जीजा ने बुझाई साली की चूत की प्यास-1

नमस्कार दोस्तो। मैं सौरभ एक बार फिर से आप सबके बीच में हाजिर हूं. मैंने अपनी पिछली जीजा साली सेक्स की कहानी
बड़ी साली की दबी हुई अन्तर्वासना
में बताया था कि कैसे मैंने अपनी बड़ी साली की दबी हुई अन्तर्वासना को जगा कर उसके साथ सम्भोग का आनंद प्राप्त किया।

उस रात सम्भोग करने के बाद मैं अपने कमरे में चला गया.

अब आगे की जीजा साली सेक्स की कहानी:

अगले दिन सुबह जब मैं ऑफिस के लिए निकला तो देखा कि मेरे साढू साहब आ चुके थे और सो रहे थे. मुझे ऑफिस जाते देख मेरी साली कमरे के बाहर निकली और हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराये.
फिर वो शरमा कर कमरे में चली गयी और मैं अपने ऑफिस चला गया।

शाम को जब लौट कर आया तो उस टाइम भी मेरे साढू साहब घर पर ही थे क्योंकि उनका ऑफ था. इसलिए शाम को भी हमारी मुलाकात नहीं हो पाई।
उस रात फिर अकेले बहुत तड़प हुई. मन कर रहा था बस अभी नीचे से उसे बुला लूं और जी भरकर मजे लूं.

रात भर मैंने पिछली रात के उन हसीन पलों को याद किया और फिर हस्तमैथुन करके सो गया। अगले दिन मैं ऑफिस के लिए निकला तो मेरे साढू साहब अपने ऑफिस के लिए निकल चुके थे. मैं झट से उसके कमरे में घुसा और उसे अपनी बांहों में भरकर अच्छे से उसके गालों को काटा, उसके होंठों को चूसा और खूब देर तक बांहों में भींचा.

वो भी मेरा बेसब्री से इंतजार कर रही थी इसलिए वो बहुत खुश हुई और मुझे जल्दी घर आने के लिए बोला। मेरा भी जाने का बिल्कुल मन नहीं कर रहा था.

शाम को जब मैं लौटा तो वो एकदम तैयार होकर मेरे इंतजार में बैठी थी. मेरे कदमों की आहट सुनते ही उसने झट से कमरे का दरवाजा खोल दिया. मैं उसे सामने से मुस्कराता देख तुरन्त उसके कमरे में दाखिल हुआ और फिर उसे अपनी बांहों में भरकर चूम लिया.

उसके बाद वो बोली- जल्दी से चेंज कर लो. मैं चाय बनाती हूं.

मैं भी झट से चेंज करके नीचे आ गया और फिर हमने साथ में चाय पी और ढेर सारी मीठी मीठी बातें कीं.
वो बहुत खुश थी और मैं भी।

बातों ही बातों में वो मुझ पर हक जताते हुए बोली- अब आज से तुम्हारा लंच डिनर सब मैं ही तैयार करूंगी. घर का सारा काम देखूंगी.

उसने इतने प्यार से कहा कि मैं भी इन्कार नहीं कर पाया. उसके बाद जल्दी से उसने मेरे लिए खाना रेडी किया और मैं उसके पति के आने से पहले खाना खाकर अपने रूम में चला गया। अब हम रोज ऐसे ही रहते. लगता था जैसे मानो हम पति-पत्नी हों।

हफ्ते में मेरी दो दिन छुट्टी होती थी और महीने भर के अंदर उसके पति की कम से कम 4-5 नाइट शफ्ट लगती थी. उसके पति की नाइट शिफ्ट और मेरे वीक ऑफ के दौरान ही हम पूरी रात एक साथ समय बिताते थे.

एक बार रात में हम एक दूजे की बांहों में थे. जी भर कर मजे लेने के बाद हम बात कर रहे थे कि काश कम से कम 2 से 3 रातें ऐसी हों कि जब हम जी भरकर रात में मस्ती करें. फिर सुबह जल्दी उठने की भी कोई टेंशन न हो।

एक दिन ऊपर वाले ने हमारी सुन ही ली. मैं घर आया तो उसने ख़ुश हो कर बताया कि उसका पति 4 से 5 दिन के लिए काम के सिलसिले में बाहर गया है. ये सुन कर तो मेरी खुशी का ठिकाना न था।

मेरा भी दो दिन बाद वीक ऑफ था तो मैंने कहा- मैं दो दिन की छुट्टी ले लेता हूँ और हम कहीं बाहर घूमने चलते हैं।
वो भी ये सुनकर उत्साहित हो गयी.

मैंने तुरन्त आफिस में छुट्टी के लिए मेल डाल दी और अर्जेंट में नैनीताल का प्रोग्राम सेट कर लिया. मैंने तुरंत वॉल्वो बस में रात की दो नैनीताल की टिकट बुक करवाई और नैनीताल में ऑनलाइन होटल भी बुक करवा दिया.

झट से हम सुबह तक नैनीताल पहुँच गए। सुबह नैनीताल में होटल में चेक इन करने के बाद फ्रेश हो कर हमने 3 से 4 घण्टे आराम किया. फिर दोपहर 3 बजे हम लोग पैदल घूमने निकल गये. झील के किनारे घूमने के बाद शाम को हम होटल वापस पहुँचे और जल्दी से खाना खाकर उसने अपनी बेटी को सुला दिया.

फिर हमने मस्ती शुरू की। मैंने उसे अपनी गोद में बिठा कर उसकी कमर और स्तनों को धीरे धीरे कपड़ों के ऊपर से ही सहलाते हुए उसके फूले फूले गालों को अच्छे से चूमा और धीरे धीरे अपने दाँतों से काटा. साथ में वो भी मुझे चूम रही थी.

अपने हाथों से मेरे गाल और बालों को सहला रही थी. अपने होंठ उसके गालों पर फिराते हुए मैंने धीरे से उसकी गर्दन और कानों पर भी होंठ फिरा दिए. इससे उसे एकदम गुदगुदाहट हुई और वो एकदम मचल गयी.

उसकी सांसें एकदम भांप की तरह गर्म हो चुकी थीं। फिर वो जल्दी से मेरी तरफ घूम गयी. अब मैंने उसे जोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया. मेरे हाथ उसकी पीठ और कमर को सहला रहे थे और हमारे होंठ एक दूसरे के होंठों में जैसे सिल गये.

मैंने उसके नाजुक होंठों को अपने होंठों से दबा कर बारी बारी से ऊपर और नीचे चूसा. बीच बीच में एक दूसरे के होंठों को अपने दांतों से काटा. उसकी जीभ को अपनी जीभ से टकराते हुए अपने होंठों और दांतों से दबाते हुए खूब चूसा.

लगभग 20 मिनट तक लगातार बिना सांस लिए हमारे होंठ एक दूसरे के होठों में ऐसे ही फंसे रहे. हमारी सांसें एक दूसरे की साँसों में उलझी रहीं। भयंकर ठंड में बिना रूम हीटर के ही हम दोनों ही लोग पसीने से लथपथ थे।

मैंने उसे लिपलॉक करने के बाद अपनी गोद में उठा लिया और उसे बाथरूम में ले गया. वहां बाथटब में गुनगुना पानी भर कर उसमें सोप का ढेर सारा झाग भर दिया. उस झाग वाले पानी की भीनी भीनी खुशबू हमारी मादकता को और बढ़ा रही थी.

उसे बांहों में भर कर मैंने फिर ढेर सारे किस किये और धीरे धीरे एक एक करके उसके सारे कपड़े निकाल दिये और उसने मेरे।

हम एक साथ बाथ टब में बैठ गए और फिर हमने पानी में मस्ती शुरू की. इस तरह से बाथटब में हमारा ये पहला अनुभव था. हम दोनों की उत्तेजना अपने चरम पर थी।
हमारे गीले बदन आपस में रगड़ कर मानो पानी में आग लगा रहे थे.

वो मेरी गोद में बैठी हुई थी. मैं अपने हाथों से उसके गदराए गीले बदन को मसल रहा था. दोनों हाथों से उसके गीले गीले स्तनों को मसल रहा था और मेरे होंठ उसके गीले गालों पर रेंग रहे थे. उसके मुंह से सिसकारियां निकल रहीं थीं.

फिर मैं एक हाथ से उसके मखमली स्तनों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी कमर को सहलाते हुए हाथ को उसकी चूत पर फिराने लगा. साली की चूत को सहलाते हुए मैंने एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी.

उंगली अंदर जाते ही वो एकदम से बहुत ही मादक आवाज में चिल्लाई- हाय दैयाआआ… आहहहह… आग लगा दी।
मैंने तुरन्त उसके भीगे होंठों को अपने होंठों में फंसा लिया और जोर जोर से चूसने लगा. अब उसके होंठ मेरे होंठों में कैद थे और उसके भीगे भीगे मखमली स्तन मेरे हाथों में कैद थे.

मेरी उंगली उसकी गर्मा गर्म चूत के अंदर हलचल मचा रही थी. इसी अवस्था में हम कम से कम 10 से 15 मिनट बने रहे और पानी में लगभग हमने 30 मिनट तक मज़ा लिया। इसके बाद हम लोग टब के बाहर निकल आये. वो मुझसे जोर से लिपट गयी.

फिर हमने एक ही तौलिया अपने तन पर लपेट लिया और धीरे धीरे एक दूजे को चूमते चाटते हुए एक दूसरे के शरीर को पोंछा। इसके बाद मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया. गोद में लेकर मैंने उसके माथे और गालों पर चूमा.

फिर मैंने अपने चेहरे से उसके मखमली स्तनों को मसलते हुए उसके साथ अठखेलियां करते हुए मैं उसे बिस्तर में ले गया। बिस्तर में मैंने उसे अपने ऊपर लिटा कर उसको अपने सीने से चिपका लिया. थोड़ी देर ऐसे ही चिपके रहने के बाद उसने मेरे सीने पर जोर से काटा और वो अपने होंठों में मेरे सीने की घुंडियों को दबा कर चूसने लगी.

उसकी इस हरकत से मानो जैसे मेरे पूरे तन बदन में आग सी भड़क उठी. मैं उसके बालों को और पीठ को सहला रहा था. बारी बारी से मेरे दोनों निप्पलों को चूसने के बाद उसने बिना कहे मेरा लंड सहलाते हुए अपने मुंह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगी.

अब तो मैं जैसे पागल हो गया. मैं उसके बालों को सहलाते हुए जोर जोर से सिसकारियां लेने लगा। थोड़ी देर चुसवाने के बाद मैंने उसके मुँह से लण्ड को बाहर निकाल कर उसे अपने नीचे लिटा लिया और उसके गालों को चूमते हुए उसके दोनों स्तनों को बारी बारी से खूब अच्छे से चूसा.

वो पूरी तरह पागल हो गयी। उसके बाद उसकी नाभि को चूमते हुए मैंने उसकी गोरी गोरी जांघों को अच्छे से चाटा और फिर उसकी चूत को ऊपर से चाटते हुए अपनी जीभ उसकी चूत के होंठों के बीच में डाल दी.
वो एकदम चिहुँक उठी. उसने दोनों हाथों से मेरे बाल पकड़ लिए.

मैं अपनी जीभ से उसकी रसीली चूत का रस अच्छे से चाट रहा था। थोड़ी देर चाटने के बाद उसने जबरदस्ती अपने हाथों से मेरा मुंह अपनी चूत से अलग कर दिया. वो एकदम मदहोशी में बदहवास हो चुकी थी।

मैंने उसे अपने नीचे दबा लिया और अपने शरीर को उसके नंगे बदन से रगड़ने लगा. हमारे तन से अंगारे बरस रहे थे. मैं उसके गुलाबी गालों को चूम रहा था और अपने लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ रहा था।

वो एकदम नशीली आवाज में इठलाती हुई बोली- क्या मार ही डालोगे आज? जल्दी से समा जाओ ना!
मैं उसे चूमते हुए बोला- कैसे?
वो मेरे गाल पर काटते हुए बोली- जल्दी करो ना!

मैं उसे छेड़ते हुए बोला- क्या करूँ?
वो बोली- तुम्हें नहीं पता कि क्या करना है?
मैं बोला- नहीं तो … तुम बताओ … मुझे क्या करना है? तुम जब अपने मुँह से बताती हो तो मेरा जोश दोगुना हो जाता है, बताओ ना? फिर मैं अच्छे से करूँगा.

वो शरमाते हुए एकदम नशीली आवाज में धीरे से बोली- चोदो ना!
मैं बोला- फिर से कहो!
वो फिर से उसी अंदाज में बोली- मुझे चोदो ना प्लीज!

मैंने तुरंत कॉन्डोम का पाउच उसे पकड़ा दिया.
उसने मुस्कराते हुए कॉन्डोम निकाल कर मेरे लण्ड पर पहना दिया।

मैंने अपना बायां हाथ उसके सिर के नीचे और दायां हाथ उसकी पीठ के नीचे लगाकर उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया.
उसके माथे और गालों को चूमते हुए अपना लण्ड धीरे धीरे उसकी गीली गीली चूत पर रगड़ते हुए एक झटके में उसकी चूत में डाल दिया।

मेरा लण्ड अंदर जाते ही वो बुरी तरह से उछल गयी और उसके मुंह से जोर की चीख निकल गई.

वो मेरी पीठ को अपने हाथों से जोर जोर से सहलाते हुए नोंचने लगी. उसके मुँह से भांप जैसी गर्म सांसें और सीत्कार निकल रही थी. जोर जोर से निकलती उसकी आहें पूरे कमरे में गूँज रहीं थीं। मैं उसके फूले फूले गुलाबी गालों को अच्छे से चूमते हुए धीरे धीरे उसकी चूत में झटके लगा रहा था.

मेरा साथ देते हुए वो भी नीचे से अपने चूतड़ उछाल उछाल कर चुद रही थी. उसने अपनी टांगों में मेरी कमर को जकड़ लिया. इससे पता नहीं क्यों मुझे और तेज उत्तेजना महसूस हुई. मैंने झटकों की गति तेज कर दी.

अब तो वो जैसे पागल हो गयी. उसकी सिसकारियां पूरे कमरे में बहुत तेज़ गूँजने लगीं- ऊंहह … ऊंहह … हम्म … आह्ह … वाह्ह … आहाह … हाय … स्स्स … ऊई मा … आह्ह ओह्ह … फाड़ दी मेरी।

उसने मेरे गाल को जोर से काट लिया. इतनी तेज सिसकारियां लेते हुए मैंने उसे आज पहली बार देखा था. वो चुदाई के नशे में एकदम चूर थी। इसी पोज में करीब 7 से 8 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैंने उसको अपनी गोद में बिठा लिया और फिर गोद में बिठा कर झटके लगाए.

हमारी जांघों के आपस में टकराने से जोर जोर से पट-पट की आवाजें आ रहीं थी. वो पूरी तरह बदहवास हो चुकी थी. इसके बाद उसने मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल लिया.

अब वो मेरे ऊपर बैठ कर जोर जोर से झटके लगाते हुए मेरे लण्ड पर कूदने लगी. मैं उसकी कमर और चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से सहलाने लगा. अब तो वो और भी ज्यादा जोश में आ गयी.

वो मेरे सीने पर अपने दोंनों हाथ टिका कर झटके लगाने लगी और नशीली आवाज में बोली- आज खुश कर दिया… तुमने एक सीधी सादी लड़की को बिगाड़ दिया. बहुत गंदे हो तुम…।
यह बोलते हुए वो खिलखिला कर हँसी.

लंड से चुदते हुए उसके चेहरे पर आनंद के भावों के साथ एक तृप्ति के भाव वाली मुस्कान तैर रही थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे जन्नत का मजा मिल रहा है. वो अपने निचले होंठ को अपने दांतों से चबा रही थी.

मैं नीचे से लेटा हुआ जोर जोर से झटके लगा रहा था। इसी बीच वो थक गई और मेरे ऊपर झुक कर मेरे सीने से लिपट कर लेट गयी. मैंने उसकी पीठ को सहलाते हुए उसे चूमा और करवट लेकर उसे फिर से नीचे कर लिया. हम दोनों की ही उत्तेजना अपने चरम पर थी. मैंने झटकों की गति बढ़ा दी.

दो मिनट की चुदाई के बाद ही थोड़ी देर में उसकी चूत से पानी की धार निकल पड़ी और चूत ढीली पड़ गयी. एक मिनट बाद मैं भी झड़ गया. हम दोनों के बदन पसीने से लथपथ पड़े थे. ऐसा लग रहा था कि शरीर में जान ही न बची हो.

मैंने उसे अपने सीने से चिपका कर अपने ऊपर लिटा लिया. 5 मिनट तक हम एकदम शांत ऐसे ही लेटे रहे. थोड़ी देर बाद जब हम नॉर्मल हुए तब वो मेरे ऊपर से खिसक कर मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी. हम दोंनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराये और फिर थोड़ी देर तक एक दूसरे को चूमते रहे.

उसके बाद मैंने उससे पूछा- कैसा लगा?
इस पर वो मुझे चूमते हुए बड़ी खुशी से बोली- बहुत अच्छा, सचमुच मुझे आज पहली बार अहसास हुआ कि ये इतना मजेदार होता है. आज पहली बार इतना अद्भुत और रोमांचक अहसास हुआ है सेक्स में।

मैंने उसकी बात काटते हुए उसे छेड़ते हुए कहा- मतलब आज से पहले तुम्हें मेरे साथ कभी मज़ा नहीं आया?
इस पर वो थोड़ा गम्भीर हो कर बोली- नहीं, मेरा ये मतलब नहीं था. तुम्हारे साथ तो मुझे हमेशा बहुत मजा आया लेकिन आज बहुत अलग अहसास हुआ. घर पर हमेशा डर लगता था कि कहीं कमरे के बाहर आवाज न चली जाए, कहीं कोई आ न जाये, और तुम्हें भी जल्दी से अपने रूम में पहुँचना होता था, लेकिन आज कोई बंदिश नहीं थी. आज मैंने पहली बार इतना खुल कर मजा लिया, सच में आज तुमने मुझे बहुत खुश कर दिया. उसके ऊपर आज तुमने ये पानी वाला एक्सपेरिमेंट करके तो सचमुच बिल्कुल आग लगा दी.

उसके चेहरे पर गज़ब की मुस्कान थी.
मैंने उसे चूमते हुए कहा- सच में … पानी में तो मुझे भी बहुत मज़ा आया. मैंने भी पहली बार पानी में मजा लिया.
वो बोली- तुमने सोनम के साथ कभी पानी वाला ट्राई नहीं किया?
मैंने कहा- नहीं। उसके साथ कभी मौका नहीं मिला. हाँ लेकिन शॉवर के नीचे हमने जरूर किया है.
हम दोनों मुस्करा दिये.

मैंने उसे छेड़ने वाले अंदाज़ में पूछा- आपके पति ने कभी आपके साथ ये ट्राई नहीं किया?
ये सुनते ही उसके चेहरे के हाव भाव बदल गए.
वो गंभीर हो कर बोली- मेरे पति? उनको तो बस रहने दो, उस आदमी ने आज तक सिर्फ मेरे कपड़े खराब करने के अलावा मेरे साथ कुछ नहीं किया. उसे ना ही प्यार की समझ है और ना ही सेक्स की.

इस पर मैंने उससे पूछा- ऐसा भी क्या हो गया आपके साथ?
वो और ज्यादा गम्भीर होकर बोली- उसने कभी ये समझा ही नहीं कि मैं क्या चाहती हूं. मैं मरूं-जियूँ, उससे उसे कोई लेना-देना नहीं. बस जब खुद का मन हुआ तो कपड़े उतार कर चढ़ गया मेरे ऊपर।
इसके अलावा मैं सन्तुष्ट हुई कि नहीं उससे उसे कोई मतलब नहीं. बस अपना लंड खाली किया और मुँह फेर कर सो गया. सच तो ये है कि जब तक मैं गर्म होती थी वो उससे पहले ठंडा हो जाता था. फिर पूरी रात आग में मैं तड़पती थी. पहली बार अपनी सेक्स लाइफ में मैं तुम्हारे साथ ही झड़ी हूँ.

ये सब बातें बताते हुए वो उदास हो गई थी.
वो भावुक होकर बोली- सच में … तुम मेरी जिंदगी में नया बदलाव लेकर आये हो. तुमने ही मुझे जिंदगी में पति का प्यार और बिस्तर में मजा दिया है. तुमने ही मुझे वासना और प्यार का मतलब समझाया है. सही मायने में तुम ही मेरे असली पति हो.

मैंने उसे चूमते हुए अपने ऊपर लिटा कर अपने सीने से चिपका लिया. कुछ देर में मुझे सीने पर गीलापन महसूस हुआ. मैंने देखा कि उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे.
मैंने उसके आँसू पोंछते हुए उससे कारण पूछा तो वो बोली- मुझे बहुत डर लगता है कि कहीं तुम मुझे छोड़ न दो.

वो बोली- फिर तुम मेरी बहन के पति हो, इसलिए ये भी लगता है कि कहीं मेरी वजह से मेरी बहन का घर बर्बाद ना हो जाये. भले ही तुम मुझे रंडी समझना या अपनी रखैल बनाकर रखना लेकिन बस मुझसे दूर मत जाना. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.

मैं उसे रोकते हुए बोला- कैसी बात कर रही हो? तुमने ऐसा कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हें छोड़ दूंगा? मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. बल्कि मैं तुम दोनों से ही प्यार करता हूं. अगर तुम मुझे पहले मिल गयी होती और दो पत्नियां रखने की इजाजत होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता.

उसे चूमते हुए मैंने कहा- तुम समाज की नजर में भले ही मेरी पत्नी न हो लेकिन मैं तुम्हें दिल से अपनी पत्नी ही मानता हूं और हमेशा तुम्हारा ऐसे ही ख्याल रखूंगा.
फिर हमने एक दूसरे को अच्छे से किस किया. रात बहुत हो गयी थी. हम वॉशरूम जाकर एक दूसरे को धोकर वापस बाहर आ गये और नंगे बदन ही एक दूसरे से लिपट कर सो गये।

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लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

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