दोस्त की माँ की चूत और गांड की प्यास बुझा दी

मेरे लंड की साइज ७ इंच है. मुझे आंटी और भाभियों में बड़ी दिलचस्पी है. ये कहानी मेरे और मेरे एक दोस्त की माँ के बिच की है. मैं उन्हें आंटी ही बुलाता था. मैं बचपन से ही जब भी मेरे दोस्त के घर जाता तो आंटी हमारा मुस्कुराकर स्वागत करती. उनके बड़े बूब्स और बड़ी गांड को देखकर दिल में अजीब हलचल मच जाती है. उनका नाम प्रीती है. उनकी एज ४० इयर्स हाइट ४ फ़ीट १० इंच साइज ३८ २८ ३८ और रंग सांवला है.

जब से मैंने पहली बार सेक्स करना चालू किया तबसे आंटी की तरफ देखने का मेरा नजरिया बदल गया. अब जब भी उनके घर जाता तो उनके बूब्स और गांड को निहारता रहता. आंटी को भी ये बात ध्यान में आने लगी थी. पर वो मुझे कुछ नहीं कहती थी.

एक दिन मैं पास के शहर में बस से जा रहा था. उसी बस में आंटी भी थी. बस में बहोत भीड़ थी. मैं काफी पीछे खड़ा था क्योंकि बैठने के लिए जगह नहीं थी. आंटी ने एक बूढी औरत को अपनी सीट दे दी और वो खड़ी हो गयी.

आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और मैं मौका देखकर उनके पास पीछे आकर खड़ा हो गया. किन्तु बसमे भीड़ होने की वजह से मैं उनसे काफी चिपक गया था. मुझे उनके शरीर की गंध आने लगी.इससे मेर लंड खड़ा हो गया और उनके गांड को टच करने लगा.

अचानक ब्रेक लगने से मेरा लंड उनके गांड की दरार में घुस गया. उनके मुंह से सिसकी निकल गयी किन्तु भीड़ के कारन किसीको सुनाई नहीं पड़ी. मैंने अपना लंड वहाँ से न हटाते हुए वैसे ही खड़ा रहा. बस में और भीड़ बढ़ गयी. जिससे आंटी जी मुझसे और चिपक गयी.

बस चलने के कारन मेरा लंड आगे पीछे हो रहा था गांड में लंड घिसने से मुझे बड़ा आनंद आ रहा था. लग रहा था की आंटी को भी यह अच्छा लग रहा था वो कुछ बोल नहीं रही थी और न आगे को जा रही थी.

मेरा हौसला बढ़ा मैंने अपना हाथ आगे से उनके जांघों पे रखकर फेरने लगा और पीछे लंड से स्लो धक्के मरने लगा. थोड़ी देर बाद मैं पेंट में ही झड़ गया. इससे मैं शांत हो गया. पर मैं शॉकेड हुआ क्योंकि अब आंटी जी गांड को मेरे सोये लंड पर रगड़ रही थी.

कुछ देर में लंड फिरसे खड़ा हुआ. पर इतने में हमारा स्टॉप आ गया. हम दोनों वहाँ उतर गए. मैं उनसे नज़रे नहीं मिला पाया वह मुझे बाई करके अपने काम के लिए चली गयी और मैं अपने काम के लिए.

कुछ दिनों तक कुछ नहीं हुआ और मैं भी उनके घर नहीं गया. किन्तु दोस्त ने एक दिन जबरन घर ले गया. आंटी ने दरवाजा खोला उन्हें देखा तो लाइट पर्पल साड़ी में वो क़यामत लग रही थी. हम बैठ गए और आंटी पानी लेने अंदर जाने लगी. उनके हिलते कूल्हे (गांड) देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा.

पानी देते वक़्त उनके बड़े बूब्स के दर्शन हो गए क्योंकि ब्लाउज छोटा था और बूब्स बड़े.

थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त खेत चला गया. घर में मैं और आंटी ही थे. मैं इस मौके का फायदा उठाना चाहता था. मैं अंदर चला गया और देखा तो आंटी जी  झाड़ू लगा रही थी. उनकी गांड मेरी तरफ थी मुझे गांड बहुत अच्छी लगी मेरा लंड खड़ा हुआ. मैं यह नज़ारा देखता रह गया.

मुज़से अब कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैंने ज़ैसे आगे बढ़कर पिछेसे पकड़ लिया और अपना लंड साड़ी के ऊपर से ही गांड के सुराख़ में सटा दिया. आंटी जी  घबरा कर चिल्लाई पर मैंने झटसे अपना हाथ उनके मुंह पर रख दिया. उन्हें समझ में आया की मैंने उन्हें पकड़ा है इस वजह से वो चिल्लाना बंद करके मेरे तरफ देखकर मुझे कहने लगी की तुम ये क्या कर रहे हो.

मैंने कहा आंटी जी  आप मुझे अच्छी लगती है.

फिर मैंने देर न लगते हुए उनसे लिप्स लॉक किया ताकि वो और कुछ न बोले साथ ही हाथों से चूतड़ दबाने लगा. वो भी मुझे विरोध न करते हुए मेरा साथ देने लगी.

मैंने एक हाथ चूतड़ पे और एक को बूब्स पे रखके दबाने लगा. . उनके मुलायम मख्खन जैसे बूब्स और चूतड़ दबाते हुए मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.

दस मिनट के बाद हम अलग हुए. फिर मैंने आंटी को अपनी तरफ खींचते हुए उनका ब्लाउज उतार दिया बूब्स को देखते मैंने उन्हें मुंह में लिए और जोरोसे चूसने लगा. आआह्ह्ह्हह. . . ुउउइइइइइइइइ उ ऊनननननन की आवाजे रूम में गूंजने लगी. चूस चूस के बूब्स को लाल कर दिया.

फिर साड़ी को उतार  के पेटकोट का भी नाडा खोल दिया. उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था तो आंटी की चूत मेरे सामने आ गयी. मैं तो ख़ुशी से पागल हो गया. मैंने अपना हाथ चूत पे रखा तो ऐसा लगा की किसी जलती भट्टी में हाथ डाला हो.

चूत को ध्यान से देखा और मैं निचे बैठ गया वो खड़ी थी. फिर अपनी जबान चूत पे लगा के चाटने लगा. वो सिसकारियां भरने लगी अह्ह्ह उईईइ आःह्ह्ह अह्ह्ह्हह उईई. मैं अब जोरो से चाटने लगा तो सिसकारियां भी बढ़ने लगी.

वो भी मेरे सर को पकड़ के चूत पर दबाने लगी. मैंने चाटने की स्पीड बढ़ा दी और वो एकदम से अकड़ के मेरे मुंह पे झड गयी.

मैंने उनका सारा पानी पी लिया. फिर मेरा लंड उनके मुंह में लेने को कहा तो मना करने लगी. किन्तु मैं कहा मानने वाला था निचे बिठाकर जबरदस्ती मुंह खोलके मेरा लंड उसमे डाल दिया तो वो धीरे धीरे लंड चूसने लगी.

मैं तो जैसे हवा में उड़ रहा था उनके मुलायम हॉट मेरे लंड पर घूम रहे थे. मानो मुझे स्वर्ग मिल गया.

१० मिनट तक चूसने के बाद मैं छुटने वाला था तो मैंने उनका सर जोरसे पकड़ के अपना लंड मुंह में ही अंदर बहार करने लगा. एकदम से मैं उनके मुंह में झड गया. . मानो मेरी पिचकारी उनके गले के अंदर गयी हो.

फिर उन्होंने मेरा सारा पानी पी लिया और मेरे लंड को साफ कर दिया. मैंने खड़े होते हुए उसे लम्बा किस किया. मेरे वीर्य की बुँदे उनके मुंह में थी तो मज़े वो किस अच्छा लग रहा था.

फिर उन्होंने देर न लगते मेरे सोये लंड जगाने के लिए अपने मुलायम हाथो से हिलाने लगी और लंड मुंह में लेके चूसने लगी. मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया. तो आंटी ने कहा आजा मेरे राजा अब जल्दी से मुझे चोदो जल्दी से.

मैंने भी झट से उन्हें दीवार से सटाके मेरी तरफ गांड कर दी तो उनके गांड को देखकर मुझे लगा की मैं अब गांड ही मारूंगा. किन्तु मैंने जैसे ही लंड गांड पे लगाया तो उन्होंने कहा नहीं तुम पहले मेरी चूत की प्यास भुजा दो बाद में जो करना है कर लेना.

अब मैंने इरादा बदलते हुए लंड को चूत पे सेट किया और जोरदार झटका मारा तो पूरा का पूरा लंड उनके चूत को फाड़ता हुआ अंदर समां गया. उउउउउउउउइइइइइइइ. . .ममममममअअअअअअअअ. . . जरा धीरे करो न..

मैंने धीरे से शॉट लगाना चालू कर दिए साथ में दोनों हाथों से बूब्स भी दबा रहा था. वैसे तो मैं चूत छोड़ रहा था पर पीछे की तरफ से चोदने के कारन गांड मारने जैसा अनुभव हो रहा था.

१० मिनट के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. और जोरसे चोदने लग गया.  २० मिनट छोड़ने के बाद मैं जड़ने वाला था तो उनको कहा उन्होंने कहा चूत में ही झड जाओ.

फिर मैंने स्पीड और बढ़ा दी और मैं चूत में ही झड गया और उनके पर ही पड़ा रहा.

फिर हम आधे घंटे तक जमीन पर ही सो गए. आधे घंटे के बाद जब मैं जगा तो वो सो रही थी और मेरी तरफ गांड थी तो गांड को देखकर मैं बेचैन होने लगा.

फिर मैंने आंटी को उठाया और अपना लंड उनके मुंह में दे दिया. वो बड़े प्यारसे लंड चूस रही थी. लंड को चूस चूस के एकदम टाइट कर दिया. अब मैंने देर न लगते हुए आंटी को पलट के लिटा दिया और गांड को अपनी तरफ खिंचा. एक उंगली को गांड में धकेला फिर दो उंगलिया डाली और अंदर बहार करने लगा.

वो सिसकारियां भरने लगी. कुछ देर बाद मैंने अपने लंड पे देर सारी थूंक लगायी और लंड को गांड पे सेट करके एक शॉट मारा तो आधा लंड गांड में चला गया. और एक शॉट के साथ पूरा लंड गांड में समां गया.

आंटी जी  धीरेसे चिल्लाने लगी पर अब मैं रुका नहीं और उन्हें चोदने लगा. जांघों को अपने दोनों हाथों में लेके गांड को जोरसे चोदने लगा.

१५ मिनट चोदने के बाद मैं उनके गांड में ही अपना सारा पानी छोड़के उनके ऊपर ही सो गया.  मैं तो जैसे जन्नत में सैर कर रहा था. उनके ऊपर सोते हुए भी बड़ा आनंद हुआ. ऐसा लगा की मैं किसी गद्दे पर सो रहा हूँ. इसी अवस्था में ही हम न जाने कितने समय के लिए सो गए.