मेरी रंडी बनने की कहानी-11

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

मेरी रंडी बनने की कहानी-10

मेरी रंडी बनने की कहानी-12

कहानी के पिछले भाग में दोनों सेठों ने अपने मूसल लंड से मुझे चोदने के लिए तैयारी कर ली थी. मगर फिर उन्होंने बताया कि किस तरह मेरे जीजा ने मेरे सारे कारनामे उन सेठों के सामने बता दिये थे.

मैं बोली- मेरे जीजा ने तो सब कुछ आपको बता दिया. कमीने के पेट में दारु पीने के बाद कुछ नहीं पचता है. उसको तो मैं बाद में देख लूंगी, मगर अभी मेरी चूत में जो आग लगी हुई है उसको मुझे किसी भी हाल में शांत करना है.
आप दोनों ने मुझे अभी-अभी बहुत पागल कर दिया है. अब मुझे कैसे भी करके शांत करो.

तभी विवेक पीछे से बोला- बंध्या तू बिल्कुल चिंता नहीं कर हम तुझे फुल सेटिस्फाइड करेंगे और इतना मजा देंगे कि वो मजा तुझे कभी नहीं आया होगा। अभी हम दोनों एक साथ लन्ड डालेंगे. तू चिल्लाना मत.

अभय बोला- तू इसकी चिंता मत कर. इसका जीजा इसकी मां के पास है. अगर ये चीखने लगी तो वो संभाल लेगा. अब तू तैयार हो जा बंध्या, तेरी चूत और गांड का बाजा बजने वाला है.

ऐसा कहते हुए अभय ने अपने लन्ड का सुपारा ताकत लगा कर मेरी चूत में अंदर करना शुरू कर दिया. मुझे दर्द होने लगा. मैं चिल्लाने को हुई तो उसने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. तभी पीछे से विवेक ने मेरी गांड में थूक लगा दिया.

वो थूक लगा कर मेरी गांड को चोदने की तैयारी करने लगा. उसने पीछे से मेरी गांड में थूक लगा कर अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर लगा दिया. मुझे बहुत दर्द होने लगा. उसका लंड बहुत मोटा था. मैं कराहने लगी थी.

तभी अभय ने आगे से मेरी चूत में पूरी ताकत के साथ अपना लौड़ा जोर से घुसाना चालू कर दिया. एक झटके में ही उसने आधा लौड़ा मेरी गीली चूत में घुसा दिया. अभय ने कस कर मेरे दूध को दबाया. उसने मेरे दूध को इतनी ताकत के साथ भींचा कि मैं बहुत जोर से अंदर ही अंदर चिल्लाने को हुई लेकिन मेरे मुंह से आवाज नहीं निकल पा रही थी.
अभय मेरे होंठों पर अपने होंठों को फंसाये हुए था.

मुझे ऐसा लगा कि मैं दर्द से मर जाऊंगी।

अभय बोला- यार भले इसका जीजा कुछ बोला हो कि यह बहुत चुदक्कड़ लड़की है मगर अभी इसकी चूत बहुत टाइट है. मेरा लन्ड घुस ही नहीं रहा. बहुत टाइट चूत है. इसने ज्यादा लन्ड नहीं लिए मुझे तो ऐसा लगता है. मुझे लग रहा है कि अगर मैंने ज्यादा जोर से झटके देने की कोशिश की तो इसकी चूत फट जायेगी. मुझे तो ऐसा लग रहा है कि ये सील पैक माल है.

विवेक भी बोला- हां भाई, इसकी गांड में भी मेरा लंड नहीं सरक रहा है. लगता है बंध्या ने बातों बातों में ही अपनी चूत की चुदाई की चुल्ल बताई होगी मगर इसके जीजा ने तो अपने काम के लिए इसकी चूत ही चुदवा दी. अब हम इसके जीजा को मालामाल कर देंगे. इस बंध्या को तो हम रंडी बना कर रखेंगे.
तभी अभय ने मेरा चेहरा अपनी तरफ किया और बोला- साली, तूने बताया नहीं कि तू सील पैक माल है. अब तो मैं तेरी चूत को और भी जम कर चोदूंगा.
ऐसा बोल कर उसने पूरी ताकत के साथ अपना लंड मेरी चूत में उतार दिया.

वो बोला- साली रंडी, तू भी क्या रखेगी कि कोई मर्द तुझे मिला था. तेरी चूत को फाड़ कर रख दूंगा आज मैं.
ऐसे बोलते हुए उसने मेरी गर्दन को पकड़ कर पूरी ताकत लगा कर जड़ तक अपना लंड मेरी चूत में उतार दिया. मेरी हालत ऐसी हो गई कि मेरी जान निकलने को हो गई.

दर्द के मारे मेरी आंखों से पानी बहने लगा. मैं अभय को वापस धकेलने की कोशिश कर रही थी मगर वो बहुत भारी था. उसने तभी लंड को फिर से बाहर निकाल लिया और मेरी चूत में फिर से लंड को घुसा दिया. मेरी चूत में चर्र से फटने की आवाज सी हुई. मुझे लगने लगा कि आज मैं नहीं बचूंगी. ये दोनों सांड मेरी चूत को मसल देंगे.

अब उसने अपने लंड को मेरे चूत में अंदर बाहर करते हुए मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया. वो बेरहम ठेकेदार मेरी चूत को लगातार धक्के मारते हुए चोदने लगा. मेरी आंखों से पानी गिर रहा था. मैं सोच रही थी कि उसको मेरे ऊपर कुछ तो तरस आयेगा लेकिन वो नहीं रुक रहा था. मेरी चूत फैल गई थी.

फिर अभय ने मेरी चूत में नीचे हाथ ले जाकर देखा तो उसके हाथ में खून लग गया था.
वो तुरंत बोला- मुझे पता साली रंडी, तू सील पैक है. देख विवेक. इसकी सील टूट गई है. इसके जीजा ने भी हमसे झूठ कहा था. इसने अभी तक चूत में लंड नहीं लिया था.

वो बोला- साली, आज मैंने तेरी सील तोड़ दी है. मेरे लंड को तू कभी नहीं भूल पायेगी. हर लड़की अपनी चूत की सील तोड़ने वाले मर्द को याद रखती है. तू भी मुझे जिन्दगी भर याद रखेगी बंध्या रंडी.
उंगलियां ऊपर करके वो मुझे मेरी ही चूत का खून दिखा रहा था.

ऐसा कहते हुए अभय जोर से मुझ से लिपट गया और पूरे जोश में आकर मुझे चोदने लगा. जल्दी-जल्दी लन्ड को चूत में अंदर बाहर करने लगा, मैं बहुत घबरा गई थी कि यह क्या हो गया. मेरी चूत फट गई क्या? घबराहट सी होने लगी क्योंकि असलियत तो मैं जानती थी कि मेरी सील इसने नहीं तोड़ी, मैं तो चार पांच बार चुद चुकी हूं.

अच्छे से सील टूटने के दिन के बाद आज ही मेरी चूत से खून निकला है. वह भी पता नहीं क्यों? हालांकि मुझे जब भी जिसने चोदा यही बोला कि बंध्या तेरी चूत बहुत टाइट है. लगता है तू सील पैक माल है.

केवल अशीष ने जब पहली बार चोदा था तो उसने सीधे कहा था कि बंध्या तेरी सील टूटी हुई है. तू मुझसे पहले भी कहीं चुदवा चुकी है। अशीष ने बोला था कि आज मुझसे पहले तू लौड़ा अपनी चू़त में ले चुकी है. उसके अलावा सभी ने यही समझा कि मैं सील पैक हूं।

अब इधर मेरे पीछे विवेक ने मेरी गांड को पकड़ कर कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठाया और अभय को बोला- अभय भाई अब इसका मुंह आप अच्छे से बंद कर लो. एक भी आवाज नहीं आनी चाहिए. मैं इस की गांड में अब पूरा लन्ड डालूंगा. मुझे ताकत लगानी पड़ेगी.
अभय बोला- हां सही कह रहा है विवेक. इसकी गांड में पूरा लंड घुसा दे. इसकी गांड ऐसी है जैसे कि खजुराहो की कोई मूर्ति हो. इसकी गांड में पूरा लंड पेल दे. इसको पूरा मजा दे दे.

इतना बोल कर अभय ने मेरे होंठों को कस कर अपने होंठों से दबा लिया पीछे से विवेक ने पूरी ताकत लगा कर मेरी गांड में लंड को घुसा दिया. मेरी जान निकलने को हो गई.
मगर मैं कुछ नहीं कर सकती थी. मैं बस दर्द कम होने का इंतजार कर सकती थी.

कुछ देर तक वो गांड में लंड देकर रुका रहा. फिर उसने धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी गांड में चलाना शुरू किया. मुझे अभी भी दर्द हो रहा था. लेकिन फिर मुझे अच्छा लगने लगा. उसका लंड मेरी गांड में फंसा हुआ था. वो मेरी गांड को चोदने लगा.

इधर आगे से अभय ने मेरी चूत में धक्के लगाना शुरू कर दिया.

विवेक अब जल्दी-जल्दी गांड में अपने लन्ड को अंदर बाहर करने लगा. मेरी गांड की बेदम चुदाई चालू कर दी उसने. इधर आगे से अभय एक हाथ से मेरा मुंह पूरा दबाए हुए था और एक से दूध पकड़े हुए था. मेरी चूत में अपना लौंड़ा अंदर बाहर किए जा रहा था.

मैं मजे के मारे बेहोश सी होने वाली थी. इतने मोटे लंड दो मर्दों के एक साथ मैंने अपनी चूत और गांड में कभी नहीं लिये थे.

वो दोनों मेरी चूत और गांड को पेलते हुए मुझे गंदी गंदी गालियां दे रहे थे. वो कह रहे थे कि वो मुझे कॉल गर्ल बना कर छोड़ेंगे. कह रहे थे कि साली बंध्या मन तो करता है कि तेरी मम्मी को भी पटक कर यहीं चोदें, वह भी तो बहुत बड़ी रंडी है, तेरा जीजा बोल रहा था कि तेरी बड़ी बहन यानि उसकी बीवी भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है. इधर उधर अभी भी मुंह मारती है। पर साली तू लाजवाब है बंध्या. तू इसी लाइन में रहना. यही जिंदगी है, मस्त ऐसे ही नए-नए लन्ड लेना. एक दिन तू हीरोइन भी बन सकती है.

अभय बोला- हां साली छिनाल, देख पोर्न स्टार आज फिल्मों में हैं. तेरे पास बहुत खूबसूरत जिस्म और चेहरा है. बिल्कुल नपा तुला, ऐसा लगता है बस तू जन्नत की हूर है, परी है. मुझे तो लगता है कि सारी उम्र तुझे चोदता रहूं.

ऐसे ही विवेक पीछे से बोला कि बंध्या मैंने आज तक ऐसी गांड सोची भी नहीं थी कि किसी लड़की की गांड ऐसी होती होगी. जैसी तेरी है एकदम से बिल्कुल बाहर निकली हुई और उठी हुई. कितनी टाइट मस्त गांड है। ऐसा लगता है कि तेरे हुस्न का मेरे अंदर नशा छा गया है.

बंध्या तेरी गांड को तो फाड़ कर आज चोद चोद कर पूरी जन्नत का मज़ा तुझे दे दूंगा. फिर कभी नहीं गान्ड की चुदाई में दर्द होगा. अभी तो तुझे घोड़ी, कुतिया बनाकर मस्त चोदूंगा। बंध्या आज तो शुरुआत है. तुझे ऐसे ऐसे लन्ड इस गांड में दिलवाऊंगा कि तू खुद बोलेगी कि ये लन्ड डला ही रहने दो और मेरी गांड चोदते रहो. मेरे पास बहुत रईस और मस्त लोग हैं. तुझे किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है. तेरे लिए मैं दुनिया को लुटा दूंगा साली कुतिया रंडी. बस तू मुझे ऐसे ही मजे देती रहना और खुद भी चुदाई के मजे लेती रहना.

करीब 5 से 7 मिनट तक विवेक मेरी गान्ड को चोदता रहा. मैं भी मजे से गांड को चुदवाती रही. इधर अभय भी मेरी चूत में जोर के धक्के लगा रहा था. मैं मदहोश हो रही थी. बहुत मजा आ रहा था. दोनों ही मुझे आगे और पीछे से चोदने में लगे हुए थे.

दर्द अब मेरी चूत और गांड दोनों से ही जादू की तरह गायब हो गया था. मैंने अब अपनी दोनों बांहों में अभय को दबोच लिया था. मैं उसको अपने हाथों से नोचने लगी थी. मेरी कमर अपने आप ही आगे की तरफ उछलने लगी थी.

मैं मस्ती में थी और अभय ने मेरी आंखों में देख कर मेरी मस्ती को जान लिया था.
वो विवेक से बोला- देख, अब ये अपने पूरे चुदासी रोल में आ चुकी है. यह अपनी गांड और चूत को दोनों को उठा उठा कर चुदवा रही है. अगर अब हमने इसको अधूरे हाल में छोड़ा तो यह हम दोनों को ही मार डालेगी.

मैं बोली- कमीनो, मैं तुम्हें नहीं छोड़ने वाली. चोदो और डालो हरामियो. तुम चोद दो जितना चोदना है। सच में तुम दोनों बहुत मस्त हो, मेरे जीजा मुझसे सुबह बोले थे कि उन दोनों के लन्ड को उनके चुदाई की स्टाइल को कभी नहीं भूलोगी. जीजा की बातें सच निकली, यह विवेक का लौड़ा तो बिल्कुल लोहे की पाइप जैसा बड़ा मोटा है और बहुत मजेदार है.

अभय कमीने, तुम भी 50 साल के हो गए हो लेकिन तुम्हारा लंड बहुत तगड़ा और कड़क है। मुझे जोर जोर से चोदो. बहुत मस्त मजा आ रहा है बहुत अच्छा लग रहा है।
अभय बोला- बंध्या, तू गजब की लड़की है. तेरे जैसी चुदक्कड़ लड़की मैंने सपने में भी नहीं सोची थी. जिस तरह से तूने दर्द सहा और उसके बाद अब उछल उछल कर लन्ड डलवा रही है. बहुत मस्त है तेरी चूत. तेरी तो मैंने सील तोड़ दी साली. तेरे को इनाम भी देना पड़ेगा. तू चिंता मत कर बंध्या.

अभय ने चोदते हुए ही अपने हाथों की उंगली में डली हुई एक सोने की अंगूठी उतारकर मेरे हाथ में रख दी और बोला- बंध्या ले, यह तेरी सील टूटने का इनाम है।

मैंने देखी तो वह अंगूठी काफी मोटी थी. लगभग 1 तोला सोने की थी. मैं बहुत लालची थी. बिल्कुल मम्मी की तरह इसलिए बहुत खुश हो गई. मुझे बहुत अच्छा लगा. मैंने अभय को लपेट कर बांहों में भर लिया और जोर से अभय के होंठों को अपने होंठों से चूमने लगी।

मेरी डबल पेंटेरेशन यानि आगे पीछे लंड लेने की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
कहानी पर अपनी राय देने के लिए नीचे दिये गये मेलआईडी का प्रयोग करें.
[email protected]