मकानमालकिन आंटी की चूत चोदने की सच्ची कहानी

हेल्लो दोस्तों मैं गांधीनगर से एक बार फिर से अपनी स्टोरी लेके हाजिर हूँ आपके पास. तो बढ़ते हैं स्टोरी की ओर. मेरा दोस्त जहाँ रहता था वो लोग अब बाहर रहने जाने वाले थे तो उसे दुसरे घर में सामन शिफ्ट करना था. क्यूंकि वो मेरा अच्छा दोस्त था इसलिए उसने मुझे हेल्प के लिए अपने घर बुला लिया.

तो मैं गया उसके साथ. जैसे ही हम पहुंचे वहा एक आंटी खड़ी थी. एकदम मस्त लग रही थी. उसे देखते ही मेरी नज़र उसके ऊपर रुक गई. मैंने मेरे दोस्त से पूछा की ये आंटी कौन हैं तो उसने बताया की उसका ही घर हैं जिसमे वो रहने आ रहा हैं. पर सच में दोस्तों क्या माल लग रही थी ब्लेक साड़ी के अन्दर. शायद ३० की होगी वो. एकदम फिटिंग ब्लाउज में उसके बूब्स मचल रहे थे बहार निकलने को. उसे देखते ही मेरी तो कामवासना जाग उठी.

फिर हम सामान उतारने लगे. सारा सामान रूम में लगाकर रख दिया. धुप बहुत थी तो हमारी हालत ख़राब हो चुकी थी. तो थोड़ी देर हम बैठ गए. फिर प्यास लगी थी हमें और रूम में पानी नहीं था तो मेरे दोस्त ने कहा की जा और उस आंटी से पानी मांग के ले आई. मैं गया तब तक वो वही दरवाजे पर खड़ी थी. मैंने जाके उनसे पानी माँगा. वो थोडा सा मुस्कुराई और बोली की लाती हूँ. फिर वो अपनी मोटी गांड मटकाते हुए अन्दर पानी लेने चली गई.

मैं भी उनके पीछे पीछे अन्दर घुस गया और उनसे पूछा की अंकल दिखाई नहीं दे रहे? तो उन्होंने बताया की उन्हें जॉब की वजह से कही भी जाना पड़ता हैं और अभी मुंबई गए हैं कल ही. मैंने पूछा की और कौन कौन रहता हैं घर में तो उन्होंने बताया की उनका एक बेटा हैं और वो भी पढने के लिए बंगलौर गया हुआ हैं. फिर मैंने पानी की बोतल ली और दोस्त के रूम में चला गया. फिर हमने पानी पी लिया और मैं वही सो गया.

शाम को वो हमारे रूम में आई. पर हम थके हुए थे तो तब सोये ही थे. उन्होंने मुझे जगाया. मैं उन्हें देखता ही रह गया. लाइट पिंक साड़ी में वो बहोत ही खुबसूरत लग रही थी. फिर मैंने अपना मुहं धोया. वो बोली की बहार जा रही हूँ और उसे रूम की चाबी देनी थी. उसने कहा की अगर किसी चीज की जरुरत हो तो मुझे फोन करना और हमने अपने नम्बर एक्सचेंज किये. मैंने कहा की मेरा दोस्त यहाँ रहनेवाला हैं मैं नहीं तो उन्होंने थोड़ी नोटी स्माइल दी और वो चली गई.

रात को करीब ११ बजे उनका फोन आया. दिन के काम की वजह से मैं बहोत थक गया था तो सो गया था. मैंने मोबाइल की स्क्रीन देखी नहीं और नींद में ही उनका फोन रिसीव किया. सामने से लड़की की आवाज आई हेल्लो तो मैंने स्क्रीन देखी तो आंटी का फोन था. मैंने शोक हो गया. मुझे पता था की उनका फोन आएगा पर इतनी जल्दी ये नहीं सोचा था कभी. फिर हमने बातें शरु की और करीब १ बजे तक हमारी बात चली. फिर हम सो गए.

दुसरे दिन दोस्त की कुछ चीजें मेरे पास थी तो वो लौटाने के बहाने मैं वहाँ गया. तब वो सब्जी खरीदकर आ रही थी. मैंने उनको देख के स्माइल की और वो भी हंस पड़ी. अब हम रोज बातें करने लगे. कभी कभी एडल्ट बातें भी हो जाया करती थी. वो मेरे साथ बहोत खुश थी शायद.

फिर एक दिन वो बात करते करते रोने लगी. उन्होंने कहा की उनका पति उनका जरा भी वेल्यु नहीं करता, ठीक से बात भी नहीं करता और कभी कभी मारता हैं उन्हें. मैं चुप था पता ही नहीं चल रहा था की क्या बोलू.

फिर मैंने कहा की मैं कल आप के घर आ रहा हूँ तब हम आराम से इस टोपिक पर बात करेंगे पर फिलहाल के लिए चुप हो जाइए आप. वो रोये ही जा रही थी चुप नहीं हो रही थी तो मैंने उन्हें थोड़े जोक्स सुनाये और वो हंस पड़ी.

फिर मैंने एडल्ट जोक्स सुनाये तो वो बोली की ऐसे जोक्स मुझे पसंद नहीं हैं. मैंने कहा ठीक हैं और चुप हो गया मैं. फिर वो मुस्कुराई और बोली की अच्छा बाबा बोलो. मैं खुश हो गया और हमने अब एडल्ट बातें चालु कर दी.

दुसरे दिन मैं उनके घर पहुंचा. मेरे मन में लड्डू फुट रहे थे. डोरबेल बजाई तो उन्होंने ही दरवाजा खोला. दोपहर का टाइम था और बहार धुप थी तो मुझे पसीना आ रहा था और थोडा डर भी लग रहा था. उन्होंने अंदर बिठा के मुझे ज्यूस दिया. वो मेरे पास आई और मेरा पसीना पोछने लगी. उनके दोनों बूब्स मेरी आँखों के सामने आ गए थे.

मैं अपनी नजर ही नहीं हटा प् रहा था उनके बूब्स पर से. मेरा लंड खड़ा हो गया था जींस के अन्दर ही. और लंड का आकार जींस के ऊपर एकदम साफ़ दिख रहा था. शायद उन्होंने भी मेरा खड़ा लंड देख लिया था और पास आई और उनके बूब्स मेरे मुहं से चिपक गए. मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाया. मेरे हाथ से उनकी कमर को पकड़ के मैंने उन्हें अपनी और खिंचा और फिर एक झटके से उन्हें सोफे के ऊपर लिटा दिया.

वो बोली ये क्या कर रहे हो तो मैं कहा की आप जो मुझसे चाहती हैं वही तो कर रहा हूँ. वो हंसी और मैं उनके बूब्स पर अपने सर रख के हिलाने लगा. और ब्लाउज के ऊपर से ही मैं उनके बूब्स को धीरे धीरे से मसलने लगा. वो मदहोश होने लगी थी. फिर मैंने अपने हाथ उनके ब्लाउस में डाल दिए, उनके बुबे बहोत ही नर्म थे. आंटी को भी ये सब बड़ा अच्छा लग रहा था.

फिर मैंने उनका ब्लाउस निकाल दिया और फिर ब्रा भी निकाल दी. एक बूब को अपने मुह में लिया और दुसरे बूब की चुन्ची को पकड़ने लगा.

शायद आधे घंटे तक ये सब करने के बाद वो बोली की चलो बेडरूम में चलते हैं. हम बेडरूम में चले गए. वहाँ जाते ही वो अपने घुटनों के बल बैठ गई और मेरा पेंट उतार दिया. और मेरे खड़े हुए लंड को अंडरवेर के ऊपर से ही चाटने लगी. फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपनी टी-शर्ट और अंडरवेर निकाल दी और पूरा नंगा हो गया.

फिर उनको मैंने उठाया और बेड पे लिटा दिया. वो सिर्फ घाघरे में थी. मैं उनके ऊपर लेट गया और उन्हें किस करने लगा. थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उनका घाघरा निकाल दिया और उनकी चूत को चड्डी के ऊपर से ही चाटने लगा. चड्डी के ऊपर से ही मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाल रहा था. वो एकदम आहें भर रही थी. फिर मैंने धीरे धीरे उनकी चड्डी भी निकाल दी.

अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उनकी चूत क्लीन शेव्ड थी तो मैंने पूछा की मेरे लिए शेव किया हैं क्या? तो उन्होंने बताया की आज सुबह ही नहाते वक्त शेव कर ली थी चूत को. और थोडा शर्मा गई वो ये कहते कहते. उनकी चूत एकदम गुलाबी थी मैंने एक ज़टके से अन्दर ऊँगली डाली

तो वो चिल्ला उठी आह्ह्ह्हह्ह. और वो बोली की जरा धीरे करो ये पिछले ५ महीने से ऐसी ही पड़ी हैं जोर से करोगे तो दर्द होगा. पर मैं शरु हो गया था तो रुका नहीं और ऊँगली अन्दर बहार करने लगा. वो आह आह आह आऐईई स्सस्सस्स कर रही थी और सिसकियाँ लेने लगी थी. वो मेरे हाथो में ही झड़ गई.

अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उन्हें किस की और लेट गया उनके ऊपर और बूब्स दबाने लगा जोर जोर से. और अपने लंड को आंटी की चूत पर रगड़ने लगा. वो आह्ह आह्ह कर रही थी. फिर मैंने अपने लंड को सेट किया और एक ही ज़टके में अपना पूरा लंड डाल दिया उनकी चूत में.

उन्हें इतना दर्द हुआ की उन्होंने अपना नाख़ून मेरी पीठ में घुसा दिए. मुझे थोडा दर्द हुआ पर मैं होश में नहीं जोश में था तो ध्यान नहीं दिया उसपे और आराम से अन्दर बहार करने लगा और किस भी करता रहा.

वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने अपनी स्पीड थोड़ी बढाई और वो भी मुझे साथ देने लगी.

फिर मैंने खड़ा हो गया और उनकी दोनों टाँगे उठा के मेरे कंधे पर रख दिया और चूत में अपना लंड सेट किया. और बड़े आराम से अब मैं उन्हें चोदने लगा. उन्हे बहोत दर्द हो रहा था इस पोज़ीशन में, तो मैंने उनकी दोनों टांगो को फैला दिया और अपने दोनों हाथ उनकी कमर पर रख दिया और आराम से ज़टके मारने लगा. उन्हें इतना दर्द हो रहा था की वो अपने हाथो से बेडशिट को नोंच रही थी और आँखों से पानी कंट्रोल नहीं हो रहा था उनसे तो मैंने अपना लंड निकाल दिया. और उन्हें शांत करने के लिए उनके ऊपर लेट गया और उन्हें किस करने लगा.

फिर मेरा लंड मैंने उनके हाथ में दिया और वो बड़े प्यार से सहलाने लगी. फिर मैंने झड़नेवाला था तो मैंने कहा की मैं झड़ने वाला हूँ तो वो उठी और मेरी टांगो की बिच में बैठ गईऔर थोड़ी तेजी से मेरे लंड को हिलाने लगी और मेरे लंड को अपने मुहं में लेने लगी. मैं झड़ने वाला था तो मैंने उनके सर को अपने लंड पे दबाने लगा और फिर उनके मुह में ही झड़ गया. वो मेरा सारा पानी पी गई.

फिर वो मेरे ऊपर आई और हम करीब १५ मिनिट तक ऐसी ही नंगे पड़े रहे. कोई बातचीत नहीं एकदम चुप. फिर उन्होंने मुझसे पूछा की तुम्हे अपना लंड क्यूँ बहार निकाल लिया था तो मैंने कहा की मैं तुम्हे दर्द दे के खुद मज़ा नहीं लेना चाहता था तो वो रो पड़ी और अपना सर मेरे सिने पर रख दिया.

मैंने पूछा की क्या हुआ तो उन्होंने बताया की उनके पति ने कभी इस तरह से उनसे बात नहीं की और कभी इतनी इज्जत नहीं दी. लास्ट ५ महीने से वो बहार ही किसी के पास जा रहे थे और उनके साथ कभी सेक्स नहीं करते थे. इसलिए आज उन्हें बहुत ज्यादा दर्द हुआ. वो रोते रोते मुझसे माफ़ी मांग रही थी और मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उनके बालों में हाथ फेर रहा था. मैंने कहा की कोई बात नहीं अब मैं हूँ न और उनके सर को चूम लिया मैंने.

फिर उन्होंने नाख़ून लगाये थे वहां पर थोडा मरहम लगा दिया. उन्होंने बताया की उनका पति ३ दिन के बाद आनेवाला हैं तो आज रात यही रुक जाओ तुम. तो मैंने हा कर दिया. फिर हम साथ नहाने के लिए गए और वहां बाथरूम में भी सेक्स किया. दोस्तों उस रात को तो इस आंटी ने बड़े मजे करवाए अपनी चूत और गांड के. चूत के जैसी ही उनकी गांड भी बड़ी टाईट थी!