सौतेली माँ के जवान जिस्म की अन्तर्वासना-6

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

सौतेली माँ के जवान जिस्म की अन्तर्वासना-5

अन्तर्वासना के मेरे दोस्तों को हर्षद का नमस्कार. मैं अपनी आपबीती सौतेली मम्मी की चुदाई की कहानी का अगला भाग आपके लिए लेकर हाजिर हूँ. आपको पुनः याद दिला दूं कि मेरा नाम हर्षद है मैं हैंडसम हूँ … मेरा कद पांच फुट आठ इंच का है … और रंग गोरा है. मेरी सौतेली मम्मी का नाम अदिति है. मेरी मम्मी एक सेक्सी फिगर वाली … गोरी सी, पैंतीस साल की ग़दर माल हैं. उनकी उम्र पैंतीस साल की जरूर है लेकिन वो दिखने में 28-30 साल से ज्यादा की नहीं लगती हैं.

अब तक की मेरी सौतेली मम्मी की चुदाई की कहानी के पिछले भाग सौतेली माँ के जवान जिस्म की अन्तर्वासना-5 में आपने पढ़ा था कि घर आते ही हम दोनों मम्मी बेटे अपनी चुदाई लीला में लग गए थे. कुछ देर की चूमा-चाटी के बाद हम दोनों नंगे होकर एक दूसरे के सामने थे.

अब आगे:

फिर मैंने मम्मी को घुटने के बल बिठाते हुए सीधा खड़ा कर दिया और मैं भी अपने घुटने के बल खड़े होकर उनके जिस्म से सट गया.

अब हम दोनों के बदन पूरी तरह से एक दूसरे के नंगे बदन से चिपक गए थे.

मम्मी भी जोश में आ गयी थीं. हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बांहों में कसकर जकड़ लिया था. मम्मी के कड़क मम्मे मेरे सीने पर दब गए थे. हम दोनों बहुत गर्म हो रहे थे. नीचे मेरा तना हुआ लंड मम्मी की चुत से टकरा रहा था. मम्मी की चुत एकदम गीली हो गयी थी. उनकी चुत का गीलापन मेरे लंड को महसूस हो रहा था.

हम दोनों एक दूसरे की गांड और पीठ को सहला रहे थे, साथ में एक दूसरे की गर्दनों पर चूम भी रहे थे. मैं मम्मी को कभी उनके गाल पर, तो कभी होंठों को चूस रहा था. अजीब और मस्त सी फीलिंग हो रही थी.

दोस्तो, मैं आपको कैसे लिख कर बताऊं … बस उस आनन्द को सिर्फ महसूस ही किया जा सकता था. हम दोनों पूरी तरह से कामवासना में डूब चुके थे. हमें आस पास किसी भी चीज का कोई अहसास ही नहीं हो रहा था.

फिर मैंने मम्मी को बेड पर सीधा लिटा दिया. मैं कमरे की हल्की सी रोशनी में उनका पूरा नंगा जिस्म देख रहा था. क्या मस्त सेक्सी बदन था मम्मी का. उनके कड़क और गोल मम्मे एकदम से कड़क हो गए थे और उनके निपल्स तन गए थे. मम्मी की पतली सी कमर, सेक्सी नाभि और गीली हुई पड़ी माँ की चुत, जो रोशनी में चमक रही थी.
उनकी गोरी गोरी फैली हुई टांगें मेरे लंड को बेकाबू कर रही थीं.

मम्मी मस्त नशीली आवाज में बोलीं- हर्षद, अपनी आंखें फाड़कर क्या देख रहे हो? तुम बहुत बदमाश हो गए हो!
ये कहते हुए मम्मी ने अपने एक हाथ से मेरे तने हुए लंड को पकड़ा और सहलाने लगीं.

मैं भी जोश में आकर उनकी कमर पर बैठ गया. मम्मी के दोनों मम्मों को अपने हाथों से रगड़ने लगा. साथ में अपने दोनों हाथ के अंगूठों और एक उंगली के बीच में दबा कर दोनों निप्पलों को मींजने लगा.

उनके मुँह से मदभरी सिसकारियां निकलने लगीं. मैं चुचियां मसलते हुए मम्मी के होंठों को भी चूसने लगा.

मम्मी भी मेरे होंठ और जीभ चूसने लगीं. वे पूरी कामुकता से भरकर कसमसा रही थीं. शायद मेरी मम्मी झड़ने वाली थीं.
फिर मम्मी बोलीं- आह हर्षद … अब नहीं रहा जाता … मैं झड़ने वाली हूँ.

मैं उन्हें 69 की पोजीशन में ला दिया. मैंने अपना मुँह उनकी चुत पर रख दिया … और चुत को जीभ से चाट दिया.

इस स्पर्श से मम्मी के मुँह से ‘आहहह..’ निकल गयी. मैं लगातार चुत पर जीभ फेरता गया. उनकी टांगें अपने आप फैल गयी थीं. मम्मी की चुत से गर्म और खट्टा कसैला सा चुत रस बहने लगा था. मैं बहुत प्यार से उस नमकीन अमृत को पी रहा था.

मम्मी अपने हाथ से मेरा सर अपनी चुत पर दबाए जा रही थीं. साथ में एक हाथ से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थीं.

दस मिनट तक हमारी चुत लंड की चुसाई चलती रही थी.

फिर अदिति बोलीं- अब बस भी करो हर्षद … अब मुझसे नहीं रहा जाता … तू जल्दी से अपना मोटा लंड मेरी चुत में डाल दो और बुझा दो मेरी चुत की प्यास.

मैं ये सुनकर उठ गया और उनकी दोनों टांगों के बीच में बैठ गया.

मैंने मम्मी की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया. इससे उनकी चुत ऊपर आ गयी.

मैंने मम्मी की टांगें और फैला दीं … और मेरे तने हुए लंड का टोपा मम्मी की चुत पर लगा दिया.

मैं उनकी चुत के ऊपर के दाने पर लंड का सुपारा रगड़ने लगा … तो मम्मी कसमसाने लगीं- ओह आह हर्षद बहुत मजा आ रहा है … आह मेरे राजा ऊं ऊं हाय हाय उहं उहं हर्षद अब नहीं रहा जाता … डाल दो ना अपना लंड मेरी चुत में … क्यों सता रहा है.

ये कहकर मम्मी नीचे से अपनी गांड उठाने लगीं. वो मेरे लंड को अपनी चुत में लेने को तड़प रही थीं. मम्मी के मुँह से कामुकता भरी सिसकारियां लगातार निकल रही थीं.

मुझसे भी मम्मी की हालत नहीं देखी जा रही थी. वो पूरी तरह से मदहोश हो गयी थीं. उनकी कामुक सिसकारियां की वजह से मैं भी पूरे जोश में आ गया था.

फिर मैंने अपने लंड के टोपे पर सौतेली मम्मी की चुत का रस लगाकर उसे चिकना कर दिया और उनकी फूली हुई गुलाबी चुत की फांकों में लंड रखकर अपने हाथों से लंड को दबाते हुए टोपा अन्दर डाल दिया.

मम्मी अपने मुँह से आहें भरती रहीं.

मैं नीचे को झुककर मम्मी की दोनों चुचियों को चूसने लगा. मम्मी सीत्कार भरकर बोलीं- ओह हर्षद प्लीज … लंड को और अन्दर डाल दो ना.

ये कहते हुए मम्मी नीचे से अपनी गांड ऊपर को उठाए जा रही थीं. मेरा भी लंड जोश आ रहा था.

फिर मैंने जोर से धक्का दे दिया, तो मेरा आधा लंड मम्मी की चुत में घुसता चला गया था.

मम्मी चिल्लाने लगीं- उई माँ … मर गई!

मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रखकर उनकी आवाज बंद कर दी और उनके होंठों को चूसने लगा.

अदिति ने जैसे तैसे मुँह हटाया और कराहते हुए बोलीं- आह हर्षद … बहुत दर्द हो रहा है … मेरी चुत फट गई शायद.

ये कहकर वो मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं. मैं भी उनकी जीभ को चूसने लगा था.

थोड़ी देर बाद मम्मी का दर्द थोड़ा कम हुआ, तो मैंने सीधा होकर अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर से जोर का धक्का दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड मम्मी की चुत की दीवारों को चीरते हुए अन्दर घुस गया.

फिर से मम्मी तिलमिलाकर चिल्लाने लगीं- हाय रे हर्षद फट गयी मेरी चुत … ऊई मम्मी ओह हाय अंह अंह हुँम हुँम..

मम्मी के मुँह से दर्द भरी सिसकारियां निकलने लगी थीं. शायद उनकी चुत में बहुत दर्द हो रहा था. उनके चेहरे पर ये साफ दिख रहा था.

आंखें बंद करके मम्मी कहे जा रही थीं- आह … कितना कड़क और गर्म लोहे जैसा लंड है तेरा हर्षद … सच में मैं मर गई रे..

दोस्तों, मम्मी की चुत मेरे लंड हिसाब से काफी कसी हुई थी. मुझे मेरे लंड पर पूरा दबाव महसूस हो रहा था. मम्मी की चुत की दीवारों की जकड़न मुझे पागल किए दे रही थी.

मेरी मम्मी निढाल होकर लेटी थीं. उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे.

मैं उनके ऊपर लेट गया और उन्हें चूमते चूमते उनके चुचों को सहलाने लगा.

कुछ मिनट ऐसे ही हमारी चूमा-चाटी चलती रही थी. अब मम्मी अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ और कमर को सहलाने लगी थीं. बीच में वो मेरी गांड को भी सहलाने लगीं … साथ में वो मेरे होंठों को भी चूम रही थीं.

अब धीरे धीरे उनका दर्द कम हो रहा था. हम दोनों की कामुकता फिर से बढ़ने लगी थी.

तभी मम्मी नीचे से अपनी गांड ऊपर नीचे हिलाने लगीं. वो मुझे अपनी दोनों हाथों से अपनी बांहों में कसकर बोलीं- हर्षद, मैं झड़ने वाली हूँ.

मैं लंड थोड़ा बाहर निकाल कर जोर से धक्के देने लगा. मेरी छाती उनकी चुचियों से रगड़ रही थी. मम्मी कामुक सिसकारियां भरने लगी थीं.

मैं सीधा होकर अब अहिस्ता अहिस्ता अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, तो मम्मी भी अपनी गांड उठा उठाकर मेरा हथियार अपनी चुत मे ले रही थीं.

थोड़ी ही देर में अदिति ने अपना गर्म कामरस मेरे लंड पर छोड़ दिया. मैं उन्हें धकापेल चोदे जा रहा था.

उनके मुँह से लगातार सिसकारियां निकल रही थीं. मम्मी अब तक दो बार झड़ चुकी थीं. मेरा लंड पूरी तरह से गीला हो गया था … तो अब बड़ी आसानी से चुत में अन्दर बाहर हो रहा था.

मम्मी को भी बहुत मजा आने लगा था. मम्मी बोलीं- अब और करो हर्षद … अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मेरे राजा … जल्दी जल्दी चोदो मुझे … और अपना रस गिरा दो … आह फाड़ दो मेरी चुत को … आह चुत में जल्दी से रस डाल दो … आज मैं सब सहन कर लूंगी … आह रुकना मत … होने दो मुझे दर्द.

मेरी सौतेली मम्मी कामुकता भरी आवाज में बोल रही थीं.

अब तक मैं भी बहुत बेकरार हो गया था. मम्मी की चुत चुदाई करते हुए मुझे आधे घंटे से ज्यादा समय हो चुका था. मेरा लंड अदिति की चुत में डंडे की तरह घुसकर बैठा था.

मैं सीधा होकर अपना लंड आधे से ज्यादा बाहर निकालकर जोर से धक्के मारने लगा. मेरा लंड मम्मी की चुत में पूरी गहराई में जा रहा था.

उधर मेरे हर धक्के से मम्मी के मुँह से जोर से सिसकारियां निकल रही थीं. साथ में वो अपनी गांड उठा-उठा कर मेरा लंड चुत में ले रही थीं.
वो अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को मसल रही थीं.

अब मेरे मुँह से भी सिसकारियां निकलने लगी थीं. मेरे हर धक्के के साथ मम्मी कराहने लगी थीं. चुत और लंड पूरी तरह से गीले होने के कारण फच फच की आवाजें आ रही थीं. साथ में अदिति और मेरी कामुक सिसकारियां से पूरा बेडरूम गूंजने लगा था.

हम दोनों की चुदाई का ये मधुर संगीत सुनने वाला कोई भी नहीं था. हम दोनों कामवासना में पूरी तरह से डुबकी लगा रहे थे. ऐसा लग रहा था जैसे कि हम जन्नत की सैर कर रहे थे.

फिर मम्मी बहुत जोश में आकर नीचे से अपनी गांड उठाकर मेरे लंड पर तेजी से लंड अन्दर लेने लगी थीं. मैं समझ गया था कि मम्मी तीसरी बार झड़ने वाली हैं. उनका बदन अकड़ने लगा था.

मम्मी कह रही थीं- आह हर्षद अब नहीं सह सकती मैं … आह अब बुझा दो ना मेरी प्यासी चुत की प्यास … आह भर दो मेरी चुत को अपने वीर्य रस से.

मैं भी खुद को नहीं रोक पा रहा था. मैंने अपनी मम्मी की चुत में दस बारह जबरदस्त धक्के दिए, तो अदिति ने मेरे लंड पर अपना चुतरस का गर्म फव्वारा छोड़ दिया. साथ ही मेरे लंड से वीर्यपात होकर अदिति की चुत में भरने लगा.

अहाह … क्या अनुभव था दोस्तो … वाकयी मैं उस आनन्द को शब्दों में बयान नहीं कर सकता.

मेरा लंड मम्मी के गर्भाशय को छू रहा था. उधर मम्मी भी मस्त हो गयी थीं. वो मेरे वीर्य को अपनी चुत में महसूस कर रही थीं.

हम दोनों ही पूरी तरह से निढाल हो गए थे. मैं मम्मी के ऊपर ही लेटकर उनके होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरे होंठों को चूसने लगीं. मैं अपना सर मम्मी की गर्दन पर रखकर गर्दन को चूमने लगा.

तो मम्मी ने अपनी दोनों बांहों में मुझे कस लिया. ऐसे ही हम एक दूसरे को सहलाते हुए दस मिनट तक पड़े रहे. हमारी गर्म सांसें एक दूसरे की गर्दन पर महसूस हो रही थीं. उधर नीचे मेरा लंड सिकुड़ कर चुत से बाहर आ गया था.

मम्मी की चुत से हमारा दोनों का कामरस बहकर उनकी गांड से ऊपर से तकिया पर फैलने लगा था. फिर मैं मम्मी से अलग होकर साइड में लेट गया.

मम्मी का चेहरा मैं अपनी तरफ करके उन्हें चूमकर बोला- कैसा लगा अदिति?

अदिति के चेहरे पर कुछ अजीब सा आनन्द साफ़ दिख रहा था. वो बहुत खुश थीं. उनका चेहरा खिला हुआ था.

मम्मी बोलीं- क्या बताऊं हर्षद … मैं तो शब्दों में इस ख़ुशी को बता नहीं ही सकती … लेकिन तुमने मेरी बरसों की प्यास बुझा दी. क्या चोदते हो हर्षद तुम … मेरी चुत, कमर और जांघों में दर्द हो रहा है … लेकिन मजा ही बहुत आ रहा था हर्षद. तुम कितनी जोर से धक्के मारते थे … मेरी तो जान निकल गयी थी. कितना पॉवर है यार … तू मुझे एक घंटे से चोद रहा है. पहली बार मैंने अपनी चुत इतनी देर तक चुदवाई है. आज मैं बहुत खुश हूँ हर्षद. आई लव यू मेरे राजा.

ये कहकर मम्मी मुझे चूमकर उठ गईं. उन्होंने बिस्तर को देखा, तो तकिया पूरा खराब हो गया था. मम्मी ने अपनी नाईटी से अपनी चुत को और तकिया को पौंछ कर उसे एक साइड में रख दिया. इसके बाद मम्मी ने मेरे लंड को अच्छे से साफ किया और नाईटी नीचे फेंक दी.

अब हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर सो गए.

मम्मी अपने हाथ से मेरे लंड को बड़े प्यार से सहलाकर बोलीं- हर्षद, क्या लंड है तेरा … अब मैं तो इसकी दीवानी हो गयी हूँ.
वो लंड सहलाती रहीं.

मैं भी उनकी चुचियों को मसलकर बोला- अदिति, अब मेरा लंड सिर्फ तुम्हारा ही है. जब चाहो तुम्हारी सेवा के लिए हाजिर हो जाएगा.

मम्मी मुझे चूमने लगीं. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.

मै मम्मी से बोला- अब तैयार हो गई तुम?
मम्मी मेरे लंड को जोर से दबाकर बोलीं- हां हर्षद … अब इसका इलाज करना ही पड़ेगा ना!

रात के एक बज चुके थे. फिर मैं मम्मी के ऊपर चढ़ गया. मैंने दो बार उनकी जमकर चुदाई की और सुबह के पांच बजे हम एक ही रजाई में एक दूसरे से लिपट कर सो गए.

मेरी सौतेली मम्मी की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताना.
मेरी मेल आईडी है [email protected]
धन्यवाद.