनों भाई बहन आयेशा और साहिल वो मेरे साथ मेरे कमरे में ही सोते थे.

रात को मैं अपनी स्कूल की पढ़ाई कर रही थी कि अचानक से मुझे इकरा की बताई हुई वेबसाइट याद आयी तो मैंने सोचा कि चलो देखते हैं कि उसमें क्या है.

मैंने अपनी किताबें बन्द की और पापा के रूम में जाकर उसका मोबाइल ले लिया और आकर अपने बिस्तर पर लेट गयी.

हमारा कमरा थोड़ा बड़ा है उसमें हम तीनों भाई बहनों के लिए सिंगल 3 बेड बिछे हैं. तो मैं तो अपने बेड पर लेट गयी. लेकिन साहिल और आयेशा अभी भी पढ़ रहे थे.
मैंने उन्हें डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा और चादर अपने चेहरे पर पूरी तरह ओढ़ ली और मोबाइल पर अन्तर्वासना की साइट खोल ली.

उसमें बहुत सारी कहानियां थी, मुझे आज भी याद है मैंने सबसे पहली कहानी वो पढ़ी थी जो अन्तर्वासना की सबसे पहली कहानी थी. वो भाई बहन की चुदाई की कहानी थी.
जब वो कहानी मैंने आधी पढ़ ली तो अपने आप मेरा हाथ मेरी लोअर के अंदर मेरी पैंटी के ऊपर आ गया.

रात को सोते वक्त मैं नाईट सूट और अंदर सिर्फ पैंटी पहनती थी, ब्रा पहनना मुझे शुरू से पसंद नहीं था. मगर अम्मी की वजह से मुझे ब्रा पहनकर स्कूल जाना पड़ता था, क्योंकि उस वक़्त भी मेरा फिगर 32-26-32 के आस पास रहा होगा. मगर स्कूल से आते ही मैं ब्रा उतार देती थी तो रात को मैं ब्रा नहीं पहनती थी.

अब कहानी पढ़ते पढ़ते मेरी उंगली बुर को सहलाने लगी. अचानक से मैंने अपनी एक उंगली बुर में डाल दी तो मेरी चीख निकल गयी.
जिसे सुनकर मेरे भाई बहन जो पढ़ रहे थे वो मेरे पास आ गए और बोले- आपी क्या हुआ आपको?
मैंने चादर से बाहर मुंह निकाला और उन्हें कुछ बहाना बना दिया तो वो बेचारे चले गए.

मैंने फिर से कहानी पढ़नी शुरु कर दी लेकिन अब मैं सिर्फ बुर को सहला रही थी लेकिन अब उसमें उंगली नहीं कर रही थी.
मेरा हाथ अब थोड़ा तेज तेज चलने लगा तो मेरे मुंह से हल्की हल्की अहह हह आहह निकलने लगी तो मुझे याद आया कि मेरे भाई बहन अभी जाग रहे हैं तो मैंने दोनों को बोला- अब तुम सो जाओ, बाकी कल पढ़ना.

तो लाइट बंद करके वो दोनों बिस्तर में लेट गए और थोड़ी देर बाद शायद सो भी गए.

फिर मैंने 1 घण्टे तक उनकी किसी हरकत का इंतजार किया मगर जब उनकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मुझे यह भरोसा हो गया कि ये दोनों सो चुके हैं.

मैंने फिर से कहानी पढ़नी शुरू कर दी. कहानी पढ़ते पढ़ते मेरी हवस ने मुझसे मेरी बुर को सहलवाना शुरू कर दिया. अब मैं जोर जोर से चुत सहला रही थी.

फिर मेरा मन किया कि बुर में उंगली करनी चाहिए. मगर मुझे डर था कि मेरी सिसकारी कोई सुन न ले. तो मैंने वाशरूम में जाकर करना ठीक समझा.

मैं वाशरूम चली गयी और वहां अपनी ज़िंदगी का पहला हस्तमैथुन किया. बुर में उंगली करते रहने से मेरा शरीर एकदम अकड़ गया. मेरा हाथ अब जोर जोर से बुर के अंदर बाहर होने लगा.
फिर अचानक से मेरा पानी निकल गया, मेरी टांगें कांपने लगी, कसम से दोस्तो … ऐसा लगा कि मैंने अपनी अब तक की ज़िन्दगी बर्बाद कर दी ये सब ना करके!
मज़ा ही आ गया था।

फिर मैं आकर बिस्तर पर लेट गयी और सो गई।

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कहानी का अगला भाग: भोली भाली लड़की की चूत की खिड़की-2