परेशान सलहज को लंड की सहानभूति-2

नमस्कार पाठकों, मेरी कहानी
परेशान सलहज को लंड की सहानभूति-1
को आपने बहुत पसंद किया, आप सभी का दिल से आभार और प्यार!
अब आगे:
उस दिन इंदु ने बोला कि वो 3 दिन बाद रात को फोन करेगी. तो बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था उस दिन का … एक एक मिनट बहुत मुश्किल से कट रहा था।

इंतज़ार के बाद आखिर वो शुभ घड़ी भी आ गयी जिस का इंतज़ार था, उस दिन मैं उनके आंगन में था, इंदु बहुत ही हॉट दिख रही थी.
बात करते करते मैंने इंदु से कहा- आज का वादा तो याद है ना?
उसने कहा- जीजा जी, सब याद है, मैं रात को फोन करूँगी, जैसे ही आस पास सूना हो जायेगा, आप आ जाना. फोन करने के बाद मैं दरवाजा सटा के रखूंगी.
मैंने कहा- ठीक है.

इंदु अभी भी अकेली ही थी, दिल तो कर रहा था कि अभी ही चोद दूँ पर इंदु ने कहा- मेरी सास अभी इधर आसपास ही हैं, कुछ मत करो.
फिर भी मैं भाभी की दोनों चुचियों को मुट्ठी में भर में उन्हें किस करने लगा. वो मुझे जल्दी से हट जाने को बोली.
मैंने बस किस करके, बोबे दबा कर अपने दिल को तसल्ली दे ली उस टाइम और घर पर आकर आराम करने लगा.

शाम हुई और धीरे धीरे रात भी होने लगी. मैं भी जल्दी खाना पीना करके जल्दी से सोने चला गया. आज मैं दूसरे रूम में सोया था जिसका एक दरवाजा बाहर गली में खुलता था और एक अंदर ताकि रात को उठ के जाऊँ तो किसी को मालूम ना लगे।

रात हुई, करीब 11:30 बजे इंदु की कॉल आयी- आ जाओ, घर में कोई नहीं है,
मैंने बोला- ठीक है, आ रहा हूँ.
और मैं तुरंत बाहर वाला गेट खोल के इंदु के घर चला गया, जाते जाते मैं वो गिफ्ट ले गया जो इंदु रानी को देना था. दबे पाँव मैंने बाहर की कुंडी लगाई, और घर में जाते ही इंदु को जोर से अपने बांहों में भर लिया. इंदु भी मुझसे लिपट गयी जैसे किसी भूखे को रोटी मिल जाती हो।

मैंने अंदर के रूम की भी कुंडी बंद की और उनके बेड पर चला गया, बोला- इंदु जी, आपके लिए ये गिफ्ट!
उस गिफ्ट में एक बहुत सुन्दर साड़ी, एक पतली सी डोरी वाली सेक्सि पैंटी औए पार्दर्सि नाईटी थी. भाभी ने गिफ्ट देखा बहुत खुश हुई, बोली- मेरी तमन्ना थी ऐसी पैंटी पहनने की … आपने मेरी अंदर की बात जान ली.
मैं बोला- आप अब फटाफट नाईटी और पैंटी पहन के दिखाओ!

इंदु नाईटी और पैंटी पहन कर मेरे पास आयी.
उफ क्या कयामत लग रही थी, उसके मोटे मोटे उठे हुए चूचे, पैंटी से दिखते हुए उसके पाव रोटी की तरह प्यारी बालों वाली चुत … क्या नजारा था मैं बता नहीं सकता. ऐसा लग रहा था कि मैं कोई पोर्न हिरोइन को देख रहा हूँ.

इंदु मेरे पास आयी, मैं उसे लिप किस करने लगा और उसकी चुत में उंगली! चुत के आसपास ज्यादा बाल होने से बाल उंगली में फंस जाते जिससे इंदु को तकलीफ होती.
मैंने इंदु से बोला- भाभी जी, कहिये तो आपकी चुत के बाल बना दूँ?
इंदु ने कहा- मेरे पास अभी बाल साफ करने वाली क्रीम नहीं है.
मैंने पूछा- सेफ्टी रेजर तो होगा?

वो सेफ्टी रेजर ले आयी, मैं इंदु की पैंटी को उतार के बालों में क्रीम लगा कर झाग बनाने लगा. भाभी बिल्कुल नंगी मेरे सामने चुत किये लेटी हुई थी और मैं भाभी की झांटों में क्रीम लगा कर झाग बना रहा था. इंदु बीच बीच में मेरे लोड़े को पकड़ के दबा देती और मेरे आंड को भी दबा देती जिससे मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था.
मैं भाभी की चुत पर सेफ्टी रेजर लेकर बालो को साफ करने लगा. बीच बीच में मैं भाभी के चुत में उंगली कर देता और चुत के दाने को मसल देता जिससे भाभी मचल जाती.

कुछ ही देर में भाभी की चुत के बाल बिल्कुल साफ हो गये, चुत एकदम गुलाबी चमक रही थी जिसमें से पानी रिस रहा था.

फिर मैंने इंदु को पीछे होने को कहा. भाभी की गांड के आसपास भी कुछ बाल थे, मैंने उसे भी साफ किया और उंगली गांड में देने लगा. अब भाभी की गांड और चुत दोनों एकदम चमक रही थी.
चुत के बालों को साफ करने के बाद मैंने इंदु की चुत को जीभ लगा कर चाटना शुरू किया, चूत का नमकीन पानी बहुत टेस्टी लग रहा था. मैं चुत को मुहह हहह मुआहह हहह कर के चाटता जा रहा था और भाभी मेरे मुख में चुत सटाती जा रही थी. वो बहुत होट हो गयी थी और मेरे बालों को कस के पकड़ कर सीइईई सीयइई ईईहह हहह कर रही थी . पांच मिनट में ही भाभी की चुत ने मेरे मुख पर ही ढेर सारा पानी छोड़ दिया और शांत लेट गयी.
पर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था कब से तना तना झटके ले रहा था.

इंदु ने कहा- जीजाजी, मैं भी आप के लंड के बाल साफ कर दूँ? मजा आयेगा!
पर मेरा मूड नहीं था, मैंने मना किया तो वो बोली- करवा लीजिये, सारी रात मजे लेने को है.
इंदु ने मेरी झांटों में खूब झाग बनाया और रेजर से मेरी झांटों को साफ करने लगी. मेरा लंड अपने शवाब में झटके पे झटके मार रहा था. बीच बीच में भाभी मेरे लंड को अपने मुंह में भी लेकर चूसने लग जाती जिससे मुझे असीम आनंद की अनुभूति होती.

जब इंदु ने मेरे बालों को पूरा साफ कर दिया तो मुझे खड़ा करवा के खुद घुटनों में बल बैठ के मेरे मेरे लंड को लगी चूसने! अम्म्ह … महह … हहह चप चप … की आवाजों के साथ मुझे बहुत मजा आ रहा था. तब मैं बस सीइई … सीइईई … करते लंड चुसवाने का मजा ले रहा था.

काफी देर लंड तना होने के कारण वो भी भाभी की मस्त चुसाई के कारण आखिरी मोड़ पर आ गया. मैं भी जोर जोर से इंदु के मुँह में लंड पेलने लगा. मैं बोला- मेरे गिरने वाला है!
इंदु बोली- बाहर मत निकालना, मैंने पीना है.
तेज झटको के साथ मैंने इंदु भाभी में मुख में अपना गर्म गर्म वीर्य उम्म्ह… अहह… हय… याह… करते हुए छोड़ दिया. इंदु ने वीर्य के एक एक कतरे को पी लिया और मेरे लंड को बिल्कुल साफ कर दिया.

मैं और इंदु बेड पर आराम करने लगे। इंदु मेरे आंड को सहला रही थी और मैं भी इंदु के चूचों को हल्का हल्का सहला रहा था. इंदु मेरे लंड को भी खड़ा करने की कोशिश कर रही थी और मैं भी इंदु को फिर से गर्म करने में लगा था. इंदु धीरे धीरे गर्म होने लगी और मेरा लंड भी तन के खड़ा हो गया.

मैंने इंदु को बोला- भाभीजी आओ, मैं आपकी चुत चाटता हूँ, आप मेरा लंड चूसिये 69 की अवस्था में! बड़ा मजा आयेगा.
इंदु भाभी को मैंने अपने ऊपर कर लिया और खुद नीचे हो गया. इंदु मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी जैसे कोई छोटा बच्चा लोलिपोप चूसता है. वो मेरे लोड़े को पूरे लंड अपने मुंह में ले जाती और जोर जोर से चूसती और मेरे लंड पे दांत भी काट लेती. मेरे आंड को भी दबा देती जिससे मेरे मुंह से आह निकाल जाती.

इधर मैं भी इंदु की चुत को पूरे करीब से देख रहा था और चुत को जीभ से चाट रहा था. जब मैं उनके भगनासा को चाटता तो वो एकदम जोश से भर जाती और सीइईई आहह आहह हहह करने लगती.
इंदु की चुत एकदम चमक रही थी. मैं चुत में जीभ अंदर बाहर करता तो इंदु को बहुत मजा आता. वो अपनी चुत जोर से मेरे मुँह पे दबा देती और जोश में मेरे लंड को जोर से दांतों से काट लेती.
इंदु और मुझे दोनों को बहुत मजा आ रहा था।

अचानक इंदु ऊपर से उठ के मेरे मुँह पे आकर बैठ गयी और चुत को जोर जोर जोर से मुँह में रगड़ने लगी. मैं भी जोर जोर से इंदु की चुत को चूसता चाटता, उसमें उंगली डाल के अंदर बाहर करता.
इंदु पूरे जोश में भर गयी, आहहह हहह करने लगी, सिसकारियां लेने लगी- सीईईई आयी ईईइ जीजा जी, अब अंदर डाल दो अपना लंड आहहह … अब नहीं होता बर्दाश्त!
मैं बोला- मेरे लंड को और चूसो!
वो जल्दी से मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी, कभी कभी आंड को भी चूस लेती.

वो कहने लगी- जीजू, अब तो करो!
और खुद ही मेरे ऊपर आकर लंड पे बैठ गयी और एक हल्की से आहहह उनके मुंह से निकली. और वो धीरे धीरे लंड के ऊपर नीचे होकर चुदने लगी और आह आहहह उहहह उहह उफ उफफ करने लगी.

इंदु जब लंड के ऊपर नीचे होती उसकी 36 इंच की चुचियाँ हवा में उछल कर ऊपर नीचे होती जो मेरे जोश को और बढ़ा देती. मैं चूची को दोनों हाथों से जोर जोर से दबा देता. इंदु जोर जोर से लंड की सवारी कर रही थी, मैं भी नीचे से उसे जोर जोर से धक्के मार रहा था. और उसे कभी कभी अपने बदन के ऊपर दबा लेता जिससे वो पूरे नंगी मेरे साथ चिपक जाती. उसके चूचे मेरे सीने पे होते ही गर्मी और बढ़ जाती. मैं बीच बीच में चुची को मुंह से चूस लेता.

पर इंदु तो पूरे जोश से लगी थी अपनी चुत की गर्मी मिटाने में … इंदु पूरी काम की देवी लग रही थी.
मैंने इंदु को नीचे आने को बोला तो वह झट से नीचे आ गई. मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे पे रखा और एक ही झटके में उसकी चुत के अंदर लंड उतार दिया.
इंदु की चुत एकदम चमक रही थी चुत बिल्कुल गीली … मेरा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था पर फिर भी चुत में कसावट थी जो मुझे चोदते समय महसूस होता था. इंदु भी नीचे से कमर हिला हिला कर लंड को अंदर लेती और उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीइईई करती चुद रही थी.

भाभी जोर जोर से कमर हिलाने लगी और बोलने लगी- जोर से जीजा जी … जोर से आहहह … मेरा काम होने वाला है!
और इंदु ने अपने पैरों से मेरे कमर को जकड़ लिया. इंदु ‘आहहह आहह …’ करती हुए झर गयी और शिथिल पड़ गयी.

लेकिन मैं तो ऊपर से लगा हुआ हुआ था पूरी जोश से उसे पेलने में! मेरा लंड जब जोर जोर से भाभी की चुत के अंदर बाहर होता तो इंदु की चूचियाँ हिलती तो मुझे और अधिक आनंद आता. मैं उसे और जोर से चूस लेता, दबा देता. इंदु आहहह उह्म्म करती थी.

मैंने अब इंदु को डॉगी स्टायल में करने के लिए बोला. वो कुतिया बन गयी उसकी उभरी चुत और बाहर को आ गयी. मैंने उसकी कमर पकड़ के जोर से लंड अंदर पेल दिया और जोर जोर से चोदने लगा. बीच में कभी धीरे हो जाता तो कभी जोर से छोड़ने लगता.

मैंने इंदु को बोला- टेबल के पास चलो, वहाँ करता हूँ आपकी जोरदार चुदाई!
अब मैंने इंदु की एक टांग टेबल पर और एक नीचे करवा दी जिससे उसकी चुत खुल गयी और मैं अपना लंड भाभी की खुली चूत में डाल कर आगे पीछे करने लगा.

अब इंदु भाभी को भी पूरा मजा आ रहा था, वो भी फिर से गर्म हो गयी थी और मेरा साथ देने लगी. भाभी जोर जोर से सिसकारियाँ लेकर चुदवाने लगी आहहह हाहहह करती हुई!
भाभी बोलने लगी- अह जीजू … बहुत मजा आ रहा है … और चोदो … फाड़ दो इसे आज! आहह मजा बहुत आ रहा है!
जितना ज्यादा वो बोलती, उतना ही मेरे जोश बढ़ता जाता और मैं जोर जोर से, कस कर भाभी का चूत चोदन करने लग जाता.

कसम से बहुत होट थी इंदु भाभी … उसे मेरा साला कभी ऐसी चुदाई ही नहीं दे सका. उसने कभी भी इंदु की चुत नहीं चाटी. इंदु ने खुद मुझसे ऐसा बोला था.
मैं जब ज्यादा जोर से धक्का मारता तो इंदु टेबल पर गिर जाती.

मैंने इंदु को बोला- चलो अब बेड पर चलें, तुम्हें थकान हो गयी होगी.
इंदु और मैं बेड पर आ गये.

फिर बेड पर इंदु लेट गयी और उसने अपनी टांगों को ऊपर हवा में फैला दिया. मैं फिर से इंदु की चुत में लंड डाल कर उसकी चूचियों को पीते हुए उसे चोदने लगा. फच फच की आवाजों से कमरे का माहौल गर्म हो गया था. ऊपर से इंदु की सिसकारियां … बहुत मजा आ रहा था मुझे … मन ही नहीं कर रहा था कि इंदु की चुत से लंड निकालूं.
इंदु भी जोर जोर से कमर हिलाते हुए चुद रही रही थी.

अब मेरा भी लंड जवाब देने वाला था, मैंने भी जोर जोर से धक्के जारी रखे और आहह हहह उहहह हहह करते इंदु और मैं दोनों एक साथ ही झर गये. इंदु ने जोर से मुझे झप्पी डाल ली और हांफने लगी. मैं भी थक कर उसके ऊपर लेट गया.
थोड़ी देर बाद इंदु उठी, उसकी चुत से उसका और मेरा पानी नीचे उसकी जांघों पर नीचे बह रहा था. और अपने को और मुझे साफ किया.

फिर हम दोनों सो गये, रात को करीब 3 बजे जब मेरी नींद खुली तो मैंने महसूस किया कि इंदु मेरे लंड से खेल रही है.
बाद में मैंने इन्दु भाभी की गांड भी मारी. उसकी कहानी बाद में बताऊंगा. तब तक के लिए इजाजत दीजिये.
आपका अपना हैरी बावेजा.