मुस्लिम कोलेज गर्ल को चोद चोद के प्रेग्नेंट कर दिया

यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है. इससे पहले मैंने सेक्स तो बहुत किया है लेकिन अलफिया के साथ कुछ ज्यादा ही किया है. मेरा नाम डेविल है, ये बदला हुआ नाम है. मैं 21 साल का हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है और मैं मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का रहने वाला हूं.
मैं रोज जिम जाता हूँ.

मुझे नहीं पता है कि मेरा हथियार कितना अन्दर तक जाता है लेकिन हां जिसकी में जाता है, वो आह आह करने लगती है.
और मैंने आज तक किसी को निराश नहीं किया है.
मेरे लंड से चुद कर सभी लौंडियां खुश होकर ही गई हैं.

आज मैं अलफिया (नाम बदला हुआ है) नाम की मस्त कड़क लौंडिया की चुदाई की कहानी का मजा लिख रहा हूँ.
वो 22 साल की थी और बला की खूबसूरत थी. वह ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष की छात्रा थी.

यह Clg गर्ल हॉट सेक्स कहानी मार्च महीने के तीसरे सप्ताह की है जब लॉकडाउन लगने में 3 दिन बाकी थे.

एक दिन शाम 5 बजे के करीब मैं घर के बाहर बैठ कर मोबाइल चला रहा था.
उस समय मेरी नजर सामने से ब्लैक सूट पहने एक नकाबपोश लड़की पर पड़ी.

वो जब मेरे पास आने लगी तो हमारी नज़रें मिलीं.
उस समय मैं कहां खो गया था, कुछ पता ही नहीं चला.
मुझे बस उसकी बड़ी बड़ी आंखें ही दिख रही थीं.

उसने अपनी आंखों में गहरा काजल लगाया हुआ था.
कसम से वो वक्त मानो मेरे लिए एकदम ठहर सा गया था.

वो मेरे पास से एक मादक महक का झौंका छोड़ती हुई निकल गई.
उसके बाद उसके इंतजार में मैं दो घंटे तक बाहर ही बैठा रहा.

वो फिर से वापस आई.
इस बार मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा.
जितनी खूबसूरत उसकी आंखें थीं, उससे कई गुना ज्यादा उसका जिस्म कटाव भरा था.

वो मुझसे फिर से आखें लड़ाती हुई मेरे सामने से निकल गई.
मैं बस हक्का बक्का बौराया सा शून्य में उसे खोजता रहा गया.
वो पूरा दिन मैं बस उसकी ही याद में खोया रहा.

दूसरे दिन उसी समय पर वो मुझे फिर से दिखी.
आज वो लाल सूट पहनी हुई थी और चेहरे पर स्कार्फ बांधे हुए थी.
हमारी फिर से आंखें मिलीं और वो शरारती नजरों से निकल गई.

उस वक्त वो किसी से फोन पर बात कर रही थी और किसी फौजिया का नाम ले रही थी.

उस दिन मैंने फेसबुक पर फौजिया को तलाशा और उसकी फ्रेंड लिस्ट में अपनी इस नाजनीन की नशीली आंखों वाली छमिया को खोजने लगा.
एक लड़की की पिक देख कर मुझे लगा कि मुझे वो मिल गई और मैंने उसे मैंने झट से उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.

उसने भी उसी दिन रात दस बजे मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली.

दूसरे दिन यानि लॉकडाउन लगने के एक दिन पहले, वो मेरे घर के सामने से निकली.
आज उसने नकाब नहीं पहना था.

मैं उसे पहली बार देख रहा था और देखता ही रह गया. उसकी फेसबुक वाली फोटो से मिलान किया तो ये वही थी.

जब वो वापस आई तो वो हल्की सी मुस्कान बिखेरती हुई चली गई.
वो एकदम गोरी थी, काली आंखें, गुलाबी होंठ और गजब का हुस्न.

मैं उसके जिस्म की नापतौल का लेखाजोखा आपको बाद में दूँगा, आधे अधूरे से आपका मजा खराब हो जाएगा.

उसने किसी और नाम से अपनी आईडी बना रखी थी, ये बाद में पता चला.

उसके बाद दो दिन तक मैंने उससे बात नहीं की, बस हम दोनों एक दूसरे के स्टेटस देखते रहे थे.
उस समय लॉकडाउन भी लग गया था.

कुछ दिन बाद मैंने उसको मैसेज किया- हाय!
वो- हैलो.
मैं- पहचाना?
वो- जी … पहचान लिया.

मैं समझ गया कि मतलब नोटिस दोनों तरफ से किया जा रहा था.
मैंने एक स्माइली भेज दी.

वो- पर आपने मुझे पहचाना कैसे? मैंने आपको अपना नाम तो बताया नहीं था … और ये तो मेरे नाम से आईडी भी नहीं है … फिर कैसे?
मैंने शायराना अंदाज में लिखा- जब नजरें बात कर रही हों, तो लबों का क्या काम. वैसे मोहतरमा का नाम क्या है, ये मुझे अभी भी नहीं मालूम है.

फिर हम दोनों में नाम का परिचय हुआ और बातें आगे बढ़ने लगीं.

मैंने लिखा- तुम्हारी आंखों ने मुझे मदहोश कर दिया था.
वो बोली- बस दो ही दिनों में नजरों ने इतना कह दिया था क्या?
इसके बात उसने हंसने वाली इमोजी भेज दी.

मैंने भी लिख दिया- दो दिन तो बहुत होते हैं मैडम … एक पल भी बहुत होता है.
वो मुझ पर फ़िदा हो गई थी.

उसके बाद हमारी घंटों बात होने लगीं.
उसने मुझे बताया कि वो मुझे पहले से जानती थी और हम दोनों एक ही कॉलेज के स्टूडेंट हैं.

मैं हैरान था कि कॉलेज में मेरी नजरों से कैसे बच गई.

फिर मैंने एक दिन उसे अपने प्यार का प्रपोजल दिया.

मैं- सुनो आई लव यू.
वो- आई लव यू टू.

उसके बाद तो हम घंटों कॉल पर बात करने लगे थे.
धीरे धीरे सेक्स भरी बातें हुईं और फिर वीडियो कॉल में सब कुछ प्याज के छिलकों की तरह खुलता चला गया.

जून आते आते तो हम दोनों की तड़प बहुत ज्यादा बढ़ गई थी.

जून में लॉक डाउन एक दिन छोड़ एक दिन वाला चल रहा था.
मैंने एक दिन अलफिया से मिलने का कहा तो अलफिया ने कहा- ठीक है, शनिवार को 11 बजे मिलते हैं.

मैं- ओके.
फिर उसकी बताई जगह पर उसे लेने चला गया.
वो पहले से ही वहीं पर आ गई थी.

मैं उसे एक होटल में ले गया जहां मैंने पहले से ही रूम बुक कर रखा था.
हालांकि उस समय सभी होटल बंद थे लेकिन मैंने जुगाड़ लगा कर कमरा सैट कर लिया था.

हम दोनों होटल के रूम के अन्दर आ गए.

अभी कमरे का दरवाजा भी नहीं लगा पाया था कि अलफिया ने मुझे कस कर गले से लगा लिया.
फिर वहीं दरवाजे पर खड़े खड़े मुझे किस करने लगी.

वो मुझे बहुत अच्छा स्मूच दे रही थी.
मैं भी उसकी जीभ को पूरी तरह से चूसे जा रहा था.

हम दोनों के सामने कोरोना भी बेबस था.
उस समय मुँह पर मास्क लगाने का चल रहा था लेकिन हम दोनों एक दूसरे के मुँह से मुँह लगाए हुए थे.

फिर कुछ मिनट बाद मैंने दरवाज़ा बंद किया और उसको किस करता हुआ बेड पर ले आया.
मैंने उसके उभारों को उसके सूट के ऊपर से ही दबाने लगा.
इससे उसकी आहह निकल गई.

अलफिया एकदम पागल हो गई थी. वो जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी.
मैं अपना एक हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत पर ले गया जहां उसकी चूत पानी छोड़ रही थी.

मैंने जैसे ही उसकी टांगों के जोड़ पर हाथ लगाया, वो सिकुड़ कर मुझसे लिपट गई.
मैं उसके कपड़े खोलने के लिए बढ़ा.

अभी मैं कुछ कोशिश करता, उससे पहले ही उसने खुद अपने कपड़े खोलने शुरू कर दिए और आधा मिनट से भी कम समय में वो खुद से पूरी नंगी हो गई.

मैं बस उसे देखता ही रह गया.
उसके 32 इंच के चूचे एकदम कसे हुए मुझे ललचा रहे थे.
उसके चूचों के ऊपर गुलाबी निप्पल एकदम कड़क तने हुए थे.
अट्ठाईस इंच की गोरी कमर के नीचे उसकी बिना बाल वाली चूत एकदम कसी हुई नम हुई पड़ी थी. पीछे से उसकी गांड भी पूरी उठी हुई थी.

ये सब देख कर मेरा लौड़ा झट से अपनी औकात में आ गया.

मैं बस उसे अपलक उसे निहार रहा था. मेरी आंखें मानो पथरा गई थीं.

इतने में अलफिया ने शर्माते हुए कहा- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैं- तुम तो एकदम फिल्म की हीरोइन हो अलफिया.
वो खिलखिलाती हुई बोली- तुम भी किसी हीरो से कम नहीं हो. जरा अपने नीचे देखो, तुम्हारा हथियार कैसे अपनी औकात में फनफना रहा है.

ये कह कर वो हंस दी.
उसके हंसते ही मैं उस पर टूट पड़ा.

अलफिया भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और जोर जोर से कामुक सिसकारियां ले रही थी- हाई उमम्म हां डेविल, ऐसे ही और दवाओ इन्हें … आंह मसल दो मेरे चूचों को … सारा रस निकाल दो इनका.

फिर मैं उसकी कमर से होता हुआ उसकी चूत पर आ गया.
वो अब तक एक बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत पानी छोड़ रही थी.

मैंने जैसे ही चूत पर हाथ लगाया, अलफिया ने अपने चूचे ऊपर उठा कर ‘आंह मर गई …’ की आवाज निकाली.

मैंने देर ना करते चुद पर अपना मुँह उसकी चिकनी चूत पर लगा दिया.

अलफिया- हाय अम्मी मर गई!
इस तरह आवाज करती हुई वो मेरा मुँह अपनी चूत पर दबाने लगी थी और मुझ पर झुक कर अपने हाथ से मेरा लौड़ा दबा रही थी.

कुछ मिनट की चूत चुसाई में वो फिर से झड़ गई.
अब वो मेरे कपड़े खोलने लगी.

उसने पल भर में ही मुझे पूरा नंगा कर दिया और वो मेरी जिम बॉडी को देख कर पागलों की तरह मुझे किस करने लगी.
वो मेरे सीने पर आ गई और सीने की घुंडियों को किस करती हुई मेरे निप्पलों के साथ खेलने लगी.

फिर वो मेरे एब्स पर किस करने लगी.
साथ ही उसका एक मेरे लंड पर आ गया और लंड पर हाथ फेरते हुए वो घुटनों के बल बैठ गई.

मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी.
उसकी इस हरकत से मैं पागल हो उठा था.

मैं- अलफिया तुमने पहले भी सेक्स किया है ना!
अलफिया- हां, एक बार … मुझे मेरे मामू के लड़के ने चोदा था. पर उस वक्त उसका पूरा अन्दर भी नहीं गया था और साला झड़ गया था.

मैंने कहा- तो क्या सील नहीं टूट पाई थी?
मेरी इस बात को काटती हुई अलफिया बोली- पर तुम्हें कैसे पता कि मैं वर्जिन नहीं हूं.

उसकी इस बात से मुझे लगा था कि बंदी की चूत खुली हुई है.

मैं हंस कर बोला- मैं इस खेल में खिलाड़ी हूँ.
वो बोली- हम्म … मंजे हुए खिलाड़ी लगते हो.

मैंने भी हंस कर अपना परिचय सा दे दिया था कि मैं भी हर तरह के छेद खोद चुका हूँ.
उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगा दिया.

इसके बाद मेरे अपने लंड को उसकी चूत पर सैट करके एक जोर का झटका मारा और मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
इतने में ही अलफिया की जोरों की चीख निकल गई- हाय अम्मी मैं मर गई … आंह अम्मी … मेरी फट गई … प्लीज़ इसको बाहर निकालो.

मैंने देखा तो अभी मेरा सिर्फ टोपा ही उसके अन्दर गया था.
वो सिर्फ टोपा लेने में ही भकभका उठी थी. मुझे लगा कि इसकी चूत में पहली बार के बाद से लंड नहीं घुसा है इसलिए चिचिया रही है.

मैंने उसकी कमर को जकड़ा और एक बार फिर से जोर दे दिया. वो और जोर से आंह आंह करने लगी.
इस वक्त होटल में सन्नाटा था और अलफिया की आवाज खेल बिगाड़ सकती थी.

मैंने लंड वापस खींचा और उसे लिटा कर उसका मुँह चूमने लगा.
इससे उसकी आवाज बंद हो गई.
उसकी आंखों में आंसू थे.
मैं चुप था और वो रो रही थी.

कुछ देर उसे सहलाने चूमने के बाद वो चुप हो गई.
मैंने कहा- क्या हुआ था जान? तुम तो खेली खाई थीं न!

वो मेरी आंखों में झांकती हुई ना में सर हिलाने लगी.
मैंने उससे पूछा, तो उसने बताया कि उस दिन उसके मामू का लड़के उसे चोद ही नहीं पाया था.

मैंने कुछ देर बाद उसे फिर से गर्म किया और इस बार मैंने उसकी चूत को उंगली से खोला.

चूत ढीली की और मिशनरी पोज में ही उसकी सील तोड़ने का काम शुरू किया.

लंड लेते समय वो फिर से चिल्लाने को हुई मगर इस बार मेरे मुँह का ढक्कन उसके मुँह पर लगा था.
मेरे अनुभवी लंड ने अलफिया की चूत की ओपनिंग कर दी और उस दिन मैंने उसे दो बार चोद कर फ्री कर दिया.

अब तो मैं गाहे बगाहे उसे चोदने लगा था.
उसकी चूत की अनेकों बार चुदाई के बाद ऐसा क्या हुआ था कि मेरी गांड फट गई थी.

वो सेक्स कहानी मैं अगली बार में लिखूँगा कि कैसे मुझसे चुद चुद कर वो पेट से हो गई थी और उस मुश्किल से कैसे निजात मिली.