नादानी से जवानी तक का सफ़र-3

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

नादानी से जवानी तक का सफ़र-2

नादानी से जवानी तक का सफ़र-4

हैलो फ़्रेंड्स, मैं सुहानी चौधरी फिर से अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग ले के आपके सामने हाजिर हूँ।
जैसा कि मैंने पहली कहानी में अपनी पहली दर्दनाक पर मजेदार चुदाई के बारे में बताया था। अगले दो दिन तक मैं दर्द की वजह से कॉलेज नहीं गयी थी। सिर्फ तन्वी कॉलेज गयी थी।

अगले दिन संडे था, कुछ खास काम था नहीं तो तन्वी ने बोला- चलो आज शॉपिंग चलते हैं।
मैं जानती थी कि तन्वी के पापा गरीब है और मैं भी मिडल क्लास फॅमिली से हूँ तो मैंने कहा- पैसे कहाँ से आएंगे? हम इतने अमीर थोड़े ही हैं कि इतनी महंगी शॉपिंग कर सकें।
तन्वी बोली- तू चल न … खर्चा मैं कर लूँगी।
मैंने कहा- तेरे पास पैसे कहाँ से आए इतने?
उसने बोला- छोड़ न वो सब … और तैयार हो जा।

हम दोनों तैयार होके शॉपिंग के लिए चली गई। हमने खूब खाया पिया और मेरी पहली चुदाई सेलीब्रेट की। फिर हम कपड़े खरीदने चले गए।

वहाँ तन्वी ने मुझे एक सेक्सी सी रेड टॉप और ब्लाक स्कर्ट वाली ड्रेस ट्राई करने को कहा।
मैं ड्रेस पहन के आई तो उसने कहा- तुझपे बहुत जँच रही है, तू ले ले।
मैंने पूछा- कितने की है?
तो उसने कहा- तू पैक करवा … मैं पैसे दे रही हूँ।

फिर हम काफी सारी शॉपिंग कर के हॉस्टल आ गए।

मुझे जानना था कि ड्रेस कितने की है तो मैंने तन्वी के पर्स में से बिल निकाल लिया चुपके से।
मैं हैरान रह गयी, ड्रेस 7500 रुपए की थी, मैंने तन्वी से पूछा- अब सच सच बता कि तेरे पास इतने पैसे आए कहाँ से?
तन्वी समझ गयी कि मैं जान के ही रहूँगी।
उसने बताया- अरे वो एक फ्रेंड पे उधार थे तो उसने वापस किए थे।

मैं समझ गयी कि वो झूठ बोल रही है; मैंने उसे उसकी मम्मी की कसम दी और कहा- सच बोल!
उसने जो बताया, वो सुनके तो मैं हैरान रह गयी। उसने बताया कि हर्षिल ने उसको दिये थे, उनकी 2 हफ़्तों पहले डील हुई थी 35000 रुपए की, डील ये थी कि तन्वी मुझे हर्षिल से चुदवाएगी, और अगर मैं सच में सील पैक निकली तो हर्षिल तन्वी को 35000 रुपए देगा वरना सिर्फ 20000 रुपए। तो चुदाई के अगले दिन हर्षिल ने तन्वी को 35000 रुपए दिये थे।

मेरी आँखों में आँसू आ गए थे, मेरी बेस्ट फ्रेंड ने मेरी जवानी की, मेरी चूत की डील की थी। मैं रोने लगी।
तन्वी ने मुझे चुप कराते हुए कहा- सॉरी यार, पर तू किसी से सेटिंग नहीं कर रही थी तो मुझे तुझे बहला फुसला के चुदवाना पड़ा।
पहले तो मैं बहुत गुस्सा थी पर फिर मैं नॉर्मल हो गयी। मैंने सोचा कि तन्वी सही कहती है, जब तक पकड़े न जाओ सब शरीफ होते हैं, और मैं तो शक्ल से वैसे भी शरीफ और मासूम लगती हूँ। मैंने कहा- मैं एक शर्त पे माफ करूंगी।
उसने पूछा- क्या?
तो मैंने कहा- अगली बार से 60-40 हिस्सा होगा पैसों का, 60 मेरा 40 तेरा, अगर मेहनत मेरी तो ज्यादा हिस्सा भी मेरा।
वो हंसने लगी और बोली- पक्का।

फिर तन्वी बोली- वैसे अगला ऑफर 20000 का है हर्षिल का, उसका बाप बहुत अमीर है।
मैंने बोला- तूने फिर डील की मेरी?
उसने बोला- नहीं यार … उसका मेसेज आया था। तू बोल?
मैंने कहा- यार हम गलत तो नहीं कर रहे? ये तो धंधा हो गया।
उसने कहा- पागल है क्या? तू सड़क पे जा के थोड़े ही ग्राहक लगा रही है, ये सिर्फ अपनी जरूरत पूरी करने के लिए साइड इन्कम है।
मैंने सोचा कि ‘ठीक ही तो है’ तो मैंने हाँ कर दी और कहा- ये बात किसी और को न पता चले।
वो हंस दी और बोली- हर्षिल की डिमांड है कि अब जब जाए तो वैसे ही सेक्सी बन के जइयो और वैसे ही मासूम और शर्मीली सी बन के रहीयो। उसे बहुत मजा आया था तुझे ऐसे चोदने में।
मैंने कहा- ठीक है।

अगली सेक्स डेट फिक्स हुई बुधवार की, मैं सुबह उठी और नहा धो के तैयार होने लगी। मैंने वही सेक्सी रेड टॉप और ब्लाक स्कर्ट वाली ड्रेस पहनी। तन्वी ने मेरा मेकअप किया, रेड लिपस्टिक और रेड नेल पोलिश लगाई और बाल भी स्टाइल किए, अब मैं एकदम रेड हॉट लग रही थी।

फिर कैब वाले का फोन आया- मैडम, मैं हॉस्टल के बाहर खड़ा हूँ।
तन्वी ने देखा कि रास्ता साफ है तो मैंने ऊपर एक लॉन्ग जाकेट डाली और सिर नीचे कर के निकल गयी हॉस्टल से और कैब में आकर बैठ गयी।

मैं उसके फ्लॅट की बिल्डिंग के बाहर पहुँच गयी तो ड्राईवर ने गाड़ी अंदर ही ले ली, हर्षिल ने पहले ही गेट पे बोल रखा था।

मैं लिफ्ट से आठवें फ्लोर पे पहुंची तो हर्षिल लिफ्ट के बाहर ही खड़ा था और इंतज़ार कर रहा था मुसकुराते हुए।
मैंने उसे देखा तो मुस्कुराने लगी और हाय बोला। फिर हम दोनों उसके रूम में आ गए।

उसने मुझसे कहा- अब अंदर आ गयी हो अपनी जाकेट तो उतार दो।
मैंने जैकेट उतार के साइड में टांग दी।

अब हर्षिल में सामने एक क्यूट और शरीफ सी लड़की खड़ी थी वो भी पूरे सेक्सी अवतार में।
मैंने कहा- तन्वी ने पैसे के बारे में बताया, पर काम 20000 में नहीं होगा, 25000 रुपए लगेंगे।
हर्षिल हंसने लगा, बोला- सब तो तुझे बड़ी शरीफ और मासूम समझते हैं पर तू तो रंडियों की तरह मोल भाव कर रही है।
मैंने कहा- अच्छी सर्विस चाहिए अच्छे दाम भी देने पड़ेंगे।
उसने कहा- दे दूंगा, मर मत … पर कम से कम 3 बार चोदूँगा।
मैंने बोला- ठीक है, तो शुरू करें?
हर्षिल बोला- कर रहे हैं यार, और भी कहीं ग्राहक लगाने हैं क्या जो इतनी जल्दी में है?
मैं हंसने लगी।

फिर उसने मुझे जूस पिलाया और कहा- ले पी आज बहुत दर्द होगा।
मैंने बोला- तुम भी पियो, अपने 25000 रुपए वसूल करने हैं या नहीं?
मैं अब सच में रंडियों की तरह बात कर रही थी, उसका जोश बढ़ रहा था।

उसने कहा- तो शुरू करते हैं. आओ मेरे बेडरूम में।
हम दोनों बेडरूम में चले गए। उसने सॉफ्ट म्यूजिक लगा दिया और माहौल बनने लगा।

हम दोनों बेड पे बैठे थे और एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे। मैं बोली- आज सिर्फ देखते रहने का इरादा है क्या?
हर्षिल बोला- यार तुम इतनी स्वीट और प्यारी हो, बिल्कुल दिया मिर्ज़ा की तरह, हमेशा ऐसे ही रहना।
मैं मुस्कुराने लगी और बोली- तुम्हें प्यार व्यार तो नहीं हो गया मुझसे?
उसने बोला- अभी तक तो नहीं … पर हो भी सकता है।
मैं समझ गयी कि बंदा इमोश्नल हो रहा है।

मैं उसके पास आयी और उसके होंठों पे अपने लाल रसीले होंठ रख दिये और किस करने लगी। हम दोनों की आँखें बंद हो गयी और लगभग 2 मिनट तक हम किस ही करते रहे। मैंने उसके हाथ अपने बूब्स पे रख दिये और अपने हाथ से उसका लंड सहलाने लगी; उसके पाजामे में हलचल होने लगी। हर्षिल मेरे बूब्स प्यार से मसल रहा था और मैं उसके लंड को सहला रही थी, हम दोनों जोश में होश खोते जा रहे थे।

हम किस कर के हटे तब तक जोश चढ़ चुका था। मैंने कहा- आज कपड़े नहीं उतरोगे मेरे?
उसने कहा- आज तुम डांस करो और नृत्य करते करते कपड़े उतारो!
फिर वो तकिया ले के साइड के बल लेट गया जैसे मुज़रा देखने आया हो।

मैं भी उस पल को एंजॉय कर रही थी, मैंने उम्म्हह उम्म्ह की अश्लील आवाज के साथ डांस करना शुरू कर दिया।
वो मेरा ऐसा रूप देख के खुश भी था और हैरान भी। मैं लहरा लहरा के डांस कर रही थी और वो देखे जा रहा था। मैंने अपना रेड टॉप उतार दिया पर ब्रा नहीं उतारी, मैं उसके पास आई और उसका चेहरा अपने वक्ष उभारों के बीच दे दिया और ज़ोर जोर से आहें भरने लगी।

थोड़ी देर तक वो ऐसे ही मेरे बूब्स के बीच चुम्मा चाटी करता रहा और आहें भरता रहा। फिर मैं अलग हो गयी और उसके कपड़े उतार दिये, फिर उसका कच्छा भी उतार के फेंक दिया।
उसका लंड ठीक से खड़ा नहीं हुआ था तो मैं उसे उत्तेजित करने के लिए थोड़ा और सेक्सी डांस करने लगी। मैंने अपनी स्कर्ट भी उतार दी।

अब कमरे में एक पूरे नंगे लड़के के आगे एक सेक्सी लड़की काली बिकनी में सेक्सी डांस कर रही थी। शायद हर्षिल मूड में नहीं आ पा रहा था क्योंकि उसका लंड अब भी ढीला सा ही था।
मैंने उसको कहा- पैर लटका के बैठ जाओ बेड पर!
वो बैठ गया।

मैं डांस करते हुए उसके पास आई और उसके लंड को सहलाने लगी; पर जल्दी ही समझ गयी आज तो मुंह से चूस के ही खड़ा होगा. तो मैंने उसके लंड के टोपे को किस किया और अपने हाथ से पकड़ से हल्की हल्की मुठ लगाने लगी।
मैंने फिर आधे से ज्यादा लंड मुंह में लेके चूसना शुरू किया जैसे कुल्फी चूसते हैं। हर्षिल ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगा; उसका लंड अब अपने उफान पे आ गया और पूरा तन गया किसी मोटे डंडे की तरह।
उसने कहा- प्लीज सुहानी, ऐसे ही चूसती रहो, बहुत मजा आ रहा है।

मैं और लगन से चूसने लगी, हर्षिल सातवें आसमान पे था, उसका मुंह छत के पंखे की तरफ था और आँखें बंद … मेरा ऐसा चूसना उसे बहुत उत्तेजित किए जा रहा था। पर मुझे ये डर भी था कि कहीं ये ऐसे ही चूसते हुए न झड़ जाये, वरना मेरी चुदाई नहीं हो पाती।
मैंने कहा- अब काफी हुआ, ये अब तुम मेरी चूत चाटो जीभ से।
और मैंने ब्रा पैंटी भी उतार दी।

मेरी चिकनी गोरी टाँगें देख के हर्षिल का जोश बढ़ता जा रहा था। मैं खड़ी हो गयी और उसके मुंह के पास अपनी चूत ले जा के टिका दी और उसका मुंह अपनी टाँगों के बीच दबा दिया। मुझे बड़ा सुख मिला, वो मेरी चूत जीभ से चाटने लगा किसी कुत्ते की तरह।

उसके बाद उसने मुझे बेड से लटका के बिठाया और मेरी चूत का द्वार खोल के जीभ से ही अंदर बाहर करने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं आआ आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआआह करके साँसें भरने लगी और वो जीभ फिराये जा रहा था।

मेरी चूत गीली और चिकनी हो चली थी, मैं उसका 7 इंच का मोटा लंड लेने को तैयार थी, मैंने कहा- अब डाल दो जान … बर्दाश्त नहीं हो रहा!
वो मेरे सामने खड़ा हो गया और लंड मेरी चूत के द्वार पे रख के डालने की कोशिश करने लगा। हालांकि मैंने पिछले हफ्ते ही सील तुड़वाई थी और उस दिन चुदवा चुदवा के चूत थोड़ी बड़ी हो भी गयी थी पर एक हफ्ते के गैप की वजह से फिर से टाइट हो गयी थी। उसके लंड का मुंह बड़ा था तो एकदम से जा नहीं पा रहा था।

उसने कहा- उफ़्फ़ … तेरी चूत बड़ी शैतान है, इतनी टाइट है कि लोडा आसानी से नहीं जाता।
मैंने कहा- कोई बात नहीं जानू … तुमसे 8-10 बार चुद के खुल जाएगी।
उसने कहा- ऐसे नहीं खुलेगी, उसके लिए रोज़ कम से कम एक बार या तो चुद लिया कर या फिर नकली लंड मंगा ले ऑनलाइन, उससे चुदा कर हॉस्टल में।
मैंने कहा- बाद की बाद में देखेंगे, अभी तुम ही चोदो।

उसने कहा- ठीक है, थोड़ा दर्द बर्दाश्त करना।
मैंने कहा- ऐसा करो, एकदम से डाल दो उस दिन की तरह, धीरे धीरे दर्द सहने से अच्छा है एक झटके में ही सारा दर्द दे दो।
उसने कहा- आज तेल नहीं लगाया है तो मुश्किल से जा रहा है। चलो कोशिश करता हूँ।

तो दोस्तो, इसके बाद क्या हुआ … वो आप मेरी कहानी के चौथे भाग में पढ़ पायेंगे. मेरी दूसरी चुदाई की कहानी आप लोगों को कैसी लग रही है? कृपया मुझे कमेंट्स में बतायें.
थैंक यू!
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