सुन्दर नौजवान से गांड मरवाई

अन्तर्वासना के सभी प्यारे दोस्तों को नमस्कार! मेरा नाम नक्श कुमार है और मैं हरियाणा में रहता हूँ. मैं एक का आम सा दिखने वाला शहरी लड़का हूँ. रंग गेहुंआ, कद साढ़े पांच फुट है.

दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी उस वक्त की है, जब मुझे गांड मरवाने का शौक लगा. उस वक्त मेरी उम्र 25 साल की थी, जब मैंने पहली बार इस गांड मारने की विधा का अनुभव किया.

हालांकि मुझे पहले से ही लड़कों में ज्यादा इंटरेस्ट था. मैं अक्सर सपनों में भी या तो किसी की गांड मार रहा होता या अपनी गांड मरवा रहा होता था. मुझे लंड से खेलना भी पसंद था. मैं हमेशा सोचता था कि कोई मस्त लंड मिल जाए … तो उससे बहुत देर तक खेल लूं. उस लंड को मुँह में लूं और चूस चूस कर खाली कर दूं.

तब मैंने जॉब करना शुरू ही किया था और मेरी उम्र तेईस साल की थी. मैं एक अच्छी जगह काम करता था. वहां पर काफ़ी लोग काम करते थे … जिनमें युवा चेहरे और ख़ास तौर पर युवक थे. मैं अक्सर उन लड़कों को बड़ी आशा भरी निगाहों से देखता रहता था कि अगर इनमें से कोई मिल जाए … तो मैं उसे भी खुश कर दूं और मैं भी मज़े कर सकूं.

आखिरकार मेरा समय आ गया था. अचानक से मुझे एक खूबसूरत लौंडा दिखा. उसकी उम्र लगभग 27 साल की होगी. वो लड़का दिखने में बहुत सुंदर था. एकदम गोरा चिट्टा था. उसकी बॉडी भी एकदम मस्त थी. शायद वो कसरत कुछ ज्यादा ही करता था. उस दिन उसने ब्लू शर्ट पहनी हुई थी और नीचे ब्लैक जीन्स थी. मैंने जब उसे पहली बार देखा, तो बस देखता ही रह गया.

मैंने महसूस किया कि मुझे उसे देखकर कुछ लगा. मेरे बूब्स में एक अजीब सी लहर दौड़ पड़ी. मेरी गांड में भी अजीब सी हलचल हुई. मैं उससे मिलने के लिए बेचैन हो गया. मैं बार बार वहीं उसके पास जाने लगा, जहां मैंने उसे देखा था. मुझे उसे देखना ही अच्छा लग लग रहा था. मैं बार बार उसके ही ख्यालों में खो जाता.

उससे कैसे अपने दिल की बात कहूँ, मेरी कुछ समझ ही न आ रहा था. मैं अभी कुछ सोचता कि एक दिन अच्छी बात ये हुई क़ि वो लड़का मेरी बिल्डिंग के पास ही अकेले खड़ा था. वो शायद काफ़ी देर से किसी का इंतज़ार कर रहा था.

मैंने सोचा कि आज मौका अच्छा है, उससे जाकर बात करूं. पर मुश्किल ये थी कि शुरूआत कहां से की जाए. मैंने खुद को थोड़ा संभाला और उसके पास जाकर खड़ा हो गया.

मैंने उससे हैलो हाय से शुरू किया और इधर उधर की बातें करने लगा. बातों से पता लगा कि वो पंजाब का रहने वाला है और अभी जॉब के लिए यहां आया हुआ है. उसका नाम विक्रांत था. वो वहीं पास में ही रहता था और अक्सर वहां आता जाता भी रहता था. मैंने धीरे धीरे बात शुरू की और हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए. बहुत जल्दी हम काफ़ी करीबी दोस्त बन गए. मैं उसके घर भी जाने लगा.

एक बार मैंने उससे उसकी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा … तो उसने बताया कि उसकी अभी तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. वो अक्सर लड़कियों के बारे में सोचा करता है, पर उसने पहले कभी सेक्स नहीं किया.

मैं आपको बताना भूल गया कि एक बार मैंने उसका लंड भी देखा था, जब वो बाथरूम में था. हुआ यूं कि वो एक दिन नहा रहा था, उसी वक्त मैं वहां पहुंच गया. वो अपने बाथरूम में तौलिया नहीं ले गया था. उसें शायद नंगे ही बाहर आकर तौलिया इस्तेमाल करने का सोचा था. लेकिन मैं आ गया था तो उसने मुझसे तौलिया माँगा. मैंने उसे तौलिया देते समय उसके लंड के दर्शन कर लिए. मेरा मन तो हुआ कि अभी जाकर इसका लंड पकड़ लूं और खूब खेलूँ. पर मैंने खुद को फिर से सम्हाला और कुछ देर रुक कर वहां से चला आया.

फिर एक दिन मैं उसके घर गया, तो वो टीवी पर पॉर्न मूवी देख रहा था. मैंने चुपके से देखा, तो वो अपना लंड भी मसल रहा था. ये देखकर मैं बहुत खुश हुआ और पीछे से छुप उसके पास जाकर बैठ गया. मुझे लगा कि आज मेरी हसरत पूरी होने वाली है.

मैं धीरे से अपना हाथ उसके पास ले गया और पीछे से उसे टच किया. मैंने ऐसे टच किया कि उसे लगे, ये सब ग़लती से हुआ है. पर मैंने देखा उसे भी ये सब अच्छा लगा, तो मैं दोबारा उसके करीब गया और धीरे से उसकी जांघ को सहलाने लगा. मैंने एक दो बार उसके लंड को भी टच किया और जब उसने कुछ नहीं कहा, तो मैं उसके लंड को सहलाने लगा. उसे भी नशा सा होने लगा और मैंने उसकी आंखों में हवस देखी.

वो फिर से अपना लंड मसलने लगा और मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मुझे अपने लंड के पास ले गया और मेरा मुँह उस पर रगड़ने लगा. मैं भी यही चाहता था, तो मैंने भी देर ना करते हुए उसकी पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया. कभी में लंड चाटता, तो कभी यहां वहां टच करता.

यह देखकर वो बहुत खुश हुआ और बिल्कुल पागल सा हो गया. वो मेरा मुँह अपनी पैंट पर और ज़ोर से रगड़ने लगा. फिर मैंने धीरे से उसकी पैंट और अंडरवियर उतार दी. उसका खड़ा लंड उछल कर बाहर आ गया. उसका लंड साधारण लम्बाई का था, पर थोड़ा मोटा था. मैंने भी पहली बार उसके लंड को इतने पास से देखा था … तो मैं भी लंड देखकर पगला गया.

मैं उसे लॉलीपोप की तरह मुँह में लेकर चूसने लगा. मैंने कम से कम दस मिनट तक लंड चूसा. इसके बाद तो मेरे दोस्त का चेहरा देखने लायक था. उसका लंड फुंफकार मारने लगा था. अब तो उसे बस अपना लंड डालने के लिए कोई छेद चाहिये था.

वो बिल्कुल जानवरों की तरह मुझ पर टूट पड़ा. उसने मेरी टी-शर्ट और पैंट भी उतार दी और मुझे यहां वहां काटने लगा. कभी मेरी गांड मसलता, तो कभी मेरे मम्मों पर टूट पड़ता. वो अपना आपा खो चुका था और बहुत बुरी तरह से मुझे मसल रहा था. वो जब भी मेरे बूब्स तो मसलता तो मेरी आहह निकल जाती. मैं भी उसे ज़ोर से अपने बूब्स पर दबाने लगा.

सच बताऊं दोस्तो, मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. जब उसने मेरे बूब्स पर काटना शुरू कर दिया. मुझे थोड़ा दर्द भी हो रहा था … पर मज़ा भी आ रहा था. उसने मेरे बूब्स काटकर बिल्कुल लाल कर दिए.

ये मेरा पहली बार था … तो मुझे डर भी लग रहा था क्योंकि मैंने पढ़ा था कि पहली बार में बहुत दर्द होता है. पर अब मेरा दोस्त कहां रूकने वाला था. उसने ज़ोर से मुझे पकड़ा और मेरे अंडरवियर और बनियान को फाड़ दिया. मैं अब पूरा नंगा उसके सामने खड़ा था. वो मेरी गांड पर टूट पड़ा और उसे और ज्यादा ज़ोर से दबाने लगा.

मुझे थोड़ा ज्यादा डर लग रहा था, तो मैंने उसे आराम से करने को कहा. उसने शायद कहीं से पहली बार गांड मारने की विधि को देखा था. तो उसने मुझे तैयार करने के लिए पहले अपनी एक उंगली में थोड़ा तेल लिया और मेरी गांड में डाल दी. मुझे थोड़ा दर्द हुआ … पर अच्छा भी लगा. फिर उसने थोड़ा और तेल लगाकर दूसरी उंगली भी डाल दी. वो अब दोनों उंगलियों को धीरे धीरे मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगा. जब उसकी दो उंगलियां मेरी गांड में आराम से चली गईं, तो उसने मौका देखकर तीसरी भी डाल दी. ऐसा करने से मेरी गांड में भी थोड़ी जगह बन गयी.

अब वो अपना लंड डालना चाहता था, तो उसने थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी गांड पर लगा कर छेद को फैला सा दिया. फिर आराम से लंड को मेरी गांड के अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. वैसे तो वो गांड को ढीला करके काफी जगह बना चुका था, पर मैं डर के मारे अपनी गांड सिकोड़ रहा था … जिस कारण उसे लंड डालने में दिक्कत हो रही थी.

उसने पहले मेरे बूब्स को फिर से चूसना चालू कर दिया. वो आराम से मेरे मम्मों को चूसता और उन पर अपनी जीभ घुमाता. मुझे अच्छा लग रहा, तो मैंने उसे ये सब करने दिया. मैं अपने मम्मों की रगड़ाई में ही मस्त हो गया था. वो एक हाथ से एक मम्मा दबाता और दूसरे से मेरी गांड मसलता. एक मम्मा वो अपने मुँह में लिए हुए था.

अब वो थोड़ा बेकाबू हो रहा था और गांड मारना चाहता था. उसने मेरी गांड पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और पूरे ज़ोर से अपना लंड मेरी गांड में डालने लगा.

उसने कोशिश करके अपने लंड का टोपा ही डाला था कि मेरी जान निकलने लगी. ऐसा लगा कि मेरी गांड फट ही जाएगी. मैं हाथ पैर मारने लगा और उसे हटाने की कोशिश करने लगा. मैंने उसे पीछे धकेलना चाहा, पर उसने मुझे थोड़ा टाइट पकड़ा था, तो मैं उससे छूट ना सका.

तभी उसने अचानक से एक ज़ोर का झटका मारा और आधे से ज्यादा लंड मेरे अन्दर घुसा दिया. मैं दर्द के मारे रोने लगा … पर उस पर तो जैसे भूत सवार हो गया था. उसने मेरे मुँह पर अपना हाथ रखा हुआ था, ताकि ज्यादा शोर ना हो.

वो थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा और फिर उसने बिना कोई दया किए एक आख़िरी झटका और दे मारा. अब उसका पूरा लंड मेरी गांड में घुस चुका था. मैं तो जैसे बेहोश ही होने वाला हो गया था. वो थोड़ी देर और ऐसे ही लंड को मेरी गांड में डाले पड़ा रहा और मेरे सिग्नल का वेट करने लगा.

थोड़ी देर में मुझे थोड़ा आराम लगा और जैसे ही मैंने हिलने की कोशिश की, तो उसे लगा कि मैं ठीक हूँ. उसने लंड मेरी गांड से निकाल कर मेरे दोनों पैर उठा कर अपने कंधों पर रख लिए और मेरी कमर के नीचे तकिया लगा दिया, जिससे मेरी गांड आराम से ऊपर हो गयी. फिर उसने अपना लंड डाला और मुझे आराम से चोदा. बस उसने ज़ोर ज़ोर से झटके मारने शुरू कर दिए.

थोड़ी देर झटके मारने के बाद उसने जगह बदली. अब उसने मुझे उल्टा किया और मेरे हाथों से मेरी गांड का छेद खुलवा कर फिर से अपना लंड पेला. मुझे थोड़ा दर्द फिर से हुआ, पर अब मज़ा भी आ रहा था. उसके हर झटके में मुझे मज़ा आने लगा था. वो मेरे बूब्स भी दबा रहा था, जिससे मुझे आराम मिले और मैं उसे आराम से गांड चुदाई करने दूं.

फिर उसने मुझे बेड पर उल्टा लिटा दिया, अब इस स्थिति में मेरे पैर बेड से नीचे लटके हुए थे. मेरी गांड उसके सामने थी. अबकी बार उसने थोड़ा ज्यादा सा थूक लगाया और ज़ोर से लंड मेरी गांड में घुसा दिया. पर अब मुझे भी अच्छा लग रहा था और मैं भी गांड फैला कर लंड के मज़े ले रहा था.

इस तरीके से उसने मुझे काफ़ी देर तक चोदा और अपना पानी मेरी गांड में ही निकाल दिया. मैं भी आराम से लेटा रहा. थोड़ी देर बाद वो उठा, तो मुझसे चला भी नहीं जा रहा था. मैंने एक पेन किलर ली और घर जाकर आराम किया.

दोस्तो, बताइएगा कि आपको मेरी ये अनाल सेक्स स्टोरी कैसी लगी … आपके प्रोत्साहित करने वाले मेल मिले तो मैं आपसे अपने और भी अनुभव शेयर कर सकूंगा.

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