मेरे जिगोलो बनने की कहानी

नमस्ते दोस्तों! मुझे आप मीनू कह सकते हैं. मैंने पूरी कोशिश की है कि अपने हर अनुभव को शब्दों में पिरो कर आपको अधिक से अधिक रोमांचित करने का प्रयास करूं. अभी कुछ दिन पहले मैंने एक जिगोलो क्लब से सम्पर्क किया था. फिर मैंने सारी फोर्मलिटी पूरी करके उस क्लब को ज्वाइन कर लिया.

फिर कुछ देर बाद मुझे एक ग्राहक का कॉल आया, उसने अपना नाम हर्षिता बताया और उसने मेरा कोड पूछा. जब कोड वेरीफाई हो गया, तो उसने मुझे एक पता नोट कराया और वो मुझसे शाम 8 बजे आने के लिए बोली.

चूंकि ये मेरा पहला कॉल था, तो मैं थोड़ा एक्साईटेड भी था और थोड़ा नर्वस भी था. जबकि क्लब वाले ने मुझे सब कुछ समझा भी दिया था कि मुझे बॉडी मसाज के साथ साथ जो ग्राहक होगी, उसे फिजीकल रिलेशन भी बनाने होंगे.
मैं उसके बताये हुए पते पे पहुंचा, तो एक बहुत ही सुन्दर सी स्त्री ने दरवाजा खोला. वो नीले गाउन में थी. वो कोई 26-27 साल की रही होगी. उसने अपने आपको बड़ा मेंटेन करके रखा था. उसका फिगर कुछ 34-30-36 का था. मैं उसे देखते ही उसकी सुन्दरता में खो गया.

फिर उसने चुटकी बजाई, मुझे आवाज देकर होश में लाई और मुझे अपने साथ घर के अन्दर चलने को बोली. मैं उसके पीछे पीछे चलने लगा, उसकी मटकती हुई गांड से तो मेरी नजर हट ही नहीं रही थी. मैं मदहोश हुआ जा रहा था.

उसका घर बहुत बड़ा था, जाते ही उसने मुझे सोफे पे बैठा दिया और मेरे बगल आकर में बैठ गयी.

जैसे कि मुझे क्लब से बोला गया था कि जाते ही ग्राहक से खुल जाना और फ्रेंडली हो जाना. तो मैंने उससे पूछा- आपको कैसा सेक्स पसंद है?
उसने बताया कि मैं आज हर तरह का सुख लेना चाहती हूँ, लेकिन इससे पहले तुम मेरी मसाज कर दो.
इस प्रोफेशन में चूंकि हमें मसाज भी देना होता है तो मैंने बोला- ओके मैडम … पहले आप अपने गाउन को उतार कर साइड में रख लीजिये.
वो बोली- डियर आज ये सारा काम तुम्हें ही करना है … और मुझे हर तरह से संतुष्ट करना है.

मैंने मुस्कुरा कर उसके गाउन को उतार कर साइड में रख दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्लू कलर की डिज़ाइनर ब्रा और पैंटी में थी. उसका दूध सा गोरा रंग ऐसा था कि जो भी देखे, बस देखकर ही अपना लंड पकड़ ले. मेरे लंड ने अब अपना शेप लेना शुरू कर दिया था.

मैंने उससे बोला- आप काउच पे लेट जाओ.
वो वहीं काउच पे पेट के बल लेट गयी और मैंने उसे अमेरिकन कामा आयल से मसाज देना शुरू किया.

पहले तो मैंने धीरे धीरे उसके पैरों की उंगलियों से मसाज की शुरुआत की और फिर ऊपर की तरफ बढ़ने लगा. जैसे जैसे मेरे हाथ की उंगलियां उसके जिस्म पे रेंग रही थीं, वैसे वैसे उसकी कामुकता बढ़ती जा रही थी.
मसाज एक तरह से बोला जाए, तो सेक्स से पहले मसाज फोरप्ले का काम करता है. वही अभी हर्षिता के साथ भी हो रहा था.

मसाज को गति देने के बाद मैंने धीरे से उसकी पैंटी को भी नीचे सरका दिया और उसकी जांघों के साथ साथ उसके कमर की भी मसाज करने लगा.

उसकी गांड क्या मस्त थी … मेरा मन कर रहा था कि अभी अपना लंड उसकी गांड में डाल दूँ. पर मैं आज उसको बहुत खुश करना चाहता था ताकि वो मेरी परमानेंट ग्राहक बन जाए.

उसने बोला- डियर अब तुम अपने कपड़े भी उतार दो न.
मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया.

जब उसने मेरा मोटा और लम्बा लंड देखा तो उसने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी. चूंकि मैं उससे पूरी तरह से संतुष्ट करना चाहता था इसलिये बोला- डियर अभी थोड़ा सब्र करो.. पहले तुम्हें अच्छे से मसाज दे दूँ, उसके बाद जो चाहे वो कर लेना.
वो हंस दी.

मैंने फिर से अपनी पोजीशन ले ली और उसके पैरों पे बैठ कर उसकी कमर की मसाज करने लगा. बहुत देर तक उसके कमर की मसाज करने के बाद धीरे धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगा. मैं जैसे ही ऊपर की ओर गया, मेरा खड़ा लंड उसके गांड पे ठोकर मारने लगा, जिससे वो और भी रोमांचित होने लगी.

फिर मैंने उसकी ब्रा के स्ट्रिप को खोल कर ब्रा को उसके जिस्म से अलग कर दिया. अब हम दोनों के जिस्म पे एक भी कपड़ा नहीं रह गया था.

पूरा नंगा होने के बाद मैं उसकी मसाज बहुत ही अच्छे तरीके से खुद को उसके शरीर से रगड़ कर करने लगा, जिससे उसकी कामुकता चरम पे पहुंच गयी. उसके मुँह से अजीब अजीब सी आवाजें निकलने लगी थीं.

चूंकि पीठ का मसाज हो चुका था, तो मैंने उसे अब पीठ के बल लिटाया और फिर से पैरों से मसाज करना स्टार्ट किया जिससे उसके शरीर में करंट सा दौड़ गया और वो अपने दोनों हाथों से अपने चूचों को दबाने लगी.

क्या मस्त चूचियां थीं उसकी … और मस्त गुलाबी निप्पल एकदम हार्ड हो गए थे. मन तो कर रहा था कि उसकी किशमिश को चबा जाऊं, पर मैंने खुद पे कंट्रोल किया हुआ था. जैसे जैसे मैं ऊपर की तरफ बढ़ रहा था, वैसे वैसे उसकी बेचैनी बढ़ती जा रही थी. अति उत्तेजना के चलते उसका सपाट पेट कभी बाहर तो कभी अन्दर हो रहा था.

कुछ पल बाद मैंने अब उसकी जांघों को मसाज देना शुरू किया. वो अपने पैरों को फ़ैलाने लगी, जिससे उसकी सफाचट चुत उभर कर मेरे सामने आ गयी. मैं उसकी ‘वी’ शेप चुत को मसाज देने लगा और उसकी चूत की पुत्तियों को पकड़ कर खींचने लगा जिससे उसकी चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया.

वो मेरे बालों को नोचते हुए मुझे अपनी चुत पे चिपकाने लगी. लेकिन मैं उसे बहुत उत्तेजित करना चाहता था इसलिए मैं अब उसके पेट होते हुए उसके बड़े बड़े दोनों कबूतरों को मसाज देने लगा. इस पोजीशन में मेरी लंड उसके चुत से टकराने लगा और वो मेरे लंड को पकड़ कर अपने चुत पे दबाने लगी. पर मैं उसे और तड़पाना चाहता था. तो मैं उसके कंधों को मसाज देते हुए धीरे धीरे एक एक करके उसकी नर्म मुलायम चुचियों को अपने मुँह में लेकर चुसकने लगा था.

वो इतनी अधिक गरमा गई थी कि बड़बड़ाने लगी थी. वो बोल रही थी- और कितना तड़पाओगे डियर … अब अपना ये मूसल मेरी चुत में डाल कर इसकी गर्मी को शांत कर दो, साली बहुत तड़पाती है मुझे.
मैंने बोला- हर्षिता डार्लिंग … अभी तो शुरुआत है … अभी तो और तड़पाऊँगा … तुम्हें मेरे लंड का स्वाद इतनी आसानी से नहीं मिल पाएगा.

इतना बोलकर मैंने उसके चेहरे को किस किया और फिर हमारे होंठ आपस में चिपक गए. अब उसके होंठों को चूसने के साथ साथ मैं उसके मम्मों को भी जोर जोर से निचोड़ने लगा था.

लगभग दस मिनट तक उसके होंठों को चूसने के बाद मैंने उसकी टांगों के बीच में आकर चुत पे किस कर लिया, जिससे वो एकदम से गनगना उठी और मेरे बाल पकड़ कर मेरे सर को अपनी चुत पे दबाने लगी.
मैं अपनी लम्बी सी जीभ निकालकर उसकी चुत को चाटने और चोदने लगा. इस तरह से उसकी तड़प बढ़ती जा रही थी.

वो मेरे सर को जोर से बढ़ाते हुए बोलने लगी- मीनू, प्लीज मुझे भी अपने लंड का स्वाद चखाओ ना … मुझे भी तुम्हारे लंड को प्यार करना है, उसे चूसना है.

काउच पे अब हमें दिक्कत होने लगी थी, तो वो मुझे अपने बेडरूम में लेकर गयी. मुझे बेड पर पीठ के बल लिटा कर उसने मेरे मुँह पे अपनी रसीली चुत को रखा और मेरे लंड से खेलने लगी.

पहले तो उसने मेरे लंड को सूंघा, फिर अपना जीभ निकाल कर मेरे लंड के सुपारे पर फिराने लगी. इससे मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया, जिससे मैंने उसके मुँह में अपना लौड़ा ठेल दिया और वो मेरे लौड़े को चूसने लगी. मैं भी अब उसकी चुत में अपनी जीभ घुसा कर चाटने लगा. वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चुत को चाट रहा था … काट रहा था.

जैसे जैसे वो मेरे लंड को जोर जोर से चूसती, वैसे वैसे मैं भी उसकी चुत को जोर जोर चाटने और काटने लग जाता.

चुत को चाटते चाटते मेरी नजर उसकी गुलाबी गांड के छेद पे पड़ी. जैसे ही मैंने उसकी गांड के छेद पे अपनी उंगली रखी, तो वो चौंक गयी और मेरी तरफ देखकर कर कातिल मुस्कान के साथ एक कामुक सी आहह भरी.

अब मैं उसकी चुत को चाटते हुए उसकी गांड पे उंगली भी घुमा रहा था, जिससे वो और उत्तेजना में आ गयी. उसके मुँह से आअह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह की आवाज निकल रही थी.

वो इतनी अधिक पनीली हो चुकी थी कि वो बड़े ही वाइल्ड तरीके से हर तीन चार मिनट में अपनी चुत से पानी छोड़ रही थी. मेरे मुँह पे जोर जोर से अपनी चुत रगड़ते हुए मेरे लंड को चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद उसका जिस्म कांपने लगा और एक झटके के साथ वो मेरे मुँह में झड़ने लगी. इधर मैं भी उफान पे था और मैं भी उसके मुँह को जोर जोर से चोदने लगा और एकाएक मेरे लंड ने पिचकारी उसके मुँह में छोड़ दी जिसे उसने गटक लिया.

फिर हम दोनों एक दूसरे को चाट कर अच्छे से साफ़ किया और उठ कर एक दूसरे से चिपक कर मजा लेने लगे. एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे. वो मेरे लंड को प्यार कर रही थी और मैं उसके पूरे जिस्म पे किस कर रहा था.

कुछ ही देर में मेरे लंड ने फिर से आकार लेने शुरू कर दिया था. मैं अब उसकी चुत को चूमने लगा था. फिर वो उठी और उसने मुझे पीठ के बल लेटा कर लंड को किस किया और मेरे लंड पे कंडोम लगा कर उसपे बैठ गयी. मेरा लंड उसकी रसीली चुत में सरसराता हुआ अन्दर तक घुस गया. वो एक मीठी सी कराह के साथ दो पल के लंड पर टिकी रही. फिर वो अपनी कमर उठा कर जोर जोर से मुझे चोदने लगी.

चूंकि हम दोनों का एक बार हो चुका था इसलिए वो बहुत देर तक मेरे लंड पे कूदती रही और मैं उसके जिस्म से खेलता रहा.

करीब 10 मिनट बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया, जिससे मेरा लंड पूरी तरह से भीग गया और बिस्तर भी गीला हो गया.

वो मेरे सीने पे सर रख तेज सांसें ले रही थी. मेरा लंड अभी भी उसकी चुत में अकड़ा हुआ अड़ा था. जब उसे ये एहसास हुआ कि मेरा तो अभी हुआ नहीं और लंड तो अभी भी अकड़ा हुआ है.
तो वो बोली- मीनू, अब तुम अपना भी रस गिरा लो.

मैंने अपनी पोजीशन चेंज की और उसे डॉगी स्टाइल में ले आया. मैंने पीछे से जाकर उसकी चुत को किस कर लिया. मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है. चूत को चूमने के बाद मैंने उसके पिछवाड़े पे जोर की चपत लगाई, जिससे वो चिहुंक उठी.

अब मैंने अपने लंड को उसकी चुत पे सैट करके एक तेज झटका दिया, जिससे मेरा लंड उसकी चुत में सरसराते हुए घुस गया और वो जोर जोर से कामुक आवाजें निकालने लगी- आह ओह मीनूऊऊ … और तेज चोदो … मुझे चोद दो … आह फाड़ दो मेरी चुत को … आह मजा आ गया … मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है … आह आज तो तुम मेरी चुत का भोसड़ा बना दो.

लगभग 10 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मेरा माल भी गिरने लगा और मैं वहीं ढेर होकर उसके पीठ पे लेट गया.

थोड़ी देर बाद जब मेरा लंड सिकुड़ने लगा, तो मैंने उसपे से कंडोम निकाल कर साइड में रख दिया और हर्षिता के बगल में आकर लेट गया. हर्षिता मुझसे पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी. मेरी उससे एक बार की चुदाई की बात हुई थी, लेकिन उसने मुझे जाने ही नहीं दिया.

वो बोली- आज पूरी रात तुम मेरे साथ रहोगे.
मैंने भी उसे चूमते हुए हामी भर दी.

उस पूरी रात लगभग मैंने उसके साथ 6 बार सेक्स किया, जिसमें एक बार मैंने उसकी गांड भी मारी और उसे हर तरह से संतुष्ट किया.
फिर मैं अपने घर आ गया.

अब वो मेरी परमानेंट ग्राहक बन गयी है और जब भी कभी उसको मेरी जरूरत होती है, मैं उसकी सेवा में हाजिर हो जाता हूँ. उसने मुझे बाद में अपनी फ्रेंड्स के पास भी भेजा. वो कहानी फिर कभी बाद में आपको बताऊंगा. तब तक आप अपने सन्देश मुझे इस पते पे भेज सकते हैं.
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