हवस की प्यासी भाभी और ननद की वासना

नमस्ते दोस्तों, इस सेक्स कहानी में मैं अपनी दोस्तों बनी ननद भाभी के बारे में बताने वाला हूँ. एक शादी मेरी मुलाक़ात एक ननद भाभी से हुई जो अन्तर्वासना सेक्स की कहानी पढ़ने की शौकीन थी. वे दोनों लेस्बियन भी करती थी. उन दोनों ने कैसे मुझसे अपनी चुदाई करवायी?

लेखक की पिछली अन्तर्वासना सेक्स की कहानी: एक लंड ने किया माँ बेटी की चूत का शिकार
कल की सी बात लगती है दोस्तो … मैं पिछले हफ्ते ही पुणे से एक भाभी की चुदाई करके आया हूँ और उसकी ननद भी कम नहीं निकली. मैं गया तो एक की चूत लेने था मिल गई दो चुत.

हुआ कुछ ऐसा कि मैं 17 मई को गोवा गया था. उधर एक डेस्टिनेशन शादी में मेरा जाना हुआ था. वहां मेरी मुलाकात पुणे की एक भाभी से हुयी थी. उसको मैंने शादी में अन्तर्वासना पढ़ते हुए देखा था.

वो भाभी दिखने में बेहद खूबसूरत थीं. उनका नाम रेखा था और उनकी ननद पिंकी भी उनके ही साथ थी. बातचीत से मालूम हुआ था कि भाभी के पति दुबई रहते थे. भाभी का फिगर भी कमाल का था. उनकी चूचियां 36 इंच की एकदम तनी हुई थीं. कमर 34 इंच की थी और भाभी की गांड 38 की थी.

भाभी शादी की रस्में पूरी होने के बाद पूल के पास कुर्सी पर बैठे हुए अपने मोबाइल में आधे घंटे से खोयी हुयी थीं.

मैं भी दूर से बैठा हुआ उनको ही ताक रहा था. कुछ देर तक भाभी की चूचियों को देखने के बाद जब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैं भाभी से बात करने के लिए उनके पास जाने लगा.

वहां जाकर मैंने उनको हैलो बोला, तो किसी छिपे हुए डर से उनके हाथ से मोबाइल छूट गया. भाभी के मोबाइल में अन्तर्वासना की साइट खुली हई थी. मैंने मोबाइल उठाया, तो वो शर्मा गईं.

मैं उनको हल्का करने के लिए वहां से ये बोलते हुए निकल आया कि भाभी आप डरिए नहीं … आप बिंदास सेक्स कहानी पढ़ो … मैं तो खुद भी इसमें अपनी कहानियां लिखता हूँ.
भाभी मेरी तरफ चकित होकर देखने लगीं और मैं मुस्कुराता हुआ वापस अपनी जगह पर आकर बैठ गया.

थोड़ी देर बाद वो भाभी भी मेरे पास आ गईं और मेरी कहानियों के बारे में पूछने लगीं.
मैंने उनको अपनी कहानियां बता दीं.

भाभी बोलीं- ये सिर्फ कहानियां ही होती हैं या हक़ीक़त में भी सच होती हैं?
मैंने उनको बता दिया कि मैंने जो किया है … वही लिखता हूँ.

दोस्तो, भाभी ने मुझसे बात करना शुरू किया … हम दोनों का इतना मन लगा कि रात के 3 बजे तक बातचीत होती रही.

भाभी मुझसे तरह तरह के सवाल करती रहीं और मैं खुल कर उनको अपनी चुदाई की कहानी के बारे में बताता रहा.

अब तक हम दोनों अन्तर्वासना को लेकर इतने खुल चुके थे कि सीधा चूत लंड बोल कर बात कर रहे थे.

भाभी ने अपने बारे में बताया कि वो सेक्स कहानी पढ़ कर इतनी गरम हो जाती हैं कि अपनी उंगली से ही अपनी चूत का पानी निकाल लेती हैं. कभी कभी तो मैं अपनी ननद के साथ मस्ती कर लेती हूँ.

जब उनके साथ ननद के लेस्बियन सेक्स की बात चली, तो मैंने भाभी से उनकी ननद को लेकर और भी ज्यादा जानना चाहा.

भाभी ने भी खुल कर बताया कि हम दोनों साथ में नहा कर एक दूसरी की चुत और मम्मों के साथ खूब मस्ती कर लेती हैं.

मैंने पूछा- इस समय आपकी ननद किधर है?
तो उन्होंने बताया कि उनकी ननद यहीं एक रूम में आराम कर रही है.

सुबह छह बजे तक तक हम लोग बात करते रहे. फिर उन्होंने मुझे अपनी ननद से मिलवाया.
भाभी की ननद अभी तक कुंवारी थी. उसका नाम शालिनी नाम था पर प्यार से उसे सब पिंकी कहते थे.

जब मैं शालिनी से मिला, तो देखा कि वो भी एक मस्त कांटा माल थी. उसके 34 के चूचे. पतली 28 की कमर और 36 इंच की गांड थी.

मैं शालिनी की चूचियों को वासना से देख रहा था.
इतने में भाभी ने आंख मार कर पूछा- कैसी है?
मैं सिर्फ हंस दिया.

उन दोनों के साथ मैंने नाश्ता किया और शालिनी से भी काफी बात हुई.

फिर मेरी फ्लाइट थी, तो मैं उनका पुणे का नंबर और एड्रेस लेकर दिल्ली के लिए चल दिया.

वो दोनों भी कुछ देर बाद टैक्सी से पुणे के लिए निकलने वाली थीं.

जाते वक़्त भाभी सिर्फ यही बोलीं कि आपकी कहानियां बड़ी दमदार हैं. तुमको मैं अपने साथ की भी एक सेक्स कहानी लिखने का और अवसर दूंगी.
मैं भी बोल कर निकल पड़ा कि मुझे इंतजार रहेगा. मैं एक और हक़ीक़त को अन्तर्वासना पर लिख भेजूँगा.

मैं दिल्ली आ गया और अपने काम में लग गया.

इस बीच व्हाट्सैप पर भाभी से मेरी चैट चलती रही. उनको सेक्स वीडियो देखना पसंद था … तो मैं भाभी को अपने एक सेक्स ग्रुप से वीडियो भेजता रहता था. मेरे सेक्स वीडियो में एक से बढ़कर एक सेक्स क्लिप्स हुआ करती थीं.

हम रात को व्हाट्सैप पर ही सेक्स की बात करने लगे थे. भाभी अपनी ननद और अपनी कहानी मुझे बतातीं, तो मेरा लंड तन जाता था.

हमको ऐसे चैट करते करते जून आ गया. मैं ऑफिस के काम से पुणे गया, तो ये मैंने उनको बता दिया.

भाभी पुणे के क्लब 29 में मुझसे मिलने आईं. मैं भी भाभी से हग करके मिला. उनकी चूचियों का घर्षण मुझे आंदोलित कर गया और भाभी ने भी हग करते समय मेरे कान में पूछा कि आम कैसे लगे?

मैंने भी इधर उधर देखा और उनकी चूची को दबाते हुए बोला- आम का स्वाद चूसने पर ही मालूम पड़ेगा.
भाभी अपनी चूची दबते ही एक बार को सिसक उठीं और बोलीं- जल्द ही तुमको आम चूसने मिल जाएंगे.

फिर भाभी और मैंने बहुत बात की. मेरा ट्रिप बस एक दिन का था, तो मैं वापस दिल्ली आ गया और उस दौरान मुझे भाभी को चोदने का मौका न मिल सका.

दिल्ली आने के बाद फिर से हमारी वीडियो कॉल होने लगी. मैं भी नंगा हो जाता और वो भी वह नंगी हो जातीं. हम दोनों वीडियो सेक्स करते और एक दूसरे के लंड चुत को पानी पानी करके ही रहते.

ऐसा लगभग अब रोज ही होने लगा था. कुछ दिन बाद जुलाई आ गया और मैं फिर से पुणे गया.

इस बार भाभी ने मुझे अपने घर पर रुकने को बोला और अपना पता भेज दिया.

पुणे में एक सोसाइटी में भाभी का फ्लैट था. ऑफिस का काम ख़त्म करके मैं सीधा वहीं निकल पड़ा. भाभी के घर जाते समय मैंने कंडोम के पैकेट भी ले लिए थे. भाभी के घर मेरा डिनर भी होना था. मैंने सोच लिया था कि आज भाभी की चूत का भी भोग लगा लूंगा.

मैंने बेल बजाई और भाभी की ननद दरवाजे पर हाजिर हो गई. उसे देखकर मैं एक बार के लिए तो चौंक गया.

मगर वो मुझे देख कर बोली- आइये, हम आपका ही इंतजार कर रहे थे.

उस वक़्त शालिनी सिर्फ एक शॉर्ट और सैंडो बनियान में थी.

शालिनी की मस्त चूचियां बिना ब्रा के बड़ी मस्त लग रही थीं. वो मुझे लेकर अन्दर जाने को मुड़ी तो मेरी निगाह उसकी ठुमकती गांड पर जा टिकी.

वो मुझे अपने ड्राइंग रूम में ले गयी और सोफे पर बैठने का कह कर शालिनी पानी लाने किचन में चली गयी.
साथ ही उसने भाभी को आवाज़ लगा दी कि डार्लिंग अपने करन आ गए हैं.

इतने में भाभी अपने रूम से निकल कर बाहर आ गईं. बदन से लिपटी हुई कसी सी लाल रंग की शिफोन की साड़ी में मस्त माल लग रही थीं. भाभी ने लाल रंग का स्लीवलैस ब्लाउज पहना हुआ था. चूंकि ब्लाउज का गला काफी खुला हुआ था, तो उनकी गोरी चूचियां मेरे कच्छे में असर कर रही थीं.

अब दोनों ननद भाभी साथ में बैठ गईं और मुझसे बात करने लगीं. ननद की हरकतों से महसूस हो गया था कि उसको मेरे और अपनी भाभी का सब पता है.

फिर कुछ इधर उधर की बात करके हम लोग बियर पीने लगे. दो दो बियर पीने के बाद काफी रंग जमने लगा था.

शालिनी बार बार अपनी चूचियों को सहलाते हुए मेरे लंड की तरफ देख रही थी. मैं भी उसकी आँखों से अपने लंड को चुदते हुए महसूस कर रहा था. फिर हम तीनों डिनर करने लगे.

उसके बाद उन दोनों ने मुझे मेरा बैडरूम दिखाया. भाभी बाहर निकल चुकी थीं.

ननद ने बाहर जाते टाइम मुझे आंख मारी और बोली- रात में कुछ परेशानी हो तो बता देना … हम दोनों है न … आपकी हर परेशानी को दूर कर देंगी.

मैंने भी उसके अंदाज़ में ही उसे जवाब दिया कि परेशानी तो बहुत है. मगर काफी देर से मुझे समझ ही नहीं आ रहा है कि आप दोनों में किससे परेशानी को हल करवाया जाए.

शालिनी एकदम से बोली- आप कहो तो दोनों साथ में ही परेशानी को ठीक कर दें!

मुझे तो मानो मुँह मांगी मुराद मिल गई थी. मैं दोनों को चोदने के लिए मचल ही रहा था.
मैंने कहा- तो फिर तुम दोनों कहां जा रही हो. यहीं रह कर मेरी दिक्कत दूर कर दीजिये.

शालिनी ये सुनकर अपनी भाभी को बुलाने चली गयी.

अगले एक मिनट में ही ननद भौजाई दोनों ही मेरे रूम में आ गईं.

शालिनी मेरे तने हुए लंड की तरफ देख कर बोली- हां बताओ … क्या दिक्कत है … जल्दी से दिखाओ.
मैंने भी बेशर्मी से अपने तम्बू बने पेंट को दिखा दिया- ये शांत नहीं हो रहा है.

मेरा खड़ा लंड देख कर भाभी मेरे करीब आईं और बोलीं- खोल कर दिखाओ … अभी इसकी अकड़ को मैं देखती हूँ.
ननद बोली- भाभी आप इनके लंड की अकड़ देखो. इन्हें थोड़ा दर्द न हो, इसलिए मैं इनको अपना दूध पिला देती हूँ.

मैं अभी कुछ समझ पाता कि अचानक से वे दोनों ननद भाभी मुझ पर टूट पड़ीं. इसके लिए इतनी जल्दी मैं तैयार नहीं था.

भाभी ने मेरा लंड निकाला और हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगीं. उधर ननद ने मेरी शर्ट उतार कर अपनी भी सैंडो उतार दी और अपने एक चूची पकड़ कर मेरे होंठों पर घिसने लगी.

नीचे मेरा लंड तन चुका था और ऊपर उसकी चूचियां मेरे मुँह में लगी थीं. मैं शालिनी की चुचियों को पकड़ कर बारी बारी से चूस रहा था.

थोड़ी देर में मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड कहीं दो मुलायम गद्दियों में फंसा हुआ है. मैंने देखा, तो भाभी मेरा लंड अपनी चूचियों में दबा कर घिस रही थीं.

इधर ननद अपनी शॉर्ट्स उतार कर नंगी हो गयी और मेरे मुँह पर अपनी चूत लगा कर उसकी रगड़ाई करवाने लगी.

अब तक मुझे भी उन दोनों ने पूरा नंगा कर लिया था और बेड पर लिटा लिया था.

भाभी अपनी चूत में उंगली कर रही थीं … और ननद के चुचों को मैं अपने हाथों से मसल रहा था. सच में दो चुत के बीच एक लंड की स्थिति में बहुत ही मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद ननद भी नीचे चली गयी और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. उसकी भाभी मेरे ऊपर आकर मेरे मुँह में अपनी चूत लगाने लगीं.

कमरे का माहौल इतना गरम हो गया था कि तीनों लोग एक बार साथ ही झड़ गए. मेरा पानी ननद के मुँह में निकला और भाभी की चूत का पानी मैंने पिया.

इस तरह करते करते रात का एक बज गया था. फिर हम लोगों ने दारू पीने का तय किया. भाभी गिलास और बोतल ले आईं. शालिनी ने नमकीन काजू की प्लेट थाम रखी थी.

हम तीनों नंगे ही जमीन पर बैठ कर दारू की बोतल खोलने लगे और पैग बन गए.

शराब के गिलास में मेरा लंड भिगो कर दोनों ने बारी बारी से लंड चूसा. मैंने भी खेल खेला और उनकी चूचियों पर शराब डाल कर पीने लगा.

हम शराब और चुदाई के नशे में इतने ज्यादा खो गए थे कि ननद ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी भाभी की चूत में डाल दिया और अपनी चूत भाभी के मुँह में लगा कर मेरी तरफ मुँह करके बैठ गई. शालिनी मेरे मुँह में अपने चुचे डाल कर मजे लेने लगी.

शालिनी नशे में टल्ली हो गई थी. वो मुझे बोली- चोद इस रंडी को, साली कुतिया रोज अपनी चूत मुझसे चटवाती है. आज मेरी चूत ये चाट रही है. तुम चोदो इसको. साली की चुत फाड़ दो. इसे चोदने के बाद तुम मेरी आग भी शांत कर देना. … मैं भी चुत चुदवाऊंगी.

शालिनी की कामुक बातों को सुनकर मेरा लंड चूत में कड़क होकर आगे पीछे होने लगा. भाभी इतनी गरम हो गयी थीं कि वे जल्दी ही झड़ गईं.

भाभी मुझसे हाथ जोड़ कर बोलीं- मुझे छोड़ दो राजा … और अब तुम इस रांड को चोद लो.

मैंने भी पोजीशन बदल दी. अब ननद को मैंने अपने लौड़े के नीचे डाला और उसकी चूत पर लंड रखकर ठोक दिया. लंड एकदम गरम सरिया के माफक था. मैंने शालिनी की चुत में डाल दिया.

ननद इसके लिए तैयार नहीं थी, वो लंड लेते ही उचक गयी और बोली- आह साले … चूत की चुदाई कर … इसकी मां मत चोद.

ये सुनकर भाभी ने अपनी एक चूची शालिनी के मुँह में डाल दी कर बैठ गईं. मैं ननद को ताबड़तोड़ चोदने लगा. कुछ ही देर में ननद भी झड़ गई.

इस तरह से ये खेल अदला बदली करते हुए चलने लगा. चुदाई का खेल सुबह 5 बजे तक चला. मैंने दोनों की गर्मी शांत की और मैं भी थक कर उनके साथ वहीं नंगा सो गया.

हम तीनों दोपहर को जगे … लगभग साथ ही जागे थे.

चार बजे मेरी शाम की 7 बजे पुणे से दिल्ली की वापसी की फ्लाइट थी. उन दोनों को मैंने शाम 5 बजे तक एक बार और फिर से चोदा. फिर एयरपोर्ट के लिए निकलने को तैयार होने लगा.

मैं उनसे अलविदा कह कर फिर मिलने का बोल कर आने लगा. दोनों मेरे लंड से चुदकर इतनी अधिक खुश थीं कि मुझे 20000 रुपये देने लगीं.

मैंने वापस कर दिए और बोला- ये मेरा शौक है बस … मैं कोई जिगोलो नहीं हूँ.
मेरा जवाब उन दोनों को अच्छा लगा और दोनों ही मुझसे चिपक कर चूमने लगीं.

फिर मैं उनके घर से एअरपोर्ट आ गया.

अभी पिछले 21 अगस्त को मैं उन दोनों को फिर चोद कर आया हूँ. इस बार मेरे आने जाने के लिए फ्लाइट बुकिंग उन दोनों ने ही करवा दी थी और मुझे चोदने के लिए बुला लिया था.

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी अन्तर्वासना सेक्स की कहानी. मैं आशा करता हूँ कि भाभी आंटी और लड़कियों के अलावा बाकी भाई लोगों को मेरी अन्तर्वासना सेक्स की कहानी जरूर पसंद आएगी.
मुझे अपने विचार यहां भेजें.
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