लड़की कुंवारी की सील तोड़ी

नमस्कार दोस्तों! मैं आपका दोस्त राज पुणे महाराष्ट्र से. मेरा मन कई बार कहानी लिखने को करता था पर में नहीं लिख पाता था. आज में बड़ी हिम्मत करके अपनी कहानी आप सब के साथ साझा कर रहा हूँ. मेरी उम्र 25 साल की है. इस कहानी को हुए 3 साल हो गए हैं. न जाने कब से मुझे अपनी कहानी आपसे साझा करनी थी, पर कर ही नहीं पाया.

ये सेक्स कहानी मेरी फेसबुक दोस्त पूजा के साथ किए गए सेक्स की है. पूजा से मेरी मुलाकात फेसबुक पर हुई थी. हम दोनों जल्दी ही अच्छे दोस्त बन गए थे.

एक दिन मैंने पूजा से अपने प्यार का इजहार किया. पूजा भी मुझसे प्यार करती थी, तो उसने झट से हां बोल दिया. इसके बाद हम दोनों खुल कर बात करने लगे. हमारे बीच जवानी की कोंपलें फूटने लगी थीं. हम दोनों सेक्स की बातें करने लगे थे. पूजा के साथ फोन पर सेक्सी बातें करने से वो बहुत उत्तेजित हो जाती थी.

धीरे धीरे तो ऐसा होने लगा कि हम दोनों सिर्फ चुत और लंड की ही बातें करने लगे थे. मैं उससे कहता कि आज तू अपनी चूत की झांटें बना और उसमे मेरा नाम लिख. उस पर वो कहती कि मुझे झांटों पर लिखना नहीं बन रहा है, मैंने पेन से लिख लिया है. कभी कहती कि मैंने चूत में घुसता हुआ लंड पेट पर बना लिया है. कभी कहती कि मैंने अपने मम्मों पर तुम्हारे होंठ बना लिए हैं.

उसकी इन गर्म बातों से मेरा लंड खड़ा हो जाता और मैं मुठ मार कर खुद को शांत कर लेता.

एक दिन में पूजा से मिलने उसके शहर चला गया. पूजा को मैंने पहली बार सामने से देखा था. उसके साथ थोड़ा बिता कर मैं वापस आ गया.

अब हम रोज और सेक्सी बातें करने लगे थे. उसकी चुत भी मेरा लंड मांगने लगी थी.

एक दिन मैंने उसे सेक्स के लिए मना लिया और पूजा को पुणे बुला लिया. पूजा अपने घर पर दोस्त की शादी का बहाना बना कर पुणे आ गयी.

मैं पूजा को छुपते छुपाते अपने रूम में ले आया. मुझे डर था कि कहीं कोई हमें देख ना ले. जैसे ही मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया, पूजा ने मेरी तरफ बाँहें फैला दीं. मैंने पूजा का हाथ पकड़ कर अपनी बांहों में खींच लिया और हम दोनों चिपक कर एक दूसरे को किस करने लगे. उसके गुलाबी होंठों का रस मुझे पागल बना रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे बस आज उसे खा ही जाऊं.

पूजा की उम्र सिर्फ 19 साल ही थी. उसके मादक जिस्म ने मुझे पागल बना दिया था. किस करते करते मैंने पूजा के मम्मे दबाने शुरू कर दिए, जिससे वो और भी अधिक उत्तेजित हो गयी.

उसके मम्मे काफी मस्त और भरे हुए थे. उसके मम्मे ऐसे तने हुए थे, जैसे कोई हाफुस आम हों.
मुझे उसके मम्मे दबा दबा कर मसलने का जी कर रहा था, पर उसे दर्द हो रहा था. उसने कहा- यार जरा धीरे करो, मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ.

फिर मैंने पूजा को कपड़े उतारने को बोला, तो वो शर्माने लगी. मैं उसे फिर से किस करने लगा और बाद में उसके टॉप को निकाल दिया.

पूजा की ब्रा से उसके मम्मे देख कर मेरा खुद पर काबू ही नहीं रहा. उसके गोरे बदन पर गुलाबी ब्रा गजब की लग रही थी. मैं सब कुछ भूल कर पूजा को हर तरफ किस करने लगा. पूजा के मम्मे को ब्रा के ऊपर से दबा कर मैंने उसकी ब्रा खुद ही निकाल दी.

अब पूजा मेरे सामने ऊपर से बिना कपड़ों की थी. वो लाज से भरकर खुद तो ढकने के लिए कपड़े उठाने लगी थी. मैंने उसे रोक दिया और उसे बेड पर गिरा दिया. उसके मम्मे मुझे अपनी तरफ बुला रहे थे. मैं खुद की शर्म भूल कर अपने सारे कपड़े उतार कर पूजा पर चढ़ गया. पूजा के मम्मे मेरी छाती के नीचे दब रहे थे, जिससे हम दोनों को और भी ज्यादा मजा आने लगा था.

मैंने पूजा के मम्मों को खूब चूसा और अपने हाथ पूजा की चुत की तरफ ले गया. जैसे ही मेरे हाथों ने उसकी चूत को छुआ, वो पागल हो गयी. अब तक पूजा की चुत ने शायद पानी छोड़ दिया था, जिसे पूजा की चुत भीगी पड़ी थी.

मैंने किस करते हुए पूजा की चुत को जींस के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया. इससे उसे काफी अच्छा लग रहा था. मैंने पूजा को पैंट उतारने को बोल दिया.

वो अब तक इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसने बिना कुछ कहे मेरी बात को मान लिया. वो अपनी जींस उतारने लगी. उसने जल्दीबाजी में जींस के साथ अपनी पैंटी को भी निकाल दिया. जिससे पूजा अब मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थी.

मैंने आज तक किसी लड़की की चुत नहीं देखी थी. पूजा की चूत एकदम साफ़ थी और उसकी चूत के चारों तरफ पेन से मेरा नाम लिखा हुआ था. मैं ये सीन देख कर एकदम से हॉट हो गया.

मैंने पूजा को सीधा लेटने के लिए बोल दिया और उसकी कमसिन चुत को जी भर के देखने लगा. उसकी चुत पर ऊपर की डिजायन में बने हुए भूरे भूरे से बाल उगे थे. पूजा की गुलाबी चुत एकदम टाइट थी.. उसकी फांकों से उसकी चूत का रस चमक रहा था. उसकी चुत के होंठ एकदम लाल थे.

मुझसे ये देख कर रह ही नहीं गया और मैंने अगले ही पल पूजा की चुत चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरी जीभ का अहसास पाते ही एक मदभरी सीत्कार भरी और अपनी टांगें खोल दीं.
वो तो बस सब भूल गयी थी और अपनी जवानी के मजे ले रही थी.

मेरी जीभ से चुत चटवाने से वो काफी उत्तेजित हो गयी और अपने हाथों को मेरे सर पर रख मेरे बालों से खेल रही थी. पूजा की कुंवारी चुत चाटते समय मुझे अहसास हुआ कि वो अब झड़ने वाली है. तभी मैंने उसकी चुत को चाटना बंद कर दिया. वो एकदम से सिसयाते हुए मेरी तरफ कामुक निगाहों से देखने लगी. उसकी नजरों में एक अजीब सा गुस्सा सा दिख रहा था, जैसे वो इस बात से नाराज हो गई हो कि मैंने उसकी चूत को बिना झड़े ही क्यों छोड़ दिया.

मैंने उसके सामने अपना लंड लहरा दिया और उससे लंड चूसने को बोला. वो झट से बैठ गई और मेरा लंड चूसने लगी.
उसके नाजुक नर्म होंठों से लंड चुसवाकर मुझे जो मजा आया, वो मैं लिख कर बता ही नहीं सकता.

मैंने पूजा के सर को पकड़ा और पूरा का पूरा लंड उसके मुँह में ठूंसने लगा. वो भी मेरे लंड को गले गले तक ले रही थी. उसके मुँह की गर्मी पाकर मुझे रहा ही नहीं गया और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. ये उसे अच्छा नहीं लगा और वो बाथरूम में थूकने चली गयी.

अब मुझे मेरे लंड की प्यास बुझानी थी. जैसे ही पूजा आयी, मैंने उसे लेटने को कहा. उसे पता था कि अब उसकी सील टूटने वाली है. उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत की तरफ इशारा किया. उसका वो अंदाज मुझे पसंद आया. मैंने उसकी चुत पर हाथ रख कर थोड़ा सहलाया और अपना लंड उसकी चुत में डालने की कोशिश करने लगा. पर पूजा की सील टूटी नहीं थी, इसलिए उसे भी लंड लेने में तकलीफ हो रही थी. मेरे पहले दो प्रयास विफल हो गए थे.

फिर मैंने अपना लंड हाथ से पकड़ कर उसकी चुत की फांकों में फंसाया और अन्दर पेलने लगा. पर उसका दर्द देख कर मैंने लंड बाहर निकाल दिया.

उसने बोला- क्यों निकाला?
मैंने कहा- तुझे दर्द हो रहा था.
पूजा- कुछ भी हो … अब बाहर मत निकालना.

मुझे तो बस अब उसकी सील तोड़नी थी. मैंने उसे पैर फैलाने को बोला, जिससे मेरे लंड के लिये रास्ता हो जाए. जैसे ही पूजा ने अपने पैर फैलाए, मैंने पूजा की चुत में लंड घुसाना शुरू कर दिया.
काफी तकलीफ के बाद पूजा की चुत में मेरा पूरा का पूरा लंड चला गया. उसकी चीख निकल रही थी और वो अपना मुँह भींचे हुए अपने दर्द को सहन कर रही थी. उसकी चुत से खून निकल रहा था, जिसे देख कर मुझे काफी खुशी हुई.

मुझे उसकी चुत अन्दर से काफी गर्म लग रही थी. पूजा की चुत से काफी खून आने लगा था, पर उसने मुझसे कहा- तुम बस ऐसे ही करते रहो.

मैंने फिर से लंड को धक्का दिया और अपने बाकी के लंड को और अन्दर घुसाना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद उसका दर्द कम होने लगा और हम दोनों मस्ती से चुदाई करने लगे.

उसका दर्द अब खुशी बन कर उसके चेहरे पर दिख रहा था. उसने मुझसे बोला- राज मेरे ऊपर पूरा चढ़ कर मुझे चोदो, जिससे तुम्हारा लंड पूरा का पूरा मेरे अन्दर घुस जाए और मेरे मम्मों को भी मसलते रहो.
मैं उसकी बात मानकर उसे वैसे ही चोदने लगा.

पूजा को काफी समय तक चोदने के बाद मैंने पूजा की चुत में ही अपना सारा माल छोड़ दिया और उस पर गिर पड़ा. उसने भी मुझे कस कर पकड़ लिया और हम दोनों एक हो कर लिपट गए.

थोड़ी देर बाद हम दोनों किस करने लगे.

मेरा लंड अब भी पूजा की चूत में ही था. पूजा की चुत से जब लंड को बाहर निकाला, तो उसकी चुत मेरे रस से और खून से सनी हुई थी.

हम दोनों काफी खुश थे. वो चाहती थी कि मैं उसे ऐसे ही चोदता रहूँ.

उस रात हमने 4 बार चुदाई की और इसके बाद वो अपने घर चली गई.

एक बार मैंने उसके घर जाकर भी उसे अच्छे से चोदा था. पर उसके घर पर पता चल गया था कि मेरे उसके सेक्स सम्बन्ध हैं. हमारी जाति अलग होने के कारण हमारी शादी सम्भव नहीं थी. मैं भी अभी इतनी जल्दी शादी नहीं करना चाहता था. इसलिये उसके घर वालों ने की शादी कर दी. तब से मैं अपने लंड के लिए एक दूसरी चुत देख रहा हूँ.

दोस्तो, मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी ये सच्ची सेक्स कहानी पसंद आयी होगी. मुझे आपके जवाब का इन्तजार रहेगा.
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