पत्नी की विधवा सहेली की अन्तर्वासना

नमस्कार दोस्तों, आपके लिये मैं मेरे जीवन की सच्ची सेक्स कहानी यहां पर लिख रहा हूँ. मुझे उम्मीद है कि आप सबको पसंद आएगी. आपको मेरी ट्रू सेक्स स्टोरी पसंद आई या नहीं, कमेंट ज़रूर करना.

मेरी यह कहानी आज से चार महीने पहले की है. मेरी पत्नी और उसकी सहेली क़िसी धार्मिक प्रोग्राम में बाहर घूमने जा रही थीं. उनका ट्रेन का टिकट हो गया था. अचानक उनकी एक सहेली का भी जाने का मन हुआ, तो उसने मेरी पत्नी से कहा कि आप अपने पति से कह कर मेरी भी अर्जेंट टिकट करवा दें.

तो मैंने झट से तत्काल कोटे में उसकी टिकट भी बुक करवा दी.
उसने मुझे फोन करके बहुत थैंक्स कहा. मैंने कहा- ये तो मेरा फ़र्ज़ था.
उसका फोन आया तो इसके बाद मैंने उसका नंबर सेव कर लिया और जब वो सब दर्शन करके वापस आए, तो मैंने उसके नम्बर पर उसे बधाई भेजी.
उसने धन्यवाद दिया.

मेरी पत्नी की उस सहेली का नाम प्रिया था. डीपी में ही मैंने उसका फोटो देखा था. मुझे उसका फोटो देखते ही उसका चेहरा क़िसी एक्ट्रेस का लगा. गोल गोल हिरनी जैसी आंखें, भरे भरे गाल, सुडौल नाक, रसीले होंठ तो आह … मानो संतरे की फांकों जैसे रसीले होंठ हों. ओह भगवान … उसके दांत एकदम मोती जैसे चमकते हुए.
सच दोस्तो, उसकी मासूम कातिलाना मुस्कान वाली पिक देखकर ही मैं पागल हो गया.

अब मैं धीरे धीरे उसे मैसेज करने लगा, धार्मिक सद्विचार और गुड मॉर्निंग के संदेश भेजता, तो वो भी मुझे रिप्लाई देती. फिर मैंने एक दो भजन के वीडियो गाने भी भेजे, तो वो बहुत खुश हुई. इसी के साथ कुछ पुराने फ़िल्मी गाने भी भेजे तब भी उसका अच्छा रिस्पोंस ही रहा.
वो लेकिन बहुत शर्मीली थी, वो बस जवाब हां या ना में देती.

एक दिन मैंने हिम्मत करके बोल दिया आप दोस्ती के काबिल हो.
तो बोली- मैं ऐसी वैसी लेडी नहीं हूँ.

दोस्तो, जो उसने जवाब दिया, सच में मेरी आंखों में आंसू आ गए. वो बोली- मैं विधवा हूँ.
उसकी इस बात से मुझे काटो तो खून नहीं था.

खैर अब मेरे दिल में उसके लिए ज़्यादा इज़्ज़त बढ़ गई. धीरे धीरे उसकी दुखती नस पर हाथ रखा कि आप बहुत महान हो, अच्छी हो, सुशील हो, आपके साथ भगवान ने अन्याय किया है. ऐसी बातें करके अगर और कोई होती, तो अब तक सब कर ली होती.
उससे बात करके मुझको लगा कि ये मेरी बातें पसंद करने लगी है.

फिर अचानक उसका बाहर जाना हुआ, तो वो मुझसे टिकट के लिए बोली.
मैंने कहा- ठीक है, आप ऑफिस पर आ जाओ, मैं हाथ के हाथ टिकट करवा देता हूँ.
वो शाम को ससुर के साथ आई.

दोस्तो, पहली बार मैंने उससे रूबरू देखा तो बस मैं उसे देखता ही रहा. दो मिनट तक इतनी गोरी लंबी सी सलवार सूट में कयामत थी. सुराहीदार गर्दन, बूब्स बड़े बड़े करीब 38 साइज़ के एकदम गोल मटोल मम्मे. बिल्कुल फिट और टाइट चूचे. सूनी मांग, लंबे बाल, नितंब तो ओफ्फ़ … बड़े बड़े … और सुडौल एकदम टाइट और उठे हुए थे. उसके मुस्कराने पे सफेद मोती जैसे दांत. बस यूं समझो कि उसने पहली बार में ही मुझे घायल कर दिया.
खैर मैंने टिकट करवा दी, पैसे की ना करने पर भी दे गयी.

उस रात मैं सो ही नहीं पाया. बस आंखों में, दिमाग़ में उसका सेक्सी बदन ही घूमता रहा. बड़े बड़े गोल गोल बूब्स, गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ, चिकनी गर्दन, सुडौल नितंब चलते चलते बारी बारी से दोनों हिलते थे. उसकी सुन्दरता को सोचते सोचते कब नींद आ गयी, पता ही नहीं चला.

जब वो बाहर से वापस आई, तो उसने थैंक्स का मैसेज भेजा.
मैंने कहा- वेलकम.
फिर मैंने फोन लगा के उससे डरते हुए कहा- एक बात पूछना चाहता हूँ प्रिया?
प्रिया- बोलो न.
मैं- बिना पति के अकेले ज़िंदगी कैसे काट लेती हो?
प्रिया- मत पूछो … बहुत कठिन है, जालिम ज़माना है, जहां जाती हूँ, भूखे भेड़िए की तरह हर आदमी बस घूरता रहता है.
मैं- सच प्रिया … जवानी में आपके साथ बहुत बुरा हुआ, इतनी अच्छी सुशील लेडी के साथ ये सब नहीं होना चाहिए.
प्रिया ने रोते हुए कहा- क्या करूँ!

वो बहुत देर तक रोई, फिर बोली- छोड़ो इन बातों को, मेरी वजह से आप लोग क्यों परेशान होते हो.
मैं- प्रिया, मैं इंसान हूँ … जानवर नहीं हूँ … मैं आपका दर्द समझता हूँ.
प्रिया- अब तो दो बेटे और ससुर ही हैं … उनके साथ ही अपना जीवन काट रही हूँ.
मैं- थैंक्स आपने अपना दुख मेरे साथ शेयर किया. मैं चाहता हूँ कि आप मुझसे एक प्रॉमिस भी करो.
प्रिया- बोलो.
मैं- जब भी उदास हो, मुझसे अपना दुःख शेयर करोगी? एक सच्चा दोस्त होने के नाते अपना दुख साझा कर सकती हो?
प्रिया- ओके ओके … ज़रूर आप बहुत अच्छे इंसान हो.

बस दोस्तो, अब हमारी दोस्ती पक्की हो गयी. अब मैं रोज़ प्रिया को मैसेज करता और वो रिप्लाई देती.

एक दिन मेरी पत्नी बाहर गई, तो मैंने प्रिया को रात को करीब दस बजे फोन किया. उसने फोन उठाया.
मैंने कहा- कहां हो?
वो बोली- अपने रूम में अकेली हूँ, पति की याद आ रही है.
इतना बोल कर वो रो पड़ी.

मैंने उसे बातों में लगाया और रोना बंद कराया. सच में उस दिन हम दोनों ने रात को साढ़े तीन बजे तक बातें कीं.

प्रिया ने सब अपनी बीती बताई, मैंने कहा- अब आज से रोना बंद … आपको खुश रखना मेरी ड्यूटी है.
वो हंस कर बोली- फिर आपको कोई प्राब्लम तो नहीं होगी.
मैंने प्रिया से कहा- मुझे कोई तकलीफ़ नहीं होगी. आपकी जैसी नेक इंसान को रास्ता दिखाकर मुझे पुण्य लाभ ही मिलेगा.

तब उसको मुझपे विश्वास हुआ और हम रोज़ देर रात तक बातें करने लगे. मैं उससे बात करते समय अपनी बीवी से अलग दूसरे कमरे में आ जाता था. ऐसे करते करते वक़्त कैसे निकला, पता ही नहीं चला. हम दोनों कब प्यार करने लगे, एक दूसरे को इसका आभास तक नहीं हुआ.

एक दिन मैंने प्रिया से कहा- आपको देखना है, मैं आपको बहुत मिस कर रहा हूँ.
वो भी बोली- हां मैं भी आपको मिस कर रही हूँ.

इस तरह करीब दो महीने की बातचीत के बाद पहली बार में प्रिया के घर पे गया. उस वक्त वो घर पे अकेली थी. मैंने डोर बेल बजाई. उसने हल्की मुस्कराहट और थोड़े डर के साथ डोर खोला.

क्योंकि पराए मर्द से वो तीन साल बाद मिल रही थी. मैं अन्दर हॉल में गया. उसने मुझे कुर्सी दी और खुद सामने सोफे पर बैठ गई.

शाम का टाइम था, उसके सर पे डर के मारे पसीना था. मैं उसे देखता रह गया. वो पांच फुट आठ इंच लंबी, गोल चेहरा, चमकीले भरे भरे रसदार गाल, आइ ब्रो की तीखी कमान, तेज़ नशीली आंखें, नरम मुलायम होंठ मुझसे मिलते वक्त मानो कांप रहे थे.

वो ज़ल्दी से अन्दर गई. मेरे लिए पानी लाई. उसने ग्लास मेरे हाथ में दिया, तो मेरा हाथ उसके हाथ से टच हुआ.
कसम से पूरे बदन में करंट सा लग गया. उसने ज़ल्दी से हाथ हटाया. मैंने पानी पिया.

फिर प्रिया ज़ल्दी से चाय लाई. हम दोनों ने चाय पी, पर झिझक अभी भी शेष थी.

प्रिया बोली- चलो मैं आपको अपना घर दिखाऊं.
मैंने उसके साथ उसका घर देखा, पर मेरा ध्यान सिर्फ़ प्रिया पर था. लंबी सी ब्लू कलर की टाइट कुरती पहने थी, जिससे उसका पूरा भरा भरा फिगर दिख रहा था. उसका 38-34-42 का मदमस्त फिगर मेरे लंड को बेचैन कर रहा था.

वो गले में दुपट्टा डाले हुए थी, फिर भी उसके तने हुए चूचे इतने सुडौल और बड़े थे कि कुर्ती से बाहर निकलने को मज़बूर से दिख रहे थे.
अचानक वो झुकी तो उसकी चुनरी सरक गई … और मेरी नज़र तुरंत उसके उभारों पर पड़ी. उसने गहरे गले की कुरती पहनी थी … और टाइट ब्रा थी, फिर भी इतने बड़े बूब्स को ढक पाना मुश्किल था. उसके पूरे उभार उफान पर थे. मेरा तो लिंग कड़क होने लगा.

वो ज़ल्दी से उठी और चुन्नी ठीक की. ऐसा करते हुए मैंने उसका पूरा घर देखा. प्रिया अब भी पसीने से नहा रही थी. अंत में हम दोनों किचन में गए, तो मैंने एक ग्लास पानी भर के उसे दिया.
उसने शर्माते हुए गिलास थामा और पानी पिया.

फिर मैंने धीरे से उसके रेशमी लंबे बालों में अपना हाथ घुमाया और कहा- रिलेक्स रहो, डरो मत.
तो प्रिया रो पड़ी और उसके रसीले होंठ कांप रहे थे.

मैंने हिम्मत करके हल्का सा चुंबन उसके माथे पर किया.
ओफ्फ़ माय गॉड … उसका तप्त बदन मेरे अन्दर आग लगा गया.

फिर हम दूर हो गए. मैंने फिर से ऊपर से नीचे प्रिया को देखा. ब्लू कुरती और टाइट लैगैंग्स में, जिसमें उसकी चिकनी जांघें और सुडौल टांगें दिख रही थीं. उसके पैरों में खनकती पायलें कयामत बिखेर रही थीं.

हिम्मत करके मैंने फिर से प्रिया के सॉफ्ट बालों में हाथ घुमाया, तो उसकी नशे के मारे आंखें बंद हो गईं.
तब मैंने उसकी गोल लंबी आंखों पर एक हल्का सा चुंबन किया, तो वो सिहर उठी. उसकी अनापत्ति मेरी हिम्मत बढ़ा रही थी. हम दोनों के रोंगटे खड़े हो गए थे.

मैंने प्यार से प्रिया का सर अपने दोनों हाथों में लिया और चूमता रहा. प्रिया तो जैसे होश खो चुकी थी. वो इस वक्त बस मेरे हवाले थी.

वो अब भी शर्मा रही थी. मैंने धीरे से किस करना स्टार्ट किया. वो बस सिमटी जा रही थी. मैंने दूसरी आंख पर चूमा, फिर भरे भरे गालों को चूमा.

आहह … दोस्तो … नरम नरम गाल, फिर तो मैं रुका ही नहीं. उसकी गर्दन पर लंबा क़िस किया. वो सिहर उठी. प्रिया का पसीना अब गायब हो चुका था. उसकी जगह प्यार ने ले ली थी.

क्या बोलूँ … इतनी सॉफ्ट स्किन और टेस्टी थी कि बस मैं उसे चूमता चला गया.

अब प्रिया मेरी बांहों में थी. मैंने उसकी पीठ पर नरम नरम उंगलियां फिरानी शुरू कर दीं. फिर पहली बार प्रिया ने साथ दिया और अपनी नरम मुलायम बांहें मेरे गले में डाल कर मुझे सर पर किस किया. इसके बाद मेरे गालों पर, गर्दन पर चूमने लगी.

अब हम दोनों को पूरा नशा हो गया था. दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे से टकरा रही थीं. हम दोनों मदहोश हो रहे थे.

अब प्रिया भी धीरे धीरे खुलने लगी थी. वो मुझे किस पर किस करने लगी. किसी बच्चे की तरह मुझे चूमने लगी. उसकी सांसें तेज़ हो रही थीं. उसकी गर्म और सेक्स से भरपूर सांसें मुझे पागल बना रही थीं. मैंने अपने गर्म लब उसके पंखुड़ी जैसे सॉफ्ट और गर्म लबों पर टिका दिए.

प्रिया अब पूरी गर्म हो चुकी थी. ऊओ फफ्फ़ आअहह … उसका मुँह अजीब सी आवाजें निकालने लगा. मैं भी ‘आहहा ऊहह प्रिया..’ बोले जा रहा था.

मैंने उसके होंठ अपने होंठ पर लिए और चूसने लगा. वो तिलमिला उठी. थोड़ा सा मैंने होंठों को गीला किया और प्रिया के होंठों पर रगड़ने लगा. इससे प्रिया और भड़क गयी और उसने पूरे ज़ोर से मुझे भींच लिया. उसने अपने मुलायम होंठ और खोल दिए. वो आआहहाअ कराहने लगी.

पूरे तीन साल बाद उसको क़िसी मर्द ने छुआ था. मैंने मौका देखकर एक भरपूर चुंबन उसके कान की लौ पे जड़ दिया. वो उसका हॉट स्पॉट था. वो एकदम से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी. अब वो भी जोश में आ गई और मेरे पूरे चेहरे पर चुंबन की बारिश करने लगी.

मैंने मौका देखकर अपनी रसीली स्वीट जीभ उसके मुँह में डाल दी और थोड़ी सी सलाइवा अन्दर डाल दी. लोहे और लावा से गर्म लार पाकर प्रिया होश खोने लगी और ‘आआह … ऊऊओह … उफफफ्फ़ … में मर गई…’ कहने लगी. कब हम दोनों की जुबानें एक दूसरे को चूसने लगीं, इस बात का अहसास तक नहीं हुआ.

मैंने अब उसके मस्त गदराए बदन पर हाथ घुमाना शुरू किया. पीछे से कुरती के अन्दर हाथ डाल दिया. क्या बात थी लावा जैसा गर्म तपता मस्त सॉफ्ट बदन था. मेरी उंगली उसकी ब्रा पर गयी. मैं धीरे से उसकी पीठ को सहला रहा था. प्रिया अब मुझसे खुलने लगी, वो भी अपनी गर्म सॉफ्ट उंगलियां मेरी पीठ पर घुमाने लगी. मैं तो मानो पागल हो रहा था.

अब धीरे से मैंने अपने हाथ प्रिया की कुरती के अन्दर डाल दिए. ऊऊफफ्फ़ आअहह … क्या बोलूँ … सीधे उसके टाइट फिट नितंब पर जाकर मेरे हाथ टिक गए और मैं उसके नरम चूतड़ों को मसाज करने लगा. प्रिया ने भी मेरे जींस के अन्दर हाथ डाले और मेरे नितंब पर हाथ फिराने लगी. मैं उसके नितंब धीरे दबाने और सहलाने लगा. प्रिया बस मदहोश थी, उसकी आंखें बंद थीं. मैंने पूरी जीभ प्रिया के मुँह में डाल दी.

पहली बार प्रिया ने जीभ चूसने का स्वाद लिया. उसकी चिकनी टेस्टी जीभ को मैं भी चूसने लगा. मेरा कड़क लिंग अब उसके पेट पर महसूस हो रहा था. वो भी अपने पेट से ज़ोर लगाते हुए मेरे लिंग को दबा रही थी.

अब हम दोनों एक दूसरे का रस पीने लगे थे. नाग नागिन के जोड़े से लिपटे हुए हम दोनों एक दूसरे में समाने की जद्दोजहद में लगे थे. हम दोनों के कंठों से अजीब सी आवाजें निकलने लगी थीं.

फिर मैंने उसकी टाइट पेंटी के अन्दर पीछे से हाथ डाला. अब मुझे उसके गर्म फिट टाइट नितंब की चमड़ी का अहसास मिला. प्रिया ने भी ऐसे किया और उसने मेरी जींस में से मेरी निक्कर में हाथ डाल कर मेरे नितंबों को ज़ोर ज़ोर से मसलना चालू कर दिया.

दोस्तों इतना लिखते लिखते भी मेरा लिंग एकदम टाइट हो गया है. उम्मीद है कि ये सच्ची सेक्स कहानी पढ़ कर आपका लंड भी टाइट हो गया होगा.

अब मैंने जीभ चूसते हुए कपड़ों के बाहर से ही उसके बड़े और टाइट मम्मों को जो अड़तीस साइज़ के थे, पूरे जोर से दबाने लगा. वो मम्मों पर मेरा हाथ पाकर एकदम से मचल गयी. क्या बोलूँ मैं इतने उभारों वाले दूध बड़ा मज़ा दे रहे थे. मैंने कुरती के अन्दर हाथ डाल कर उसके मम्मों को दबाया.

अब तक प्रिया भी मेरी जीभ मस्ती से चूसने लगी थी.

मैंने धीरे से उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया और मम्मों को मसलने लगा. चूचों की त्वचा पर सीधे मेरे हाथ का सपर्श पाकर पहली बार प्रिया उछल सी पड़ी और कराहने लगी. उसने अपने कुरते के ऊपर से अपने हाथ मेरे हाथों के ऊपर रखे और ज़ोर ज़ोर से मम्मों को दबवाने लगी.

मैंने तुरंत ब्रा के अन्दर से उसके गुलाबी चूचुक को दबा लिया और धीरे से मसलने लगा. इतनी कड़क और छोटे से निप्पल थे कि क्या बताऊं बस मजा आ गया था. अब तक करीब तीस मिनट से हम दोनों फोरप्ले कर रहे थे. हम दोनों का बुरा हाल था.

मैंने उसकी कुरती ऊपर की, फिर ब्रा उपर की.
‘ऊहह आआहह…’ उसके सफेद दूध जैसे बड़े कड़क चूचे मेरे हाथों में थे. मैं जी भरके दबाए. उसका भी दिल से साथ था.

फिर मैंने उसके पिंक निप्पल को भी मुँह में भर लिया तो प्रिया तो आनन्द से चिल्ला उठी- उउउईई … उउईई … मर गई!
मैं रुका ही नहीं.

प्रिया ने मेरी टी-शर्ट निकाली. फिर बनियान निकाली. मैंने कुरती और ब्रा निकाल दिए. अब हम दोनों ऊपर से नंगे थे. उसके बड़े मम्मे आज़ाद थे. इसके बाद मैंने उसकी लेग्गिंग्स को भी उतार दी. प्रिया ने मेरी जींस निकाल दी.

अब हम दोनों सिर्फ़ पेंटी अंडरवीयर में बचे थे.
क्या कयामत सा बदन था. प्रिया का दूध से ज्यादा सफेद, चिकनी बगलें, साफ़ बेदाग़ बदन देख कर मेरा तो भेजा ही आउट हो गया.

मैंने उसकी एक बगल में किस किया तो मुझे एक सेक्सी स्मेल आई ‘ऊऊओह … उफफ्फ़..’ मैं अपनी जीभ से उसकी बगलों को चाटने लगा. उसने भी ऐसा ही किया. मैं तो मानो जन्नत में किसी हूर की बांहों में था.

मैं फिर से उसके निप्पल चूसने लगा थोड़ी सी लार लगा कर उसके निप्पलों को बार बार चूमता और जीभ से घुंडी को सहला कर चूसने लगता. इससे प्रिया मचल उठी और ‘ऊऊऊह..’ करने लगी. इसके बाद वो नीचे हो गयी और उसने मेरा अंडरवियर उतारा. फिर झट से मेरा लिंग अपने गर्म गर्म मुँह में भर लिया. मैं एकदम से हैरान हो गया कि इतनी ज़ल्दी कैसे मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
मगर क्या लज्जत थी … आआहह … बस दोस्तो … ये ज़न्नत की हूर थी.

प्रिया का गर्म टेस्टी मुँह और जीभ कमाल थे. वो पूरी मस्ती से मेरा लंड चूसने लगी. उसने एक कुल्फी की तरह उसने पूरा लंड मुँह में हलक तक ले लिया था. वो अपनी लार से भरकर लंड को चूसने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे लंड को किसी गर्म लावे की कढ़ाई में डाल दिया गया हो.

कुछ पल बाद मैं भी नीचे आया और प्रिया की पिंक कलर की ब्रांड न्यू सेक्सी पेंटी को धीरे से उतार दिया. ऊऊह … ओफ्फ़ … माय गॉड … एकदम चिकनी हेयरलैस लाल तरबूज़ की फाँकों की तरह और पूरी गीली चूत मेरे सामने थी. मैंने सीधे ही अपना मुँह उसकी मरमरी चूत पर लगा दिया और रसदार चूत का रस पीने लगा. वो टांगें फैला कर मेरे सर को अपनी चूत में दबाए जा रही थी.

ऊफ्फ़ कितना टेस्टी रस था … सच में दोस्तो, कभी ऐसी गुलाबी चूत को टेस्ट करना, फिर बोलना.

अब दोनों 69 में हो गए थे और एक दूसरे का आइटम चूसने लगे थे. हम दोनों को ही चूसते चूसते करीब बीस मिनट हो गए थे. सच में मुझे भरोसा ही नहीं हुआ जब प्रिया ने बिना किसी झिझक के मेरा वीर्य अपने मुँह में ले लिया था.
मैंने भी उसका पूरा रस पिया.

हम दोनों को खूब मज़ा आया और देर तक एक दूसरे को चूसते रहे. अब हम दोनों नीचे ज़मीन पर लेट गए थे. एक दूसरे से लिपटे हुए दोनों के बदन साँपों के मैथुन जैसे बिहेव कर रहे थे. हम दोनों एक दूसरे से काफी देर तक लिपटे पड़े रहे.

हम दोनों झड़ने के बाद कुछ थक से गए थे.

मैंने प्रिया से पूछा- कैसा लगा?
वो बोली- बहुत अच्छा … पहली बार आपने इतना मज़ा दिया.
यह कह कर प्रिया फिर से मेरा लिंग चूसने लगी. उसने अपनी गर्म नरम जीभ से लंड चूसते हुए ही पूरा साफ़ कर दिया. मैंने भी जीभ से चाट कर उसकी चूत साफ़ कर दी.

इस दुबारा की चाटने की क्रिया ने हम दोनों को फिर से गर्म कर दिया था.

अब प्रिया बोली- आप बहुत हॉट एंड सेक्सी हो. मेरी जैसी सेक्सी का आपने दो बार पानी छुड़ा दिया … अब आप मेरे हो गए हो, मैं कभी ना रोऊं … आपने ऐसा कर दिया है. आप भले ही मुझे छह महीने बाद मिलो, पर मैं अपने गम भूल के अब खुश रहने की कोशिश करूँगी.

इसके बाद हम दोनों ने चुदाई का मजा लिया और बार बार लिया. ये सब लिखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि चुदाई की कहानी का तो भंडार आपके हाथ में है. आप अन्तर्वासना की रसभरी चुदाई की कहानी पढ़ कर मेरी और प्रिया की चुदाई का मजा ले सकते हो.

दोस्तो, यह थी मेरी ज़िंदगी की एक रियल सेक्स कहानी. आपसे निवेदन है कि प्लीज़ आप कमेंट ज़रूर करें. कुछ कमी रह गई हो, तो भी बताएं.
मेरी ईमेल आइडी है hareshwelspun@gmail.com