एक अनोखा उपहार-15

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

एक अनोखा उपहार-14

एक अनोखा उपहार-16

नमस्कार दोस्तो, आपके मेल मत मुझे प्राप्त हो रहे हैं, यथा संभव मैं सभी का जवाब भी दे रहा हूँ … समर्थन और सुझाव के लिए मैं आप सभी का आभारी हूँ.

अमीर घरानों की शादियों में बैचलर पार्टी आम बात हो चली है. खुशी के होने वाले पति वैभव ने भी अपनी शादी पर जबरदस्त बैचलर पार्टी की व्यवस्था की थी. जिसमें आनन्दभोग का सौभाग्य मुझे भी मिला था.

ऐसी पार्टियों में न केवल लड़के बल्कि लड़कियों को शराब पीने के लिए खुल कर छूट दी जाती है.

चूंकि अमीर घराने का मामला होता है, इसलिए इसमें अधिकतर लड़कियां अपने चोदू को साथ ही लेकर आती हैं. या रिश्ते में ही किसी के साथ पहले से ही सैट हो जाती हैं.

लड़कियों के लिए लड़के पार्टी में डांस तक सीमित रहते हैं. बाद में कब गायब होकर चुदाई के लिए किसी कमरे में घुस जाते हैं, इसका किसी को पता भी नहीं चलता है.
मगर जो लड़के किसी लड़की को सैट नहीं कर पाते हैं, उनके लिए रंडियों का इंतजाम किया जाता है. जो एक बार में तीन चार लड़कों से चुदवा कर कार्यक्रम को सफल बना देती हैं.

खैर … बैचलर पार्टी के लिए बुलाई गई हसीनाओं को चखने का आफर देकर वैभव अपने कमरे में चला गया.

मैंने उनमें से किसी एक या दो के चयन के लिए एक छोटा सा गेम प्लान किया.

अब आगे:

मेरे प्लान को जानकर अनीता ने लंबी सांस ली और कहा- जैसी तुम्हारी मर्जी.

फिर मैंने अपना रूमाल निकालकर आंखों पर पट्टी बांध ली, मुझे सच में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. अब मैं उनके पास आकर चुंबन करने का इंतजार करने लगा.

कुछ ही पलों में मुझे किसी के पास आने का अहसास हुआ. मेरे पास आई हसीना ने दोनों हाथों से मेरा चेहरा थाम लिया. और वो मुझे नीचे झुकाते हुए मेरे होंठों पर जबरदस्त चुंबन देने लगी. साथ ही होंठों को चूसने भी लगी.

मैं उसके चूमने के साथ साथ ये भी जानने की कोशिश करने लगा कि मुझे चूमने वाली कौन है.
मैंने जान लिया था कि ये रेशमा थी … कैसे जाना था, इसका खुलासा अभी हो जाएगा.

रेशमा के बाद अब जो दूसरी युवती आई, वो रूपा थी.
उसने भी मुझे मस्ती से चूमा और मैंने भी उसके अंगों को टटोल कर दूसरे नम्बर वाली कौन थी इसको समझ लिया.

उसके बाद सोहा आई … मेरी आंखों पर पट्टी बंधी थी, फिर भी मैं सबको पहचान पा रहा था. सोहा ने मेरे लंड को सहलाया और चूमने के बाद अलग हो गई.

चौथे नम्बर पर भावना आई. वो अपनी वासना की भूख को चुंबन से ही प्रदर्शित करने लगी. उसके चुम्बनों में एक अलग सी लज्जत थी, जिससे मैं समझ गया था कि ये लौंडिया कौन है.

तभी पीछे से अनीता की आवाज आई- बस कर कुतिया, रंडी होकर भी कितनी प्यासी है!
तब जाकर उसने मुझको छोड़ा और चुंबन को बड़े मोहक अंदाज में विराम दिया.

अब तक चार हसीनाओं का चुंबन हो गया था, अब सिर्फ दो ही बाकी थीं.

अनीता और काव्या.

इस बारे मेरे चेहरे में कम ऊंचाई की लड़की ने एक पप्पी ली और वापस लौट गई, जाहिर है पहली बारे धंधे में आई काव्या ने ही ऐसा किया होगा, उसके बाद आखिर में अनीता आई क्योंकि अब वो ही तो बची थी.

पहले वो मेरे सामने आई, फिर मुझे बिना किस किए नीचे बैठ गई. उसने मेरे अकड़ रहे लंड को पैन्ट के ऊपर से सहलाया.
फिर वो पैन्ट की चैन खोलने लगी और सबसे कहा- आईंदा ध्यान रखना कोई रंडी का चुंबन देखने की बात कहे … मतलब वो लंड पर लड़की के होंठों को पाना चाहता है.

अनीता अनुभवी खिलाड़ी थी, उसने मेरे लंड को खींचतान कर पैन्ट से बाहर करने की कोशिश की. जब उससे नहीं हुआ तो उसने पैन्ट खोल कर चड्डी सहित नीचे सरका दी.

मैंने कुछ नहीं कहा, मजे तो लेने ही थे, अब वो चाहे जैसे मिले.

पहले उसने लंड को देखकर कहा- ये लंड तो तगड़ा भी है और बड़ा ही मनमोहक भी!

और उसने लंड बिना हाथ में पकड़े ही मुँह में भर लिया और बड़ी अदा से चूसने लगी.

मैं फड़फड़ा गया … लंड चूसने की ऐसी कला बहुत कम लड़कियों में ही देखने को मिलती है. उसने लंड चूसते हुए मेरी गोलियों को दबाया और लंड को चुंबन देकर वहां से उठ गई.

अब अनीता ने मुझसे कहा- क्यों सर जी, किस किस ने चुंबन किया … पहचान की नहीं! किसका चुंबन सबसे खास था, जरा बताओ तो?

मैंने अब रूमाल आंख से हटा दिया. वैसे तो मुझे सबसे अच्छा चुंबन भावना का लगा था, पर मैंने नई लड़की का हौसला बढ़ाना ठीक समझ कर कहा. जो पांचवें नम्बर में सिर्फ गाल को चूम कर चली गई, मुझको उसका चुंबन सबसे अच्छा लगा.

अनीता ने कहा- अच्छा वो तो रेशमा थी!
मैंने कहा- नहीं, वो तो काव्या थी!
अनीता ने तुरंत कहा- तुमने कैसा जाना?
मैंने कहा- पहली बात तो उसकी हाइट कम है और धंधे में पहला दिन है … तो संकोच और हया का स्वाद भी उसके चुंबन में था.

इस बार रेशमा बोल पड़ी- तुम तो बड़े खिलाड़ी निकले … जरा बाकियों के बारे में भी तो बताओ.
मैंने कहा- मैंने घाट-घाट पर लड़की चोदी है, अनुभव तो होगा ही. सुनो सबसे आखिर में अनीता ने लंड चूसा. उसने बात कर दी थी, इसलिए उसकी पहचान आसान थी. काव्या के बारे में तो बता ही चुका हूँ. और सबसे पहले रेशमा तुमने किस किया था. मैंने तुम्हारे अनुभवी अंदाज और खुशबू से तुम्हें पहचान लिया था. मैंने तुम्हारे सौदागर के परिचय कराने के समय तुमको सूंघा था.

रेशमा- और?

मैं- और दूसरे नम्बर पर रूपा आई थी, क्योंकि रूपा की हाइट अच्छी थी, उसने कान में चूड़ी के आकार की बाली पहन रखी थीं, जो किस करते वक्त मेरे गालों से टकरा रही थीं और मसाज वालों का स्टाइल भी डीसेंट होता है. रूपा ने हाई हील सैंडल पहने थे. उसके पास आने के समय ही मैंने उसके सैंडल की आवाज से उसे पहचान लिया था.
तीसरे नम्बर पर सोहा आई थी. उसने भी वैसी ही हाई हील वाली सैंडल पहनी थी. पर उसकी हाइट रूपा से कम थी. मैंने उसका भी अनुमान उसकी अलग अदा से लगा लिया था.

‘फिर?’

मैं- फिर अब जो चौथे नम्बर पर भावना आई, उसने मुझको पहले गाल पर किस किया. फिर माथे पर और फिर मेरे सीने और गले को सहलाते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी. कुछ ही पल में उसने अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर डालनी शुरू कर दी थी. जब मुझसे भी रहा ना गया और मैंने उस बांहों में भर लिया, तब उसके कपड़ों से पता लगा कि वो भावना थी, जो काम-पिपासा के चलते कॉलेज लाइफ में ही धंधे पर आ गई थी.

सब मेरी तरफ प्रशंसा भरी नजरों से देखने लगी थीं. उनको आज शायद पहली बार कोई ऐसा मर्द देखने को मिला था जो चुत का पारखी था.

मैंने अपनी बात खत्म करते हुए कहा- मैंने सही परखा या नहीं?

बाकी तो शांत रहीं, पर अनीता और रेशमा ने कहा- मान गए उस्ताद. तुम तो बड़े खिलाड़ी निकले.
फिर अनीता ने कहा- अब तुम बताओ तुम्हें किसकी सर्विस चाहिए. वैसे तुमने काव्या का नाम लिया था, पर यहां तो लगता है, सब खुद ही तुम्हारे लिए मरी जा रही हैं

वैसे तो मैं सबको एक साथ ही चोदना चाह रहा था, पर मेरे लिए तो और भी बेहतरीन चूतों का इंतजाम था, उनके लिए भी अपनी उर्जा बचाना सही समझते हुए मैंने अपनी राय रखी.

मैंने कहा- मुझको भूखी शेरनी का शिकार बनना पसंद है.
अनीता ने कहा- चल भावना … जा, ये तुझको बुला रहा है और इसपर चढ़कर चुदाई कर देना … ये वही चाह रहा है.

अनीता ने बिल्कुल सही कहा था, मैं उसके अनुभव के आगे नतमस्तक था.

फिर मैंने कहा- लेकिन मुझे भूखी शेरनी के साथ अनुभवी सलाहकार भी चाहिए.
तो अनीता ने कहा- ठीक है चलो! वैसे मुझ अपनी किस्मत पर नाज है कि तुमने मुझको चुना.

मैंने बाकी हसीनाओं से कहा- समय रहा तो मैं तुम सबके साथ भी समय बिताना चाहूंगा.

फिर अनीता ने सबको हॉल में जाने को कहा और भावना को बाथरूम से आ जाने को कहा. मेरी पैन्ट जो अधूरी निकली थी, उसे मैंने पूरा निकाल दिया और अनीता को पास खींच लिया. बाकी सभी हवा में किस देते हुए कमरे से निकल गईं.

इन रंडियों का सौदागर तो पहले ही काम का बहाना करके निकल गया था.

मैं तो पहले से गर्म भी था और अर्धनग्न भी. तो मैंने अनीता को बांहों में जोरों से जकड़ लिया और कहा- साली कुतिया, तुझमें बहुत आग है, चल मुझे अपनी अगन से पिघला दे.

ये गाली नहीं थी, ये तो उसकी प्रशंसा थी और दो अनुभवी के द्वंद्व की विधिवत शुरूआत थी.

अनीता ने मुस्कान बिखेरी और अपनी कुर्ती निकाल फैंकी. भावना ने भी बाथरूम से आकर अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया. अनीता ने नीली ब्रा पहन रखी थी और भावना लाल ब्रा में कहर बरपा रही थी.

अब दोनों मेरे अगल-बगल आकर चिपक गईं. भावना ने मुझ पर झुक कर फिर से माऊथकिस करना शुरू कर दिया और अनीता ने मेरी शर्ट ऊपर सरका कर मेरे निप्पल और पेट को सहलाते हुए मुझे चूमना शुरू कर दिया.

उन दोनों ने मुझे पल भर में ही वासना के भंवर में डुबो दिया. अनीता मुझे चूमते हुए नीचे सरक गई और अकड़ कर बेहाल होते मेरे लंड को सहलाने लगी.

उसका सहलाना भी कुछ पल का ही था, क्योंकि उसने फिर लंड मुँह में ले लिया.

अनीता का लंड चूसना गजब का था, उसने सुपारे को आइसक्रीम की तरह चूस लिया और गोलियों को भी चाटने लगी.

वो मेरे लंड को गले गले तक ले लेती थी और हाथों से मेरे अंडकोषों को सहला कर लंड की गर्मी को भड़काने का काम कर रही थी. मैं उसकी चूचियों को मसलना चाहता था मगर मेरे ऊपर भावना चढ़ी थी.

मैंने अनीता के मम्मों का मजा बाद में लेने का फैसला किया और बस लंड चुसवाने का खेल चलने दिया.

इधर भावना ने मेरे मुँह के अन्दर अपनी जीभ डालनी शुरू कर दी थी. मैं उसका पूरा साथ देने लगा.
साथ ही मैंने उसके सुडौल उन्नत बोबे भी मसलने शुरू कर दिए थे. वो बहुत ही मखमली और कामुक अहसास करा रहे थे.

मुझे कुछ पल पहले जो अनीता के चूचे दबाने की चाहत थी, वो मैं भावना के मम्मों को मसल कर पूरा करने लगा था. मैं उसकी चूचियों के गुलाबी निप्पलों को बारी बारी से चूस कर उसे गर्म कर रहा था और खुद भी उत्तेजित हुआ जा रहा था. मेरे लंड पर काबिज अनीता ने मुझे चुदाई के लिए एकदम से कड़क लंड वाला बना दिया था.

दो रंडियों के साथ चुदाई की कहानी में अभी बहुत कुछ बाकी है दोस्तो. बस मजा लेते रहिए और अपने मेल भेजते रहिए. आपके मेल मिल भी रहे हैं, मैं पूरी कोशिश भी कर रहा हूँ कि आपको अपनी सेक्स कहानी को और अच्छे ढंग से लिख कर आनन्दित करूं, धन्यवाद.

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कहानी जारी है.