मेरी ग्रुप सेक्स मस्ती-3

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

मेरी ग्रुप सेक्स मस्ती-2

मेरी ग्रुप सेक्स मस्ती-4

हाय दोस्तो, मैं डॉली फिर से अपनी चुदाई की कहानी आपको आगे सुनाने को तैयार हूं।

मेरी पहले वाली कहानी में मैंने आप लोगों को बताया था कि कैसे मैंने डीटीसी बस में तीन लड़कों को पटाया और उसमें से दो लड़कों ने मुझे होटल में आकर दो बार चोदा। अपनी चूत और गांड तो संतुष्टि मिलने के बाद मैं नंगी ही सो गई।

जब मेरी आंख खुली तो शाम के 6:30 बजे बज चुके थे और मेरा बदन भी थोड़ा थका हुआ महसूस कर रहा था। मैंने रूम सर्विस डायल किया और अपने कमरे में एक कॉफी और कुछ स्नैक्स का ऑर्डर दिया और मैं वॉशरूम में मुंह धोने चली गई।

अभी मैं वॉशरूम में ही थी कि डोर बेल बजी मैंने जल्दी-जल्दी में सिर्फ एक कुर्ती पहन कर दरवाजा खोला।
देखा तो वही सवेरे वाला वेटर था।
“गुड इवनिंग मैडम!” यह बोलकर उसने अंदर आकर टेबल पर कॉफी और स्नैक्स रख दिये और मुझसे मुस्कुरा कर बोला- मैडम और कोई सर्विस चाहिए तो बोलिएगा।
मैंने उससे कहा- भैया, अभी तो कुछ नहीं चाहिए।
तब उसने फिर से बोला- मैडम अगर कोई सर्विस चाहिए तो जरूर बोलिए।

मुझे कुछ अजीब लगा इसलिए मैंने उससे पूछा- भैया, आप किस सर्विस की बात कर रहे हैं?
उसने बोला- मैडम, अगर आपको मसाज वगैरह करवाना है तो कर सकती हैं. और अगर आपने आज दोपहर उन लड़कों से जो सर्विस ली थी, वह चाहिए तो वह भी कर सकते हैं।
मैंने अनजान बनते हुए बोला- भैया, वे दोनों लड़के तो मेरे ऑफिस से आए थे। उनसे मैंने कोई सर्विस नहीं ली है।

तब उसने फर्श की तरफ इशारा करते हुए कहा- इस तरह की सर्विस की बात रहा हूं मैडम।
मैंने देखा फर्श पर अभिजीत का फेंका हुआ कंडोम पड़ा हुआ था। मेरी स्कर्ट, ब्रा और थांग भी इधर-उधर पड़ी हुई थी। बेडशीट भी काफी जगह से निकल गई थी।

मैं समझ गई कि इसे मेरी चुदाई के बारे में पता चल गया है। मैंने उसे जल्दी से खाने का आर्डर देकर बोला- भैया 8:00 बजे तक तुम डिनर ले आना, तब बाकी की बातें कर लेंगे।
“ठीक है मैडम।” यह बोलकर वेटर चला गया।

मैंने अब जल्दी से अपने रूम को व्यवस्थित किया, कंडोम तथा कंडोम का पैकेट हटा दिए अपनी ब्रा, स्कर्ट वगैरह को भी हटा दिया। बेडशीट वगैरा झाड़ कर रूम इस तरह कर दिया कि किसी को भी यह ना पता चले कि यहां थोड़ी देर पहले मेरी अच्छे से चुदाई हुई है।

इसके बाद मैं मैं नहाई और हल्का सा मेकअप करके मैंने ब्रा और पैंटी के ऊपर एक लॉन्ग टीशर्ट पहन ली। टीवी देखते हुए डिनर का इंतजार करने लगी। मैंने टी-शर्ट के नीचे लोअर जानबूझकर नहीं पहना था। जिस से वेटर को मेरी जांघों तक का हिस्सा दिखाई दे सके।

ठीक 8:00 बजे वेटर मेरा डिनर लेकर आ गया।

मेरा डिनर लगाने के बाद उसने मुझसे सर्विस के लिए पूछा तो मैं बोली- भैया, मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं बचे इसलिए मैं कोई सर्विस नहीं ले सकूंगी।
मेरा जवाब सुनकर उसे थोड़ी निराशा हुई लेकिन वह बोला- मैडम, पैसे की कोई बात नहीं है। आप ट्राई करके देख लीजिए। अगर ठीक लगे तो जो मर्जी पड़े वह पैसे दे दीजिएगा।
मैंने धीरे से पूछा- सर्विस में क्या क्या करोगे?
उसने बोला- मैडम, वह सबकुछ जो आपको पंसद हो।

आज के तीनों लड़कों में से किसी ने भी मेरी चूत को नहीं चाटा था। मुझे अपनी चूत को चटवाना सबसे अधिक पसंद है।
कुछ सोच कर मैंने उससे धीरे से पूछा- अपना नाम भी बताओ और तुम सर्विस देते समय चूत भी चाटते हो क्या?
वो मुस्कुराहट के साथ बोला- मैडम मेरा नाम सूरज है और सर्विस में आपकी यह इच्छा मैं जरूर पूरी करूंगा। बस चूत साफ-सुथरी होनी चाहिए। मैं तो कहूंगा आप एक बार ट्राई करके देखो, आपको बहुत मजा आएगा।

मैं बोली- साफ सफाई का तो मैं भी बहुत ख्याल रखती हूं, और चूत को चिकनी करके भी रखती हूं, लेकिन तुम मुझे एक बार अपना दिखाओ। उसके बाद ही डिसाइड करूंगी।
यह सुनकर सूरज ने धीरे से दरवाजा लगाया और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल कर मुझे दिखाया। उसका लंड पूरी तरह खड़ा नहीं था, लेकिन देख कर ऐसा लग रहा था कि खड़ा होने के बाद 7 इंच का तो जरूर होगा। उसका सुपारा मशरूम की तरह था और अच्छा मोटा भी लग रहा था। लंड अच्छी तरह से शेव किया हुआ था।

मैंने उससे पूछा “तुम सर्विस कब दे पाओगे?
सूरज बोला- मैं रात लगभग 12:30 बजे तक फ्री हो पाता हूं उसके बाद आपको सवेरे 5:00 बजे तक सर्विस दे सकता हूं।
मैंने सूरज से कहा- जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझे फोन कर लेना। तुम्हारा फोन आने के बाद मैं रूम सर्विस पर फोन करके पानी भेजने के लिए बोलूंगी। तुम पानी लेकर इतनी रात अगर मेरे कमरे में आओगे भी तो किसी को शक नहीं होगा। मेरे कमरे में पहुँच कर तुम नहा लेना फिर मुझे सर्विस देना। ठीक रहेगा ना?

सूरज को भी मेरा प्लान पसंद आया और वह खुशी-खुशी चला गया।

मैं भी जल्दी से खाना खाकर फ्री हो गई और लेट गई ताकि सूरज के आने से पहले थोड़ा आराम कर सारी कोशिशों के बावजूद मुझे नींद नहीं आई। आंखें बंद करते ही मुझे सूरज का लंड दिखाई देता था।

लगभग 11 बजे मैंने स्नान किया और सूरज के स्वागत के लिए मैंने सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और पैंटी पहन ली। मैंने अपनी गांड और चूत पर स्प्रे भी कर लिया।
ठीक समय पर सूरज का रिंग मेरे मोबाइल पर आया और जैसा हम दोनों ने मिलकर सुनिश्चित किया था, मैंने रूम सर्विस को फोन करके पानी भेजने के लिए कहा।

मेरी चूत बहुत बेचैन हो रही थी और धड़कन भी बहुत तेज चल रही थी। मैं बेसब्री से सूरज का इंतजार कर रही थी।
आखिर इंतज़ार की घड़ी समाप्त हुई और मेरे रूम की डोर बेल बजी।

मैंने एक टॉवेल लपेट कर झट से थोड़ा सा दरवाजा खोला। सूरज को देख कर मैं आश्वस्त हो गई। सूरज ने रूम के अंदर आने के बाद दरवाजा बंद किया और वॉशरूम में नहाने के लिए चला गया। मैंने टॉवेल उतार दिया और ब्रा पैंटी में ही बिस्तर पर लेट गई और ठंड की वजह से मैंने बेडशीट अपने बदन पर डाल ली।

सूरज बाथरूम से नहाकर सिर्फ तौलिया लपेट कर बाहर निकला। सूरज को बाहर निकला देखकर मैंने अपनी बेडशीट हटाई और सूरज का टावेल खींच कर उतार दिया। अब उसे अपनी तरफ खींच कर मैं सूरज से चिपक गई और बोली- अब देखती हूं तुम क्या क्या सर्विस देते हो मुझे।

तौलिया उतर जाने से सूरज पूरा नंगा हो गया था। वो भी मेरे शरीर से चिपकते हुए बोला- ऐसी सर्विस दूंगा मैडम कि जिंदगी भर तक याद रखेंगी कि किसी ने दिल्ली में आपको बढ़िया सर्विस दी थी।

मैं इतनी गर्म हो गई थी कि मैं पूरी बेशर्मी से सूरज के नंगे बदन से चिपक रही थी। मुझे ब्रा पैंटी में देखकर उसका लंड तो पूरा खड़ा हो ही गया था। मैं उसके लंड को सहला रही थी और वह मेरे अधरों को चूसे जा रहा था। धीरे-धीरे अधरों से मेरे स्तनों पर आ गया और स्तनों को ब्रा से आजाद कर चूसने लगा। उसका एक हाथ मेरी जांघों को दबा रहा था।

मुझे इतना मजा आ रहा था कि शब्दों में उसका बयान करना बहुत मुश्किल है। मेरे स्तनों से धीरे-धीरे नीचे उतर कर उसने जब मेरी नाभि में अपनी जुबान डाली तो मेरी चूत में मानो रस भर आया।

जब उसने अपनी जुबान पैंटी के ऊपर से मेरी चूत पर रखी तो जैसे मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा और मेरी दोनो टांगें अपने आप खुलने लगी।

सूरज ने मेरी पैंटी नीचे करके मुझे पूरी नंगी कर दिया। अब सूरज मेरी चूत खोलकर उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा। सूरज की जुबान के स्पर्श से मेरी चूत के स्पर्श से मेरी चूत मानो उड़ने लगी कामोत्तेजना से।
“उईई … उम्म्ह… अहह… हय… याह…” मैंने उत्तेजना से अपनी चूत को ऊपर उठाते हुए सीत्कार भरी।

“सूरज अपनी जुबान से मेरी चूत के अंदर तक सर्विस दो.” मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाते हुए कहा।
उसने मेरी चूत को और फैलाया और अंदर तक जुबान डाल कर चाटने लगा।

जब उसने मेरे भगांकुर को भी अपने होंठों से थोड़ा सा दबाया तो मैं सीत्कार कर चिहुंक पड़ी- आआआहह सूरज बहुत मजा आ रहा है तुम्हारी सर्विस में।
मैं काम उत्तेजना में लगातार बके जा रही थी।

थोड़ी देर इस पोजीशन में मेरी चूत को चाटने के बाद सूरज ने पोजीशन बदली और वह नीचे लेट गया और मुझे अपनी चूत उसके मुंह पर रखने के लिए बोला मैं जैसे नशे में उसकी हर बात मानती जा रही थी जैसे ही मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रखी उसने मुझे नितंब से पकड़ कर मेरी चूत में अपनी कुत्ते जैसी लपलपाती जु़बान अंदर तक डाल दी।

अब तो मैं मछली जैसी छटपटाने लगी लेकिन सूरज ने मुझे आज नितंब से कस के पकड़ रखा था और वह अपनी जुबान अंदर तक डालने से बाज़ नहीं आ रहा था। मेरी चूत अपने आप उसके मुंह पर रगड़ना शुरू हो गई और मेरे बेशर्म सीत्कार पूरे कमरे में बुरी तरह गूंज रहे थे।

बहुत जल्दी ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और सूरज ने सारा पानी चाट कर साफ कर दिया।
मैंने कांपती हुई आवाज में सूरज से 69 पोजीशन में आने के लिए बोला।
“बहुत अच्छे मैडम।” सूरज तुरंत मेरे साथ 69 पोजीशन में आ गया।

सूरज का मशरूम जैसा सुपारा बहुत गर्म हो रहा था। उसने मेरी चूत चाटनी शुरू की और मैंने उसका सुपारा अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। उसने भी धीरे-धीरे अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया।
उसका लंड इतना मोटा हो गया था कि मुझे मुंह में लेने में दिक्कत हो रही थी. लेकिन मैं खुश थी क्योंकि मुझे मालूम था कि यह मोटा लंड मेरी चूत फाड़ कर मेरी चुदाई करेगा।

सूरज ने मेरी चूत चाटते चाटते अचानक से मेरी चूत की दोनों पुत्तियां और भगांकुर सभी को एक साथ अपने मुंह में ले लिया और बेतहाशा चूसने लगा। अब तो मुझे खुद को कंट्रोल कर पाना असंभव हो गया और मैं उससे चुदाई के लिए अनुनय करने लगी।

अब सूरज ने मुझे पीठ के बल लेटा दिया। मेरी टांगें और चूत अपने आप खुल गई और सूरज के मोटे लंड को अंदर घुसने के लिए निमंत्रण देने लगी।
मैंने सूरज के लंड को देखा जो सख्त होकर लाल हो गया था। मैंने मन ही मन उसकी साइज का अनुमान लगाया। मेरे अनुमान से सूरज का लंड सात इंच से ज्यादा लंबा और 3 इंच मोटा तो रहा ही होगा।

मैंने सूरज के लंड पर कंडोम चढ़ा दिया और बोली- अब आओ मेरी चूत को अपने लंड से सर्विस दो।
“जरूर मैडम!” सूरज ऐसा बोल कर मेरी चूत पर अपने सुपारे को रगड़ने लगा। सुपारे की रगड़ से मेरी चूत में और भी उत्तेजना बढ़ गई थी और मैं अपने नितंब ऊपर की तरफ उछालने लगी ताकि उसका लंड मेरी चूत में ले सकूं। लेकिन सूरज भी मेरी चूत में लंड नहीं घुसा रहा था और मेरे भगांकुर के साथ अपने सुपारे को रगड़ कर मेरी उत्तेजना बढ़ा रहा था और मुझे सता रहा था।

“सूरज अब मेरी चूत को और मत सताओ। जल्दी से अपने लंड से इसे फाड़ दो” मैं कामातुर होकर सूरज से विनती करने लगी।

सूरज ने मुस्कुराकर अपना सुपारा मेरी चूत से रगड़ना जारी रखा लेकिन अचानक उसने एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
“आआआहह …” मोटे लंड के अचानक हुए वार से मेरे मुंह से चीख निकली।

इसी समय सूरज ने मेरे अधरों को अपने अधरों से सील कर दिया और उन्हें चूसने लगा। वह मेरी जुबान को भी चूसने लगा। मैं पुनः एक बार झड़ गयी। अब तो जितने जोर से धक्के सूरज लगा रहा था उतने जोर से मैं भी नीचे से धक्के लगा रही थी। हमारा बिस्तर फिर से चरमराने लगा।
सूरज ने अपने अधर मेरे अधरों से हटा कर मेरे स्तन को जोर से चूसना शुरू किया और जोर जोर से धक्के मार कर मुझे चोदने लगा।

“और जोर से चोदो सूरज। मेरी चूत फाड़ कर उसका भोंसड़ा बना दो।” मैं कामोत्तेजना में बड़बड़ाए जा रही थी।
यह सुनकर सूरज ने भी पूरी ताकत से मुझे चोदना शुरू किया। उसके सख्त लंड की चुदाई से में एक बार फिर से झड़ गई।

थोड़ी देर और चोदने के बाद सूरज ने मुझसे कान में धीरे से पूछा- मैडम गांड में भी सर्विस दूं क्या?
मैंने उसे बोला- हां सूरज, तुम आज मेरी गांड भी चोद कर फाड़ दो। मुझे भी गांड मरवाना बहुत पसंद है, लेकिन बिना कंडोम के गांड मारना।

“फिक्र मत करो बेबी। ऐसी गांड मारूंगा कि तुम्हें हमेशा याद रहेगी।” सूरज बोला।

अब सूरज धीरे मुझसे खुल गया था और वह मुझे मैडम की बजाय बेबी बोलकर बुलाने लगा था। अब सूरज ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और कंडोम उतार दिया।
सूरज बोला- बेबी थोड़ा सा और चूस दोगी लंड को तो बहुत अच्छे से तुम्हारी गांड मार पाऊंगा।
मैं भी आंख मार कर बोली- डार्लिंग बिल्कुल चूसूंगी। तुम्हारा लंड चूसने में तो मुझे बहुत मजा आता है। तुम भी इसके बाद मेरी गांड को भी अच्छी तरह से फाड़ देना।

यह बोलकर मैंने सूरज का सुपारा अपने मुंह में ले लिया और उसके अंडकोष को सहलाते हुए लंड चूसने लगी। इसी दौरान सूरज ने मेरी गांड के छेद को सहलाना शुरू किया और छेद के अंदर अपनी दो उंगलियां क्रीम में सराबोर करके डाली और अंदर बाहर करना शुरू किया।
वो मेरी गांड के छेद तो चिकना कर रहा था और मैं उसका लंड चूस कर उसे अपने थूक से चिकना कर रही थी। बहुत जल्दी उसका लंड मेरी गांड मारने के लिए रेडी हो गया।

सूरज ने अब मुझे कुतिया की स्टाइल में सेट किया और मेरी गांड पीछे से थोड़ा सा उठा कर मेरी टांगें भी थोड़ी चौड़ी कर दी। अब उसने अपने सुपारे को मेरी गांड के छेद पर रखा और मुझे नितंबों से पकड़ कर धीरे धीरे लंड पर दबाव डालना शुरू किया।

उसका मोटा सुपारा मेरी गांड के छेद को उत्तेजित कर रहा था और धीरे-धीरे उसे फैलाते हुए अंदर घुसने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
सुपारा मेरी गांड में सेट करने के बाद सूरज ने पूछा- बेबी कैसा लग रहा है?
“बहुत मस्त लग रहा है।” मैंने अपनी गांड को पीछे की तरफ दबाते हुए भी बोला।

कुछ देर बहुत हल्के हल्के धक्के मारने के बाद सूरज ने एक जोरदार धक्का मारा जिससे उसका मोटा लंड लगभग 3 इंच तक मेरी गांड में घुस गया। सूरज के मोटे लंड से मेरी गांड फटना शुरु हो चुकी थी। मेरे मुंह से दर्द और आनंद की एक मिश्रित चीख निकल गई।

सूरज ने थोड़ी देर देर अपने लंड को यूँही फंसाए रखा और मुझे नितंब से कस के पकड़ रखा था। अब उसने एक पावरफुल धक्का और मारा जिससे उसका लंड काफी अंदर तक और चला गया।
वो यहीं नहीं रुका, उसने लगातार दो तीन मस्त धक्के और मारे। उसका मोटा लंड मुझे अपनी गांड में अंदर तक महसूस हो रहा था।

पूरा लंड घुसाने के बाद सूरज ने पूछा- बेबी पूरा लंड घुस गया है तुम्हारी गांड में। कैसा लग रहा है?
मैं बोला- मुझे बहुत मस्त लग रहा है। जल्दी से अब तुम मेरी गांड को चोद कर फाड़ डालो।
“बेबी लंड घुसने के बाद तुम्हारी गांड बहुत सेक्सी लग रही है।” सूरज कामातुर होकर बोला।
“मुझे मालूम है कि तुम्हारे लंड को मेरी गांड बहुत पसंद आई है इसलिए तुम्हारा लंड फूल कर मोटा हो गया है।” मैंने अपनी गांड को पीछे की तरफ पुश करते हुए बोला।
“बहुत कम लड़कियों को गांड मरवाना पसंद होता है।” सूरज अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए बोला।

“मुझे तो पता है कि लड़कियों के तीनों छेद लंड को खुश करने के लिए बने हैं। और लंड जितना ज्यादा खुश होगा चुदाई में उतना ही ज्यादा मजा आएगा।” मैंने सूरज को कामातुर होकर बोला।
सूरज ने मेरी गांड में अपने लंड को पूरा अंदर बाहर करना शुरू किया।
मेरे मुंह से आनंद के सीत्कार फूटने लगे- डार्लिंग तुम्हारा लंड बहुत मोटा है। मेरी गांड को मस्त फाड़ रहा है।
मैं अपनी गांड आगे पीछे करते हुए बोली।

“बेबी, आज तो तुम्हारी गांड को फाड़ के गुफा बना देगा मेरा लंड।” सूरज भी जोश में आकर बोला और थोड़ा तेज गांड मारने शुरू किया।
“आआआहह सूरज … बहुत मजा आ रहा है। … आज तो मेरी गांड वाकई फट जाएगी।” मैं काम उत्तेजना में बड़बड़ाने लगी।
सूरज ने थोड़ी देर गांड मारने के बाद लंड घुसे रहने की अवस्था में ही मुझे बिस्तर पर पूरा लेटा दिया अब मैं अपने स्तन के बल बिस्तर पर थी और सूरज मेरी गांड मस्ती से मार रहा था।

“बेबी इस स्टाइल में गांड मारने में बहुत ज्यादा मजा आता है और गांड फटती भी बहुत अच्छे से है।” सूरज जो अब मेरे ऊपर लेट कर मेरी गांड चोद रहा था मेरे कान के पास धीरे से बोला।

“ऊऊऊईईई …” मैंने सहमति से सीत्कार भरते हुए बोला- डार्लिंग तुम्हारा लंड तो बहुत मजबूत है। मेरी गांड अच्छे से फाड़ रहा है। मजा आ गया आज तुम्हारी सर्विस से।
मैं आनंद से भर कर बोली।

सूरज ने गांड में लंड फंसाए रखा और हम दोनों बायीं करवट हो गए। सूरज ने बांया हाथ मेरी पसली के नीचे से लिया और मेरे स्तन को कस के पकड़ लिया और बेदर्दी से स्तन को मसलने लगा। मैंने अपनी गर्दन घुमाई तो सूरज मेरे होंठ भी चूसने लगा।

सूरज ने अब अपना लंड मेरी गांड में अंदर बाहर करने की स्पीड बढ़ा दी और अपने दाहिने हाथ की दो उंगलियां मेरी चूत में डालकर मेरी चूत की उंगलियों से चुदाई भी साथ-साथ करने लगा।

अब तो मैं चरम सुख की सीमा पर पहुंच गई और मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया। अब मैंने और जोर जोर से काम आनंद के सीत्कार करना शुरू कर दिया।

सूरज ने मेरी चूत से उंगलियों को बाहर निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने उसकी उंगलियों से खुद का नमकीन रस चाट कर साफ किया। सूरज ने पुन: मुझे स्तनों के बल किया और बेतहाशा मेरी गांड मारने लगा।
कमरे में मेरी चीख और लंड के अंदर बाहर होने की फच फच की मधुर आवाज गूंज रही थी। मैंने ऐसी स्टाइल में अपनी गांड कभी नहीं मरवाई थी। मुझे आज गांड मरवाने में बहुत आनंद आ रहा था।
और सिर्फ मुझे ही नहीं सूरज को भी गांड मारने में बहुत आनंद आ रहा था।

काफी देर मेरी गांड में फैलने के बाद सूरज मेरी गांड में ही झड़ गया उसने मेरी गांड को अपने पानी से लबालब भर दिया। उसके गर्म गर्म वीर्य का मेरी गांड में गिरना मुझे बहुत सुकून दे रहा था।
जिस प्रकार कुत्ता कुतिया को चोदने के बाद उसकी चूत में अपना लंड फंसा करके रखता है ठीक उसी तरह झड़ने के बाद भी सूरज ने अपना लंड मेरी गांड में फंसाया रखा। झड़ने के कुछ समय पश्चात सूरज ने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला और उसका जो वीर्य मेरी गांड से बाहर आ रहा था उसी से मेरे स्तनों की मालिश की।

मेरी चूत और गांड दोनों को सूरज ने अच्छे से संतुष्ट कर दिया था। मैं वॉशरूम जाकर सफाई करके आई तब तक सूरज ने कपड़े पहन लिए थे।

मैंने पहले सूरज को ₹1000 देने के लिए सोचा था, लेकिन मैंने सूरज को खुश होकर ₹500 अतिरिक्त दिए और कहा- डार्लिंग, तुम्हारी सर्विस बहुत अच्छी थी। मुझे बहुत मजा आया।
सूरज ने खुश होकर कहा- बेबी! कस्टमर को मजा आए तभी सर्विस देना मुझे अच्छा लगता है।

सूरज जब कमरे से जाने वाला था, तब मैंने उससे पूछा- क्या तुम फिर से रात को अपनी सर्विस दे पाओगे?
तब सूरज ने कहा- आज सर्विस नहीं दे पाऊंगा क्योंकि मुझे बाहर जाना है। लेकिन अगर आप चाहे तो मैं किसी अच्छे दोस्त को आपको सर्विस देने के लिए बोल सकता हूं।

मैंने सूरज से पूछा- क्या तुम्हारे दो दोस्त मिल सकते हैं मुझे सर्विस देने के लिए?
इस पर सूरज जोरों से हंसा और बोला- बेबी को दो लंड की सर्विस की जरूरत रहती है?
मैं भी हंसकर उसे बोली- यार आज सवेरे जिन दो लड़कों ने सर्विस दी थी उनका और मेरा हम सभी का पहला पहला अनुभव था थ्रीसम चुदाई का। अगर कोई अनुभवी खिलाड़ी मुझे थ्रीसम चुदाई के लिए सर्विस देंगे तो शायद मुझे और भी बेहतरीन अनुभव मिल सके।

सूरज ने कुछ सोचकर कहा- बेबी, अगर आप कल यही पास में दूसरे होटल में शिफ्ट हो जाओ तो मैं अपने दो दोस्तों को बोल दूंगा। वह होटल आपको ज्यादा बेहतर रहेगा और मेरे दोस्तों के लिए सुविधाजनक भी रहेगा।
मैंने उसे बोला- ठीक है। मैं सवेरे 12:00 बजे तक अपना होटल बदल दूंगी। उसके बाद मैं तुम्हें अपना कमरा नंबर बता दूंगी तब तुम अपने दोस्तों को भेज देना और उनका नंबर भी मुझे दे देना।

मेरी प्लानिंग से सहमत होकर सूरज चला गया।

मैंने देखा सवेरे के 4:15 बज चुके हैं। बिस्तर में लेट कर मैंने सोचा कल से आज तक मेरी चूत ने चार लंड तो खा ही लिये है। सच में लोग दिल्ली के बारे में सच ही बोलते हैं कि अगर लड़की एक लंड ढूंढे तो उसे 20 लंड चोदने के लिए तैयार मिल जाएंगे। मुझे ही देख लो चार लंड से चुदने के बाद कल दो नये लंड का इंतजाम भी हो ही चुका है।

आने वाले कल की चुदाई के बारे में सोचते सोचते मुझे पता नहीं कब नींद आ गई।

तो दोस्तो … यह थी मेरी कहानी। इसके बाद दोनों नये लड़कों ने मेरे साथ कैसे-कैसे चुदाई की, यह मैं आपको अपनी कहानी के आखिरी भाग में बताऊंगी।
आपके बेशकीमती सुझावों का मुझे इंतजार रहेगा। आप लोगों को अपना इमेल आईडी फिर से एक बार बता देती हूं
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