गाँव की माल को बड़ा लंड दे के बीमार किया

सभी प्यासी चूतों को मेरे लम्बे और मोटे लण्ड का प्यार भरा नमस्कार.

मेरा नाम राहुल है.. 21 साल का लम्बा-तगड़ा.. हैण्डसम लड़का हूँ और ग्रेटर नोएडा के नजदीक के एक गांव में रहता हूँ.

मैं अन्तर्वासना पर हिन्दी सेक्स कहानियाँ पढ़ता हूँ और मुठ मारकर अपने लौड़े को शान्त करता हूँ. मैं ऐसा 2 साल से कर रहा हूँ.

अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है.. जब मैं जवान हुआ तो मेरे एक दोस्त ने सेक्स के बारे में बताया और मुठ मारनी भी बता दी.. बस तभी से मैं सेक्स का आदी हो गया.

अब हर रात मैं सपने में किसी न किसी को चोदता था, कभी पड़ोस की किसी सेक्सी लड़की, भाभी को तो कभी सनी लियोनी और सविता भाभी को और कभी कैटरीना कैफ़, अनुष्का शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोने को!

मेरा सपना था कि मैं एक कालब्वॉय बनूं. मैंने कई बार अपने बारे में नेट पर भी डाला.. पर कुछ नहीं हुआ. मेरा सपना था ना..

बचपन से ही एक शर्मीला लड़का था. लड़कियों को देखकर घबराता था.. इसलिए आज तक किसी से कुछ नहीं बोल पाया.
मैं भगवान से बहुत विनती करता था और एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली.

यह बात पिछले महीने की है. मेरे पड़ोस में एक लड़की जो अभी जवानी में कदम रख रही थी.. बहुत मस्त थी. उसके चूचे अभी बहुत छोटे थे. मैंने उसे चोदने की योजना बनाई और कामयाब भी हुआ.

उसकी कमसिन उम्र रही होगी पर वो पूरी पक चुकी थी, वह देखने में बहुत अच्छी लगती थी. उसका नाम रेखा था.. उसे अभी सेक्स का पूरा ज्ञान नहीं था.

वह अक्सर हमारे आती थी.. वो रिश्तेदारी में मेरी बहन भी लगती थी, वो मुझे भाई साहब बुलाती थी.
उसकी फैमिली से हम काफी घुले-मिले हैं.
उसे जब भी कोई काम होता तो वह हमारे घर पर आती थी.

एक दिन मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आया तो वह हमारे घर पर आई, मेरे घर पर उस समय कोई नहीं था. मैंने बाथरूम में अपने लण्ड की मालिश की थी.. तो वह खड़ा था. मैंने अभी अण्डरवियर भी नहीं पहनी थी, सिर्फ़ तौलिया लपेटा हुआ था.

वह अपनी सलवार सिलने के लिए आई थी. उस समय मेरा कोई मन नहीं था.. पर मेरा लण्ड खड़ा था.
उसने मुझसे सिलाई मशीन माँगी. मैं मशीन लेने अन्दर गया.. वो बाहर खड़ी थी.

मैं मशीन लेकर बाहर आ रहा था.. वो मेरे सामने खड़ी थी. जैसे ही मैं उसके पास पहुँचा.. मेरा तौलिया खुल गया और मेरा लण्ड बाहर हिलने लगा था.

मेरे हाथ में मशीन थी.. इसलिए मैं कुछ नहीं कर सका और मेरा लम्बा लौड़ा उसकी आँखों के सामने था. वो मेरे लण्ड को देख रही थी.
बोली- यह क्या है.. मूसल जैसा?

मैं कुछ नहीं बोला और मशीन को नीचे रखकर अन्दर चला गया.
मैं कपड़े पहन कर बाहर आया.. तो वो मुझे ही देख रही थी.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- वह क्या था?

मैंने सोचा बेटा आज किस्मत मेरे साथ है और मौका भी अच्छा है.

मैंने अनजान बनते हुए पूछा- क्या..?
वो बोली- वही.. जो आपकी टांगों के बीच मूसल सा लटक रहा था?
मैंने उससे कहा- पागल हो गई है क्या?

वो जिद करने लगी.
मैंने कहा- ठीक है बताता हूँ.
मैं उसे अन्दर ले गया.

पहले अपने कपड़े उतारे और फिर उसे भी कपड़े उतारने को कहा.
वह कहने लगी- मुझे कपड़े उतारने की क्या जरूरत है?
मैंने कहा- तभी तो अच्छी तरह पता चलेगा.

वो मान गई और उसने भी अपने कपड़े उतार दिए, वह अब बिलकुल नंगी थी, उसकी छोटी-छोटी चूचियां क्या लग रही थीं..
उन्हें देखकर मैं पागल सा हो गया, उन्हें देखकर मेरे ऊपर भूत सवार हो गया और मैं उन पर टूट पड़ा.. जैसे भूखे को खाना मिल गया हो.
मैं उन्हें मुँह में भर कर चूसने लगा.
वो बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- देखती जा.. अब मैं क्या-क्या करता हूँ.

वो कुछ नहीं बोली और देखती रही कि मैं क्या कर रहा था.
अब उसे भी मजा आ रहा था. वह मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने लगी थी.
कुछ मिनट तक मैं उन्हें ऐसे ही चूसता रहा.

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उसके बाद मैंने उसे लेटने को कहा वो लेट गई.
मैंने उसकी चूत को देखा.. क्या मस्त चूत थी, उसकी चूत पर सुनहरे बाल थे, मैं उसकी चूत को चाटने लगा.
अब उसे भी मजा आ रहा था.

लगभग 5 मिनट के बाद वह झड़ गई. मैं उसका सारा पानी पी गया. मेरा लण्ड अब उसे चोदने को बेताब हो रहा था.

मैंने देर ना करते हुए ढेर सारा थूक उसकी चूत पर डाला और कुछ अपने लण्ड पर भी लगा लिया.

मैंने उससे कहा- अब देखो.. यह क्या है.. ये लण्ड है.. और ये लड़कियों को चोदने के काम आता है.
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा वो बोली- क्या कर रहे हो.. तुम पागल हो गए हो क्या.. इतना बड़ा लण्ड मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा?
मैं बोला- देखो कैसे जाता है.

मैंने उससे कुछ नहीं कहा और अपने काम में लगा रहा. अपने लण्ड को उसकी चूत पर रखकर मैंने जैसे ही उसे आगे बढ़ाया.. वह फिसल गया.
दो-तीन बार ऐसा ही हुआ.
मेरे लण्ड में दर्द होने लगा था.

उसकी चूत बहुत छोटी थी इसलिए वह आसानी से नहीं जा रहा था.
मैं उठा और कोई चिकनाई ढूँढने लगा.. तो मुझे हेयर आयल की शीशी मिल गई.
मैंने ढेर सारा तेल उसकी चूत और अपने लण्ड पर लगाया.

अब मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और एक जोर का धक्का मारा. ज्यों ही मेरे लण्ड का टोपा अन्दर गया.. वो बहुत जोर से चिल्लाई.

उसने सोचा नहीं था कि उसके साथ ये होने वाला है, वो मुझे धक्के मारकर छूटने की नाकामयाब कोशिश करने लगी.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और एक धक्का मारा.

उस धक्के के साथ मुझे भी दर्द हुआ और रेखा का बुरा हाल हो गया था. उसकी आँखों से आंसू आने लगे.. वो दर्द से छटपटाने लगी.. पर मैंने उसे नहीं छोड़ा.

मेरा लण्ड अभी आधा ही अन्दर गया था. अगले धक्के में पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया.

मुझे भी दर्द होने लगा.. उसकी चूत से काफी खून बह रहा था. कुछ मांस सा भी निकल रहा था.

मैंने एक-दो धक्के मारे तो वह बेहोश सी हो गई.. गर्मी भी कुछ ज्यादा थी.
मेरी गाण्ड फट गई.. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.

मैं उसी हालत ही उसे चोदता रहा और 5-6 मिनट के बाद मैं झड़ गया.
उसका काफी खून बह चुका था.

मैंने उसके ऊपर पानी डाला तो वो होश में आई और रोने लगी.
कहने लगी- मुझे दर्द हो रहा है.

मैंने उसे साफ किया और उसे समझाया, वो मान गई और अपने घर जाने लगी.
उसे चला भी नहीं जा रहा था. मैं उसे उसके घर पर छोड़कर आया.
मैंने आ कर अपने घर के फर्श को साफ किया.

अगले दिन मुझे पता चला कि वो बीमार है.