जवान पड़ोसन की चूत चोदी

नमस्ते दोस्तों, कैसे हैं आप? मेरी यह पहली कहानी है पड़ोसन लड़की की चुदाई की…
मेरा नाम राहुल है और मैं 21 साल का बंदा हूँ। मैं जवान गोरा और बड़े लंड का मालिक हूँ। मेरी पड़ोसन लड़की जिसकी नाज़ुक जवानी को देख कर हरेक का लंड फुंफफार मारने लगता है। उसका नाम कोमल था। जैसा नाम.. वैसा ही बदन था। उसका बदन मानो फूलों का गुलदस्ता था.. जिसे हर कोई मसलना चाहता था।

मैं भी उसकी जवानी का दीवाना ही था। वो जब भी मेरे घर किसी चीज़ को लेने आती तो मेरी कातिल निगाहें.. उसके दूध से भरे दो लोटों को ही देखती रहती थीं। मैं हमेशा ही उसके नाज़ुक जवानी के खिलते फूल पर अपने बदन का अहसास करना चाहता था।

एक दिन जब मेरे यहाँ से सभी लोग मेरी मौसी के देवर की शादी में गए हुए थे। अचानक से कोमल के भाई गोलू की बॉल मेरी छत पर आ गिरी। उसके छोटे भाई ने आकर आवाज़ लगाई- राहुल भैया मेरी बॉल आपकी छत पर आ गई है.. जरा दे दीजिएगा।
मैंने दरवाजा खोला और उससे कहा- गोलू, तू खुद जाकर ढूँढ़ ले और ले जा।

वो छत पर गया और बॉल खोजने लगा। पर शायद बॉल कहीं घुस गई थी और मिल नहीं रही थी। वो मेरे पास आकर बोला- भैया बॉल नहीं मिली।
वो चला गया।

मैंने जाकर देखी और उसकी बॉल को खोजा.. मुझे बॉल मिल गई तो मैं उसके बॉल देने उसके घर चला गया।
मैं जब बॉल देने गया तो जल्दबाजी में मैं हाफ पैंट में ही चला गया था। वहाँ जाने पर उसकी मम्मी गेट पर खड़ी थीं वो मैक्सी पहने हुई थीं। उनके खड़े होने के अंदाज से उनकी गांड निकली हुई दिख रही थी.. ऐसा लग रहा था मानो कोई रण्डी अपने ग्राहकों को बुलाने कड़ी हो।

मैंने कहा- आंटी ये लीजिए.. गोलू की बॉल..
उन्होंने मुझे बॉल लेकर अन्दर आने को कहा.. मैं जब घर में अन्दर गया तो कोमल झाड़ू लगा रही थी.. जिससे उसके जवानी के उभरते समोसों का दर्शन हो रहा था।
कोमल बोली- बैठो राहुल.. चाय पी लो।
पर मेरा मन तो उसका दूध पीने का हो रहा था। मैंने मना कर दिया.
उसकी माँ ने कहा- सुन राहुल.. जब तक तेरे घर पर कोई नहीं आ जाता.. तुम्हारे यहाँ किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझसे कहना.. शर्माना नहीं।
मैं ‘ठीक है.. आंटी..’ कह कर चल दिया और अपने घर आ गया।

अभी मैं घर पहुँचा ही था कि पीछे से कोमल आ गई और बोली- राहुल तुम्हारा मोबाइल छूट गया था.. और राजू ने व्हाट्सएप पर एक वीडियो भेजी है.. जिसे मैंने देख लिया है।
मैंने बोला- कोई बात नहीं.. अन्दर आओ।

मैं समझ गया कि इसने राजू की भेजी हुई ब्लू-फिल्म की क्लिप देख ली है.. क्योंकि राजू सिर्फ ब्लू-फिल्म की क्लिप्स ही भेजता था।।

मैंने उसे अन्दर बुला कर बैठाया। जब मैं उसके सामने बैठा.. तो अचानक ही देखा कि मेरा लंड का कुछ भाग पैंट से बाहर निकला हुआ है। मैंने जानबूझ कर लंड को वैसे ही छोड़ दिया और देखा कि कोमल का ध्यान भी लंड पर ही है।

मैंने लंड सहलाते हुए पूछा- वीडियो कैसी लगी?
कोमल ने मेरे खड़े होते लंड को देखते हुए नशीले अंदाज में कहा- एकदम हॉट..
अब मैं उठा और कोमल के पास को आ गया। मैंने उसकी टी-शर्ट पर लगे दाग को छूकर पूछा- ये कैसे लग गया?

मेरी उंगली उसके निप्पलों पर थी। मैं जानता था कि उसका भी मन यही करने का है शायद इसीलिए उसने मेरी उंगली को अपने निप्पल से नहीं हटाई थी और वो मुझे प्यार से देखे जा रही थी।

उसका ये रुख देख कर मैंने उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल दिया.. तो उसकी जवानी अंगड़ा उठी और वो मजे लेने लगी।

मैंने महसूस किया कि उसके निप्पल एकदम कड़क हो उठे थे। मैं उसकी जवानी में खोता जा रहा था और वो सिहरती जा रही थी।

मैं उसके कपड़े खोलने लगा.. तो उसने भी मेरे लंड को सहला दिया।

अब मैं भी गरम हो उठा था और वो भी कामुकता से गरमा गई थी। हम दोनों पसीने से नहा चुके थे।
मैंने उसे लिटा दिया.. और उसको चूमने लगा.. वो बार-बार अपने निप्पलों को मुँह से चूसने को कहती और मैं उसके हर हुक्म को माने जा रहा था।

वो खुश थी और मैं बेहद खुश अचानक से मेरा हाथ उसके फूल से मुलायम मखमली चूत पर पड़ी.. तो सिहर उठी और मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने अपना एक उंगली से उसकी चूत के कुएँ से पानी निकालना चाहा.. पर उसका कुआँ नया था.. उंगली बड़ी मेहनत से अन्दर गई।

वो चीख पड़ी लेकिन मैं नहीं रुका.. वो चीखती रही और मैंने उंगली और तेजी से उसकी चूत में अन्दर-बाहर करना न केवल चालू रखा बल्कि उंगली की गति को और बढ़ा दिया। शुरू में मैंने अपनी एक उंगली पेली.. फिर दो.. फिर तीन उंगलियां घुसेड़ दीं। अब उसे मजा आने लगा था।

मैंने जब देखा कि उसकी चूत का मुँह खुल गया है तब मैंने उसको चित्त लिटा कर उसकी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश की.. पर उसकी चिकनी चूत से मेरा लंड फिसल रहा था।

मैंने अपना लंड सैट करके जबरन पेल डाला.. तो उसकी चूत से खून निकल पड़ा और उसके मुँह से जोर की चीख निकली उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो चीखे जा रही थी और साली रुक ही नहीं रही थी।

मैंने भी आँख बन्द करके लंड को उसकी चूत में अन्दर-बाहर करना चालू रखा।

जब मेरा लंड उसकी चूत में आराम से जाने लगा.. तब वो भी गांड उठा कर मज़े लेने लगी। कुछ ही देर में वो अकड़ गई और शायद झड़ गई।

अब मैं भी झड़ने वाला था और वो भी फिर से गरमा गई थी। कुछ ही धक्कों बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।

हम दोनों एक-दूसरे से चिपके पड़े रहे। बाद में उठा कर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने। उसने जाते वक्त मुझसे मेरा मोबाइल नम्बर माँगा.. तो मैंने उससे उसका नम्बर जाना और उसके मोबाइल पर मिस कॉल कर दी।

इसके बाद हम दोनों काफ़ी खुश थे.. उसकी ख़ुशी उसकी चूत के जरिए मेरे लंड तक बार-बार पहुँचती रही।

पड़ोसन जवान लड़की की चुत चुदाई की इस कहानी पर आप सभी के विचारों का मेरी ईमेल पर स्वागत है।
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