रईसजादी ने घर बुलाकर चुदाई करवाई

नमस्ते दोस्तों. मैं सोनीपत हरियाणा का रहने वाला हूँ. मैं अपनी सच्ची कहानी बताने के लिए आप सबको अपने नाम बदलकर यह कहानी लिख रहा हूँ. मेरा नाम गोल्डी (बदला हुआ) है, मैं सोनीपत हरियाणा का रहने वाला हूँ.

मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ … कद 6 फुट 2 इंच का है और 22 साल का मस्त लड़का हूँ. मुझे जिम जाने का बहुत शौक था, तो मैंने जिम जाना शुरू कर दिया. काफी मेहनत के बाद आज मैं एक अच्छे शरीर का मालिक बन गया हूँ. मेरे छोटू का साइज़ 8 इन्च है.

कम उम्र में इस बॉडी की वजह से मुझे इवेंट मिलने स्टार्ट हो गए. पिछले एक साल से मैं इवेंट कर रहा हूँ. इवेंट मतलब ये है कि जहां भी बाउंसरों की जरूरत होती है, वहां हम जैसे बॉडी वाले लम्बे तगड़े पहलवानों को बुलाया जाता है. इसे इवेंट इसलिए कहा है क्योंकि इसमें काम करने की कोई एक निश्चित जगह नहीं होती है. कभी कहीं जाना पड़ता है, कभी कहीं.

ये बात ज्यादा पुरानी नहीं है. कोई 5 महीने पहले मुझे एक इवेंट में काम करने का मौका मिला. जो हरियाणा में था. वहां एक सिंगर का प्रोग्राम होना था. उस कार्यक्रम की सिक्योरिटी के लिए 4 बाउंसर बुलाए गए थे.

मैं और मेरे 3 साथी वहां गए, सिक्योरिटी ऑफिसर ने हमें काम समझा दिया. प्रोग्राम रात का था, इसलिए करीब 9 बजे मैं वहां गया. उधर की देख रेख करने वालों ने हम चारों को डिनर करवाया. कोई 10 बजे सिंगर आ गया था.

अब हमारा काम मुख्य दरवाजे पर खड़ी भीड़ को हटाना था और सिंगर की कार के लिए रास्ता बनाना था.

जब हम चारों भीड़ को हटा रहे थे, तब मेरा हाथ एक लड़की की छाती पर गलती से लग गया. इस पर वो लड़की भड़क गयी और कुछ कुछ कहने लगी.

बंदी को बड़ी मुश्किल से मैंने समझाया कि मैडम गलती से हाथ लग गया है, आप नाराज ना हों.
मैं उसे बड़े ढंग से इसलिए समझा रहा था क्योंकि सिक्योरिटी ऑफिसर ने हमें समझाया था कि किसी पर हाथ मत उठाना. ख़ास तौर से किसी भी लड़की को गलती से भी मत छूना … क्योंकि यहां अमीर घरों की बिग्ड़ी औलादें आने वाली हैं. इसलिए मैंने वहां नरमी बरती और चुपचाप अपने काम पर लगा रहा.

कुछ देर बाद फिर वही कहानी होना थी. अब हमें सिंगर को कार से उतारना था. उधर फिर से भीड़ इकठ्ठा हो गई. मुझे वहां फिर से वही लड़की दिखी तो मैंने धीरे से उसे बोल दिया कि मैडम आप जरा दूर रहो.

उसने मुझे घूर कर देखा, लेकिन मैंने उससे कुछ नहीं कहा.

खैर उसके बाद हमने सिंगर को स्टेज पर छोड़ा और अपना आगे का काम करने लगे. मेरी ड्यूटी स्टेज के आगे थी और वहां पर सिर्फ स्टाफ को भेजा जा सकता था. उन सभी को पास दिए गए थे. इसलिए केवल स्टाफ पास वाले ही अन्दर आ रहे थे. कहीं कोई अन्दर ना कूद जाए इसलिए मैं इधर उधर घूम रहा था.

तभी मुझे मेरे कंधे पर किसी ने जोर से दोहत्तड़ मारा. जैसे ही मैंने देखा, तो मुझे कोई ऐसा नहीं दिखा, जिस पर मैं शक कर सकूँ.

तभी मेरा दोस्त आया और मुझसे बोला कि यार तू गेट पर चला जा … मैं इधर सम्भाल लेता हूँ. उसकी बात सुनकर मैं एन्ट्री गेट पर चला गया और पास चैक करके स्टाफ को अन्दर भेजने लगा.

तभी वो ही लड़की उधर आयी और बिना पास चैक कराए अन्दर आने लगी.

मैंने उससे पास मांगा, तो वो बोली- नहीं है.
मैंने उसे रोका, तो वो बोली- प्लीज मुझे जाने दो.

मुझे उस पर तरस आ गया.

तरस आता भी क्यों नहीं … वो थी ही गजब की माल … उसका साइज़ तो पता नहीं … क्योंकि मुझे आंखों से साइज़ मापना नहीं आता, पर उसकी मोटी गांड और मोटी चुचियां दिखने में बड़ी जबरदस्त थीं. मैं मन ही मन सोच रहा था कि काश मुझे भी कोई ऐसी खूबसूरत लड़की मिल जाए, तो मजा आ जाए.

करीब एक बजे प्रोग्राम खत्म हुआ और सिंगर वहां से निकल गया.
पर वो लड़की उसके पीछे पागल थी. वो उसके पीछे पीछे जाने लगी.

चूंकि हमें 1500-1500 रुपये की पेमेंट मिल गई थी और हमें घर जाने को बोल दिया गया था.

मैंने अपने दोस्तों को बाय बोला और पार्किंग से अपनी गाड़ी लेने चला गया. प्रोग्राम मेरे घर से ज्यादा दूर नहीं था, तो मैं कार लेकर गया था.

जब मैंने गाड़ी वहां से निकाली, तो बाहर वही लड़की खड़ी थी. उसे देख कर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे. मैंने उसके पास जाकर अपनी गाड़ी रोक दी और उससे लिफ्ट देने के लिए में पूछा.

क्योंकि रात काफी हो चुकी थी. इस वक्त टाईम भी 2 बजे के करीब हो गया था.

वो बोली- नहीं … मेरी गाड़ी आने वाली है.
मैंने कहा- अच्छा अब समझा कि आप मेरी छोटी गाड़ी की वजह से नहीं बैठ रही हो.
मेरी ये बात सुनकर वो झट से अन्दर बैठ गई और बोली- ऐसा कुछ नहीं है.
उसके अन्दर बैठते ही मैंने गाड़ी बढ़ा दी.

आगे दारू के ठेके पर उसने मुझे कार रोकने के लिए कहा. मैंने कार रोकी, तो वो झट से उतर कर वहां से 4 बोतल बियर की ले आयी और कार में बैठ गई.

मैं उसे मुँह बाये देख रहा था. पर अमीरजादी समझ कर मैंने उससे कुछ नहीं कहा.
वो कार में बैठते ही बोली- अब चलो.

उसने एक बोतल मुझे दी और एक खुद पीने लगी.

दो चार घूंट लगाने के बाद उसने मुझसे मेरा नाम पूछा और अपना नाम प्रीति बताया. उसने मुझे बताया कि वह डीएलएफ के फ्लैट में रहती है. वैसे वो पंजाब की रहने वाली है और यहां पढ़ने के लिए आयी है.

मैंने अपने पहले के व्यवहार के लिए उससे माफी मांगी. उसने माफी का कारण पूछा, तो मैंने बोला कि मैंने आपकी छाती पर हाथ लगा दिया था.
उसने कहा- कोई नहीं यार … होता है.
फिर उसने भी सॉरी बोला और बताया कि मैंने ही तुम्हें कंधे पर दोहत्तड़ मारा था इसलिए मुझे भी सॉरी बोलना चाहिए.

अब मेरी समझ में आया कि चक्कर क्या था.

फिर बोली कि तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना?
तो मैंने कहा कि नहीं … वैसे भी इतनी खूबसूरत लड़की से मार खाने में भी मजा आता है.
इस पर वो हंसने लगी और बोली कि खूबसूरत और मैं …

ये कहते हुए उसने अपनी पूरी बोतल खत्म की और दूसरी बोतल भी पीने लगी. एक दो मिनट तक वो मुझसे कुछ नहीं बोली, बस अपनी बियर पीने में लगी रही. पूरी बोतल खत्म करने के बाद वो रोने लगी और बोली कि मुझे घर तक छोड़ दो.

मैंने उससे रोने का कारण पूछा, तो उसने नहीं बताया.

फिर 5 मिनट में हम दोनों उसकी बिल्डिंग के पास आ गए. वो उतर कर जाने को हुई. फिर जैसे ही मैं वापिस गाड़ी घुमाने लगा, तो उसने मुझे आवाज दे कर रोका.

मैंने उससे पूछा कि हां बताओ क्या बात है?
वो बोली- रात काफी हो गई है, इधर ही रुक जाओ, सुबह चले जाना.

ये सुनकर मेरे मन के अन्दर लड्डू फूटने लगे. मैंने फिर भी उससे कहा कि नहीं मुझे रात से कोई फर्क नहीं पड़ता है, मैं चला जाऊंगा. मेरा घर यहाँ से 30 मिनट की दूरी पर ही है.
वो बोली- टाईम तो देखो.
मैंने देखा तो 3 बजकर 15 मिनट हो चुके थे.
वो बोली- आ जा चुपचाप … ज्यादा नखरे मत कर.

उसकी इस बिंदास भाषा पर मैं हंस दिया और उसके साथ चला गया.

उसके फ्लैट में अन्दर जाकर उसने मुझे बैठने को कहा और अपनी आखिरी बोतल से दो पैग बना कर एक मेरी तरफ बढ़ा दिया. हम दोनों ने जा टकरा कर बियर पी ली.

अब उसने मुझसे सोने के लिए कहा और मैंने भी गुड नाइट बोल दी. मैं दूसरे बिस्तर पर जाकर लेट गया.

उसने कमरे की लाईट बन्द कर दी. करीब दस मिनट बाद कमरे में रोने की आवाज आयी, तो मैंने पूछा कि प्रीति क्यों रो रही हो?
मेरी आवाज सुनकर वो चुप हो गई और बोली- कुछ नहीं … सो जाओ.

तो मैंने उठकर लाईट ऑन की और उसके पास जाकर बैठ गया.
मैंने उससे कहा- यार, अब हम दोस्त हैं … साथ में दारू पी है, तुम मुझे बता सकती हो.

मेरी बात खत्म होने के एक पल बाद ही उसने मुझे झट से गले लगा लिया.

अब तक मेरे मन में उसकी जवानी के लिए वासना तो थी, पर इस वक्त उसके गले लगने से मेरे मन में कुछ नहीं आया था. मैं सिर्फ उसके साथ भर से ही खुश था.
तभी उसने बताया कि मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने मुझे छोड़ दिया है.
ये कहते हुए उसने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया. जब तक मैं कुछ समझ पाता, उसने एक हाथ से मेरी बेल्ट खोल दी और पेंट से लंड बाहर निकाल कर लंड हाथ से हिलाने लगी.

मैं उसके हाथ में अपना लंड महसूस करते ही एकदम से गनगना गया और उसके स्पर्श का मजा लेने लगा. मैं इतना अधिक उत्तेजित हो चुका था कि बस 3-4 मिनट में ही मैं झड़ गया.

फिर उसने अपने कपड़े उतार कर मुझे भी नंगा कर दिया. उसके नंगे जिस्म को देखकर मैं दंग रह गया. एकदम गोल गोरे चुचे … उन पर भूरे रंग के कड़क निप्पल … मेरा लंड फिर से तुनकी मारने लगा.

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा. वो मस्त हो गई और म्वेरे सर पर हाथ रख कर मुझे अपना दूध चुसवाने लगी. मैं जोर जोर से चूची की चुसाई कर रहा था और वो मेरे बाल पकड़ कर और ज्यादा दबाव बना रही थी.

उसके मुँह से अजीब अजीब सी आवाजें निकल रही थीं- आह आह हाय रब्बा और जोर से.

तभी मैंने अपनी उंगली उसकी चुत पर रखी, तो देखा कि उसकी चुत बिल्कुल गीली हो चुकी थी. फिर उसने मेरे नीचे बैठते हुए मेरा लंड मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी. उसके लंड चूसने से 2 ही मिनट में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
वो बोली- अब चोद दे यार … बड़ी भूखी हूँ मैं.

मैंने उसे बेड पर धकेला और उसकी टांगों को फैला कर चूत की फांकों में अपने लंड को सैट कर दिया.
उसने मेरी तरफ एक लम्बी सिसकारी भरते हुए कहा- ओह्ह … लंड इज सो हॉट..

मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रखकर जोरदार धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड चुत के भीतर घुस गया.

उसकी गांड फट गई और वो झटपटाने लगी. उसने दर्द की अधिकता से मेरे हाथ पर काट लिया. मैंने उसकी पीड़ा को समझ गया और कुछ देर ऐसे ही रुका रहा.

थोड़ी देर बाद वो गांड हिलाने लगी, तो मैंने एक और झटका मारा और पूरा लंड चूत की जड़ तक घुसा दिया. इस बार मैंने उसकी तकलीफ पर ध्यान नहीं दिया और लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

वो अपने नाखूनों से मेरे बदन पर घाव बना रही थी और चिल्ला रही थी. उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे.

कोई 15 मिनट की चुदाई में ना ही वो झड़ी … और ना ही मैं … क्योंकि हमने दारू पी थी.
उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो झट से घोड़ी बन गई.

पर जैसे ही मैंने लंड गांड पर सैट किया वो गांड हिलाते हुए बोली- उधर नहीं प्लीज़..

मैंने उसकी बात मान ली और लंड को सरका कर फिर से चुत में लगा दिया. उसने भी गांड मटका कर चूत पर लंड लिया और इशारा सा दिया. मैंने झट से लंड चूत में डाल दिया और उसकी कमर पकड़ कर चुदाई करने लगा. वो मस्त हो गई और अपनी गांड पीछे धकेलते हुए मेरे धक्कों का जबाव देने लगी.

करीब 7-8 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और वहीं नंगे ही गिर कर सो गए.

सुबह मेरी आंख खुली, तो देखा कि 8 बज चुके थे. मेरे फोन पर घर वालों की 8 मिस कॉल पड़ी थीं.

मैंने घर फोन किया और बताया कि मैं दोस्त के घर रुक गया था … एक घन्टे में आ जाऊंगा.

तभी पीछे से प्रीति ने मुझे पकड़ लिया और मेरी कमर पर किस करने लगी.

उसके बाद हमने दोबारा चुदाई चालू कर दी. एक घंटे में मैंने प्रीति के साथ 3 बार दमदार चुदाई की और अपने कपड़े पहन कर जाने को रेडी हो गया.

उसने मुझे किस किया और अपना नम्बर मुझे दिया. हम दोनों ने आपस में फोन नंबर बदल लिए.

इसके बाद मैं अपने घर चला गया. उसके बाद हम दोनों महीने में 2-3 बार मिल लेते हैं और जमकर चुदाई करते हैं.

अभी एग्ज़ाम के बाद वो अपने घर चली गई है. उसके फोन से मुझे मालूम हुआ कि उसके घरवालों ने उसकी शादी फिक्स कर दी है.

उसके बाद मैं अकेला हो गया हूँ और उन दिनों को याद करके बस खुश रहने का प्रयास करता हूँ.

यह बिल्कुल सच्ची सेक्स कहानी थी, मुझे मेल करके जरूर बताना कि आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.
[email protected]
धन्यवाद.