गांडू भाई चोदु यार दोनों करते मुझसे प्यार-2

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

गांडू भाई चोदु यार दोनों करते मुझसे प्यार-1

गांडू भाई चोदु यार दोनों करते मुझसे प्यार-3

आप लोगों ने मेरी सेक्स कहानी में अब तक पढ़ा कि मैंने अपने यार विक्की को अपनी चुदाई के लिए घर बुला लिया था.
अब आगे:

अब मैंने विक्की को कॉल की और उससे बातें करने लगी.
उसने पूछा- कब आऊं?
मैं बोली- थोड़ा रुको, एक बजे तक आ जाना.

फिर एक बजने वाले थे, तो उसने मुझे फोन करके कहा- मैं आ रहा हूँ … कोई है तो नहीं?
मैं बोली- नहीं, कोई नहीं है … आ जाओ.

मैं घर के पीछे गई. उस समय मैं बस टी-शर्ट में थी. वो दीवार कूद कर अन्दर आ गया. वो मुझे बाथरूम लेकर जाने लगा, जहां हम हमेशा चुदाई करते थे.
आज मुझे चुदने का कुछ ज्यादा ही मन था. विक्की के आते ही मुझे खुल कर चुदाई करने की इच्छा होने लगी.
मैं बोली- वहां मत जाओ, आज मेरे बेडरूम पर चलते हैं.
विक्की बोला- ठीक है.

हम दोनों मेरे बेडरूम में आ गए. मैं एकदम बेफिक्र होकर उसे अपने रूम में ले आई. उसने अन्दर आते ही मेरे मम्मों को दबाना चालू कर दिया, जिस वजह से मैंने डोर लॉक नहीं कर सकी. शायद मुझे आग लगी थी, इसलिए जल्दीबाजी में मैं भूल गई थी. पहले भी कई बार ऐसा हो चुका था जब मैं बिना दरवाजा बंद किए चुदाई में लग गई थी.

हम दोनों अपनी मस्ती में मेरे बेड पर आ गए वो मुझे किस करने लगा. मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी. अब मैं पूरी नंगी थी. मैंने उसकी भी टी-शर्ट उतार दी.
वो मुझे चाटने लगा, मेरे बड़े बड़े मम्मों को दबाने लगा. मेरे शरीर से खेलने लगा.

मैं तो उसका साथ पाकर जैसे जन्नत में थी. मेरे मुँह से ‘आहह … आहाआह..’ की मीठी आवाज़ निकल रही थी.

उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा और मैं लंड चूसने लगी. वो मेरे बाल पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर बाद उसने लंड बाहर निकाल कर लगाने को कंडोम दिया. मैंने कंडोम लगा दिया.

उसने मुझसे कहा- घोड़ी बनो. पहले तेरी गांड मारनी है.
मैं बोली- नहीं … चुत चोदो.
विक्की- उसके लिए तो अभी पूरी रात पड़ी है … पहले गांड मारूंगा.

उसने मुझे घोड़ी बना दिया और गांड में लंड डाल कर चोदना चालू कर दिया. मुझे गांड मराने में मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद उसने झटके तेज़ कर दिए और दस मिनट बाद वो मेरी गांड में ही झड़ गया. झड़ने के बाद उसने मुझे आगे धक्का देकर गिराया और वैसे ही मेरे ऊपर गिर गया. मैं उसके नीचे औंधी ही पड़ी थी.

मैं अभी सांसें ही भर रही थी कि तभी मेरी नज़र मेरे रूम के आईने पर गई. तब मेरी गांड जितनी विक्की ने चोद कर नहीं फाड़ी थी, उतनी तो वो सीन देख कर फट गई.
क्योंकि आदी दरवाज़े पास खड़े होकर सब देख रहा था.

अब मैं वैसे ही अवाक पड़ी रही. मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि क्या रियेक्ट करूं.

तभी विक्की ने मुझे सीधा करके मेरे गले पर किस करना चालू कर दिया और वो एक हाथ से मेरे मम्मों दबाने लगा. वो बड़बड़ाने लगा- आई लव यू तान्या!
मैंने उसके कान में धीरे से कहा- चुप रहो … दरवाजे पर आदी खड़ा है … और उसने ये सब कुछ देख लिया.
यह सुन कर वो भी घबरा गया और उठने लगा, तो मैंने उसे खींच कर वैसे ही रहने दिया.

मैंने विक्की से पूछा- अब क्या करूं?
विक्की बोला- वो क्या कर रहा है?
मैं बोली- कुछ नहीं … चुपचाप खड़ा है.

तभी विक्की ने जोर से कहा- चलो तान्या, बाहर चलते हैं.

उसने अपनी पीठ दरवाजे की तरफ की और उठ गया. तभी शायद आदी ने सोचा होगा कि अब हम लोग बाहर आ रहे हैं, तो वो वहां से चला गया.
उसके हटते ही मैं बिस्तर से उठी और उसके पीछे गई. मैंने देखा, वो अपने रूम में चला गया था और दरवाज़ा बंद कर दिया था.

मैं विक्की से बोली- अरे यार ये तो भारी प्रॉब्लम हो गई … उसने सब कुछ देख लिया है और अब वो मम्मी को बता देगा.
मैं लगभग रोने सी लगी थी.
विक्की ने कहा- अरे यार … टेंशन मत लो कुछ नहीं होगा. मैं उससे बात करता हूँ.
मैं- तुम पागल हो क्या? तुम जाओ यहां से मैं ही कुछ करती हूं.

मैं ऐसी ही नंगी आदी के रूम के पास आई और दरवाज़े को धक्का दिया, तो वो नहीं खुला. मैं वापस आ गई.

विक्की ने अब तक अपने कपड़े पहन लिए थे और वो जाने लगा था.

मैंने टी-शर्ट पहनी और उसे पीछे तक छोड़ कर आई. उसके बाद मैंने फिर से आदी के दरवाज़े को धक्का दिया, तो नहीं खुला. मैंने की-होल से देखा तो आदी नंगा होकर मेरी ब्रा पहन कर अपने मम्मों को दबा रहा था.

अब मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था कि मैं क्या करूं.
मैंने सोचा कि शायद लगता है आदी को भी मेरी चुदाई देख कर मज़ा आया है तभी उसने कुछ नहीं कहा और यहां आकर अपने मज़े ले रहा है.

मैं अपने रूम में गई और विक्की को कॉल किया- कहां हो?
विक्की- बस अभी तुम्हारे घर के सामने ही हूँ.
मैं बोली- मेरे घर पर वापस आ जाओ.
वो बोला- क्यों क्या हुआ?
मैं बोली- आ जाओ, फिर बताती हूँ.

थोड़ी देर बाद वो आ गया, विक्की बोला- क्या हुआ?
मैं बोली- कुछ नहीं, मुझे डर लग रहा है.
विक्की- तो अब क्या करूं … बोलो?
मैं- कुछ नहीं, बस यहीं बैठे रहो.

मैं टी-शर्ट में थी और पूरी नंगी थी. विक्की का फिर से मूड बनने लगा.

वो मुझे अपनी गोद खींच कर मुझे प्यार करने लगा. फिर मेरे मम्मों को दबाने लगा. मैं यही चाहती थी कि विक्की फिर शुरू करे, पर मैं बोलना नहीं चाहती थी.

बात ऐसी थी कि मुझे इस बार आदी के सामने चुदाई करवानी थी. मैं देखना चाहती थी कि आदी क्या करता है. मैं भी अब विक्की को किस करने लगी थी.

इस बीच कब हम दोनों नंगे हो गए, पता ही नहीं चला. इस बार मैंने विक्की को बेड पर लिटा दी और उसके ऊपर चढ़ कर उसका लंड चुत में लेकर बैठ गई. मेरे सामने आईना था और विक्की को कुछ नहीं दिख रहा था.

तभी थोड़ी देर बार आदी फिर आकर देखने लगा. मैंने उसे देखा तो और जोर से उछल उछल कर चुदने लगी. मैं अपनी आंख बंद करके अपने मम्मों को दबाने लगी और फिर विक्की का हाथ पकड़ कर अपने मम्मों को दबवाने लगी.

मैंने आंख खोल कर देखा, तो आदी अपने निप्पल दबा रहा था. मुझे पता नहीं क्या हुआ, ये देख कर मैं स्माइल करने लगी और टेंशन फ्री हो गई. अब सच मैं में चुदाई एन्जॉय करने लगी.

कुछ झटकों के बाद विक्की उठा, तो आदी वहां से भाग गया. फिर विक्की खड़े हो कर चोदने लगा और दस मिनट बाद वो मेरी चुत के बाहर झड़ गया. झड़ने के बाद अपनी आदत के अनुसार वो मेरे ऊपर ही गिर गया.

मैं उससे बोली- अब तुम जाओ, आदी है … देख न ले, ध्यान रखना.

विक्की जल्दी जल्दी कपड़े पहन कर चला गया और मैंने झट से शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन लिया. मैं आदी के रूम में गई, इस बार दरवाज़ा खुला था. मैंने थोड़ा सा खोल कर देखा तो वो नंगा होकर मेरी ब्रा पहन ही रहा था. उसी समय मैं सीधे अन्दर चली गई. वो मुझे देख कर एकदम से डर गया.

मैं जोर से चिल्ला कर बोली- ये क्या कर रहे हो?
आदी घबरा गया और ‘आ बा आ बा..’ करने लगा. उसने नज़रों को नीचे कर लिया.

मैं और जोर से चिल्ला कर उससे बोली- अच्छा … तो तुम मेरे कपड़े चुराते हो. आने दो मम्मी को, मैं सब बताती हूँ.
बेचारा मेरा बाबू … वो तो डर के मारे रोने लगा और बोला- प्लीज़ दीदी … मम्मी को मत बताना, सॉरी दीदी अब नहीं करूंगा.
मैं- नहीं … रुको तुम, मैं सब बताऊँगी मम्मी को!

वो और रोने लगा. अब मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा था.
तो मैं बोली- अच्छा अच्छा ठीक है, जल्दी से रोना बंद करो और प्रॉमिस करो कि अब ऐसा नहीं करोगे.
वो बोला- प्रॉमिस दीदी … अब नहीं करूंगा … सच्ची.
मैं- ओके … अपने कपड़े पहनो जल्दी … नंगु पंगु …
मैं हंसने लगी.

वो भी मुस्कुरा दिया. रात के ढाई बज गए थे. मैं अपने रूम में गई और सब ठीक किया. इसके बाद मैं फिर से आदी के रूम में गई, तो वो कपड़े पहन चुका था और उसके बेड पर मेरे ब्रा पैंटी पड़े थे.
मैं बोली- तो मैं ये ले जाऊं या फिर पहनोगे?
उसने अपनी नज़र नीचे कर ली और कुछ नहीं बोला.

मैं बोली- और कहां है मेरे कपड़े … बताओ? तुमने मेरे बहुत सारे कपड़े चुराए हैं.
तब उसने मुझे बेड के गद्दे के नीचे से 4 पेयर निकल कर दिए. वहां मेरी लिपस्टिक भी थी.

तब मैं फिर से चिल्लाई- तुम ये भी लगाते हो … पागल तुम्हें तो मैं सुबह बताउंगी. अब चलो अपना लैपटॉप उठाओ, मोबाइल लो और चलो … आज तुमको मेरे रूम में चल कर सोना है.

मैंने अपने कपड़े उठाए और उससे बोली- अपना सामान लेकर मेरे रूम में आओ.
मैं आ गई. वो भी आ गया. मैंने उससे पूछा- अपना पासवर्ड बताओ मोबाइल और लैपटॉप का … और चुपचाप सो जाओ.

वो चुपचाप खड़ा था.
मैं फिर गुस्से से बोली तो उसने सब बता दिया.
मैं बोली- अब यहां सो जाओ.

वो डरते हुए मेरे बाजू में बेड पर लेट गया और मैं उसका मोबाइल चैक करने लगी. उसमें तो कुछ खास नहीं था, बस उसके फ्रेंड्स के नंबर थे और कुछ खास नहीं था.

इसके बाद मैंने उसका लैपटॉप खोला, तो उसमें वीडियोज के फोल्डर में बहुत सारे पोर्न क्लिप्स थे और सब गे या लेस्बियन थे.

फिर मैंने उसका फेसबुक अकाउंट देखा, तो उसकी आईडी ओपन थी. लेकिन वो आईडी मेरे भाई के नाम की नहीं थी. वो किसी और नाम से थी. उसकी चैट में सब लड़के थे और सबके साथ आदी सेक्स चैट करता था.

एक लड़का था, वो टॉप पर था और उससे बहुत चैट थी. वो चैट में इससे लंड चुसवाता था, इससे ब्रा पैंटी में इसकी पिक्स मांगता था.

उससे मेरे बारे में भी चैट थी. उसे आदी ने मेरी पिक्स भी दे रखी थी. मेरी पिक्स को देख कर उस लड़के ने मेरे बारे में बहुत कुछ कहा था. मुझे गाली भी दे कर चैट की थी. साथ ही उसके लंड की भी फोटो थी.
ये सब देख कर मैंने फेसबुक बंद कर दी और सो गई.

सुबह मैं जल्दी नहीं उठी और इसी वजह से आदी का स्कूल मिस हो गया.

मैं 9 बजे उठी, तब आदी सो रहा था. मैंने टाइम देखा, तो काफी देर हो गई थी. मैंने उसे नहीं जगाया. पहले मैंने फ्रेश होकर नाश्ता बनाया. फिर बाबू को उठाया.
वो जागा और मैंने उसे नाश्ता दिया.

आज सुबह भी वो बहुत डरा हुआ था. ये सब मुझे अच्छा नहीं लग रहा था. हमारे घर में सब उसे बहुत प्यार करते हैं और सबसे ज्यादा मैं करती हूं. वो मुझसे छोटा है इसलिए मैं उससे बहुत प्यार करती हूं. उसे ऐसे देख कर मुझे अच्छा नहीं लग रहा था

मैं बोली- क्या हुआ … उदास क्यों हो?

वो कुछ बोल पाता, उससे पहले मैं बोल उठी- डरो मत, सब बातें बताओ … तुम अपनी दीदी से सब छुपाते हो. तुम ये रात वाली सारी बातें भूल जाओ, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी और अच्छे से नाश्ता करो, हम दोनों आज घूमने जाएंगे.

मेरी इस बात से वो थोड़ा खुश हुआ. मैं तैयार हुई और उसे भी तैयार होने को बोला. इसके बाद मैंने उसे लेकर शॉपिंग पर गई.

वहां शॉपिंग मॉल में विक्की मिल गया. मैंने उसे नहीं बुलाया था, वो ऐसे ही मिल गया था. उसने आदी को नहीं देखा, तो वो मुझसे बात करने आ गया. तब मुझे उसको आदी से मिलवाना पड़ा. कि वो मेरा फ्रेंड है. वैसे आदी ने सब कुछ देखा था और दो बार देखा था.

फिर घूम फिर के हम दोनों वापस घर आ गए.

इस सेक्स कहानी से आपको कितना मजा आ रहा है, मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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कहानी जारी है.