भाई बहन और जीजा सलहज का ग्रुप सेक्स-6

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

भाई बहन और जीजा सलहज का ग्रुप सेक्स-5 

अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि मेरा साला नीरज अपनी बहन की गांड बजा रहा था. उसका पूरा लंड संजू की गांड में घुसा हुआ था. अपनी बीवी के दर्द को कम करने के लिए मैं भी उसकी चुत के चने को चूसने लगा था. कुछ देर बाद उसका दर्द कम हुआ, तो मैं उसे लंड चुसवाने लगा.

अब आगे:

कुछ ही देर में मेरी बीवी की गांड का दर्द पूरी तरह से गायब हो गया था और अब वो मजे ले कर अपने भी से गांड मरवा रही थी. वो मेरे लंड छोड़कर मेरे आंड अपने मुँह में भर कर चूस रही थी.

आज पहली बार संजू की गांड चुदाई हो रही थी.

मैं संजू के ऊपर से हट गया और संजू से पूछा- कैसा लग रहा है?
वो आंखें मूंदे ही बोली- आह … एक नया अनुभव और नया अहसास हो रहा है.

नीरज पूरी स्पीड में उसकी गांड को पेले जा रहा था. आज नीरज नये अवतार में दिख रहा था, शायद स्प्रे की वजह से ऐसा था.

मेरी बीवी की पूरी गांड हिल रही थी और फैल रही थी. वो गजब की कामुक लग रही थी.
संजू ने मुझे पास बुलाया और बोली- आप बहुत दिन से इसकी फिराक में थे … अब आ जाइए ना.
उसने नीरज से कहा- भैया प्लीज आप उठिये ना.

नीरज उठना नहीं चाह रहा था, पर मजबूरी में उसे अपना लंड अपनी बहन की गांड से निकालना पड़ा.

मैंने देखा कि लंड लेने से संजू की गांड का छेद बड़ा हो गया था. मैंने अपने लंड पर वैसलीन लगाई और संजू को डॉगी स्टाईल में करके अपना लंड उसकी गांड पर लगा कर धक्का मारा. मेरा आधा लंड घुस गया.

संजू को थोड़ा दर्द हुआ, वो बोली- आह … आपका लंड तो भैया से बड़ा है ना इसलिए थोड़ा दर्द किया … पर कोई बात नहीं, आप पेलो, मैं सहन कर लूंगी. आप पूरा अन्दर कीजिए.

मैंने अब पूरा लंड संजू की गांड में घुसा दिया और चोदने लगा. धीरे धीरे मेरी स्पीड पूरी बढ़ गई. संजू की गांड और फैल गई और बेतरतीब तरीके से हिल रही थी … जैसे अब पूरी पसर ही जाएगी.

संजू के मुँह से ‘ऊंह. … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह … ओ मम्मी..’ की आवाजें निकलने लगी थीं.
वो बोली- मजा आ रहा है.

नीरज अब तक बगल में खड़ा अपना लंड मुठिया रहा था. वो मायूस होकर बोला- मैं भी करूंगा.

पर मैं कहां हटने वाला था. इतना मजा आ रहा था. संजू भी किसी को नाराज नहीं करना चाहती थी.

तभी उसने वो कह दिया, जो मैं सिर्फ कल्पना करता था. वो इतनी ज्यादा कामुक थी कि वो बोली- भैया आप भी आ जाइए … आप आगे से मेरी चूत में अपना लंड घुसा दीजिए.

यह सुनकर मैं और नीरज ने एक साथ बोला- क्या…अ…अ … तुम दोनों के लंड सहन कर लोगी?
वो मुस्कुराई और बोली- कोई शक?

वो उठी और मुझे पीठ के बल बेड पर लेटने को बोली. मैं लेटा तो वो मेरे ऊपर आ गई और अपनी पीठ मेरे मुँह की तरफ करके मेरे लंड पर अपनी गांड को सैट करते हुए धीरे धीरे बैठ गई.

मेरे मुँह से ‘ईस्स …’ निकल गया.

अब वो थोड़ा पीछे मेरी छाती पर झुक गई और नीरज को इशारा किया. नीरज ने अपना लंड मेरे ऊपर आकर पोजीशन सैट की. उसने अपने पैरों को इधर उधर करके अपना लंड अपनी बहन की चूत में पेल दिया.

नीरज के लंड चूत में घुसते ही संजू जोर से सीत्कार उठी- आ… आ..ह … अह … मर गई.
इससे प्रियंका जो अब तक सोई हुई थी, जग गई. उस समय साढ़े छह बज रहे थे.

प्रियंका ने अचानक ये दृश्य देखा कि संजू की गांड में मैं अपना लंड पेले हुए हूँ तथा उसकी चूत में उसके भाई नीरज ने लंड पेला हुआ है. तो वो हैरान हो गई.

वो बोली- क्या संजना … तुम औरत हो कि कोई सेक्स मशीन हो … बाप रे बाप इतनी सेक्स स्टेमिना.

वो वहीं से चुदाई देखने लगी. हम तीनों संजू, नीरज और मैं उसकी बात का जवाब देने की स्थिति में नहीं थे.

धीरे धीरे मैं नीचे से और नीरज ऊपर से संजू की चूत और गांड को चोदने लगे. संजू की चूत से पानी की धार निकल रही थी. उसके मुँह से बड़ी दर्द भरी आवाज निकल रही थी- उन्हह … अअह … बाप रे बाप … ओह मम्मी … आज … तो मर गई.

ये कहते कहते उसका गला सूख गया और वो हांफते हुए मुँह से सिसकारियां निकालने लगी.

मुझे लगा कि शायद संजू को दर्द हो रहा होगा, आखिर मैं उसका पति था. मैंने उससे पूछा- संजू ज्यादा दर्द हो रहा हो, तो क्या मैं निकाल लूं?
वो बोली- नहीं..ईं … मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है … आप दोनों और तेज से कीजिए आह … अअअअ..

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उधर नीरज ने भी पेलना तेज कर दिया था.

एकाएक संजू को बर्दाश्त नहीं हुआ और वो जंगली शेरनी की दहाड़ते हुए और चिल्लाते हुए झड़ने लगी. उसकी चूत से पेशाब भी छूट गई.

इस तरह की उसकी आवाज आज तक नहीं निकली थी. उसी के साथ साथ नीरज भी उसकी चूत में झड़ने लगा. उन दोनों ने एक दूसरे को बांहों में कस कर पकड़ लिया था. संजू ने तो उत्तेजना के मारे उसकी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए थे. संजू और नीरज झड़ने के बाद दोनों हांफने लगे.

उधर ये सब देख देख कर प्रियंका की चूत से भी पानी टपकने लगा था और वो फिगरिंग कर रही थी.

नीरज ने अपनी बहन की चूत से अपना सिकुड़ा हुआ लंड निकाल लिया, जिससे संजू की चूत से उसके भाई का वीर्य रिस कर नीचे गांड के पास आ गया.

नीरज उठा, तो उसने देखा कि उसकी पीठ पर कुछ ज्यादा जख्म हो गया था, जिससे खून निकल रहा था. ये संजू के नाखून गड़ा देने से हुआ था.

मैं अब नीचे से संजू की गांड को चोदने लगा, पर संजू ने कराहते हुए बोली- प्लीज जानू रहम करो … अब मुझमें जरा सा भी शक्ति नहीं है. मुझे छोड़ दीजिए प्लीज.

उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए मैं उससे अलग हो गया. संजू थक कर चूर हो चुकी थी. उसके चेहरे पर पसीने की बूँदें आ गई थीं. उसके बाल पूरे बिखरे हुये थे. वो नंगे बदन ही फ्रेश होने के लिए धीरे धीरे लंगड़ाते हुए बाथरूम में जाने लगी.

बाथरूम जाने के दौरान उसकी गांड ऊपर नीचे मटक रही थी तथा गदराई चुचियों में कंपन मात्र हो रहा था.

पीछे से नीरज भी फ्रेश होने चला गया. मेरा लंड अभी भी पूरा फुंफकार मार रहा था, तभी मेरे नजर प्रियंका पर गई.

मैं वहां गया.
प्रियंका बोली- नहीं जीजा जी … रात वाले कारनामे से मेरा जिस्म अभी भी दर्द कर रहा है.
मैंने कहा- दर्द को कम करना है … तो दर्द को और बढ़ाना पड़ेगा.

मैंने अपनी सलहज प्रियंका को बड़े प्यार से अपनी गोद में उठाया और सोफा पर ले आया. मैं उसके होंठ को चूसने लगा. वो भी चुदाई देख देख कर पहले से गर्म थी, वो मेरा साथ देने लगी.

तब तक संजू फ्रेश होकर आ गई. उसने लिपस्टिक और मेकअप आदि भी कर लिया था तथा एक हाफ पेन्ट और कैमीजोल पहने हुए थी, जिससे उसकी भरी हुई जांघें और गदराई चुचियां स्पष्ट दिख रही थीं.

वो आकर बेड पर लेट गई और हम लोगों को देखने लगी. नीरज भी पैन्ट गंजी पहनकर बेड पर संजू के बगल में बैठ गया.

मैंने प्रियंका की नाईटी को अलग कर दिया. अब वो बिलकुल नंगी थी. मैं उसे और ज्यादा गर्म करना चाहता था ताकि वो चुदाई में मेरा पूरा साथ दे सके.

मैंने उसकी एक चुची को पूरा मुँह में भर लिया और चूसने लगा तथा अपने दोनों हाथों से उसके दोनों चूतड़ों को मसलने लगा.

मेरी सलहज अपने होंठों से मेरा गर्दन चूसने लगी तथा अपने हाथों से मेरे बाल सहलाने लगी.

मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूत को छूकर देखा, तो पाया कि उसकी चूत रस बहा रही थी. आखिर अब वो चुदाई के लिए तैयार थी.

तभी उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हाथ से आगे पीछे करने लगी और नीचे घुटने के बल बैठकर मेरा लंड चूसने लगी.

‘आह … हह..’ क्या मजा आ रहा था. वो बीच बीच में मेरे आंड भी चूस लेती थी.

मैं उठा और सोफा पर बैठ गया तथा प्रियंका को अपनी गोद में इस तरह बैठाया कि मेरा लंड उसके चूत में घप्प से घुस गया.

प्रियंका ‘इस्सस … .स्स..’ कर उठी तथा उसने मुझे गले से लगा लिया. मैंने इसी पोज में उसके पूरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया तथा चुभलाने लगा. अपने दोनों हाथों से मैं उसकी छोटी छोटी चुचियों का मर्दन करने लगा. उसकी चूत से काम रस निकलने लगा. अब वो उसी पोज में अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे तथा आगे पीछे करने लगी.

उसके मुँह से ‘आह … ओह … ईस्स …’ की आवाजें आने लगीं. वो इस पोज में लगभग पांच मिनट चुदी होगी कि वो बोली- आह जीजा जी, मैं आने वाली हूँ.
मैं बोला- कुछ देर में मेरा भी निकलने वाला है.

एकाएक उसने स्पीड तेज कर दी और बेतहाशा झड़ने लगी. झड़ने के दौरान उसने मुझे कसके पकड़ लिया.

मैंने भी कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.
वो बोली- जीजा जी, मैं रस पियूंगी.

मैं उठकर उसके मुँह में अपना लंड डालकर उसका मुखचोदन करने लगा.

लगभग पांच मिनट के मुखचोदन के बाद भी मेरा वीर्य नहीं निकल रहा था. प्रियंका बोली- मैं तो लंड चूसते चूसते थक गई हूँ. अब छोड़ दीजिए ना मेरे मुँह में … मुझमें संजना जैसी शक्ति नहीं है.

तभी मैंने देखा कि संजू हम लोगों को देखते देखते पूरा गर्म हो गई थी और अपने बगल में बैठे अपने भैया नीरज के लंड को मसल रही थी.

गजब की आग थी मेरी बीवी में … उसकी आंखों में काम वासना भरी हुई थी … जबकि थोड़ी देर पहले वो दोनों छेदों में लंड ले चुकी थी.

वो एकदम से उठी और उसने अपना कैमीजोल खोल दिया. जिसमें से उसके दो बड़े बड़े चुचे आजाद हो गए. उसने अपनी चुचियों को नीरज के मुँह में दे दीं और अपने हाथ से नीरज का लंड मसलती रही.

नीरज का लंड थोड़ी देर पहले झड़ा था, सो वो अभी भी लंड मुरझाया हुआ था. संजू को किसी भी तरह लंड चाहिए था, वो नीरज के ऊपर चढ़ कर 69 पोज में आ गई और अपनी चूत को नीरज के मुँह में रख कर रगड़ने लंगी. वो अपने भाई का लंड मुँह में भरकर बेतहाशा चूसने लगी.

आखिर नीरज था तो एक मर्द ही, साले का लंड कब तक नहीं उठता. उसका लंड धीरे धीरे उठने लगा और फिर पूरा फनफनाने लगा.

संजू की आँखों में चमक आ गई. वो उठी और नीरज के लंड को अपनी चूचियों के बीच में लेकर रगड़ने लगी, जिससे नीरज को असीम आनन्द की अनुभूति होने लगी.

दोनों को सेक्स करते करते लगभग पांच मिनट हो चुके थे. तभी मैंने भी संजू के पास जाकर अपना लंड उसके सामने कर दिया.

संजू ने देखा, तो वो मेरा लंड चूसने लगी. अब वो कभी मेरा लंड चूसती, तो कभी अपने भाई नीरज का लंड चूसने लगती.

फिर वो उठी और मुझे बेड पर धकेल कर मेरे ऊपर चढ़ गई. उसने मेरे लंड को अपनी चूत में लील लिया और पीछे से नीरज को इशारा कर दिया.

नीरज ने पीछे से आकर अपना लंड संजू की गांड में पेल दिया. संजू के मुँह से एक लंबी ‘आहहह …’ की आवाज निकल गई. अब वो खुद चूतड़ों को ऊपर नीचे करने लगी, जिससे जब वो चूतड़ों को ऊपर करती, तो नीरज का लंड उसकी गांड में घुस जाता … और जब वो चूतड़ों को नीचे करती, तो मेरे मोटा लंड उसकी चूत में पूरा घुस जाता.

उसकी चूत से पानी निकल रहा था. तभी मुझे और नीरज दोने को जोश आ गया और हम दोनों ऊपर और नीचे से संजू की गांड और चूत को चोदने लगे.

संजू इस दोहरे वार को सह नहीं पा रही थी. वो बोली- आह धीरे धीरे कीजिए ना … मेरी पेशाब निकल जाएगी.

इस बात पर हम लोग और जोर जोर से चुदाई करने लगे. एकाएक संजू से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसकी पेशाब छूट गई. वो बेतहाशा झड़ने लगी. उसके पेशाब से मेरा पूरा पेट भीग गया और बेड भी.

वो झड़ कर हांफने लगी और बोली- अब बस!
तभी मैं बोला- मेरा निकलने वाला है.
तभी नीरज ने भी कहा कि उसका भी निकलने वाला है.
संजू बोली- मेरे ऊपर झाड़ दीजिये दोनों..

हम दोनों ने अपना लंड निकाला और संजू के चुचों पर घिसने लगे.

संजू बोली- मुँह में दीजिए न.

मैंने अपना वीर्य संजू के मुँह में छोड़ दिया जो बहुत सारा था. वो अभी वीर्य को गटकने वाली थी कि प्रियंका को देख कर इशारे में बोली- चाहिए?

प्रियंका ने हां में सर हिलाया. लगता था जैसे प्रियंका को इसका टेस्ट अच्छा लगने लगा था.

संजू ने अपने मुँह से सारा वीर्य जो कि मेरा था, प्रियंका के मुँह में थूक दिया, जिसे प्रियंका मजे से पी गई.

तभी नीरज ने भी अपना वीर्य का फव्वारा संजू के मुँह में डाल दिया, जिसे संजू पूरा पी गई.

अब चारों लोग पूरे नंगे एक दूसरे को देखने लगे और सबकी हंसी छूट गई.

नीरज बोला- संजना क्या आग है यार तुममें … तुम सेक्स की कितनी भूखी हो?
प्रियंका ने भी समर्थन किया और कहा- वाह संजना … मान गए आपको सुंदर जिस्म के साथ साथ सेक्स की आग भी है आपमें.
मैंने संजू को बांहों में लेकर कहा- आखिर बीवी किसकी है.

प्रियंका और नीरज मेरे यहां कुल 15 दिन रहे जिसमें हम चारों लोगों ने अपने अपने साथी बदल बदल कर खूब चुदाई की. इन 15 दिनों में प्रियंका का भी बदन काफी गदरा गया था, खासकर उसके चूतड़ों का आकार बढ़ गया था और चुचे काफी भर गए थे.

संजू की गांड तो और भी ऊंची हो गई थी और काफी मादक लग रही थी.

फिर 15 दिनों के बाद वे लोग चले गए. अब मैं संजू को सैंडविच चुदाई के लिए किसी नीग्रो के साथ चुदवाने की सोच रहा हूँ.

आप लोग सलाह दीजिएगा कि क्या किया जाए. मेरी इस फैंटेसी भरी सेक्स कहानी के लिए आपकी मेल का स्वागत है.
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