विधवा माँ अंकल से चुदी घोड़ी बन के

मेरे प्यारे दोस्तो, मैं राजेश हूँ, 23 साल का मैं शादीशुदा नहीं हूँ, मैं अपनी माँ के साथ दिल्ली में रहता हूँ. मैं एक एमएनसी के साथ काम कर रहा हूँ. मेरे पिता जी का निधन तीन साल पूर्व ही हो गया था. मेरी बहन की शादी मेरे पिताजी के सामने ही हो चुकी थी. अब मेरी माँ की उम्र 45 साल है. मेरी मम्मी एक सामान्य घरेलू महिला हैं. मम्मी दिखने में ठीक हैं. रंग रूप आकर्षित करने वाला है. मैंने मेरी माँ की चुदाई अंकल के साथ देखी है. उसी नज़ारे पर यह कहानी लिख रहा हूँ.

इस दृश्य को देखने से पहले मुझे तनिक भी आभास नहीं था कि मेरी सीधी सादी दिखने वाली मम्मी के जिस्म की आग उनको किसी गैर मर्द के सामने नंगी होने पर मजबूर कर देगी. लेकिन मैंने जो देखा अपनी आँखों से … वही आपके सामने हूबहू पेश करने का यत्न कर रहा हूँ.

एक दिन मैं ऑफिस से थोड़ा जल्दी वापस आ गया. जब मैं अपने घर पर पहुंचा तो एक अंकल मम्मी के साथ थे. मैंने उस आदमी को पहले कभी नहीं देखा था.

मम्मी ने मुझे बताया- ये मेरे कॉलेज के दोस्त हैं. हम अचानक बाजार में मिले लंबे समय के बाद; तो मैंने इन्हें चाय के लिए घर बुलाया था.

मैंने उन्हें नमस्ते किया, फिर मैं अपने कमरे में अपनी ड्रेस बदलने गया.

तभी मैंने सुना कि वे फुसफुसा रहे थे- यार … आज तुम्हारे बेटे ने आकर सारा खेल बिगाड़ दिया. मैं उन दोनों पर शक करने लगा. मैं वापिस उनके कमरे की तरफ गया तो वह अंकल मेरी माँ को चूमने के लिए कोशिश कर रहा था. मेरी माँ मना कर रही थी; माँ कह रही थी- मत करो ना … यार अब हम कुछ नहीं कर सकते, मेरे बेटा घर पर है. अब तुम जाओ, तुम कल आ जाना, तब हम दोनों पूरी मस्ती करेंगे.

उसने कहा- ठीक है, मैं कल आऊंगा इसी समय! तुम तैयार रहना. फिर वह अंकल हमारे घर से चला गया. अगले दिन सुबह मैं हर दिन की तरह ऑफिस गया था, मैं घर की एक चाबी अपने साथ ले गया था ताकि माँ को पता लगे बिना मैं घर के अंदर आ सकूँ.

फिर मैं दोपहर को वापस आया. मैं चुपचाप अपने कमरे के अंदर चला गया. माँ रसोई में थी, उनको मेरे आने का पता नहीं चला. मैं अपने कमरे में था कि तभी मैंने दरवाजे की घंटी बजते हुए सुना.
मेरी माँ दरवाजा खोलने के लिए चली गई.

मैं चाबी के छेद से देख रहा था, अंकल माँ के साथ आ रहे थे और कह रहे थे- आज तुम्हारा बेटा जल्दी तो नहीं आएगा?

माँ ने कहा- नहीं.

वह आदमी आज उत्साहित था, वह माँ के दूध दबा रहा था.

माँ ने उससे पूछा- क्या आप पानी पिएंगे?

वह कहने लगा- मैं आपके दूध का प्यासा हूँ, मुझे पिछले एक हफ्ते से आपको चोदने का मौका नहीं मिला. मुझे अपनी चूत दिखाओ; मैं आपको जल्द ही चोदना चाहता हूँ.

माँ ने उसके लंड को पकड़ा और बोली- सच में बहुत गर्म है तुम्हारा लंड!

तब माँ ने कहा- कमरे के अंदर आओ.

मैं सोचने लगा कि अगर वे कमरे के अंदर जाएंगे तो मैं कैसे देख सकता हूं.

अंकल ने कहा- नहीं, आज मैं तुम्हें यहां टेबल और सोफे पर चोदूंगा.

मम्मी ने कहा- जैसा तुम चाहो.

यह सब सुनकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया. तब मुझे पता चला कि मेरे अंकल ने पहले भी कई बार माँ की चुदाई की है. मम्मी मुझे झूठ बोल रही थी मुझे कि वह अंकल उसी दिन उनसे मिला था.

अब मम्मी ने कहा- मुझे चोदने से पहले मेरी चूत और दूध चूसो!

अंकल 10 मिनट तक मम्मी के दूध और चूत को चूसते रहे.

मम्मी उसका लंड चूस रही थी.

फिर मम्मी ने कहा- अब मुझे चोदो, मैं उत्तेजित हूँ.

माँ घोड़ी बन गई.

अंकल ने माँ के पीछे से चोदना शुरू कर दिया और दूध को कसकर पकड़ लिया.

मैंने वीडियो बनाना शुरू कर दिया.

माँ पागलों की तरह चुदाई कर रही थी, माँ कह रही थी- मुझे जोर से चोदो … हाँ हाँ हाँ ऐसे ही चोदो … ऊह आह ओह … ओह … आऊ!

अंकल- ले ले और ले … और अंदर तक ले … साली रंडी … तेरी चूत प्यासी है … प्यास बुझा अपनी चूत की … ले बहन की लौड़ी … तेरी माँ की चूत … रंडी तेरी चूत का भोसड़ा!

मॉम- चोदो … मुझे चोदो … चोदो चोदो … मादरचोद जोर से चोद … जोर से चोद मादरचोद … और जोर से चोद … हाँ ऐसे ही मेरी चूत को फाड़ डाल … जोर जोर से झटका दे … मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … घुसा दे अन्दर तक … पेल पेल और तेज पेल मादरचोद मुझे … और जोर से अन्दर करो … ओह्ह, आऊ, ओईई आऊओ … ओआ ओआ, ओआआआ, आआओ … मुझे जोर से चोदो!

अंकल ने 20 मिनट तक मेरी मम्मी को चोदा, फिर वो मम्मी की चूत के अंदर ही झड़ गया.

मम्मी दो बार झड़ चुकी थी.

अब मम्मी ने कहा- मज़ा आया? अब तुम खुश हो?

अंकल ने कहा- मैं तुम्हें एक बार और चोदना चाहता हूँ.

माँ ने कहा- कुछ देर रुको, मुझे आराम करने की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा- ठीक है.

10 मिनट के बाद दोनों एक दूसरे के लिंग को चूसा और चाटा.

माँ सोफे पर लेट गई, माँ की टाँगें अंकल ने अपने कंधे पर रखीं और चुदाई शुरू कर दी.

मेरी माँ रंडी की तरह खुशी से चूत की चुदाई करवा रही थी.

उन्होंने करीब 30 मिनट तक अलग-अलग आसन में सेक्स किया. कभी अंकल के ऊपर माँ … तो कभी माँ ऊपर कभी अंकल.

आधे घंटे के बाद दोनों झड़ गए.

अंकल ने अपनी ड्रेस पहन ली. फिर वो जाने को तैयार हुए.

माँ ने उनसे पूछा- आप कब आएंगे अगली चुदाई के लिए?

उन्होंने कहा- ठीक है मेरी जान, मैं जल्द ही आऊंगा.

अंकल मम्मी को गले लगाकर चले गये.

यह सब देखने के बाद मैं भी एक बार झड़ गया था.

माँ अपनी चूत धोने के लिए बाथरूम गई थी, उस समय मैं बाहर चला गया.

5 मिनट के बाद वापस आया और घंटी बजायी.

माँ ने दरवाजा खोला, माँ खुश थी.

मैंने माँ से पूछा- आज क्या खास है जो आप खुश दिख रही हैं?

माँ ने कहा- इस तरह का तो कुछ भी नहीं है.

तो मैंने भी कुछ ज्यादा टोकाटाकी नहीं की और अपने कमरे में चला गया.

इस घटना के बाद भी मुझे अक्सर आभास होता रहता था कि मम्मी उन अंकल या किसी और मर्द से चुद रही हैं. लेकिन मैंने उनके जिस्म की जरूरत को समझ कर इसे अनदेखा करने में ही भलाई समझी. मैंने कभी दुबारा मम्मी की जासूसी करने की कोशिश नहीं की. मेरी बहन जीजा को भी इसकी भनक नहीं पड़ी है.