पटाखा सी गर्लफ्रेंड की कुंवारी सील तोड़ी

नमस्कार अन्तर्वासना प्रेमियों! मैं शिवा 21 साल का एक नौजवान हूँ. मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ।
यह चुदाई की कहानी 2 साल पहले की है.. उस वक्त मैं मुंबई में पढ़ाई करता था।

एक दिन मेरी मुलाकात अंजलि से हुई। मैंने जब उसे देखा तो देखता ही रह गया.. क्या मस्त माल लग रही थी। अंजली का दूध सा गोरा रंग.. लगभग 5 फिट 2 इंच की लंबाई। उसका मदमस्त फिगर 34-28-36 का और उम्र 18 साल की बाली उम्र.. वो एकदम सेक्सी पटाखा लग रही थी।

मैंने धीरे-धीरे उससे दोस्ती बढ़ानी चालू की और एक दिन मैंने मौका पाकर अंजलि से ‘आई लव यू’ कह दिया। उसने भी ‘आई लव यू’ बोल दिया।

इस तरह हमारी मुलाक़तें बढ़ गईं। कभी मैं उसका हाथ पकड़ता था.. तो कभी हाथ चूम लेता था.. तो कभी-कभी उसे किस कर लेता था पर उसके आगे कुछ नहीं हुआ।

एक बार मैंने उसे अपने कमरे पर बुलाया। वो आई.. उस दिन उसने जींस पेंट और टी- शर्ट पहनी हुई थी। क्या मस्त लग रही थी.. टी-शर्ट में से उसके बड़े-बड़े उभरे हुए चूचे, कसी हुई जींस में गांड पीछे से फूली हुई देख कर मेरा मन तो बावला हो गया।

मैंने कहा- क्या बात है अंजलि.. आज बहुत सेक्सी लग रही हो।
वो शर्मा गई.. मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और लिप किस करने लगा।
वो मना कर रही थी.. पर मैं नहीं माना और किस करते-करते टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा।

उसे भी अब मजा आ रहा था.. वो मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार फेंका और ब्रा भी उतार दी। फिर उसको बिस्तर पर लिटा के उसके चूचे चूसने लगा।
सच में क्या रसीले चूचे थे.. एकदम कड़क.. मुझे उसके मम्मों को दबाने और चूसने में बहुत मजा आ रहा था, वो मेरे बालों में अपनी उंगलियां फिराने लगी।

कोई 5 मिनट तक मम्मों को चूसने के बाद मैंने उसका जींस पेंट भी उतार दिया। अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी। मैं उसके एक चूचे को चूस रहा था और दूसरे को एक हाथ से जोर-जोर से दबाने में लगा था। साथ ही मैंने एक हाथ उसकी पेंटी में डालकर उसकी चुत को सहलाने लगा।

वो मुँह से सिसकारियां निकाल रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी पेंटी भी उतार थी और खुद भी नंगा हो गया। मैंने उसकी चुत को देखा.. अह.. क्या मस्त चुत थी, एकदम गुलाबी चिकनी चुत.. उस पर झांट का एक बाल भी नहीं था।
यह देखकर मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था और नाग की तरह फुंफकार रहा था।

मैंने उसको लंड मुँह में लेने को बोला.. तो अंजलि ने मना कर दिया। पर वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी।
मैंने उसको लिप किस करना स्टार्ट किया.. साथ ही उसके मम्मों को भी दबा रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चुत को चाटना चालू किया। उसकी चुत के मटर जैसे दाने को दांत से हल्का सा काटता.. तो वो उछल पड़ती थी। उसकी सिसकारियां लगातार बढ़ रही थीं और वो मेरे सर को अपनी चुत पर दबा रही थी।

मैं जोर-जोर से उसकी चुत को चाटने लगा। बाद में मैंने चुत से मुँह हटा लिया और हाथ चुत को रगड़ना और सहलाना चालू किया.. तथा अपनी एक उंगली उसकी चुत में घुसेड़ डाली।

वो एकदम से उछल पड़ी.. और जोर-जोर से लंड को सहलाने लगी। वो अपने मुँह से मादक सिसकारियाँ भर रही थी। उसकी चुत पूरी गीली हो चुकी थी और मेरा लंड भी फूल कर लंबा और मोटा हो चुका था।

मैंने देर ना करते हुए.. उसको सीधा लिटाया.. और उसकी चुत पर लंड रगड़ने लगा। वो बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी.. और बोले जा रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… जानू, जल्दी से डाल दो।

उसकी अकुलाहट देख कर मैं उठ कर बैठ गया और उसके पैर फैलाकर लंड का सुपारा उसकी चुत पर लगा दिया। अब मैंने हल्का का सा धक्का मारा तो लंड का सुपारा अन्दर चला गया। मुझे लगा जैसे तपती भट्टी में लंड घुसा दिया हो।

वो डरे से स्वर में बोली- जान थोड़ा धीरे डालना.. ये मेरा पहली बार है।
मैंने कहा- ठीक है जानू तुम घबराना मत.. मैं प्यार से और आराम से तुम्हारी चुत की सील तोड़ दूँगा।
पर मुझे मालूम था कि धीरे डालूँगा तो लंड चुत में घुसेगा नहीं.. और वो दोबारा कभी मुझे चोदने नहीं देगी।

तो मैंने उसके पैर अपने कंधे पर लिए और किस करते-करते जोर का झटका दे मारा तो मेरा आधे से ज़्यादा लंड चुत में घुस गया और चुत की झिल्ली फट गई.. खून बहने लगा।
वो जोर से चिल्लाई- उई माँ मर गई.. प्लीज़ बाहर निकालो.. ओह.. बहुत दर्द हो रहा है।
वो बुक्का फाड़ कर रोने लगी।
मैंने कहा- बस हो गया जान..

यह कहकर मैं थोड़ा रुका और उसके चूचे दबाते हुए उसे किस करने लगा। थोड़ी देर बाद वो चुप हो गई.. तो मैं आधे लंड से ही उसे चोदने लगा। फिर वो भी मेरा साथ देने लगी।
उसकी आवाज़ निकल रही थी- ओह उह अहहहहा..

तो मैंने थोड़ा सा लंड बाहर निकाला और एक इतना करारा शॉट मारा कि मेरा पूरा लंड चुत में जड़ तक घुसता चला गया।
वो फिर से चीखी- मर गई माँ.. रहने दो मुझे नहीं चुदना..
पर उसकी परवाह किए बगैर मैं उसे चोदने लगा.. मेरा लंड दनादन अन्दर-बाहर हो रहा था।
वो मुँह से आवाज़ निकाले जा रही थी- आई उह.. ओह.. अऔच..

मेरा जोश बढ़ चुका था.. मैंने स्पीड भी बढ़ा दी। तभी उसकी चुत भी मचलने लगी और वो मुझे जोर से जकड़ कर बोलने लगी- अह.. और जोर से चोदो और जोर से चोदो.. मैं झड़ने वाली हूँ।
मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने जोर-जोर से धक्के मारना चालू किए और थोड़ी देर बाद मेरे वीर्य की पिचकारियां उसकी चुत में गिरने लगी और उसी वक़्त वो भी झड़ गई।

हमने एक-दूसरे को कस के पकड़ा हुआ था और कुछ पल की अकड़न के बाद हम दोनों एक-दूसरे किस करने लगे।

थोड़ी देर बाद मैं फिर से उसके चूचे दबाने लगा.. पर उसने मना किया और बोली- बहुत देर हो गई जानू मुझे घर जाना होगा.. दुबारा आऊंगी तो जी भर के चोद लेना।

वो उठी.. बाथरूम जाकर फ्रेश हुई, कपड़े पहने और चली गई।

मेरी ये हिंदी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. मुझे मेल करके ज़रूर बताएं।
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