दोस्त की बहन और चुदासी आंटी का षड़यंत्र-6

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

दोस्त की बहन और चुदासी आंटी का षड़यंत्र-5

दोस्त की बहन और चुदासी आंटी का षड़यंत्र-7


नमस्ते दोस्तो, मेरी इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आपने अब तक पढ़ा कि जब मैं नम्रता आंटी की चूत चुदाई करके घर आया और मुझे अंजू के प्यार के इजहार के मैसेज मिले तो मैं हैरान रह गया। दूसरे दिन अंजू का भाई संदीप मेरे पास आकर मुझे बधाई देने लगा, मुझे समझ में नहीं आया कि ये क्या कह रहा है।

अब आगे..

मैं सोचता ही रहा और इधर वो अकेला ही बोले जा रहा था- यार थैंक्स तुम्हारे जैसे लड़के के हाथ में मैंने मेरी जान दे दी इससे अधिक और ख़ुशी की क्या बात होगी.. आज मैं बहुत खुश हूँ और तुम क्यों इतना टेंशन ले रहे हो.. मस्त चोदते रहो… और तुम्हें कौन सी इसके साथ शादी करनी है। सिर्फ इसको चोदते रहो.. उसे मजा दो और खुद भी लो।

उसके मुँह से चुदाई की बात सुन कर मैं और ज्यादा हैरान हुआ और गुस्से से उसे चांटा मार कर कहा- तू पक्का चोदू टाइप का है.. मैंने तुझे क्या समझा था और तू क्या निकला.. अंजलि तेरी सगी बहन है और तू उसके ही बारे में बुरी बातें करते ही जा रहा है। अरे इतनी दिनों से मैंने तेरी बहन है इसलिए कभी उसकी तरफ उस नजर से देखा भी नहीं.. और तू क्या करने को कह रहा है.. छी:..!
जैसे ही मैंने अंजलि का नाम लिया तो वो भी हैरान हो गया और उसने कहा- अबे, इसमें अंजलि कहाँ से बीच में आ गई?
मैंने पूछा- तू किस की बात कर रहा था?
फिर उसने कहा- नम्रता आंटी की!
तो मैं दो मिनट के लिए चौंक गया।
फिर मैंने कहा- यार कितनी कंफ्यूजन हुई है।

तो उसने पूछा- पर तुमने अंजलि का नाम बीच में क्यों लिया.. क्या हुआ है दीप.. अंजलि को कुछ पता चला है क्या?
मैंने कहा- यार तू दो मिनट चुपचाप बैठ.. कब से बकबक करते जा रहा है। यहाँ मैं खुद टेंशन में आया हुआ हूँ।
फिर एक पल रुकने के बाद मैंने कहना शुरू किया- चल तुझे भी बताता हूँ तो तुझे सब समझ में आ जाएगा।
उसे मैंने अपना मोबाइल दिया और कहा- ये sms पढ़ और मुझे कुछ समझ कर बता।

फिर उसने sms पढ़े और मेरी तरफ देखने लगा।

तो मैंने कहा- इस बारे में मुझे भी पता नहीं.. मैंने ये अभी पढ़ा और इतने में तुम आ गए, अब तुम ही कुछ करो।
तो उसने कहा- मैं क्या करूँ?
मैंने उससे कहा- तू उसे प्यार से समझा कि ये सब ठीक नहीं है.. ऐसे समझाओ और देख ये प्यार-व्यार करना ये मेरे बस की बात नहीं है, ये तुझे पता ही है। मैं खुद पुणे से मुंबई सिर्फ रिलेक्स होने आता हूँ.. वो भी साल में एक-डेढ़ महीने के लिए.. और मैं क्या समझाऊँ उसे.. अब मैं उसे कॉल कर रहा हूँ तो उठा नहीं रही है।

इतना ही सुनकर संदीप गुस्से में घर गया और घर पर शाम के टाइम कोई नहीं होता इसके वजह से दोनों में बहुत झगड़ा हुआ। इसके बाद वो मेरे पास आया और आखिर में एक राज की बात खुली कि अंजलि और आंटी दोनों मिली हुई हैं। ये सब दोनों का कहीं न कहीं प्लान था। आंटी तो मेरे साथ पहले इंटरस्टेड नहीं थीं.. पर अंजलि के लिए वो मेरे साथ सेक्स के लिए राजी हो गईं। इसी के चलते उन्होंने मेरे साथ सेक्स के लिए कुछ भी बहाना निकाल कर मुझे इसमें फंसा लिया।

ये सब मुझे संदीप ने बताते हुए आगे कहा- और यहाँ तक खेल बनाया गया कि मुझे भी मेरी ही बहन ने आंटी के चक्कर में फंसाया और अब मुझे ये दोनों और भी फंसा रही हैं।
यह सुनकर मैं और टेंशन में आया।

संदीप ने कहा- अंजलि ने मुझसे कहा है कि अगर दीप मेरे साथ सेक्स नहीं करेगा तो मैं घर में सबको तुम्हारे और आंटी के बारे में कह दूँगी और इसकी मेरे पास क्लिप भी है।
मैं और भी टेंशन में आ गया क्योंकि इन्होंने मेरी भी क्लिप बना ली होगी… सोच कर ही मुझे पसीना आ गया।

मुझे संदीप को देख कर तो और भी बुरा लगा कि उसकी सगी बहन उसको ब्लैकमेल कर रही है, वो भी उसके दोस्त के साथ सेक्स करने की जिद पकड़ कर बैठी है। बेचारे की शकल ही अजीब सी हो गई थी। मुझे तो आंटी पर बहुत गुस्सा आ रहा था कि उन्होंने ही अंजलि को बिगाड़ा होगा।

फिर मैंने संदीप से कहा- तू अभी घर जा.. रात को सोने आना.. वैसे भी तेरी कल की छुट्टी ही है ना.. फिर रात को बात करते हैं।

वो बेचारा मुँह लटका कर टेंशन में घर चला गया। वो सोच रहा था कि घर पर सबको बताऊँ पर वो डर रहा था क्योंकि उसने भी बड़ी गलती की थी और ऊपर से उसके पापा सुनते तो उनका क्या हाल होता क्योंकि वो हार्ट के मरीज थे। इसी टेंशन में संदीप सोच रहा था कि क्या करूँ और क्या न करूँ।

फिर वो रात को आया और सिगरेट पीने लगा। उस वक्त उसने बहुत सारी सिगरेट पी लीं। वो मुझसे कहने लगा- दीप चलो बियर लेकर आते हैं।
तब मैंने कहा- कल की मेरी ठीक से उतरी नहीं और अब वापिस नहीं पी सकता यार, तू ही अकेले पी ले।

फिर हम दोनों गए और 3 बियर ले लीं। हम दोनों वापस रूम में आए और वो पीने कर रोने लगा।
कहने लगा- कहाँ फंस गया हूँ मैं?
तो मैंने भी कहा- यार तेरे साथ मैं भी इस कमीनी आंटी के चक्कर में फंस गया हूँ। यार तुम्हारे घर वाले मुझ पर कितना भरोसा करते हैं और ये पता चला तो क्या होगा। ऊपर से तेरे पापा ने इतना भरोसा करके उस दिन मुझे अंजलि के साथ भेजा.. अब ये बात उनको पता चलेगी.. तो वे मेरे बारे में क्या सोचेंगे।

फिर मैंने भी उस टेंशन में एक बियर पी ली और उसी नशे में मैंने उससे कहा- मैं आंटी से पूछ कर आता हूँ कि उसने ऐसे क्यों किया?
अब संदीप को भी नशा चढ़ गया था, वो रोते ही जा रहा था। मैं उसे बहुत समझाने की कोशिश कर रहा था, पर वो रोता ही रहा।
मैंने कहा- यार सब ठीक हो जाएगा।
तो उसने कहा- नहीं यार अंजलि बहुत जिद्दी है… वो मानेगी ही नहीं, अब तू ही मुझे बचा सकता है।
मैंने पूछा- कैसे.. क्या करूँ मैं..? तू ही बता?
उसने कहा- तू अंजलि के साथ..
इतना कहकर वो चुप हो गया। उसके मुँह से ये सुन कर मैंने उससे गुस्से से कहा- तू पागल है क्या.. कुछ भी बोले जा रहा है।
वो रोते हुए बोला- तो क्या कहूँ.. यदि नहीं माना तो ये बात घर पर पता चल जाएगी।

थोड़ी देर बाद वो सो गया.. पर मुझे इतनी पीने के बाद भी नींद नहीं आ रही थी।

मैंने सोचा चलो आंटी से ही बात करूँ। इस समस्या का कुछ न कुछ हल भी निकाल ही लूंगा। ये सोच कर बाहर से दरवाजा लगा कर मैं आंटी के पास चला गया। आंटी ने दरवाजा खोला और मैं अन्दर आ गया।

मैं कुछ बोलूं उससे पहले आंटी मुझे किस करने लगीं।

मैंने गुस्से में उनको धकेल दिया.. तो वो थोड़ी घबरा सी गईं।
मैंने उनसे गुस्से में पूछा- आपने ऐसे क्यों किया?
तो वो कहने लगीं- क्या किया मैंने?

मैंने सब बताया तो वो चौंक कर बैठ गईं। फिर वो मुझसे पूरा सच बताने लगीं।
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आंटी- जब मैं यहाँ रहने आई तब मैं बहुत अकेली थी। मेरे पति ने मुझसे शादी की, पर बाद में मुझे पता चला कि उनकी पहले ही एक शादी हो चुकी थी और उन्होंने मुझे फंसाया था। मैं भी उनकी बातों में आकर अपना घर छोड़कर भाग आई थी और बाद में घर भी वापिस नहीं जा सकती थी, इसलिए मैं यहाँ आ गई। पर कुछ महीने बाद पापा को हार्ट अटैक आया और वो गुजर गए। ये सदमा मुझे भी लगा क्योंकि मुझे पापा के सिवाए कोई भी नहीं था। उनकी मौत मेरी वजह से हुई थी। मेरे पति ने भी मुझे छोड़ दिया था, इसलिए मैं दिल्ली छोड़ कर मुंबई आ गई।

‘फिर क्या हुआ आंटी, आपका खर्च वगैरह कैसे चलने लगा?’
‘मेरा पति हर महीने मेरे अकाउंट में खर्चे के लिए पैसे डालता है, पर मुझे उसके पैसे की जरूरत नहीं थी क्योंकि पापा ने सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम की थी। पर मुझे पैसे की नहीं.. किसी साथी की जरूरत थी। जब मैं यहाँ आई, तो मेरे अकेलापन शेयर करने वाला कोई भी नहीं था। फिर मेरी दोस्ती अंजलि से हुई.. उसके घर वालों से भी घरोबा हो गया और उसके मम्मी-पापा को भी मैंने सारी बात बता दी थी। अंजलि के साथ रहकर उसे भी मेरी सारी कहानी पता चल गई। फिर वो मुझे अच्छी फ्रेंड मानने लगी। हम दोनों इतने मिल-जुल गए कि पूछो मत।’
‘फिर..?’

‘फिर अंजलि कभी मेरे यहाँ सोने आने लगी और अंजलि और मैं हम दोनों अपनी उम्र भूल गए। खुद को एक ही उम्र का समझने लगे। अंजलि की उम्र तो समझो उस वक्त उसकी जवानी जस्ट शुरू ही हुई थी, वो सेक्स के बारे में बहुत बातें करने लगी। मैं भी उसे इस सब के बारे में समझाती गई। फिर एक दिन मैं जब रात को सोई थी.. तभी अंजलि ने मेरे ऊपर हाथ रखा और मैं नींद में थी। ये देख कर वो मेरे मम्मों को हल्के से दबाने लगी और बाद में मेरे नाईट सूट को उसने ढीला किया। ये मुझे भी पता नहीं चला और वो मेरे मम्मों को चूसने लगी। तभी मेरी आँख खुल गई तो मैंने देखा कि अंजलि अपने कपड़े निकालकर पूरी नंगी थी और मेरे मम्मों को चूस रही थी। मैं उसे रोकने लगी, पर उसने सीधे मेरी चूत पर मुँह रख दिया। उस वजह से मैं भी पागल हो गई और उसके साथ मजा करने लगी। क्योंकि मैंने भी बहुत साल से किसी के साथ सेक्स नहीं किया था, तो मैं भी उसके साथ बहती गई।’

मैं आंटी और अंजू की बात सुन कर लंड सहलाने लगा और पूछने लगा- फिर?

आंटी- फिर मैंने सोचा क्यों ना मैं ही अंजलि को इस बारे में थोड़ा गाइड करूँ.. फिर हम दोनों हर रोज एक-दूसरे की चूत चूसने लगे। एक दिन अंजलि ने कहा कि मेरी चूत में मुझे लंड का मजा चाहिए, तो मैंने उससे कहा कि हाँ यार मुझे भी लंड चाहिए.. कोई मुझे चोदने वाला हो तो बता। तू तो अभी सील पैक माल है.. तुझे तो बहुतेरे मिल जाएंगे, पर मेरी सील टूटने के वजह से मुझे कौन चोदेगा। मैं अब कण्ट्रोल नहीं कर पाती हूँ इसके वजह से मेरी तबियत बार-बार बिगड़ जाती है।
‘इस पर अंजू ने क्या कहा आंटी..?’
‘उसने मुझे अपने भाई के बारे में आईडिया दिया और मैंने वैसे ही किया। जैसे अंजलि ने बताया।

दोस्तो, इस सेक्स स्टोरी में अब संदीप का आंटी के संग चुदाई का रिश्ता कैसे बना वो आने लगा है। अब इधर से इस हिंदी सेक्स स्टोरी में कुछ टर्न आएगा। आप मुझे लिख सकते हैं।

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कहानी जारी है।