सच्चे प्यार की प्यारी चुदाई-1

सभी मित्रों को नमस्कार! मुझसे पुराना अन्तर्वासना का कोई पाठक नहीं मिल सकता दोस्तों. मैं करीब सारी कहानियां पढ़ चूका हूँ. मैं सभी कहानियों का नियमित स्वाद लेता हूँ. कई कहानियां वाकई सच्ची है, कई बिना सर पैर की. कई लेखक इतने मग्न होकर लिखते हैं कि आनन्द आ जाता है पढ़कर. कई इतना झूठ लिखते हैं कि कहानी के दूसरे पैराग्राफ में ही उसकी पोल खुल जाती है.

मेरी यौन जीवनी पूर्णतया सत्य है.

मैं पढ़ा लिखा नौकरी पेशा मारवाड़ी जैन हूँ, मित्रों वैसे तो मैं विवाहित हूँ, लेकिन आज भी मेरा दिल तन्हा है. मेरी बीवी अच्छी महिला है, हमारा यौन जीवन भी अच्छा है. सब कुछ अच्छा होने पर भी कई बार आप जीवन में तन्हा महसूस करते हैं. वैसी ही कुछ मेरी स्थिति है. इस तन्हाई के कारण शादी से इतर कुछ प्रेम/यौन सम्बन्ध भी बनाये हैं.
मेरा स्वभाव भावुक है, कभी किसी का दिल नहीं दुखाया मैंने … शायद खुद ही चोट खाई है. सेक्स के लिए किसी को यूज नहीं किया.

मेरी उम्र 36, मेरा शरीर सामान्य काठी का है, 5-10 लम्बाई, गोरा रंग, मुस्कुराता शालीन व्यवहार सभी को मेरे प्रति आकर्षित करता है. मेरा लंड 7.5 इंच का है, घेरा 4 इंच का है एवम्् मोटाई करीब 1.25 इंच है – ये नाप लिया हुआ है.

मुझे सेक्स बेहद पसंद है, अपने अनुभव से अब मैं अपने लंड के झड़ने के समय को काबू कर लेता हूँ, सामान्यतया कभी भी 25-30 मिनट से पहले नहीं झड़ता हूँ.

यह सत्य कहानी मैंने पिंकी से पूछ कर आप लोगों से साझा की है. किसी के विश्वास को आज तक ठेस नहीं पहुंचाई.
पिंकी उसका असली नाम है और वो राजस्थान के एक बड़े शहर में रहती है. कृपया पिंकी के संपर्क पूछने के लिए परेशान ना करें, क्यूंकि वो मैं किसी हाल नहीं बताऊंगा.

मित्रो, आज भी 3 अक्टूबर 2016 का वो दिन नहीं भूल नहीं सकता जब मैंने सांय अपना फेसबुक खोला और एक बेहद खूबसूरत महिला ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी हुई थी. उसको देखते ही दिल भी कुछ क्षण धड़कना भूल गया था. उफ़ क्या हसीं चेहरा, उसको देखते ही लगा कि ‘हाँ यही तो है वो जिसे मेरा दिल ढूंढ रहा है.
वो फोटो आज भी मैंने संभाल कर रखी है.

जीवन में पहली बार मैंने किसी फेसबुक फ्रेड रिक्वेस्ट को बिना जाने पहचाने ही ओके कर दिया. दो दिन की जांच पड़ताल के बाद मुझे लगा वो मेरे स्कूल में पढ़ती थी.

मैंने उसको मेसेज किया और कंफर्म किया कि वही है ना!
शुरू के दो तीन दिन थोड़े मेसेज के आदान प्रदान के बाद उसने अपना नंबर स्वयं ही मुझे दे दिया और जब हमने पहली बार बात करी वो दो घंटे से ज्यादा चली.

धीरे धीरे हमारी रोज बात होने लगी और हम एक दूसरे से घंटों बातें करने लगे. मैं रात को देर तक रुक कर अपना कार्य पूरा करता ताकि दिन में उसको समय दे सकूँ.

15 दिन में तो हम प्रेमियों की तरह बातें करने लगे और तीन हफ्ते में हम दोनों ने एक दूसरे से अपने प्यार का इज़हार कर दिया. यहाँ तक कि दिवाली के दिन उसने अपने परिवार से छिप कर रात को मुझे विश किया तो बहुत अच्छा लगा.
जैसा प्यार मैं चाहता था वो प्यार मुझे मिल गया.

उसकी हज़ार से ज्यादा फोटो फेसबुक पर थी जिनको मैंने डाउनलोड कर लिया था. वो आज भी संभाल कर रखी है.

वो भी शादीशुदा है लेकिन अपने आप को बहुत अच्छे से मेंटेन किया है. 36सी के मस्त बोबे, 30 की कमनीय कमर एवम् 40 की मदमस्त गांड उसको बेहद सेक्सी लुक दे रही थी. पिंकी का कपड़े पहने का सेन्स भी बहुत अच्छा है. गोरे रंग पर सबकुछ फबता है.

अब हमारी बातों में सेक्स भी चालू हो गया था. वो अपने लल्लू चुतिया पति से खुश नहीं है. ना भावनात्मक रूप से ना यौन सुख के रूप में. वो उसको चुतिया ही बुलाती है मेरे सामने.

वो खुद एक मदमस्त चुदासी रूपसी है. चेहरे मोहरे से सन्नी लिओनी के जोड़ की, एकदम सांचे में ढला हुआ बदन जो उसने नियमित व्यायाम से मैंटेन किया हुआ है. नियमित जिम जाने के कारण आज भी अपनी उम्र से कई वर्ष छोटी लगती है. बोबे जो बिना ब्रा के कड़क, मसलने में शानदार रूप से स्पंजी, उसके बोबों को चूसने एवम् मसलने में मज़ा आ जाता है.

आज भी यह कहानी लिखते समय उसके मदमस्त बदन की याद में मेरा लंड भी मुस्कुरा रहा है.

चूंकि फोन की सेक्सी बातों से हमारी आग और भड़कने लगी, तो हम लोगों ने शीध्र ही मिलना तय किया. अब दोनों की चुदास भड़क चुकी थी जो बिना मस्त चुदाई के शांत नहीं होनी थी.
विडियो सेक्स से आग और भड़क रही थी.

उसका पति प्रत्येक सप्ताह एक दिन शहर से टूर पर बाहर जाता था तो मैं उस दिन अलसुबह उसके शहर पहुँच गया. उसके दोनों बच्चे सुबह सात बजे निकल कर सांय पांच बजे ही वापस आते थे. उसके घर के पास पहुँच कर मैंने उसको मेसेज कर दिया था.

जैसे ही उसके बच्चे स्कूल गए उसने मुझे कॉल किया और आने का बोल दिया. उसके घर की तरफ जाते हुए भी फोन चालू था और हम प्यार भरी बातें कर रहे थे.

उसके घर का बाहर का गेट खोला तो वो सामने खड़ी थी, मेरी पसंदीदा रंग की गहरी नीली साड़ी में. मैं बगीचा पार करके उसके घर के अंदर गया जब तक हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे. जैसे ही मैं एकदम निकट पहुंचा, वो अंदर चली गयी.

मैंने अंदर प्रवेश किया, उसने मुझे देखा और दौड़ कर मेरे गले लग गयी. वो प्यार भरा आलिंगन, जो उस समय वासनामय नहीं था, उसमें केवल प्यार ही था.
मैंने उसको कस कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया और हम कुछ देर तक एक दूसरे में समाने की कोशिश करते रहे.

कुछ देर बाद उसने मुँह ऊपर करके मेरी आँखों में देखा और कुछ क्षण बाद मेरे होंठ उसके रसीले होंठों को चूम रहे थे. उस मादक चुम्बन को मैं आज भी नहीं भूला हूँ.
उन रसीले होंठों का स्वाद, उफ़…

कुछ देर में उसने मुझे दूर धकेला और मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे ड्राइंग रूम में ले गयी. मैंने उसको पुनः अपने आगोश में खींच लिया और हम फिर से एक दूसरे को प्यार से चूमने लगे.
कितने दिनों की तड़प के बाद आज मिल रहे थे. मेरे हाथ उसकी कमर को सहला रही थे, उसके हाथ मेरी कमर को सहला रहे थे. हम एक दूसरे में समाने का प्रयास कर रहे थे.

उसके होंठों पर मौजूद लिपस्टिक तो कभी गायब हो चुकी थी. विरह पीड़ा ग्रस्त दो प्रेमियों के मिलन की उतेजना वाले चुम्बनों के कारण उसकी होंठों की नाजुक त्वचा खुद लाल हो गयी थी. उन रसीले होंठों का स्वाद आज भी महसूस कर रहा हूँ.

तभी पिंकी मुझे छोड़कर बाहर गयी, उसकी कामवाली आने वाली थी तो वो उसको देखने गयी और वापसी में फाटक भी लॉक कर आई.

इस बार वो आई और मेरे पर जंगली बिल्ली की तरह झपट पड़ी और जोर जोर से मुझे चूमने लगी. मुझे चूमते हुए उसने मेरा हाथ उठा कर अपने नर्म बोबों पर रख दिया और मेरे निचले होंठ को काट लिया.

दोस्तो, उनके उन रसीले बोबों का प्रथम बार मसलने का आनन्द आज भी महसूस कर पा रहा हूँ. एकदम कमसिन कुंवारी बाला की तरह कड़क बोबे है उसके. आज भी हम मिलते हैं तो उसके बोबों को मसलने में अत्यंत ही आनन्द आता है.

हम जोर से एक दूसरे को चूमते चूमते दीवार के पास हो गए. वो दीवार से टेक कर खड़ी हो गयी और मैंने उससे सटते हुए उसके रसीले होंठों को पीना शुरू कर दिया. मेरे हाथ उसके बोबों को मसल रहे थे.

थोड़ी देर तक दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते रहे और एक-दूसरे के मुँह के अन्दर अपनी-अपनी जीभ डालकर अन्दर घुमाते रहे. बीच बीच में मैं उसको कमर से खींच कर अपने लंड का दबाव उसकी चुत पर भी डाल रहा था. वो भी अपनी चुत को मेरे लंड से रगड़ रही थी.
कपड़ों के बावजूद उसकी चुत की गर्मी महसूस हो रही थी.

अब वासना उसकी आँखों में लाल डोरों के रूप में दिखे लगी. मैंने उसकी लेगी के अंदर हाथ डालकर उसकी गांड सहलानी शुरू कर दी. गांड से उसको अपनी ओर खींच कर लंड को उसकी चुत पर ओर जोर से रगड़ने लगा.

तभी घंटी बजी, उसकी कामवाली आ गयी थी. मैं सामान्य होकर बैठ गया और वो उससे काम करवाने चली गयी.

बीच में मौका देखकर वो मेरे पास आ रही थी, हर चक्कर में वह मुझे प्यार से खूब लंबा चूमकर जा रही थी, कभी सेंडविच लायी, कभी कॉफी लायी. हर चुम्बन के दौरान मैं उसके बोबों को मसल रहा था और वो जाते हुए मुझे चिढ़ा कर मेरे लंड को मसल कर जा रही थी.

आखिर इंतज़ार खत्म हुआ, कामवाली गयी.

पिंकी दौड़ कर फिर से मेरी बाँहों आ गयी. इस बार वो मेरी गोद में ही बैठ गयी. इस बार उसने अपनी चुत को मेरे लंड पर ही रख दिया. हम एक दूसरे को चूम रहे थे, एक दूसरे के होंठों से प्यार से प्यास बुझा रहे थे.
मैं उसके बोबों को मसल रहा था और वो ऊपर नीचे होकर अपनी चुत से रगड़ कर मेरे लंड को सहला रही थी.

तभी पिंकी ने मुझे धक्का देकर सोफे पर पीछे कर दिया और बोली- अभी आई!
और मुझे एक गहरा चुम्बन देते हुए, मेरे लंड को मसल कर चली गयी.

कुछ समय बाद, छन छन आवाज़ आई, उसने दरवाज़े के अंदर सिर्फ अपना हाथ किया और चुड़ी खनका कर उंगली से मुझे आने का इशारा किया.
मैं ड्राइंग रूम से बाहर निकला तो वो अपने बेडरूम के घुस चुकी थी.

मैं उसके बेडरूम में गया, और मेरी आँखें फैल गयी.

कहानी जारी रहेगी.
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