भाई बहन और जीजा सलहज का ग्रुप सेक्स-1

दोस्तों… इस चुदाई की कहानी में अभी तक आपने पढ़ा कि दूधवाले ने संजू को चोद दिया था और वो संजू के होठों पर चुम्बन देकर कमरे से निकल गया. अब आगे:

उस समय रात के सवा नौ बज रहे थे.

मैं जानबूझ कर वहां से बाहर चला गया. संजू ने करीब एक घंटे बाद मेरे मोबाईल पर कॉल किया और बोली- आज आपने आने में बड़ी देर कर दी … कहां रह गए?
मैंने कहा- हां यार, जरा लेट हो गया था, लेकिन मैं अभी रास्ते में हूँ … बस घर ही आ रहा हूँ.

संजू बोली- सुनिये ना … आज बाहर से ही कुछ खाना लेते आइयेगा. मैं बहुत थक गई हूँ. मेरा खाना बनाने का मन नहीं कर रहा है.
मैंने कहा- थक कैसे गई यार … कहां गई थी तुम?
संजू बोली- कहीं नहीं, आप आईये ना … सब बताती हूँ, पर खाना जरूर से लेते आईयेगा.
मैंने बोला- ठीक है.

करीब साढ़े दस बजे रात को मैं चिकन तंदूरी और बटर नॉन लेकर घर आ गया. संजू रात में हाफ पेन्ट और केमिसोल पहने हुई थी. केमिसोल पहनने से उसकी उन्नत चूचियां गजब की सेक्सी लग रही थीं. मैं उसके पास गया और उसे एक किस किया. उसके मुँह से अब भी रोहित के वीर्य की हल्की हल्की महक आ रही थी.

संजू अलग होते हुए बोली- बहुत भूख लगी है, चलो पहले खाना खा लेते हैं. मुझे भी भूख लग रही थी, सो हम दोनों ने भरपेट खाना खाया.

अब हम लोग सब काम निपटा कर बेड पर आ गए.
मैं संजू को किस करने लगा और बोला- मेन्सिस खत्म हो गया.
संजू बोली- हां आज ही रात को क्लियर हुआ है.

मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए बोला- तो आज चुदाई हो जाए.
वो मुझे अलग करते हुए बोली- नहीं आज मैं नहीं सह पाऊंगी, मेरा बदन बहुत दर्द कर रहा है.

मैं उसकी तरफ देखने लगा.

फिर वही बोली कि मुझे माफ कर दो जान … मैं आपको एक बात बताना चाह रही हूँ.
मैंने बोला- हां बोलो न!

मेरी आंखों में झांक कर संजू बोली- आज रोहित आया था. वो कमरे के अन्दर आ गया था और बहुत मिन्नतें करना लगा कि आज उसका आखिरी दिन है. वो ये काम छोड़ रहा है, सो वो मेरे साथ सेक्स करना चाह रहा है.

इतन कह कर संजू मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने अंजान बनकर पूछा- तो … तुमने क्या किया?
वो बोली- वो बहुत मिन्नतें कर रहा था तो मैं मान गई.
मैं उसकी तरफ देखने लगा.

संजू बहुत वफादारी से बोली- मुझे माफ कर दीजिएगा, मैंने आपसे बिना पूछे ऐसा कह दिया, पर हालात ही वैसे थे.
मैंने कहा- देखो यार, मैंने कभी तुमको मना नहीं किया है, पर एक बार मुझे बता देती, तो अच्छा रहता. खैर छोड़ो … ये बताओ कि तुम उससे संतुष्ट हुई कि नहीं?

इस बात पर संजू नार्मल हो गई और खुश होकर बोली- हां बहुत ज्यादा मजा आया. पता है. … मैं आज चार बार झड़ी हूँ.
मैंने कहा- क्या उस लौंडे ने तुमको चार बार झाड़ दिया?
वो चहकते हुए बोली- हां, पता है वो आज कोई सेक्स की गोली खा कर आया था इसलिए उसका झड़ ही नहीं रहा था.

मैं उसकी ख़ुशी देखने लगा.

संजू फिर बोली- इसलिए मैं आपको मना कर रही हूँ. मेरे शरीर का एक एक पोर दर्द कर रहा है.
मैं बोला- कोई बात नहीं, कल कर लेंगे … चलो सो जाओ.

वो मेरी तरफ देखकर बहुत प्यार से मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोली- आई लव यू … आप बहुत-बहुत अच्छे हैं. आपने ही मुझे इतनी छूट दी है, मुझे बहुत अच्छा लगा. पर मैं भी आपसे एक बात पूछना चाहती हूँ.
मैं बोला- हां हां पूछो.
वो बोली- क्या आपको किसी दूसरी औरत को चोदने का मन नहीं करता है?

मैंने उसके मुँह से जैसे ही ये सुना, मेरे शरीर में झुरझुरी सी महसूस हुई.
मैं बोला- मैं तुमसे प्यार तो बहुत करता हूँ … लेकिन अपनी फैन्टेसी के लिए मैं भी दूसरे औरत के साथ सेक्स करना चाहता हूँ, परंतु मेरे नसीब में ये फैन्टेसी कहां है.

वो मेरी तरफ घूमी और बोली- मैं कुछ ट्राई करूं?
मैंने एकाएक संजू की आंखों में देखा. उसकी आंखों में मेरे प्रति प्यार और समर्पण साफ़ झलक रहा था.

वो फिर बोली- हां जानू, मैं ही कह रही हूँ.
मैंने उसकी तरफ कृतज्ञता भाव से देखा और बोला- मुझे तुम्हारी भाभी के साथ सेक्स करने का बड़ा मन होता है.

उसने मेरी तरफ देखी और बनावटी गुस्सा करते हुए बोली- अच्छा तो मेरे गबरू को मेरी भाभी की चूत चाहिए. उस पर कब से नजर है मेरी जान?
मैंने कहा- प्लीज, एक बार सैट करा दो ना!

वो हंसकर बोली- अरे वो आपको सह भी पाएगी … कहां आप 78 किलो के और कहां वो बेचारी मुश्किल से 40 किलो की. बेचारी का छेद तो फट ही जाएगा.
मैंने कहा- फट जाने दो … बस मुझे एक बार उसकी चूत दिला दो.

मेरी पत्नी को मैं सहमति से चुदवा चुका था, इसलिए वो भी मेरी एहसानमन्द थी.
उसने बोला- ठीक है मैं देखती हूँ.
फिर हम दोनों सो गए.

मैं यहां थोड़ा अपनी पत्नी की भाभी और उसके भाई के विषय में बता दूँ … अर्थात मेरी सलहज और मेरा बड़ा साला. मेरा बड़ा साला मेरी वाईफ से तीन साल बड़ा है … परंतु मुझसे उम्र में लगभग पांच साल छोटा है. उसका नाम नीरज है. उसका गोरा बदन, लंबाई साढ़े पांच फीट की है. उसका वजन लगभग 62 किलो है.

उसकी पत्नी यानि कि मेरी सलहज का नाम प्रियंका है. प्रियंका भाभी की उम्र काफी कम है … अभी वो सिर्फ 19 वर्ष की है. एकदम दुबली पतली, हाईट स्टैण्डर्ड सवा पांच फिट की है. प्रियंका देखने में अति सुंदर, लंबा चेहरा, घने बाल वाली कंटीली छमिया है. उसका फिगर यही 30 इंच की चूचियां, 24 इंच की पतली सी कमर और 32 इंच की थोड़ी उठी हुई गांड है.

मेरी सलहज की जो सबसे खास चीज है, वो है उसकी बड़ी-बड़ी आंखें. उसकी आंखें इतनी मादक और आकर्षक हैं, जिससे कोई भी मर्द उसकी तरफ आकर्षित हो जाए. मैं भी उसकी आंखों से ही उसके तरफ आकर्षित हुआ था.

रोहित वाली घटना के बाद हम लोग काफी खुल गए थे. अब हम लोग अक्सर रोल प्ले करके तथा इमेजिन करके चुदाई कर लिया करते थे. इससे संजू और मुझे काफी मजा आता था.

ऐसे करते करते लगभग छह माह बीत गए थे. अब मुझे फिर से सेक्स लाईफ में कुछ नया चाहिए था … अर्थात अब मैं फिर से अपनी पतिव्रता बीवी की चुदाई किसी गैर मर्द से और मैं किसी गैर औरत के संग वास्तव में चुदाई का सपना देखने लगा.

मेरी वाईफ तो कुछ खुल कर नहीं बोलती थी, पर मैं महसूस कर रहा था कि उसे भी अब किसी दूसरे मर्द का लंड का स्वाद चाहिए था. परंतु मेरे नजर में उस ढंग का कोई भरोसे का आदमी नहीं मिल पा रहा था.

फिर एकाएक वो मौका हमें मिल ही गया. मैं जिस शहर में जॉब करता हूँ … वहां हम लोगों के आग्रह पर मेरी वाईफ संजू के बड़े भाई नीरज और भाभी प्रियंका का आने के प्रोग्राम तय हो गया.

उनके आने की जान कर मैं तो मन ही मन अपनी सलहज का दीदार करने को बेताब हो गया था.

वे लोग एक दिन के बाद यानि सोमवार को आने वाले थे. मैं बहुत बेताब था तथा रविवार के दिन पूरी तैयारी कर रहा था. मेरी वाईफ ये सब गौर कर रही थी.

वो मुझसे बोली- क्या बात है जान … बड़ी बेकरारी हो रही है?
मैं भी हंसकर बोला- हां याद है ना तुमको अपना वादा?
वो बोली- हां बाबा, मैं पूरा प्रयास करूंगी.

इस बात पर मेरा लंड हरकत में आ गया और मैंने संजू को रसोई में ही अपने आगोश में भर लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए.

वो थोड़ी छिटकी और खिलखिला कर हंसते हुए बोली- ओ…हो … थोड़ा सब्र कीजिए … मैं आपकी सलहज नहीं हूँ.
उसकी इस बात पर तो मेरा लंड पूरा हरकत में आ गया और मैं संजू को खड़े खड़े ही बेतहाशा चूमने लगा और नाईटी के ऊपर से ही उसके गदराई चुचियों को मसलने लगा.

संजू थोड़े विरोध के बाद मेरा साथ देने लगी, आखिर वो तो हमेशा इसके लिए तैयार रहती है. वो बहुत ही ज्यादा कामुक है.

मैं लगातार किस करते करते और उसकी चुचियों को दबाते हुए अपने एक हाथ से नाईटी को ऊपर उठाने लगा. मैं अन्दर हाथ डाल कर संजू की चूत को बीच वाली उंगली से सहलाने लगा. मैंने देखा कि उसकी चूत से हल्का हल्का पानी आना शुरू हो गया था.

हम लोग अभी भी रसोई में ही थे. मैं नीचे बैठ गया और संजू की नाईटी को उसकी कमर तक करके बीवी की गीली चूत में अपने होंठ सटा दिए.

संजू एकदम से गनगना गई और उसके मुँह से एक ‘ई..स् … सस..’ की आवाज निकल पड़ी.

मैंने देखा कि संजू ने अपनी चूत के बालों को पूरी तरह से क्लीन शेव कर लिया था. जबकि एक दिन पहले उस पर काफी बाल थे.

मैंने चूत टटोलते हुए कहा- वाह क्या बात है जानेमन … आज तो चिकनी चमेली हूँन्ह … हन्ह..

मैं अपनी बीवी की चूत को बैठे बैठे ही चूसने लगा. वो रसोई में खड़े-खड़े ही एक टांग फर्श पर तथा एक टांग मेरे कंधे पर रखकर हो गई.

वो मेरे सर को पकड़ कर जोर जोर से ‘आह … ओह. ईस्ससस … स्ससस..’ किये जा रही थी.

उसकी चूत से भलभला कर पानी निकलने लगा था.

मुझे संजू की चूत चूसते हुए करीब दस मिनट हो गए थे, अब संजू पूरी बेकाबू हो गई थी. उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

तभी मैंने उसकी चूत को चूसना छोड़ दिया, तो वो बोली- क्या हुआ?
मैं बोला- मैं इमेजिन करूंगा.
वो बोली- तो कीजिए ना … किसने रोका है.
वो हंसकर बोली- मेरी भाभी को ही याद कर लीजिए.

मैं तो बस इसी की फिराक में था. उसके मुँह से ये सुनते ही मैंने कहा- हां भाभी, मैं आपकी चूत को आज खा जाऊंगा.
मैंने आव देखा ना ताव, उसकी चूत में अपना पूरी जीभ को ठेल दिया.

वो चिहुंक उठी और मजे के सागर में गोता लगाने लगी.

फिर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत से निकाल लिया, उसे इसकी उम्मीद नहीं थी.
वो गिड़गिड़ाई- जल्दी से डालिए ना.
मैं बोला- अब तुम भी इमेजिन करो ना.

वो आंखें मूंदे ही बोली- आप ही बता दीजिये … मैं किसको इमेजिन करूं?
एकाएक मेरे मुँह से निकला- अपने भैया को.

उसने झटके से अपनी आंखें खोलीं और मेरी तरफ देखकर थोड़ा गम्भीर स्वर में बोली- आप ये क्या बोल रहे हैं, वो मेरा सगा भैया है. मैंने आज तक कभी भी ऐसा सपने में भी नहीं सोचा है. दूसरे को सोचना, बात अलग है. परंतु इसमें रिश्तेदारी को नहीं लाइए प्लीज़. वो भी मेरे अपने भैया के लिए मैं ऐसा कभी नहीं कर सकती.

मैंने काम बिगड़ते देख कर उसे समझाया कि देखो एक तो हम लोग सिर्फ इमेजिन कर रहे हैं … और फिर तुम भी तो अंर्तवासना में इस तरह की कई कहानी पढ़ चुकी हो. दुनिया में सेक्स से बढ़कर कोई दूसरा मजा नहीं है. ये जिंदगी बहुत छोटी है, जो मन में आए, उसे हासिल कर लेना चाहिए.

संजू मेरी बात को ध्यान से सुन रही थी. फिर वो मासूमियत से बोली- पर मैं ये नहीं कर पाऊंगी, मुझसे होगा ही नहीं भैया के बारे में ये सब सोचने को.
मैं बोला- मैं मदद करूंगा … तुम सिर्फ आंख बंद कर लो.
वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसकी नाईटी को उसके बदन से अलग कर दिया. अब वो पूरी तरह से नंगी थी.

मैंने अपनी बीवी को बेडरूम में ले आकर बेड पर लिटा दिया और उसकी आंख पर एक पट्टी बांध दी.

अब मैं उसके पूरे बदन पर बेतहाशा चूमने लगा. फिर मैंने उसकी चूत पर हमला बोल दिया और बेतहाशा चूत चूसने लगा. उसकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था.

मेरी इस फैंटेसी भरी सेक्स कहानी के लिए आपकी मेल का स्वागत है.
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सेक्स कहानी जारी है… भाई बहन और जीजा सलहज का ग्रुप सेक्स-2