रसभरी चूत की चुदाई

हैलो दोस्तों, कैसे हो? मैंने आज तक कभी इतनी गीली चूत नहीं देखी जो मैंने पिछले साल अहमदाबाद में देखी. वो जब जब चुदती थी अपनी चूत कपड़े से पौंछती रहती थी.
पिछले साल मुझे ऑफिस की तरफ से ट्रेनिंग पे अहमदाबाद भेजा गया था और वो भी ट्रेनिंग पे हमारे ऑफिस के मथुरा ब्रांच से आयी थी. वो देखने में अच्छी थी. वो मुझसे उम्र में दो साल बड़ी थी और उसका एक बच्चा भी था जिसे वो अपनी माँ के पास छोड़ के आयी थी. पर उसने अपना फिगर अच्छा मेन्टेन किया हुआ था, कमर तो 26″ भी मुश्किल से थी और गोरी भी बहुत थी. उसका नाम था समीरा!

जब मैं पहली बार उससे मिला तो मुझे लगा कि इसको कुछ प्रॉब्लम है. वो काफी कम सोई हुई लग रही थी. उसने मुझे बाद में बताया कि उसका पति टिपिकल भारतीय मर्द की तरह है जो अपनी पत्नी का ख्याल नहीं रखता और शक करता है. उसने कभी सेक्स करते हुए भी अपनी पत्नी का ख्याल नहीं रखा था.

खैर हमारी बातें होने लगी और मुझे लगने लगा कि मैं उसे पसंद आ गया हूँ तो मैंने भी फ़्लर्ट करना शुरू कर दिया. मैं पढ़ने में बहुत अच्छा रहा हूँ और देखने में एथलेटिक बॉडी है क्यूंकि मैं जिम, स्विमिंग, ट्रैकिंग, रनिंग इत्यादि सब करता हूँ.

पहले मैं उन्हें मैडम कह के बुलाता था क्यूंकि वो मेरी सीनियर थी. धीरे धीरे जब हमारी व्हाट्सप्प से बात शुरू हुई तो वो खुद मुझसे अपनी तारीफ़ कराने लगी. जैसे कि ‘मैं उससे क्यों बात करता हूँ और बाकी कम उम्र की लड़की से नहीं.’
मैंने भी उसको सच्ची बता दिया कि मुझे वो बाकी सब से अच्छी लगती है. उसकी आवाज भी बहुत प्यारी थी.
और बाद में जब मैंने उसको चोदा तो उसकी चुदाई के समय तो उसकी आवाज और भी अच्छी हो जाती थी जब वो मुझे और तेज शॉट मारने को कहा करती थी.

तो हमारी बात काफी सेक्सुअल भी होने लगी थी लेकिन मर्यादा के अंदर ही. हम उस समय ऑफिस के द्वारा दिए गए फ्लैट्स में रहते थे. मेरे साथ एक लड़का था और उसके साथ सेपरेट रूम में एक लड़की. उसका फ्लैट भी मेरे नीचे से फ्लोर पे था. दिन भर ट्रेनिंग करने के बाद वो शाम को मेरे रूम में प्रोब्लम्स समझने के लिए आ जाया करती थी जब मेरा फ्लैटमेट भी साथ हुआ करता था.

वो भी शाम में खुले गले की टीशर्ट पहन के आती थी जिसमें से उसके चूचे काफी अच्छा शेप बनाते हुए उसकी पुश उप ब्रा में दिखते थे. मेरा फ्लैटमेट तो घूरता रहता था पर मैंने उसको जाहिर नहीं होने दिया कि मैं भी उसके चूचों की तरफ बहुत आकर्षित हो जाता हूँ. लेकिन ये बातें लड़कियां बहुत जल्दी समझ लेती हैं कि कौन उसे कैसे देखता है.

ट्रेनिंग शुरू होने के दो हफ्ते बाद ही सब लोगों ने घूमने जाने का प्लान बनाया तो मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे लोगों की भीड़ के साथ घूमना पसंद नहीं है. साथ ही साथ उसने मुझसे पूछकर मना कर दिया और बोली कि उसके पति ने मना किया है.
मुझे भी समझ आने लगा कि उस वीकेंड पे हमारे बीच जरूर कुछ होगा.

वीकेंड से दो दिन पहले उसे मेरे लैपटॉप में कुछ काम करना था और मेरा फ्लैटमेट भी बाहर गया हुआ था. उस दिन भी वो खुले गले का टॉप पहन के आयी थी और मेकअप भी प्यारा किया हुआ था. उसे पता था कि मेरा फ्लैटमेट बाहर लंच करने गया है और आधे घंटे बाद आएगा.

जब वो लैपटॉप में काम करने लगी तो उसको कुछ प्रॉब्लम आयी और मुझसे हेल्प मांगी. मैं उसके पास चिपक के बैठ गया और समझाने लगा और उसको जगह जगह टच करने लगा जैसे कि नार्मल हो जाता है. लेकिन मैं इतना नज़दीक बैठा था कि मैं उत्तेजित होने लगा और साथ में वो भी!
बीच में एक दो बार उसके मम्मे मेरी कोहनी से भी टच हुए. फिर थोड़ा समय बीच में अजीब सी शान्ति फ़ैल गयी जैसे कि कुछ होने वाला हो. फिर मेरा भी कण्ट्रोल छूट गया और मैं धीरे से उसकी गर्दन के पास अपना मुँह ले आया. हम साइड से साइड टच किये बैठे थे और सामने लैपटॉप को देख रहे थे.

मैं उसको हल्का सा कांपते हुए और साथ ही साथ साँस थामे हुआ देख रहा था. वो कुछ काम नहीं कर पा रही थी लैपटॉप पे. पर डर रही थी मेरी तरफ देखने से कि कहीं कुछ गलत ना हो जाये. पर मैं भी अपने आप को रोक नहीं पाया, मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था और उसमें से भीनी खुशबू आ रही थी. मेरा लंड तो छुपा हुआ था और उसका खड़ा होना तब तक दिख नहीं सकता था लेकिन जो उससे निकलने वाले प्रीकम की खुशबू थी वो बहुत तेज़ आने लगी थी. और मुझे पता था कि उसको भी आ रही है. तो ऐसे सब रुका हुआ था.

फिर मैंने धीरे से उसे गर्दन पे किस किया तो वो जैसे पिघल सी गयी और एकदम से सिहर उठी और बोल पड़ी- यह गलत है!
जैसे कि उसके दिमाग में 15 मिनट बाद का सीन चल गया हो जब मैं उसे सिर्फ उसका लोअर का एक पैर निकाल के उसकी चड्डी थोड़ा साइड कर के … टी शर्ट पूरी ऊपर करके उसके मम्मे मुँह में डाले हुए हूँ … मैं उसके चूचे इतने जोर से सक कर रहा हूँ कि उसके निप्पल मेरे गले में पहुँच रहे हों और वो थोड़े दर्द में हो, उसे छाती पर निशान पड़ने का डर हो और वो बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो. और नीचे मेरा बॉक्सर मेरे पैरों पर पड़ा हो और मेरा लंड धीरे से उसकी चूत में सरक गया हो और वहीं बैठे बैठे वो मेरे ऊपर कमर हिला रही हो. कमर पे लैपटॉप वाली टेबल लग रही हो और मेरा सर और जोर से अपने मम्मों पे गाड़ रही हो और कह रही हो कि ये गलत है. उसका चुदना गलत नहीं है बल्कि उसके चूचों पे पड़ने वाला निशान गलत है और उसका इतना मज़ा लेना वो निशान पड़वाते हुए.
चुदना कैसे गलत हो सकता है क्यूंकि चुदना तो उस समय बहुत जरूरी था. गलत था उसका इतनी जोर जोर से कमर हिलाते हुए झड़ना और कपड़े गन्दा करना क्यूंकि मेरा फ्लैटमेट भी आने वाला था.
ये सब उसने उस समय सोचा जो बाद में एक दिन चुदते हुए कबूला था. वो चुदते हुए बहुत खुल के बोलती थी.

खैर उस दिन मैंने उसे गले पे किस किया और फिर कान के पास जाने लगा. उसकी सांसें तेज़ होने लगी थी और चूचे भी और ज्यादा बाहर आने लगे थे. मेरा उनको दबा के शांत करना बहुत जरूरी हो गया था और मैंने भी वही किया. वो उत्तेजित होने लगी लेकिन डर भी था पति का … फ्लैटमेट का … दुनिया का!

उसकी आवाज में कशिश सी आने लगी और अपने चूचे मेरे हाथ में अपनी चेस्ट आगे कर के और दबवाने लगी जैसे कह रही हो कि मेरे मम्मों को जोर से मसलो. साथ ही साथ उसकी गर्दन घूमने लगी और मेरे होंठ उसके गाल से होते हुए उसके लिप्स पे आ गए और अगले पांच सेकंड में उसकी लिपस्टिक गायब हो गयी और हम एक दूसरे के होंठ चबाने लग गए.

वो मेरी तरफ पलट गयी थी और मैंने उसकी टीशर्ट ऊपर कर दी थी और उसके मम्मे बाहर आ गए थे. मैंने एक सेकंड के अंदर उसके मम्मों को हवा लगने से पहले ही अपने मुँह की गर्मायी देनी शुरू कर दी. उसके निप्पल बहुत कड़े थे. मैंने बड़े प्यार से उनके चारों तरफ जीभ घुमाई, उसको और तड़पाने के लिए मैं यही करता रहा … उसके मम्मों को चूसा पर निप्पल को नहीं, हल्का इधर उधर से जीभ टच हो जाती थी पर मैं तुरंत खींच लेता.

नीचे से उसकी चूत मेरे लंड के ऊपर घिस रही थी कपड़ों के ऊपर से और उसकी गर्मायी और मेरा कड़कपन एक दूसरे को महसूस हो रहा था. वो बहुत कोशिश कर रही थी कि उसकी आहें ना निकलें क्यूंकि आस पास के फ्लैट में हमारे ऑफिस के लोग रहते थे.

फिर अचानक उसने मेरा मुँह अपने मम्मों पे गाड़ने की कोशिश की और मेरे सर के पीछे से एक हाथ से हलके से दबाया.

लेकिन तभी हमारे फ्लैट का गेट खुलने की आवाज हुई. हम दोनों के चेहरे वासना की गर्मी से लाल थे और यह सोच कर एकदम से नीले पड़ गए कि मेरे फ्लैटमेट ने देख लिया ऐसी हालत में अकेले! तो क्या होगा.
मैंने फूर्ति से उठा अपने लंड को एडजस्ट करके अपनी चड्डी के इलास्टिक में टाइट किया और हाफ पैंट और टीशर्ट से ढक के बाहर की तरफ निकल गया. मैं अपने फ्लैटमेट का थोड़ा टाइम बाहर लगा के अपने रूम में ले आया.
तब तक वो ठीक लग रही थी कि जैसे काफी कठिन काम कर रही हो लैपटॉप में.

फिर हम सब बैठकर बात करने लगे. उसने मुझे धीरे से कुटिल मुस्कान दी. मैं समझ गया कि ये मुझे ऐसे तड़पा के और मेरे खड़े लंड की हालत देख के (जब मैं उसे सैट कर रहा था) बहुत खुश हुई हो.
मुझे उस टाइम उसपे गुस्सा भी आया कि ये कितनी जालिम है.

फिर वो अपने घर चली गयी.

थोड़ी देर बाद उसने व्हाट्सप्प मैसेज किया मुझे सिंपल ‘हैलो’ लिख के.
मैंने रिप्लाई में पूछा- तुम्हारा लैपटॉप का काम हो गया या और करना बाकी है?
उसने बताया कि लैपटॉप का काम तो हो गया लेकिन उसे एक कॉन्सेप्ट समझ नहीं आ रहा है.
मैंने पूछा कि जो आज समझाया था वो समझ आ गया था?
तो उसने बतय- पूरा नहीं आया!
और स्माइली भेज दी शर्माने वाली.

फिर बो बोली- हमने आज जो किया उसे भूल जाओ. हम अच्छे दोस्त हैं और अच्छे दोस्त बन के रहेंगे. मैं शादीशुदा हूँ, मेरे पति को पता चला तो बहुत बुरा होगा.
वो उसको मारता भी था कभी कभी.
मैंने उसे बोला- हम अच्छे दोस्त ही रहेंगे.
तो वो थोड़ा रिलैक्स हुई.

अब मैंने कहा- वैसे तुम्हारे पति को कभी पता नहीं चलेगा और मैं ऐसी बातें किसी को बताता भी नहीं हूँ.
शायद उसको ये भी डर था कि कहीं मैं अपने फ्लैटमेट को ना बता दूँ.
मैंने उसे फिर अंग्रेजी में लिखा कि हम दोस्त ही रहेंगे लेकिन मेरे लिए अपने आप को उसके सामने कण्ट्रोल करना बहुत मुश्किल होगा. वो थी ही इतनी सुन्दर.
उसने इसका जवाब फिर अपनी तारीफ सुनने के लिए किया- मुझसे अच्छी और जवान लड़कियाँ तो तुम्हें बहुत मिली होंगी तो फिर मुझमें ऐसा क्या है?
जिसका रिप्लाई में मैंने कहा- मुझे तुम्हारी सुरीली आवाज सुननी है अपने कान में!
और मैंने मन में सोचा- जब मैं तुम्हारी चूत जोर जोर से ठोक रहा हूँ.

खैर उसने शाम में मुझे अपने फ्लैट में बुलाया और मैंने भी उसको तड़पाने की सोची. मैंने उससे नार्मल बात की और जो उसने डाउट पूछा, वो बताया और उसे बिना हाथ लगाए वापस आ गया.
वो पहले पहले तो मुस्कुरा के बात कर रही थी लेकिन जब मैंने कुछ नहीं किया तो थोड़ा नाराज़ सी होने लगी और उसको छिपाने के लिये बहुत क्यूट सी कोशिश करने लगी.

फिर रात को उसका मैसेज आया और थोड़ी देर बात करने के बाद बोली कि उसका घूमने का मन है.
हम ऑफिस कैंपस में घूमने लगे. यह बात रात साढ़े दस की है. वोह बहुत चुस्त कपड़े पहन के आयी थी और बहुत स्माइल कर कर के बात कर रही थी. बीच में उसने अपने परिवार की प्रोब्लम्स भी बताई जिससे मुझे उससे हमदर्दी भी होने लगी.

आधा घंटा घूमने के बाद हम वापस फ्लैट की तरफ आने लगे. मेरा मन तो किया कि कहीं अँधेरे में ले जा के अपने और उसके मन की सब कर दूँ लेकिन मैंने कण्ट्रोल किया. अपने फ्लैट के बाहर उसने नार्मल बाय किया और चली गयी.
मैंने उसे मैसेज करके बताया कि मुझे अच्छा लगा उससे बात करके! लेकिन मेरा बीच में बहुत मन कर रहा था उसे किस करने का … और मैंने बड़ी मुश्किल से अपने आप को काबू में रखा था. मेरी बात पर वो हंसने लगी और गुड नाईट करके सो गयी.

अगले दिन शाम में हम नहीं मिले लेकिन हमारी चैट पे बात हुई और उसने बताया कि उसका पति पिछली रात को फ़ोन न उठाने के लिए डाँट रहा था. जब हम घूम रहे थे, तब उसका फ़ोन आया था, और उसको लग रहा है कि वो उसे धोखा दे रही है.
मैंने उसको समझाया- हमने अब तक कुछ गलत नहीं किया है, तुम्हारा अपनी लाइफ में खुश रहना बहुत जरूरी है. और जब मौका मिले, तुम्हें एन्जॉय करना चाहिए.
उसने सहमति जताई और हम गुड नाईट बोल कर सो गए.

अगले दिन सब लोग सुबह सुबह चले गए घूमने. मैं लेट उठा तो उसने मैसेज किया कि कितना लेट तक सोते हो.
सब लोग घूमने चले गए और उसका भी मन हो रहा था.
मैंने कहा कि हम लंच साथ करेंगे क्यूंकि मुझे बहुत भूख लग रही है.
फिर उसने मुझे नहाने को कहा और कहा कि वो 15 मिनट में मेरे फ्लैट में आ रही है.

मैं जल्दी तैयार होकर अपना मेन गेट खोल के नहाने चला गया. वो आयी, उसने बैल बजायी तो मैंने बाथरूम से मुँह निकाल के उसे बोला कि दरवाजा खुला है.
मैंने अपना बाथरूम का दरवाजा ढंग से बंद नहीं किया. ऐसा बहुत सारी सेक्स कहानियों में पढ़ा था मैंने.

खैर मैं नहाकर तौलिया कमर पे लपेट के बाहर निकला और अपने रूम में गया तो वो बिलकुल सीधी स्टेचू बन के बैठी हुई थी और मुझे देखते ही अपनी आंखें अपने हाथो से छुपा के बोली- कपड़े पहन के आओ.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- जल्दी जाओ … नहीं तो मैं वापस जा रही हूँ.

मैं कपड़े पहन के आया तो वो अभी भी वैसे ही बैठी थी लेकिन अब स्माइल कर रही थी. मैं जाकर सीधा उससे चिपक के बैठ गया और थोड़ा फॉरवर्ड होकर उसके कंधे पे हाथ रख कर पूछा- अगर तुम्हारा सब लोगों के साथ घूमने जाने का मन था तो गयी क्यों नहीं?
इस बात पर वो शर्मा गयी और ऐसे ही कुछ जवाब देने लगी और उल्टा पूछती कि मैं क्यों नहीं गया.
तो मैंने उसकी गर्दन पे किस किया और कहा- इसलिए!
वो फिर पिघलने लगी.

हम दोनों की वासना फिर जागने लगी, हमने किस करना, टीशर्ट हटा के चूचे चूसना … ये सब शुरू किया ही था कि उसके पति का फ़ोन आ गया और वो अपने फ्लैट भाग गयी.
15 मिनट बाद मैसेज आया- नीचे मेरे फ्लैट में आ जाओ.
मैंने कंडोम का एक पैकेट उठाया और भाग के नीचे गया.
उसने दरवाजा खोलते ही पूछा- कंडोम लाये हो?
तो मैंने कहा- हाँ.

हम दोनों बहुत वासनामयी हो रहे थे तो जैसे ही मैं उसके बिस्तर पर बैठा, वो आयी और मेरी टीशर्ट उतार के चूमने लगी.
दो मिनट बाद ही वो एकदम से घूमी और बोली- जल्दी डालो अब अंदर, बाकी सब बाद में करना.
मैंने भी सोचा कि वैसे ही बहुत बार ये काम अधूरा रह चुका है.

वो मेरे बगल में दूसरी तरफ मुँह करके सिर्फ लोअर और पैंटी नीचे करके मेरा लंड पैंट से निकाल के रगड़ने लगी अपनी चूत पर. मैंने उसकी चूत छू के देखी तो पता चला कि ये तो बहुत गीली है. फिर उसने कहा- जल्दी कंडोम लगाओ.
मैंने कंडोम पहन के उसे अपना लंड पकड़ाया और उसने सीधा चूत के अंदर ले लिया और एक मिनट बाद ही बोलने लगी जोर जोर से चोदने को.

मैंने भी उसकी बात मानी और लगा दिए अपने जोर के झटके. दस मिनट में ही उसकी हालत खराब हो गयी और वो बोलने लगी- बस करो मेरी चूत फट गयी है.
इसी बीच वो लगातार टपकती रही.
वो मना करती रही कि मैं इतनी जोर से ना चोदूँ. वो बहुत खुल के चूत लंड बोल रही थी.

फिर 5 मिनट बाद में वो बिस्तर से नीचे से फिसल कर उतर गयी और घुटनों के बल टेबल के पास जाकर जमीन पे बैठ के हाँफने लगी.
मुझे लगा कि पता नहीं क्या हो गया इसे.
मैं भाग के गया उसके पास तो वो होश में कम थी और बड़बड़ाने लगी- थोड़ा रुक जाओ.

मैं उसे उठा के बेड पे ले आया और उसे अपने ऊपर करके पकड़ के लेट गया.
थोड़ी देर बाद वो थोड़ा ठीक हुई तो हंसती हुई बोली- ऐसे भी कोई चोदता है क्या?
तो मैंने कहा- तुमने ही कहा था जोर से चोदने को.
इस बात पे वो हंसने लगी और मेरी छाती पे मारने लगी.

फिर मैं उसको दोबारा किस करने लगा. इतने में वो अचानक नीचे गयी और मेरा लंड मुँह में दो मिनट के लिए डाला. फिर ऊपर आ के बोली- मुझे ये पसंद नहीं लेकिन सिर्फ इस बार के लिए!
और आँख मारते हुए धीरे से मेरा लंड पकड़ के उसपे बैठ गयी और जल्दी जल्दी उछलने लगी.

मैंने उसकी टीशर्ट उतार दी तो वो शर्मा के मुझे किस करने लगी. पांच मिनट बाद वो थक गयी तो मुझे ऊपर आने को कहा और दो मिनट आराम से करने के बाद वो फिर बोलने लगी- थोड़ा जोर से करो!
स्पीड बढ़ाते हुए मैंने उससे फिर से पूछा तो बोली- प्लीज और जोर से करो.
मैंने और स्पीड बढ़ाई और कहा- बाद में मत कहना.
वो अपनी दुनिया में खोई हुई बोलती रही- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से मारो!
और उसकी चूत बहती रही.

दस मिनट बाद फिर उसके पैरों ने जवाब दे दिया और वो मुझसे अलग होने लगी. मैंने कहा कि मुझे तो अभी मज़ा आना शुरू हुआ था.
तो वो चुपचाप दूसरी और मुँह करके लेट गयी और पीछे से ५ मिनट और चूत मरवाई. लेकिन फिर दूर जाकर टेबल के पास बैठ गयी और बोलने लगी- मुझसे गलती हो गयी बहुत बड़ी! और मैं आगे से कभी नहीं करुँगी तुम्हारे साथ.

मैं उसे बड़ी मुश्किल से बिस्तर पे लेकर आया और समझाया- कोई बात नहीं अगर मेरा नहीं निकला तो.
मैंने उससे पूछा कि उसे मज़ा आया या नहीं तो बोली- ऐसा कभी किसी के साथ नहीं आया.
और फिर थोड़ा सॉरी बोलते हुए बोली- मेरी चूत अब टाइट नहीं है बच्चा होने के बाद और इसी वजह से तुम्हें मज़ा नहीं आ रहा और तुम झड़ नहीं रहे.
मैंने उसे समझाया कि उसका चूत का पानी मेरे लंड को बहुत मीठा और तीखा लगा और इसने तो बहुत एन्जॉय किया. मेरा स्टैमिना थोड़ा ज्यादा है.

फिर हम थोड़ी देर लेटे और उसके बाद मैं अपने रूम चला गया.

शाम पांच बजे वो फिर रूम पे आयी एकदम क़यामत बन कर और फिर अच्छे से शाम आठ बजे तक चुदती रही. इस बार मैं दो बार झडा लेकिन मुझे नीचे टॉवल लगाना पड़ा. उसका पानी बहुत ज्यादा आता था.

नौ बजे तक बाकी सब लोग आ गए और पूछने लगे कि हमने क्या किया.

फिर अगले दिन मैंने उसे फिर चोदा वो भी उसके रूम में, जब उसकी फ्लैटमेट दूसरे रूम में अपने पति से बात कर रही थी.

[email protected]