पराये मर्द से अपनी बीबी को चुदवाया-3

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

लेकिन जब शेर के जबड़े में शिकार आ गया हो तो कभी भी बचता नहीं.
पूजा के लिए एक के बाद एक हमले बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो रहा था. एक तरफ मैं उसके दोनों हाथों को अपने एक हाथ से कस कर दबाये हुए था और दूसरे हाथ से अपने लन्ड को उसकी चूत में रगड़ रहा था. साथ ही मैं उसके गालों पे चुम्बनों को बारिश कर रहा था.

पूजा जवान थी, कमसिन थी और अभी अभी अपने पति से चुदते हुए स्खलित नहीं हुई थी लिहाजा इस समय उसके जिस्म की गर्मी भी बाहर निकलने को आतुर थी.

कुछ ही समय में पूजा ने अपनी कमर मेरी कमर के साथ हिलानी शुरू कर दी.
मैं समझ चुका था कि पूजा अब लंड को अपनी चूत में समा लेने के लिए तैयार है! तभी मैंने धीरे से लंड को चूत के द्वार पर रख के एक हल्का सा जोर लगाया.
पूजा ने आह … के साथ ही अपनी चिकनी टांगों को ढीला छोड़ दिया.
मैंने देर न करते हुए एक कड़क झटके में पूजा की चूत में लन्ड धकेल दिया.

‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ पूजा का मुंह खुला रह गया; उसने फुर्ती से मुझे अपने ऊपर से हटाने का असफल प्रयास किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
पूजा को शायद मेरे लंड का आकर का आभास न था.
पूजा- राज हटो, मेरे दर्द हो रहा है सश्सस आह …

मैं एक जिंदा लाश सा उसके जिस्म के ऊपर से तस से मस न हुआ. पूजा पूरी कोशिश करने के बाद खुद को असहाय देख चुप लेटी रही. मैंने एक बार फिर पूजा के दोनों हाथ कस लिये और कमर चलाने लगा.
कुछ ही पल में पूजा एक बार फिर आनन्द के सागर में डूबने लगी उसकी मादक सिसकारियाँ सुन कर अमित भी अपने लन्ड को हिलाने लगा.

अमित पूजा को चुदते हुए देख उत्तेजित हो रहा था और पूजा अपने पति के सामने किसी पराये मर्द से चुदते हुए शर्म भी महसूस कर रही थी. लेकिन उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया और मुझे कस कर पकड़ लिया.

कुछ ही देर में पूजा अकड़ने लगी. मैं समझ गया कि उसका स्खलन नजदीक आ चुका है. उसने अमित को पास आने का इशारा किया.
अमित जैसे ही पूजा के नजदीक आया, पूजा ने उसका लंड अपने हाथों से कस लिया और हिलाने लगी. अमित भी अब पूजा के स्तनों को दबाने लगा था.

पूजा जोर जोर से अपनी कमर को मेरे झटकों के साथ मिलाते हुए काम सागर में गोते मार रही थी. उसके साथ साथ अमित और मैं भी आनन्द में झूम रहे थे.
कुछ ही देर बाद पूजा ने अमित के लन्ड को छोड़ मुझे दोनों हाथों से कस लिया.

अमित ने भी मौके की नजाकत को देखते हुए मुझे नीचे लेट जाने को कहा और पूजा को ऊपर से चढ़ने को इशारा किया.
पूजा बेचारी कामवासना की मारी उसकी बातें ऐसी मान रही थी कि अभी अमित उसे चार लन्ड भी लेने को बोलता तो ले लेती!

ऊपर आते ही पूजा ने जोर जोर से कूदना चालू कर दिया मेरा लन्ड उसके झटको से और कड़क होता जा रहा था.

पूजा मेरे ऊपर ही लेट कर मुझसे चिपक कर मुझे चोदने लगी. उसके कमर से ऊपर का भाग मुझसे चिपका हुआ था और कमर हिला हिला कर पूजा अपनी चूत में मेरे लंड को अंदर बाहर ले रही थी.

अमित ने उसकी गांड को पीछे से ही चाटना शुरू कर दिया और धीरे धीरे अमित उसकी चूत पर चाटने लगा!
अब पूजा की चूत में मेरा मोटा लन्ड और अमित की जीभ थी.

कुछ देर में पूजा थक कर ढीली पड़ गयी. पूजा को शान्त देख मैंने नीचे से ही झटके मारने शुरू कर दिए. और उधर अमित पूजा की चूत को ऐसे चाट रहा था मानो सारा माल पी जायेगा उसका!

तभी मुझे महसूस हुआ कि अमित के दोनों हाथ मेरी जाँघों पर आ गये हैं और उसने पूजा की चूत के साथ साथ मेरे लन्ड पर भी अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी.
तभी पूजा की सिसकारियाँ तेज से तेज हो गयी और कुछ ही पलों में में पूजा मेरे कड़क लन्ड पर निढाल हो गयी!
अमित अभी भी पूजा की चूत को चाट रहा था.

पूजा बेहोशी सी हालत में मेरे ऊपर से हटी और एक तरफ लेट गयी.
मेरा होते होते रह गया मानो मंजिल पास होते हुए भी जीत नहीं पाया.

अमित- राज तुम्हारा भी हो गया?
मैंने ना में सर हिला दिया.
अमित- मैं कुछ करूँ अगर तुम बुरा न मानो तो?

मैं स्खलन के अंतिम पड़ाव पर था तो न बोलने का सवाल ही नहीं था.
मैंने- ह्म्म्म!
मुझे लगा अमित मेरा लन्ड हिला कर मुझे शांत करेगा!

अमित ने मेरी हामी जानते ही लन्ड को अपने हाथों से पकड़ के ऊपर नीचे किया. मेरे लिए यह अजीब सा अनुभव था.

तभी उसने मेरे लन्ड को ऐसे मुँह में लिया मानो खा जाने को आतुर हो!
‘आह …’ मेरे मुँह से सिसकारियाँ सुन उसने मेरी जाँघों को सहलाना शुरू कर दिया और गपागप लन्ड मुँह में लेने लगा.

मेरे से उसका इस तरह चूसना बरदाश्त नहीं हुआ और मैं स्खलित होने लगा. मैंने उसके मुँह से लंड निकालने की कोशिश की. लेकिन उसने ऐसा न करने दिया. मेरे लन्ड से निकली माल की धार वो पी गया और उसके बाद भी मेरे लन्ड को चूसता रहा.

बाद में मैंने उसके मुँह से लन्ड हटाया और उसे मेरा स्खलन करने के लिए धन्यवाद दिया.

अमित- राज, आज तुमने मेरा सपना साकार किया है. इसके एवज में इतना तो बनता है. तुम चाहो तो अभी तुम्हें कुछ और भी दे सकता हूँ.

मैं समझ गया था कि वो अपनी गांड देने की बात कर रहा था.
लेकिन मैंने उसे इन्कार करते हुए थकान का बहाना बना दिया.

अगली सुबह पूजा चाय लेकर आई तो मेरी नींद खुली. देखा कि मैं बिस्तर में नंगा पड़ा हूँ. मैं तकिये को लन्ड पर रख कर बैठ गया.

रात का नशा उतर चुका था. जिस पूजा को मैंने मसल मसल के चोदा था, अब उसी के आगे शर्म आ रही थी.
मैंने पूजा से पूछा- अमित कहाँ है?
पूजा- वो टहलने गए हैं, आ जायेंगे कुछ देर में! आप चाय लीजिये औऱ नहा लीजिये. मैं नाश्ता तैयार कर लूं!
मैंने आँखें झुकाते हुए कहा- जी शुक्रिया!

पूजा- अब बड़ी शर्म आ रही है? रात को तो जनाब बड़ा जोश दिखा रहे थे?
मैं समझ गया कि पूजा अब खुल चुकी है, उसे कोई दिक्कत नहीं है. मैंने तकिया को हटा कर अपनी कमर के पीछे रख दिया और बोला- लो देखो … शर्म कहाँ पर दिख रही है?
पूजा- हट बेशर्म!
कहते हुए बाहर रसोई में चली गयी.

मै भी तौलिया लपेट उसके पीछे जा पहुँचा.
पूजा- चाय दे दी आपको, अब यहाँ क्या है?
अमित- जी चाय तो अच्छी है लेकिन उसमें दूध थोड़ा कम है!

पूजा- अभी दूध खत्म हो गया है. दूध वाला आने दो, फिर दे दूंगी दूध वाली चाय!
अमित- जी दूध तो मेरे सामने है; आप की इजाजत हो तो मैं खुद ले लूं?
इतना कहते ही मैंने पूजा के स्तनों को दबाना शुरु कर दिया.

पूजा- राज … क्या कर रहे हो? अमित आने वाला है. छोड़ो, मुझे काम करने दो.
लेकिन अमित का डर अब न पूजा को था, न मुझे!

मैंने उसके गालों पर, गले पर किस करना चालू कर दिया. अब पूजा न न तो कर रही थी लेकिन बस नाम मात्र का!
सच तो यह था कि अमित की गैरमौजूदगी का फायदा हम दोनों उठाना चाहते थे.

देखते-देखते मैंने पूजा को कमर से ऊपर नंगी कर दिया और पूजा के स्तनों मसलते हुए चूसने लगा. अपने दोनों हाथों को पूजा मेरे गले में डाल मुझे अपनी बांहों में कसने लगी मानो अपने सीने में घुसा देना चाहती हो.

मैंने धीरे से पूजा के लोअर में हाथ डाल दिया और उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से मसलने लगा.

पूजा अब मुझे गले पर, कान पर किस करने लगी. कामुक स्त्री से सेक्स का सबसे बढ़िया फायदा यही है कि उसे बस गर्म करने की देरी होती है, उसके बाद वो खुल कर रतिक्रिया में साथ देती है!

मैं पूजा की पेंटी के अंदर उंगली डाल चूत का द्वार खोजने लगा तभी पूजा अपनी कमर को ऊपर उठा कर चूत में उंगली जाने का रास्ता दिखाने लगी!
उंगली के चूत के बाहरी परत पर लगते ही मैंने उसकी चूत को मसलना और रगड़ना शुरू कर दिया. पूजा ने भी तौलिये को निकाल फेंका और मेरे लन्ड को हाथ में पकड़ हिलाने लगी.

मैंने पूजा को गोद में उठाया और बेडरूम में लाकर बिस्तर में पटक दिया अब मैंने उसका लोवर निकाल उसकी चूत में चाटना शुरू कर दिया. पूजा अब दोनों टाँगें खोल कर चूत को ऊपर नीचे कर रही थी.

मैंने पूजा को मेरा लंड चूसने का इशारा किया तो पूजा ने मना कर दिया. मैंने उसे मेरे मुँह के ऊपर बैठ कर चूत चटवाने को बोला तो वो मान गयी.

मैं उसकी चूत में जीभ डाल डाल कर चाट रहा था और वो मस्ती में कभी अपनी जाँघों में मुझे कस लेती कभी मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत में दबा लेती.

मैंने उसे पलटने का इशारा किया क्योंकि मैं उसकी चूत को चाटते हुए उसकी गांड पर मारना चाहता था!
अब पूजा की गांड मेरी तरफ थी और मुँह मेरे पैर की तरफ … मैं पूजा की चूत चाटते हुए उसके कूल्हे मसलने लगा, उन पर मारने लगा तो पूजा उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी…सी…सी… करने लगी.

चूत और गांड दोनों में प्यार और मार का जोश भी अजीब होता है. पूजा भी अभी उसी जोश को महसूस कर रही थी, आतुर पूजा ने मेरे लन्ड को एक बार फिर से पकड़ लिया और हिलाने लगी लन्ड परायी स्त्री की छुअन कड़क होना लाजमी था.

पूजा- आ … ओहह … राज तुम्हारा लन्ड तो बहुत मोटा है, मेरी चूत फाड़ देगा ये तो!
उसके ये शब्द मेरी हवस को बढ़ाने के लिये काफी थे. मैंने उसे उसकी जाँघों से कसते हुए और अंदर तक जीभ डाल दी.

सोचिये कोई औरत जिसकी चूत तुम्हारे मुँह में है और उसका मुँह तुम्हारे लंड के पास है, तुम उसकी जाँघों को गांड को कस कर पकड़ कर चूत में पूरा मुँह देते हुए जीभ से अंदर बाहर करोगे तो उसकी क्या हालत होगी?

पूजा को भी ऐसी कुछ पल के लिए यही अनुभूति होने लगी वो इतनी मस्त हो गई की उसने कामवश अपना मुँह खोल दिया और मेरा लंड … एक पराये पुरुष का अंदर लेकर चूसने लगी.
एक बार मुँह में घुसने के बाद तो उसे लन्ड को जड़ तक चूसने से मेरे पूरे जिस्म में सिरहन पैदा कर दी.

मैं उसके जिस्म को सुलगाता जा रहा था और वो मेरे!
पूजा- राज … अब नहीं रह जाता! मुझे चोदो; जल्दी करो … प्लीज़ राज!

मैंने पूजा को घोड़ी बना कर पहले उसकी चूत को पीछे से ही चाट कर गीला किया और फिर उसकी चूत में लंड रख एक झटका मारा ही था कि पूजा आह … की आवाज कर आगे खिसक गई.
पूजा- तुम्हारा बहुत मोटा है राज … धीरे से डालो, दर्द हो रहा है.

मैंने फिर उसे घोड़ी बनाते हुए एक हाथ से उसके बालों को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसकी कमर को रोकते हुए धीरे से लन्ड डालने लगा. पूजा फिर से खिसकने की कोशिश करने लगी.
लेकिन इस बार मैंने आधा लन्ड डाल कर बाहर निकल दिया और फिर से डालने लगा.

आधा आधा जाने के बाद पूजा थोड़ा सहज हो गयी; धीरे- धीरे लन्ड अंदर बाहर जाने लगा, अब पूजा दर्द की जगह मजा ले रही थी. आधे लन्ड से ही उसको मज़ा आने लगा था.

मैंने एक बार फिर से लन्ड पूरा बाहर निकल कर कपड़े से साफ किया और फिर उसकी चूत में रगड़ने लगा.
पूजा- राज, क्यों तड़पा रहे हो? चोदो न!

इतना सुनते ही मैंने पूरे झटके से उसकी चूत में लन्ड पेल दिया.
पूजा चीख पड़ी- आउच … राज क्या कर दिया ये! मर गई मैं! बाहर निकालो प्लीज़!

लेकिन मैंने एक बार फिर से उसके बाल पकड़ लिये और चोदने लगा. कुछ ही देर में पूजा की उह … अहह … जो थी वो आह … आह … में बदल गई.

पूजा के बाल खींचते हुए मैं उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए मैं उसे चोद रहा था मानो घोड़ी की लगाम पकड़ उसे डंडी से मारते हुए दौड़ने को कहा जा रहा हो और घोड़ी हिनहिनाते हुए दौड़ रही हो.

कुछ ही देर बाद पूजा बिस्तर पर ही गिर पड़ी, उससे झटके और मज़ा दोनों एक साथ बरदाश्त नहीं हुआ!

उसके गिरते ही मैं उसके ऊपर ही लेट कर उसे चोदने लगा. उसने भी अपनी टाँगें फैला कर मुझे लन्ड अंदर तक डालने और झटके तेज मारने में मदद की.

मैंने उसके कंधों को कस कर पकड़ लिया और गले पर चूमते हुए उसे चोदना जारी रखा. एक समय वो आया जब पूजा और मैं एक साथ निढाल हो गिर पड़े.
ये सबसे सुकून का पल होता है जब दोनों साथी एक साथ स्खलित हो जायें!

कुछ देर बाद:

पूजा- राज एक बात बताऊं … मैं मैंने बहुत ही कम बार अमित का लन्ड चूसा है. वो भी तब जब मैं ज्यादा ही बेचैन हो जाती हूँ. नहीं तो मुझे पसन्द नहीं है चूसना … लेकिन आज तुमने मेरा वो हाल कर दिया कि मैं ना चाहते हुए भी तुम्हारे लंड को चूसे बिना नहीं रह पायी.
राज- चलो, फिर एक बार फिर से हो जाये?
पूजा- हटो बदमाश कहीं के! पति की गैरमौजूदगी में उसकी बीवी का फायदा उठाते हो? अभी अपने पति को बताऊँगी.
राज- बता देना … फिर उसकी मौजूदगी में तुम्हारा फायदा उठाया जायेगा.

हम दोनों खिलखिला कर हंस पड़े- हा हा हा हा!

इसके बाद मैं नहाने गया. नाश्ता किया और दोनों से विदा ली.

अमित ने वादा किया कि वो लोग अगर देहरादून आये तो मुझसे मिलने जरूर आएंगे और मैं अगर दिल्ली आया तो उसने जरूर मिलूँगा.

प्रिय पाठको, आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लगी बताइयेगा जरूर … मुझे आपकी मेल और हेंगआउट्स का इंतजार रहेगा.
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